Author name: Ek Janta Ki Awaaz

Public Distribution System: Transparency in the PDS system, e-KYC facility available at all fair price shops.
Chhattisgarh

Public Distribution System : पीडीएस व्यवस्था में पारदर्शिता, सभी उचित मूल्य दुकानों में ई-केवायसी सुविधा उपलब्ध

रायपुर, 30 दिसंबर। Public Distribution System : छत्तीसगढ़ में वर्तमान में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 82.18 लाख राशन कार्ड प्रचलित है। इन राशन कार्डों में पंजीकृत सदसस्यों की संख्या 2.73 करोड़ है। केन्द्र सरकार के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के वास्तविक हितग्राहियों को योजना का लाभ दिलाने के उददेश्य से ई-केवायसी का कार्य निरंतर जारी है। अब तक कुल पंजीकृत सदस्यों का 2.3 करोड़ याने 85 प्रतिशत सदस्यों का ई-केवायसी का काम पूर्ण हो चुका है। वास्तविक रूप से लगभग 30.32 लाख सदस्यों का ई-केवायसी हेतु शेष है। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि राज्य के सभी शासकीय उचित मूल्य के दुकानों में संचालित ई-पास मशीन में ई-केवायसी की सुविधा उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा जारी ‘‘मेरा ई-केवायसी’’ एप्प के माध्यम से भी ई-केवायसी किए जा सकते हैं। एप्प के माध्यम से ई-केवायसी करने हेतु एंड्रायड मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर से एप्प डाउनलोड कर हितग्राही अपना आधार नंबर डालकर आधार ओटीपी के माध्यम से फेस ई-केवायसी कर सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में 14,040 शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित हो रही हैं और पंजीकृत राशन कार्डधारियों द्वारा अपनी पसंद के उचित मूल्य की दुकानों से राशन प्राप्त कर रहे हैं। वर्ष 2025 की अनुमानित जनसंख्या के अनुसार 89 प्रतिशत जनसंख्या का कव्हरेज हो रहा है। राशन वितरण को पारदर्शी बनाने के लिए आधार सिडिंग का कार्य भी किया जा रहा है। जिसके तहत् 99.7 प्रतिशत सदस्यों का आधार सीडिंग हो चुका है और 85 प्रतिशत ई-केवाईसी भी पूर्ण कर लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि लगभग 2.73 करोड़ खाद्यान्न सुरक्षा के दायरे में आ चुके हैं, इन्हें नियमित रूप से खाद्यान्न सामग्री उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से वितरित की जा रही है। इनमें प्राथमिकता में शामिल 73 लाख से अधिक परिवारों को निःशुल्क तथा साढ़े आठ लाख गरीबी रेखा से ऊपर जीवन यापन करने वाले परिवारों को रियायती दर पर चावल उपलब्ध कराया जा रहा है। प्राथमिकता वाले परिवारांे को आयरन फोलिक एसिड तथा विटामिन बी-12 युक्त फोर्टिफाइड चावल वितरित किए जा रहे हैं। राज्य सरकार की महत्वकांक्षी नियद नेल्लानार योजना के तहत् बस्तर संभाग के 5 जिले बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर एवं कांकेर के चयनित दूरस्त 402 ग्रामों के कुल 42,220 राशन कार्डधारियों को खाद्यान्न, चना, शक्कर, नमक व गुड़ का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है।

Makhana Cultivation: From ponds to prosperity... Women of Dhamtari are on the path to self-reliance through makhana cultivation.
Chhattisgarh

Makhana Cultivation : डबरी से समृद्धि तक…मखाना खेती से आत्मनिर्भरता की राह पर धमतरी की महिलाएं

रायपुर, 30 दिसंबर। Makhana Cultivation : कृषि विविधीकरण और महिला सशक्तिकरण की दिशा में धमतरी जिले ने एक और ठोस कदम बढ़ाया है। विकासखंड नगरी के ग्राम सांकरा से 40 इच्छुक महिला किसान समूह का एक दल रायपुर जिले के विकासखंड आरंग अंतर्गत ग्राम लिंगाडीह पहुंचा, जहाँ उन्होंने मखाना प्रोसेसिंग एवं आधुनिक खेती तकनीक का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस अध्ययन भ्रमण एवं प्रशिक्षण की संपूर्ण व्यवस्था जिला उद्यानिकी विभाग, धमतरी द्वारा की गई। ख़ास कर कलेक्टर धमतरी ने मखाना खेती को बढ़ावा देने और किसानों को प्रशिक्षण और तकनीकी जानकारी को लेकर रुचि ले रहे हैं । ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक तस्वीर बदलेगी अब जल्द ही धान से आगे सोच से मखाना खेती से धमतरी की ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक तस्वीर बदलेगी । छोटी छोटी डबरी से समृद्धि तक धमतरी की महिलाओं को मखाना खेती में आर्थिक आत्मनिर्भरता की नई राह दिखायी दे रही है । शासकीय प्रयासों का प्रतिफल है कि मखाना खेती से धमतरी में आर्थिक सशक्तिकरण होगा । मखाना का उत्पादन लागत और बाजार संभावनाओं पर विस्तार से दी जानकारी कलेक्टर के सतत प्रयासों से धमतरी जिले के ग्राम राखी, पीपरछेड़ी, दंडेसरा, राँकाडोह एवं सांकरा में लगभग 90 एकड़ क्षेत्र में डबरी चिन्हांकन कर मखाना खेती की शुरुआत हो चुकी है। महिला किसानों ने स्थानीय ओजस फार्म का भ्रमण करते हुए मखाना की खेती, कटाई, प्रसंस्करण और विपणन से जुड़ी संपूर्ण श्रृंखला को नजदीक से समझा। फार्म प्रबंधक श्री संजय नामदेव ने किसानों को बताया कि मखाना की खेती के लिए जलभराव वाली डबरी, तालाब या जल संरचनाएं उपयुक्त होती हैं। उन्होंने तकनीकी पहलुओं, बीज चयन, उत्पादन लागत और बाजार संभावनाओं पर विस्तार से जानकारी दी तथा यह भी बताया कि उचित प्रशिक्षण एवं सरकारी सहयोग से यह फसल किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकती है। स्थायी आय का मजबूत स्रोत विकसित इस अवसर पर शिव साहू ने मखाना खेती के व्यावसायिक पक्ष पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह फसल कम जोखिम वाली है और इससे स्थायी आय का मजबूत स्रोत विकसित किया जा सकता है। महिला किसानों ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मखाना खेती से उन्हें आत्मनिर्भर बनने का नया अवसर दिखाई दे रहा है। एक किलो मखाना बीज से लगभग 200 से 250 ग्राम पॉप तैयार बिहार के दरभंगा निवासी मखाना प्रोसेसिंग विशेषज्ञ श्री रोहित साहनी फोड़ी ने प्रसंस्करण की बारीकियां समझाते हुए बताया कि 1 किलो मखाना बीज से लगभग 200 से 250 ग्राम पॉप तैयार होता है, जिसकी बाजार कीमत 700 रुपये से 1000 रुपए प्रति किलो तक होती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसान स्वयं उत्पादन के साथ प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग करें, तो प्रति एकड़ लाभ में उल्लेखनीय वृद्धि संभव है। औसत उत्पादन 10 क्विंटल तक प्राप्त इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के प्रमुख वैज्ञानिक ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जानकारी देते हुए बताया कि प्रति एकड़ लगभग 20 किलो बीज की आवश्यकता होती है और औसत उत्पादन 10 क्विंटल तक प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि छह माह की अवधि वाली इस फसल में कीट-व्याधि का प्रकोप नगण्य होता है तथा चोरी जैसी समस्याएं भी नहीं होतीं, जिससे यह किसानों के लिए सुरक्षित विकल्प बनती है। किसानों ने मखाना बोर्ड एवं राज्य शासन की योजनाओं की दी गई जानकारी उप संचालक उद्यानिकी, धमतरी डॉ.पूजा कश्यप साहू के मार्गदर्शन में ग्रामीण उद्यानिकी अधिकारी श्री चंद्रप्रकाश साहू एवं बीटीएम श्री पीताम्बर भुआर्य के साथ आए किसानों ने मखाना बोर्ड एवं राज्य शासन की योजनाओं की जानकारी प्राप्त की। डॉ.पूजा ने बताया कि मखाना की खेती को प्रोत्साहन देने हेतु प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता एवं सब्सिडी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। राज्य का पहला मखाना प्रसंस्करण केंद्र भी स्थापित उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में सर्वप्रथम व्यावसायिक मखाना उत्पादन आरंग विकासखंड के ग्राम लिंगाडीह में स्वर्गीय श्री कृष्ण कुमार चंद्राकर द्वारा प्रारंभ किया गया था, जहाँ राज्य का पहला मखाना प्रसंस्करण केंद्र भी स्थापित हुआ। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा आज मखाना उत्पादन छत्तीसगढ़ की नई कृषि पहचान बन रहा है। धमतरी की महिला किसानों का यह प्रयास न केवल कृषि नवाचार का उदाहरण है, बल्कि यह दर्शाता है कि सही मार्गदर्शन,प्रशिक्षण और प्रशासनिक संकल्प से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी जा सकती है।

Dhamtari Development: Laying the foundation for a green revolution in the urban area, the Futhamura canal will provide permanent irrigation to 22 villages.
Chhattisgarh

Dhamtari Development : नगरी अंचल में हरित क्रांति की नींव, फुटहामुड़ा नहर से 22 गांवों को मिलेगी स्थायी सिंचाई

रायपुर, 30 दिसंबर। Dhamtari Development : धमतरी जिले के नगरी विकासखंड में बहुप्रतीक्षित फुटहामुड़ा नहर निर्माण परियोजना अब तेज़ी से मूर्त रूप ले रही है। यह महत्वाकांक्षी योजना क्षेत्र की सिंचाई व्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ किसानों के जीवन में स्थायी सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल मानी जा रही है। गंगरेल जलाशय के सैंडल डैम, ग्राम फुटहामुड़ा से प्रारंभ होकर लगभग 19.74 किलोमीटर लंबी यह नहर परियोजना नगरी विकासखंड के 22 ग्रामों के लगभग 1940 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र को सुनिश्चित सिंचाई सुविधा प्रदान करेगी। परियोजना के पूर्ण होने से खरीफ के साथ-साथ रबी फसलों का रकबा बढ़ेगा, जिससे किसानों की उत्पादन क्षमता और आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है। परियोजना के सुचारु क्रियान्वयन हेतु प्रशासनिक स्तर पर भी सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूर्ण कर ली गई हैं। मुख्य नहर से प्रभावित 10 ग्रामों में 14.33 हेक्टेयर भूमि का भू-अर्जन पूरा हो चुका है, वहीं वन प्रकरण से प्रभावित 24.42 हेक्टेयर भूमि की अंतिम स्वीकृति भी प्राप्त हो गई है। इन स्वीकृतियों के बाद निर्माण कार्य में आने वाली सभी प्रमुख बाधाएं समाप्त हो गई हैं और कार्य अब निर्बाध गति से आगे बढ़ रहा है। जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग के अनुसार, यह परियोजना केवल सिंचाई तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी। सिंचाई सुविधा सुनिश्चित होने से कृषि आधारित रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, किसानों की आय में वृद्धि होगी और क्षेत्र से होने वाले पलायन पर भी प्रभावी रोक लगेगी। ज्ञात हो कि फुटहामुड़ा नहर परियोजना नगरी विकासखंड के किसानों को दीर्घकालीन लाभ देने वाली योजना है। प्रशासन की प्राथमिकता है कि निर्माण कार्य उच्च गुणवत्ता के साथ निर्धारित समयसीमा में पूर्ण हो, ताकि यह परियोजना कृषि समृद्धि के साथ-साथ क्षेत्र के समग्र विकास को नई दिशा दे सके। उल्लेखनीय है कि हाल ही में उच्च स्तरीय अधिकारियों द्वारा परियोजना स्थल का निरीक्षण कर निर्माण की प्रगति, तकनीकी पहलुओं और आवश्यक संसाधनों की समीक्षा की गई थी। अधिकारियों के मार्गदर्शन में अब कार्य को और अधिक प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाया जा रहा है। फुटहामुड़ा नहर परियोजना को नगरी अंचल में हरित क्रांति की नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।

Kartik Jatra: President Droupadi Murmu praised 'Jashcraft' and the skills of the tribal women of Jashpur.
Chhattisgarh

Kartik Jatra : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘जशक्राफ्ट’ और जशपुर की जनजातीय मातृशक्ति के कौशल की सराहना की

रायपुर 30 दिसम्बर। Kartik Jatra : भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुमला (झारखंड) में आयोजित अंतर्राज्यीय जन-सांस्कृतिक समागम ‘कार्तिक जतरा’ कार्यक्रम में जशपुर जिले की स्व-सहायता समूहों से जुड़ी जनजातीय महिलाओं के कार्यों, कौशल और आत्मनिर्भरता की प्रशंसा की। उन्होंने विशेष रूप से ‘जशक्राफ्ट’ से जुड़ी बहनों के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके द्वारा तैयार किए जा रहे आभूषण एवं पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद महिला सशक्तिकरण के सशक्त उदाहरण हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जशपुर वनमंडल अंतर्गत वन प्रबंधन समिति शब्दमुंडा, ग्राम कोटानपानी के स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को जनजातीय सृजनशीलता, आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक संरक्षण का प्रेरक प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रयास न केवल आजीविका के साधन बढ़ाते हैं, बल्कि परंपरागत कला और हस्तशिल्प को नई पहचान भी दिलाते हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि जशपुर की जनजातीय मातृशक्ति, विशेषकर ‘जशक्राफ्ट’ से जुड़ी बहनों के कौशल और स्वावलंबन की प्रशंसा पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम कोटानपानी की स्व-सहायता समूह की बहनों द्वारा तैयार आभूषण एवं पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और महिलाओं की मेहनत व सृजनात्मकता के जीवंत प्रतीक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति का यह स्नेहपूर्ण आशीर्वाद और प्रोत्साहन जनजातीय मातृशक्ति के आत्मविश्वास, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प तथा “वोकल फॉर लोकल” की भावना को और अधिक सशक्त करेगा। उन्होंने जशपुर की समस्त जनजातीय बहनों की ओर से राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के दौरान जनजातीय हस्तशिल्प, पारंपरिक लोककला तथा स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र रही। छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि दल ने जशपुर जिले की विशिष्ट शिल्प परंपरा और स्थानीय उत्पादों का प्रदर्शन कर जनजातीय सशक्तिकरण का सशक्त संदेश दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि युवाओं और आने वाली पीढ़ियों को जनजातीय समुदायों की परंपराओं से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। अपनी जनजातीय विरासत और पहचान को सुरक्षित रखते हुए हमारे युवाओं को आधुनिक विकास के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जनजातीय समुदाय के सभी सदस्य अपनी धरोहर को संजोए रखते हुए प्रगति के पथ पर निरंतर आगे बढ़ते रहेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह अत्यंत सौभाग्य की बात है कि मांझाटोली (झारखंड) में अंतरराज्यीय जन सांस्कृतिक समागम – कार्तिक यात्रा का आयोजन हुआ है। यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक विरासत का सम्मान है, बल्कि जनजातीय समाज को जोड़ने वाला सेतु भी है। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होना उनके लिए गर्व और आस्था दोनों का विषय है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संपूर्ण देश भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाता है।भगवान बिरसा मुंडा केवल एक महान स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं, बल्कि जंगल, जल और जमीन की रक्षा के प्रतीक हैं। उनकी प्रेरणा ने आदिवासी समाज में आत्मगौरव की भावना को सशक्त किया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पंकजराज साहेब कार्तिक उरांव जैसे जननायकों ने भी शिक्षा, सामाजिक एकता और जनजातीय पहचान के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि एक समय था जब बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद ने विकास के रास्ते रोक रखे थे। सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं वहां तक नहीं पहुंच पाती थीं लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मजबूत नेतृत्व और स्पष्ट नीति के कारण अब स्थितियाँ बदल रही हैं। बस्तर में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं, सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हुई है और शासन व्यवस्था गांव-गांव तक पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद अब अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। 400 से अधिक गांव नक्सली प्रभाव से मुक्त हो चुके हैं और लोगों के जीवन में नई उम्मीद जगी है। आज उन इलाकों में सड़क, बिजली, पानी, राशन, चिकित्सा सुविधाएं और शिक्षा के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। बस्तर के लोग लंबे समय से शांति और विकास चाहते थे, और अब उनका यह सपना धरातल पर उतरता दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में भी राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है, जिससे स्थानीय युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह भी हर्ष का विषय है कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में ही झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों का गठन संभव हो पाया। उन्होंने कहा कि आज इन राज्यों की जनता अपने अलग पहचान और तेज़ी से प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि तीनों राज्यों का यह सांस्कृतिक संगम आगे भी शांति, प्रगति और समृद्धि का संदेश देता रहेगा तथा नक्सलवाद पर निर्णायक विजय का अध्याय आने वाले समय में पूरा होगा।

Digital Museum: Chhattisgarh's tableau at Kartavya Path on Republic Day will feature digital representations of tribal heroes.
Chhattisgarh

Digital Museum : गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ में छत्तीसगढ़ की झांकी, जनजातीय वीर नायकों का डिजिटल स्वरूप होगा प्रदर्शित

रायपुर, 29 दिसंबर। Digital Museum : आगामी गणतंत्र दिवस समारोह में नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर छत्तीसगढ़ की झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगी। इस वर्ष छत्तीसगढ़ की झांकी में जनजातीय वीर नायकों को समर्पित देश के पहले डिजिटल संग्रहालय की अद्भुत झलक प्रदर्शित की जाएगी। रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति द्वारा गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह के लिए छत्तीसगढ़ की झांकी का चयन किया गया है। उल्लेखनीय है कि यह डिजिटल संग्रहालय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा छत्तीसगढ़ स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर नवा रायपुर अटल नगर में लोकार्पित किया जा चुका है।  गणतंत्र दिवस समारोह हेतु झांकी के चयन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की झांकी के माध्यम से देशभर के नागरिकों को आदिवासी समाज की अटूट देशभक्ति, अनुपम वीरता और अपने सिद्धांतों के लिए बलिदान की गौरवशाली परंपरा को देखने का अवसर मिलेगा। उन्होंने इसे पूरे राज्य के लिए गर्व और उत्साह का विषय बताया। जनसंपर्क विभाग के सचिव श्री रोहित यादव ने बताया कि सभी राज्यों द्वारा अपनी झांकियों के प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को भेजे गए थे। लगभग चार महीने तक चली विस्तृत और कठोर चयन प्रक्रिया के बाद 17 राज्यों की झांकियों को अंतिम रूप से चयनित किया गया है, जिनमें छत्तीसगढ़ की झांकी भी शामिल है। विशेषज्ञ समिति ने छत्तीसगढ़ की झांकी की विषयवस्तु, प्रस्तुति शैली और अभिनव डिज़ाइन की विशेष सराहना की। जनसंपर्क आयुक्त श्री रवि मित्तल ने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ की झांकी भारत सरकार की थीम ‘स्वतंत्रता का मंत्र – वंदे मातरम्’ पर आधारित है। झांकी में उन जनजातीय वीर नायकों के अद्वितीय बलिदान और संघर्ष को दर्शाया गया है, जिनके सम्मान में देश का पहला डिजिटल संग्रहालय स्थापित किया गया है। यह संग्रहालय जनजातीय आंदोलनों और विद्रोहों की वीरगाथाओं को रोचक, इंटरैक्टिव और प्रेरणादायक रूप में नई पीढ़ी तक पहुँचाने का महत्त्वपूर्ण कार्य कर रहा है। यह चयन न केवल छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का राष्ट्रीय मंच पर गौरवपूर्ण प्रतिनिधित्व है, बल्कि आदिवासी समाज के योगदान को उचित सम्मान देने का भी सशक्त माध्यम है। “गणतंत्र दिवस की परेड में छत्तीसगढ़ की झांकी का चयन पूरे राज्य के लिए गौरव का विषय है। झांकी के माध्यम से देश के पहले डिजिटल संग्रहालय में जनजातीय वीर नायकों की अमर गाथाओं, उनकी देशभक्ति, अदम्य साहस और बलिदान की परंपरा को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर मिला है। यह झांकी केवल प्रदर्शन नहीं, बल्कि आदिवासी समाज के योगदान के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता और सम्मान का प्रतीक है, जो नई पीढ़ी को प्रेरित करेगी।” – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

Mahasamund: The paddy procurement system is running smoothly.
Chhattisgarh

Mahasamund : सुचारू रूप से धान खरीदी व्यवस्था जारी

महासमुंद, 30 दिसम्बर। Mahasamund : राज्य सरकार द्वारा किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने हेतु समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है। इसी कड़ी में ग्राम झालखम्हरिया सेवा सहकारी समिति में सुव्यवस्थित धान खरीदी व्यवस्था के कारण किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। समिति में आफ लाइन और ऑनलाइन टोकन व्यवस्था नियमित रूप से लागू की गई है, जिससे धान विक्रय के दौरान न तो भीड़ है और न ही भगदड़ की स्थिति। किसान पूरी सुविधा और संतोष के साथ अपना धान विक्रय कर रहे हैं। समिति प्रबंधक श्री भोज राम साहू ने बताया कि आज कुल 24 किसानों के टोकन काटे गए, जिनके माध्यम से 1090 क्विंटल धान की खरीदी की गई। अब तक समिति में 27,482 क्विंटल धान की सफलतापूर्वक खरीदी हो चुकी है। वर्तमान में लगभग 50 प्रतिशत किसान धान विक्रय कर चुके हैं, जिसमें 535 किसान शामिल हैं। समिति में कुल 1077 किसान पंजीकृत हैं। धान उठाव की व्यवस्था भी सुचारू रूप से संचालित हो रही है। अब तक लगभग 50 प्रतिशत धान का उठाव हो चुका है और परिवहन या भंडारण में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। धान विक्रय के लिए पहुँचे युवा किसान श्री देव कुमार साहू ने बताया कि उन्होंने ऑनलाइन टोकन के माध्यम से बिना किसी परेशानी के 105 कट्टा (लगभग 42 क्विंटल) धान विक्रय हेतु लाया है। उनकी लगभग 2 एकड़ कृषि भूमि है। उन्होंने कहा कि समिति में पर्याप्त मात्रा में हमाल उपलब्ध हैं, जिससे धान तौल एवं उठाव में समय की कोई बर्बादी नहीं होती। पूरी प्रक्रिया शासन के निर्देशानुसार सुव्यवस्थित ढंग से संचालित हो रही है। समिति प्रबंधक ने यह भी बताया कि धान विक्रय के पश्चात किसानों के बैंक खातों में राशि का तत्काल अंतरण किया जा रहा है, जिससे किसानों में खुशी और संतोष दिखाई दे रहा है।

Pensioners' Conference: Chief Minister Sai participated in the pensioners' conference.
Chhattisgarh

Pensioners’ Conference : मुख्यमंत्री साय शामिल हुए पेंशनर सम्मेलन में

रायपुर, 28 दिसम्बर। Pensioners’ Conference : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि पेंशनर्स समाज की धरोहर हैं, जिन्होंने अपने सेवाकाल में शासन-प्रशासन की नींव को सुदृढ़ किया और आज राज्य के विकास में अपना योगदान दे रहे है। प्रशासनिक व्यवस्था के सुचारू संचालन में पेंशनरों का अनुभव बहुत महत्वपूर्ण है। उनकी कर्तव्यनिष्ठ सेवा के कारण ही प्रशासनिक व्यवस्था सुचारू रूप से जारी है। मुख्यमंत्री आज पमशाला में आयोजित सरगुजा संभागीय पेंशनर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य गठन के वक्त जिन शासकीय सेवकों ने कठिन परिस्थितियों में कार्य करते हुए राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, वे आज भले ही सेवानिवृत हो चुके है लेकिन उनका अनुभव और मार्गदर्शन नए अधिकारियों के लिए हमेशा काम आएगा। सम्मेलन में मुख्यमंत्री साय ने 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ पेंशनरों को शॉल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने पूर्व सरगुजा कमिश्नर रिटायर्ड आईएएस महेश्वर साय पैंकरा द्वारा लिखित किताब करमडार एवं अन्य कथनी तथा महुवा के फूल का विमोचन किया। उन्होंने पेंशनर संघ की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राधा-कृष्ण मंदिर में दर्शन व पूजा अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर प्रांताध्यक्ष डॉ डीपी मनहर ने कहा कि मुख्यमंत्री साय पेंशनर संघ सम्मलेन में शामिल होने वाले पहले मुख्यमंत्री है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय की धर्मपत्नी कौशल्या साय, जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, पूर्व विधायक भरत साय, पेंशनर संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ डीपी मनहर, बड़ी संख्या में पेंशनर्स उपस्थित रहे।

CM Vishnu inaugurated nutrition rehabilitation centers in Farsabahar, Kunkuri and Manora.
Chhattisgarh

CM Vishnu ने फरसाबहार, कुनकुरी और मनोरा में पोषण पुनर्वास केन्द्रों का किया शुभारंभ

रायपुर, 28 दिसंबर। CM Vishnu : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरसाबहार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान फरसाबहार के साथ-साथ कुनकुरी एवं मनोरा में स्थापित किए गए पोषण पुनर्वास केंद्रों का शुभारंभ किया। इन तीनों पुनर्वास केंद्रों को 10-10 बिस्तरों की सुविधा के साथ प्रारंभ किया गया है। इनके शुभारंभ के साथ ही जशपुर जिले में पोषण पुनर्वास केंद्रों की संख्या 6 हो गई है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पुनर्वास केंद्रों में भर्ती कुपोषित बच्चों की माताओं से बच्चों के स्वास्थ्य और उनके ईलाज के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री इस मौके पर बच्चों के लिए पोषण कीट के साथ खिलौने भी प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने सीएचसी फरसाबहार में निर्माणाधीन सत्य साईं मातृत्व शिशु चिकित्सालय का मुआयना किया। यह हॉस्पिटल मुख्यमंत्री साय के विशेष प्रयासों से बन रहा है, इससे मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध हो सकेंगी। इसमें नवजात शिशुओं एवं बच्चों के उपचार के साथ-साथ गर्भवती माताओं के लिए भी ऑपरेशन सहित सभी आवश्यक चिकित्सकीय सेवाएँ विशेषज्ञ चिकित्सकों के द्वारा आधुनिक तकनीकों के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएँगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। इसी दिशा में जिले में मेडिकल कॉलेज, प्राकृतिक चिकित्सा एवं फिजियोथेरेपी केंद्र, शासकीय नर्सिंग कॉलेज तथा शासकीय फिजियोथेरेपी कॉलेज का निर्माण कार्य भी किया जा रहा है। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, कमिश्नर नरेन्द्र कुमार दुग्गा, आईजी दीपक कुमार झा, कलेक्टर रोहित व्यास, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जी. एस. जात्रा सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

Jashpur Development: Chief Minister Vishnu Deo Sai's big gift, solar energy is strengthening agriculture in Jashpur.
Chhattisgarh

Jashpur Development : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की बड़ी सौगात, सौर ऊर्जा से मजबूत हो रही जशपुर की खेती

रायपुर, 28 दिसंबर। Jashpur Development : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों के हित में निरंतर लिए जा रहे फैसलों का सकारात्मक असर अब गांव–गांव तक दिखाई देने लगा है। सौर सुजला योजना मुख्यमंत्री की ऐसी ही एक दूरदर्शी सौगात है, जिसने जशपुर जिले के किसानों की खेती और किस्मत—दोनों बदलने का काम किया है। दो वर्षो में जिले के 755 किसानों को मिली बड़ी राहत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर जशपुर जिले में सौर सुजला योजना के तहत 755 किसानों को सोलर सिंचाई पंप की स्वीकृति मिली है। यह सौगात उन किसानों के लिए संजीवनी साबित हो रही है, जो अब तक बारिश और पारंपरिक साधनों पर निर्भर थे। सौर ऊर्जा से चलने वाले पंपों ने सिंचाई को आसान, सुलभ और किफायती बना दिया है। बगीचा के बंधु यादव की सौर सुजला योजना से बदली तकदीर, मुख्यमंत्री का जताया आभार जशपुर जिले के बगीचा तहसील क्षेत्र निवासी बंधु यादव ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की इस सौगात से लाभान्वित किसानों में शामिल हैं। सोलर पंप मिलने के बाद अब वे समय पर सिंचाई कर पा रहे हैं। इससे फसल की गुणवत्ता बेहतर हुई है और उत्पादन भी बढ़ा है।बंधु यादव कहते हैं कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की यह योजना उनके लिए उम्मीद की नई किरण बनकर आई है। इसी तरह फरसाबहार तहसील के खुटशेरा निवासी दुलार साय भी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। सोलर पंप लगने से उन्होंने खेती का दायरा बढ़ाया है और अतिरिक्त फसलों की खेती शुरू की है। इससे उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हुई है और परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। कम लागत, अधिक उत्पादन — किसानों को मिला आत्मविश्वास मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सोच के अनुरूप सौर सुजला योजना ने किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन का रास्ता दिखाया है। डीज़ल और बिजली पर होने वाला खर्च कम हुआ है, वहीं पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिला है। यह योजना खेती को आत्मनिर्भर और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। दो साल में दिखा सुशासन का असर बीते दो वर्षों में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में किसानों को केंद्र में रखकर कई योजनाएं धरातल पर उतरी हैं। सौर सुजला योजना उनमें से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसने जशपुर जिले के सैकड़ों किसानों को स्थायी सिंचाई सुविधा देकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की यह सौगात आज जशपुर के किसानों के चेहरे पर मुस्कान और खेतों में हरियाली का प्रतीक बन चुकी है।

CM Vishnu: The decision to increase railway capacity is a great gift for Chhattisgarh.
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CM Vishnu : रेल क्षमता बढ़ाने का फैसला छत्तीसगढ़ के लिए बड़ा तोहफ़ा

रायपुर, 27 दिसम्बर। CM Vishnu : भारतीय रेलवे द्वारा अगले पाँच वर्षों में देश के 48 प्रमुख शहरों में रेलगाड़ियों की संचालन क्षमता को दोगुना करने की जो महत्वाकांक्षी योजना तैयार की गई है, उसमें छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को भी शामिल किया गया है। इस निर्णय का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के करोड़ों यात्रियों के लिए बड़ा तोहफ़ा है और इससे राज्य की कनेक्टिविटी, व्यापार, उद्योग तथा पर्यटन गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे का व्यापक आधुनिकीकरण हो रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा घोषित इस योजना से छत्तीसगढ़ जैसे उभरते हुए राज्य को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि रायपुर जंक्शन देश के प्रमुख रेल जंक्शनों में से एक है और यहाँ प्रतिदिन लाखों यात्री आवागमन करते हैं। संचालन क्षमता दोगुनी होने से लोगों को अधिक ट्रेनें, बेहतर आवृत्ति तथा कम भीड़भाड़ का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि रायपुर के साथ-साथ अन्य औद्योगिक और वाणिज्यिक नगरों के लिए भी यह योजना अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी। रेल संरचना के विस्तार से निवेश, रोजगार और लॉजिस्टिक्स की सुगमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी। रेल मंत्रालय द्वारा जारी जानकारी के अनुसार वर्ष 2030 तक संचालन क्षमता दोगुनी करने के लिए मौजूदा टर्मिनलों पर अतिरिक्त प्लेटफार्म, पिट लाइन एवं स्टेबलिंग लाइन का निर्माण, शहरी क्षेत्र और आसपास नए टर्मिनलों की स्थापना, सिग्नलिंग, यार्ड आधुनिकीकरण और मल्टीट्रैकिंग के माध्यम से अनुभागीय क्षमता में वृद्धि और मेगा कोचिंग कॉम्प्लेक्स एवं आधुनिक रखरखाव सुविधाओं का विकास किया जाएगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि रायपुर में इन सुविधाओं के विकसित होने से आम यात्रियों के साथ-साथ छात्रों, मरीजों, उद्योगपतियों और व्यापारियों सभी वर्गों को राहत मिलेगी। राज्य सरकार रेलवे मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित कर इस योजना को तेज गति से धरातल पर उतारने के लिए हर संभव सहयोग देगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ देश के सर्वाधिक बेहतर रेल संपर्क वाले राज्यों में शामिल होगा और यह परिवर्तन “विकसित भारत @2047” के संकल्प को सशक्त करेगा। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में 41 हजार करोड़ रूपए की लागत से रेलवे सुविधाओं के विस्तार का काम तेजी से चल रहा है, जिसमें रेल्वे ट्रैक का विस्तार, रेलवे लाईन का दोहरीकरण, रेलवे फ्लाई ओवर एवं ब्रिज आदि का निर्माण शामिल है। केंद्र सरकार ने इस साल के बजट में छत्तीसगढ़ राज्य में रेल्वे सुविधा के विकास के लिए 6925 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। इससे राज्य में रेल परियोजनाओं के कामों को तेजी से पूरा करने में मदद मिलेगी। छत्तीसगढ़ में रेलवे के उन्नयन और विकास के लिए 41,000 करोड़ रुपए के निवेश से नई रेल लाइनों, रेलवे फ्लाईओवर और अन्य बुनियादी सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य में रेलवे का शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और केंद्रीय रेलवे मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी को छत्तीसगढ़ की रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को अभूतपूर्व रेल परियोजनाओं की सौगात मिली है। ये परियोजनाएं राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगी और जनता को बेहतर रेल सुविधाएं उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच बेहतर समन्वय के कारण छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क विस्तार की ऐतिहासिक पहल हो रही है। इससे यात्री सुविधाओं में सुधार के साथ-साथ औद्योगिक, खनिज और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। छत्तीसगढ़ में रेलवे नेटवर्क विस्तार से न केवल यात्री परिवहन बल्कि खनिज संपदा और औद्योगिक उत्पादों के निर्यात में तेजी आएगी। इससे राज्य में व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। छत्तीसगढ़ में रेलवे के दीर्घकालिक विकास के लिए रावघाट-जगदलपुर, धरमजयगढ़-लोहरदगा और खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा जैसी कई नई रेल परियोजनाओं पर काम चल रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को ऐतिहासिक रेलवे बजट प्राप्त हुआ है। यह राज्य की अर्थव्यवस्था, औद्योगिक विकास और यात्री सुविधाओं को नया आयाम मिलेगा। उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार इस विकास यात्रा को और आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। गौरतलब है कि रावघाट रेलवे लाइन के अन्तर्गत दल्लीराजहरा-अंतागढ़ (77 किमी) सेक्शन चालू, यात्री ट्रेनों का संचालन शुरू हो चुका है। रावघाट तक विस्तार कार्य प्रगति पर, जिससे भिलाई इस्पात संयंत्र को लौह अयस्क की आपूर्ति होगी और ग्रामीणों को किफायती यातायात सुविधा मिलेगी। इसी तरह के.के. रेल लाइन दोहरीकरण के अन्तर्गत 170 किमी में से 148 किमी का कार्य पूर्ण हो चुका है। इससे बस्तर और दंतेवाड़ा जिले की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। आवागमन आसान और माल परिवहन सुविधाजनक हो सकेगा। 4021 करोड़ रूपए की लागत वाली डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेल लाइन परियोजना की लंबाई 295 किमी है। इसके निर्माण से खनिज परिवहन, यात्री सुविधाएं और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। कोरबा-अंबिकापुर नई रेल लाइन से सरगुजा क्षेत्र को नए विकास की दिशा मिलेगी। गढ़चिरौली-बीजापुर-बचेली 490 किमी लंबी परियोजना के सर्वेक्षण के लिए 12.25 करोड़ रुपए मंजूर हुए हैं। सरडेगा-भालुमुडा डबल लाइन से ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच रेल कनेक्टिविटी बेहतर होगी।