Author name: Ek Janta Ki Awaaz

State Foundation Day: Rajyotsav programs will be organized in the district headquarters on the occasion of State Foundation Day.
Chhattisgarh

State Foundation Day : राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालयों में आयोजित होंगे राज्योत्सव कार्यक्रम

रायपुर, 28 अक्टूबर। State Foundation Day : राज्य स्थापना दिवस 2025 के अवसर पर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में भव्य राज्योत्सव कार्यक्रम का आयेाजन किया जाएगा। जिला मुख्यालयों में आयोजित कार्यक्रमों में राज्य के मंत्रीगण, सांसद तथा विधायक मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। राज्य शासन ने प्रत्येक जिले के लिए मुख्य अतिथि के नामों की घोषणा की है। राज्य शासन द्वारा जारी सूची के अनुसार राजनांदगांव जिला मुख्यालय में आयेाजित राज्योत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. रमन सिंह विधानसभा अध्यक्ष और सरगुजा में मुख्य अतिथि कृषि मंत्री रामविचार नेताम होंगे। इसी प्रकार बिलासपुर जिला मुख्यालय में तोखन साहू केन्द्रीय राज्य मंत्री, बस्तर में उप मुख्यमंत्री अरूण साव तथा दुर्ग में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा जिला मुख्यालय में आयोजित राज्योत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। इसी प्रकार गरियाबंद में मंत्री दयालदास बघेल, दंतेवाड़ा में मंत्री श्री केदार कश्यप, कोरबा में मंत्री लखन लाल देवांगन, जशपुर में मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल तथा रायगढ़ में मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। सूरजपुर में मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, जांजगीर-चांपा में मंत्री टंकराम राम वर्मा, बालोद में मंत्री गजेन्द्र यादव, कोरिया में मंत्री राजेश अग्रवाल और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में मंत्री गुरू खुशवंत साहेब जिला मुख्यालय में आयोजित राज्योत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। बलौदाबाजार-भाटापारा में सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, बेमेतरा में सांसद श्री विजय बघेल, कबीरधाम में सांसदश्री संतोष पाण्डेय, बलरामपुर-रामानुजगंज में सांसदश्री चिंतामणी महाराज, महासमुंद में सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में सांसद श्री राधेश्याम राठिया, सक्ति में सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े, बीजापुर में सांसद श्री महेश कश्यप, कांकेर में सांसद श्री भोजराज नाग तथा खैरागढ़-गंडई-छुईखदान में सांसद श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह जिला मुख्यालय में आयोजित राज्योत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। वहीं मुंगेली जिले में विधायक श्री पुन्नू लाल मोहले, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में विधायक श्री धरमलाल कौशिक, धमतरी में विधायक अजय चन्द्राकर, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में विधायक श्रीमती रेणुका सिंह, कोण्डागांव में विधायक सुश्री लता उसेंडी, नारायणपुर में विधायक श्री विक्रम उसेंडी तथा सुकमा जिले में विधायक श्री किरण देव जिला मुख्यालय में आयोजित राज्योत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर सभी जिलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोकनृत्य, हस्तशिल्प प्रदर्शनी, स्थानीय उत्पादों की झांकी एवं विकासपरक योजनाओं से संबंधित स्टॉल लगाए जाएंगे। राज्योत्सव कार्यक्रमों का आयोजन जनभागीदारी और पारंपरिक गौरव के साथ गरिमामय ढंग से किया जाएगा ताकि प्रदेश की संस्कृति, विकास और एकता का संदेश पूरे राज्य में प्रसारित हो सके।

Jashpur: Chief Minister Vishnudev Sai inaugurated and performed bhoomi pujan of 13 works worth Rs 40.89 crore in Farsabahar of Jashpur district, inaugurated 4 works worth Rs 4.16 crore and performed bhoomi pujan of 9 development works worth Rs 36.72 crore.
Chhattisgarh

Jashpur : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले के फरसाबहार में 40.89 करोड़ के 13 कार्यों का किया लोकार्पण एवं भूमिपूजन, 4.16 करोड़ लागत के 4 कार्यों का लोकार्पण और 36.72 करोड़ लागत के 9 विकासकार्यों का हुआ भूमिपूजन

रायपुर 28 अक्टूबर। Jashpur : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर जिले के फरसाबहार क्षेत्र के व्यापक विकास को नए आयाम देते हुए 40 करोड़ 89 लाख 26 हजार रुपए की लागत के 13 विकासकार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इनमें 4 करोड़ 16 लाख 41 हजार रुपए लागत के 4 विकासकार्यों का लोकार्पण और 36 करोड़ 72 लाख 85 हजार रुपए लागत के 9 विकासकार्यों का भूमिपूजन शामिल हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जिन विकासकार्यों का लोकार्पण किया उनमें 01 करोड़ 81 लाख 32 हजार रुपए लागत के मस्कामारा से होते हुए लवाकेरा मेन रोड तक मार्ग लं. 1.70 कि.मी., 01 करोड़ 29 लाख 56 हजार रुपए लागत के जिला जशपुर के अम्बाकछार पहुंच मार्ग लं. 1.00 कि.मी., 10 लाख रुपए लागत के आर सी.सी. पुलिया निर्माण, सिंहटोला दीपक घर से मेन रोड़ पहुंच मार्ग पर, ग्राम लावाकेरा और 95 लाख 53 हजार रूपए लागत के जशपुर के मुण्डाडीह पहुच मार्ग लं. 0.90 कि.मी. का निर्माण कार्य शामिल है। इसी तरह उन्होंने 36 करोड़ 72 लाख 85 हजार रुपए लागत के जिन 9 विकासकार्यों का भूमिपूजन किया उनमें 31 लाख 38 हजार रूपए लागत के फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट, 23 करोड़ 96 लाख 94 हजार रूपए लागत के पमशाला में सरईटोला पहुंच मार्ग लं. 11.50 कि.मी. का निर्माण कार्य, 01 करोड़ 72 लाख 55 हजार रुपए लागत के फरसाबहार में विश्रामगृह भवन का निर्माण कार्य, 01 करोड़ 91 लाख 51 हजार रुपए लागत के प्रो.मै. आदिवासी बालक छात्रावास कोल्हेनझरिया का भवन निर्माण, 01 करोड़ 91 लाख 51 हजार रुपए लागत के प्रो.मै. आदिवासी बालक छात्रावास फरसाबहार का भवन निर्माण, 01 करोड़ 52 लाख 97 हजार रुपए लागत के प्री.मै. आदिवासी बालक छात्रावास लवाकेरा का भवन निर्माण, 01 करोड़ 52 लाख 97 हजार रुपए लागत के प्री.मै. आदिवासी बालक छात्रावास पण्डरीपानी का भवन निर्माण, 01 करोड़ 91 लाख 51 हजार रुपए लागत के प्रो.मै. आदिवासी बालक छात्रावास पंडरीपानी का भवन निर्माण कार्य और 01 करोड़ 91 लाख 51 हजार रुपए लागत के प्री.मै. आदिवासी बालक छात्रावास तपकरा का भवन निर्माण कार्य शामिल है। इस अवसर पर सांसद श्री राधेश्याम राठिया, विधायक श्रीमती गोमती साय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, नगर पालिका जशपुर के उपाध्यक्ष श्री यश प्रताप सिंह जूदेव,पूर्व संसदीय सचिव श्री भरत साय, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह, श्री विजय आदित्य सिंह जूदेव सहित जनप्रतिनिधिगण और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

CG News: Birth and death certificates are now completely online; there is no compulsion to obtain an online birth certificate for Aadhaar cards for children born before October 2023.
Chhattisgarh

CG News : जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र अब पूरी तरह ऑनलाइन, अक्टूबर 2023 के पूर्व जन्मे बच्चों के आधार कार्ड हेतु ऑनलाइन जन्म प्रमाण पत्र की कोई बाध्यता नहीं

रायपुर, 28 अक्टूबर। CG News : भारत के महारजिस्ट्रार कार्यालय, नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2023 में संशोधित ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया गया है, जिसके माध्यम से राज्य में जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र ऑनलाइन बनाए जा रहे हैं। इस प्रकार, छत्तीसगढ़ राज्य में प्रत्येक जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र का ऑनलाइन बनाया जाना अनिवार्य किया गया है। उल्लेखनीय है कि जन्म-मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 में वर्ष 2023 में संशोधन किया गया है। संशोधन के अनुसार अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे बच्चों की जन्म तिथि प्रमाणित करने के लिए जन्म प्रमाण पत्र ही एकमात्र वैध आधार होगा। अर्थात, इस तिथि के पूर्व जन्मे बच्चों के मामलों में अन्य वैकल्पिक दस्तावेज भी जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में मान्य रहेंगे। परंतु अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे बच्चों के लिए केवल जन्म प्रमाण पत्र ही तिथि प्रमाण का एकमात्र स्रोत होगा। राज्य में अप्रैल 2023 के बाद से जन्मे प्रत्येक बच्चे के लिए ऑनलाइन जारी जन्म प्रमाण पत्र को ही मान्य किया गया है। इस प्रकार स्पष्ट है कि अक्टूबर 2023 के पूर्व जन्मे बच्चों के जन्म तिथि प्रमाणन के लिए जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य नहीं है। उनके लिए अन्य दस्तावेज भी मान्य हैं। लेकिन अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे बच्चों के लिए जन्म प्रमाण पत्र ही जन्म प्रमाण का एकमात्र आधार होगा। पूर्व में जिन बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र मैन्युअल पद्धति से जारी किया गया था, उनके लिए भी अब पोर्टल में ऑनलाइन प्रमाण पत्र बनाने का प्रावधान उपलब्ध है। इससे पुराने प्रमाण पत्र भी डिजिटल स्वरूप में सुरक्षित किए जा सकेंगे। यह संज्ञान में आया है कि कुछ जिलों में केवल उन्हीं जन्म प्रमाण पत्रों के आधार पर आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं जिनमें क्यूआर कोड (QR Code) है। यह विषय संज्ञान में आने पर इस विषय में राज्य सरकार द्वारा सहायक प्रबंधक, UIDAI हैदराबाद से अनुरोध किया गया है कि वे राज्य के सभी आधार केंद्रों को उचित दिशा-निर्देश जारी करें। यह भी उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में संशोधित पोर्टल के लॉन्च के बाद प्रारंभिक चरण में कुछ तकनीकी कठिनाइयाँ आई थीं, जिन्हें भारत के महारजिस्ट्रार कार्यालय, नई दिल्ली द्वारा समाधान कर दिया गया। साथ ही राज्य के सभी रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) को नए पोर्टल के संबंध में आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। आवश्यकता अनुसार जिला स्तर पर भी नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे ऑनलाइन प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित हो रही है।राज्य में अप्रैल 2023 के बाद से सभी जन्म प्रमाण पत्र केवल ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से बनाए जा रहे हैं, और वर्तमान में पोर्टल पूरी तरह से तकनीकी रूप से सुचारू रूप से संचालित है।

Special Article: A confluence of culture, history and spirituality where history speaks, culture smiles and spirituality breathes
Chhattisgarh

Special Article : संस्कृति, इतिहास और अध्यात्म का संगम जहां इतिहास बोलता है, संस्कृति मुस्कुराती है और अध्यात्म सांस लेता है

रायपुर, 27 अक्टूबर। Special Article : छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में स्थित सिरपुर (श्रीपुर) केवल एक पुरातात्त्विक स्थल ही नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहरों का जीवंत प्रतीक है। यह नगर महान सम्राट महाशिवगुप्त बालार्जुन की राजधानी रहा है और अपनी स्थापत्य कला, बौद्ध धरोहरों तथा प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। सिरपुर का उल्लेख प्राचीन भारतीय ग्रंथों और अभिलेखों में मिलता है। यहाँ भगवान शिव, विष्णु, बुद्ध और जैन धर्म के उपासना स्थलों के अवशेष मिले हैं। 7वीं शताब्दी में चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी सिरपुर का उल्लेख अपनी यात्राओं में किया है, जिससे इसकी अंर्तराष्ट्रीय ख्याति सिद्ध होती है। यह नगर धार्मिक सहिष्णुता और कला का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। यहाँ 22 शिव मंदिर, 5 विष्णु मंदिर, 3 जैन विहार और एक विशाल बौद्ध विहार के अवशेष प्राप्त हुए हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा सिरपुर में लगातार संरक्षण और मरम्मत का कार्य किया जा रहा है जिससे इसकी ऐतिहासिक गरिमा बनी रहे। डिजिटल टूर, क्यूआर कोड आधारित जानकारी और थ्रीडी गाइडेंस सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीकों का भी उपयोग हो रहा है। सिरपुर बौद्ध, जैन और हिन्दू स्थापत्य कला का त्रिवेणी संगम है। यहां स्थित लक्ष्मण मंदिर भारत का पहला ईंटों से निर्मित मंदिर है जो वास्तुकला का अनुपम उदाहरण है। आनंदप्रभु कुटीर विहार बौद्ध भिक्षुओं का प्रमुख केंद्र है, जहाँ चीन से आए भिक्षु रह चुके हैं। गंधेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित मंदिर है, जिसमें अनेक मूर्तियाँ और सांस्कृतिक प्रतीक हैं। 1872 में अलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा सिरपुर के अवशेषों की खोज की गई थी। इसके बाद यहाँ अनेक उत्खनन कार्य हुए, जिनमें बुद्ध, विष्णु, शिव और जैन परंपराओं के असंख्य साक्ष्य मिले। चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के विद्वान भी सिरपुर को एशिया की बौद्ध धरोहरों में महत्वपूर्ण स्थान मानते हैं। हर वर्ष आयोजित होने वाला सिरपुर महोत्सव छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान बन चुका है। इसमें देश-विदेश के कलाकार शास्त्रीय नृत्य, संगीत और नाट्य प्रस्तुतियाँ देते हैं। यहाँ ईको-ट्रेल, हस्तशिल्प बिक्री केंद्र और स्थानीय भोजनालयों की योजनाएँ चलाई जा रही हैं, ताकि स्थानीय समुदाय को रोजगार मिले और पर्यटन को बढ़ावा मिले। विद्यार्थियों के लिए सिरपुर की ऐतिहासिक धरोहरों पर आधारित पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किया गया है। साय सरकार ने सिरपुर को विश्व पर्यटन मानचित्र पर लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। विजन 2047 के तहत आधुनिक बुनियादी ढांचा, सड़क, प्रकाश व्यवस्था और अंर्तराष्ट्रीय स्तर का पर्यटक कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। सिरपुर की पुरातात्त्विक संरचनाओं को संरक्षित रखने के लिए अत्याधुनिक तकनीकें अपनाई जा रही हैं। सिरपुर केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक है। यहाँ के मंदिर, विहार, मूर्तियाँ और जीवंत परंपराएँ हमें यह सिखाती हैं कि भारत की संस्कृति, सहिष्णुता, कला और ज्ञान का संगम है। सिरपुर सचमुच वह स्थान है जहाँ इतिहास बोलता है, संस्कृति मुस्कुराती है और अध्यात्म सांस लेता है।

Jashpur: Chief Minister Sai offered prayers to the Sun at Duldula Chhath Ghat in Jashpur, prayed for the happiness, prosperity and well-being of the state, Chief Minister Sai announced the beautification of Duldula Chhath Ghat.
Chhattisgarh

Jashpur : मुख्यमंत्री साय ने जशपुर में दुलदुला छठ घाट में सूर्य को दिया अर्घ्य, प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की, मुख्यमंत्री साय ने दुलदुला छठ घाट के सौन्दर्यीकरण की घोषणा की

रायपुर 27 अक्टूबर। Jashpur : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने आज छठ महापर्व के अवसर पर दुलदुला छठ घाट में पहुँचकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया और प्रदेश की सुख-समृद्धि तथा खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री साय ने प्रदेशवासियों को छठ पूजा की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत सौभाग्य का अवसर है कि मुझे छठ पर्व में सम्मिलित होने का अवसर मिला। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जनता के विश्वास और स्नेह से ही उन्हें जनसेवा का अवसर मिला है, और वे क्षेत्र के विकास एवं जनता की अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री साय ने दुलदुला क्षेत्रवासियों की माँग पर छठ घाट के सौन्दर्यीकरण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आगामी छठ पर्व तक दुलदुला छठ घाट का सौन्दर्यीकरण कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुनकुरी छठ घाट का सौन्दर्यीकरण लगभग ₹5 करोड़ 17 लाख की लागत से किया गया है, जहाँ इस वर्ष व्रती महिलाएँ पूर्ण श्रद्धा-भाव से पूजा-अर्चना कर रही हैं। इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, जनपद पंचायत दुलदुला अध्यक्ष रामकुमार सिंह, आईजी दीपक कुमार झा, कलेक्टर रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह सहित छठ व्रत करने वाली महिलाएँ, जनप्रतिनिधिगण एवं ग्रामीणजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

Chhath Festival: Chief Minister Vishnudev Sai extended warm greetings on the occasion of Chhath festival, worship of Chhath Maiya is a symbol of sun worship and environmental protection - Chief Minister Sai
Chhattisgarh

Chhath Festival : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छठ पर्व की दी हार्दिक शुभकामनाएँ, छठ मइया की उपासना सूर्य आराधना और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक-मुख्यमंत्री साय

यपुर 26 अक्टूबर। Chhath Festival : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि छठ पूजा आस्था, पवित्रता और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का पर्व है, जो सूर्यदेव और छठ मइया की उपासना के माध्यम से मानव और प्रकृति के मधुर संबंध का संदेश देता है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छठ पर्व का प्रत्येक अनुष्ठान – अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने से लेकर उदीयमान सूर्य की आराधना तक – जीवन में अनुशासन, संयम और स्वच्छता के महत्व को दर्शाता है। यह पर्व समाज में सामूहिकता, पवित्रता और पारिवारिक एकता की भावना को सशक्त बनाता है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि इस अवसर पर सूर्योपासना के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण, जलस्रोतों की स्वच्छता और समाज में सद्भाव बनाए रखने का संकल्प लें।

Ranidah Falls: A natural wonder hidden in the dense forests of Chhattisgarh
Chhattisgarh

Ranidah Falls : छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में छिपा प्रकृति का चमत्कार

रायपुर, 26 अक्टूबर। Ranidah Falls : रानीदाह जलप्रपात का सबसे आकर्षक रूप मानसून के दौरान देखने को मिलता है, जब पानी का बहाव चरम पर होता है और चारों ओर हरियाली व वादियां निखर उठती हैं। एडवेंचर, फोटोग्राफी, और प्रकृति प्रेमियों के लिए यह स्थान अद्भुत अनुभव देता है। यहाँ की स्वच्छ बूंदें, हरियाली भरी घाटियाँ और झरने की गूंज हर आगंतुक को मंत्रमुग्ध कर देती है। रानीदाह जलप्रपात छत्तीसगढ़ राज्य के जशपुर जिला मुख्यालय से लगभग 15 से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह झरना घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों के मध्य स्थित है और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। बरसात के मौसम में यहाँ का नजारा अत्यंत मनोहारी होता है, झरने की धाराएं विशाल चट्टानों से गिरती हैं और एक विशाल जलकुंड में मिल जाती हैं। आसपास जंगल, टेढ़े-मेढ़े रास्ते, और ऊँची-नीची पहाड़ियाँ इस जगह को रोमांचक बनाते हैं। यहाँ के माहौल में शांति, ताजगी और हरियाली छायी रहती है, जिससे यह पिकनिक और प्रकृति प्रेमियों का आदर्श स्थल है। रानीदाह जलप्रपात से जुड़ी एक रोचक किंवदंती भी है। कहा जाता है कि उड़ीसा की रानी शिरोमणि अपने प्रेमी के साथ भागकर जशपुर आई थीं, जहाँ उन्होंने अपने भाईयों से छिपते हुए इसी झरने के समीप आत्मसमर्पण किया। इसी वजह से इस स्थल का नाम रानीदाह पड़ा। आज भी यहाँ रानी की समाधि और पंचमैया नामक स्थल देखने को मिलता है, जो रानी के पाँच भाईयों को प्रतीकात्मक रूप में दर्शाता है। जलप्रपात के निकट एक शिव मंदिर भी है, जिससे इसका धार्मिक महत्त्व बढ़ जाता है। यह जलप्रपात वर्ष पर्यन्त विशेष रूप से जून से फरवरी तक चालू रहता है। जशपुर से आरा मार्ग पर लगभग 18 किमी दूरी और मुख्य सड़क से 5 किमी अंदर की ओर स्थित इस स्थल तक सड़क मार्ग, ट्रेन (रांची व अंबिकापुर रेलवे स्टेशन), और हवाई यात्रा (रांची व रायपुर एयरपोर्ट) से पहुँचा जा सकता है। यहाँ जिला प्रशासन ने व्यू प्वाइंट, सीढ़ियाँ, एवं पिकनिक के लिए सुरक्षित व्यवस्था की है ताकि पर्यटक पूर्ण रूप से प्रकृति का आनंद उठा सकें। रानीदाह जलप्रपात न केवल छत्तीसगढ़ के पर्यटन मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण बिंदु है, बल्कि प्रकृति, इतिहास और रोमांच से भरपूर एक अविस्मरणीय स्थल भी है। यहाँ आकर मनुष्य को प्रकृति के शांत, पवित्र एवं रमणीय स्वरूप का गहरा अहसास होता है।

Minister Tank Ram Verma: 'Farmers are the backbone of developed India, oilseed production will increase self-reliance'
Chhattisgarh

Minister Tank Ram Verma : ‘किसान हैं विकसित भारत की रीढ़, तिलहन उत्पादन से बढ़ेगी आत्मनिर्भरता’

रायपुर, 26 अक्टूबर। Minister Tank Ram Verma : छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सारंगढ़ कृषि उपज मंडी प्रांगण में ‘‘तिलहन कृषक मेला सह सम्मेलन’’ का आयोजन किया गया। नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल के अंतर्गत कृषि कार्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राजस्व, आपदा प्रबंधन, पुनर्वास एवं उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंकराम वर्मा शामिल हुए।       मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य पर अग्रसर हैं। इस दिशा में दलहन-तिलहन का अधिक उत्पादन देश को खाद्य तेल के आयात से मुक्ति दिलाएगा और आर्थिक आत्मनिर्भरता मजबूत करेगा। इस अवसर पर मंत्री श्री वर्मा ने कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी एवं मत्स्य विभाग द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी स्टॉलों का अवलोकन करते हुए हितग्राहियों, महिला स्व-सहायता समूहों और विभागीय अधिकारियों से उत्पादों एवं तकनीकों की जानकारी ली। उन्होंने किसानों को नई कृषि तकनीकें अपनाने, मृदा परीक्षण शिविरों में भाग लेने तथा कीटनाशकों के सुरक्षित उपयोग की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि सारंगढ़ क्षेत्र की मिट्टी तिलहन उत्पादन के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है। तिलहन नगदी फसल है, जिससे किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि संभव है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार किसानों के लिए घोषित अधिकांश वादों को पूरा कर चुकी है, जिनमें भूमिहीन कृषकों को 10 हजार रुपये की सहायता राशि एक प्रमुख उपलब्धि है। कार्यक्रम में जांजगीर-चांपा सांसद श्री कमलेश जांगड़े, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री संजय भूषण पांडेय एवं कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी किसानों को संबोधित किया। समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों और हितग्राहियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया तथा अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट किए गए। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री आंजनेय वार्ष्णेय, अपर कलेक्टर श्री प्रकाश सर्वे, पूर्व विधायक श्रीमती केराबाई मनहर तथा कृषि, मत्स्य, उद्यानिकी एवं पशुधन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

CM Vishnu: "Poona Margem" ends anti-people Maoist ideology, establishes peace in Bastar, 21 Naxalites in Kanker district abandon violence and surrender
Chhattisgarh

CM Vishnu : “पूना मारगेम” से जनविरोधी माओवादी विचारधारा का खात्मा, बस्तर में हो रही शांति की स्थापना, कांकेर जिले में 21 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर किया आत्मसमर्पण

रायपुर, 26 अक्टूबर। CM Vishnu : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में माओवाद की समाप्ति अब वास्तविकता बनने की ओर अग्रसर है। “पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसी जनोन्मुख पहल ने बस्तर में शांति और विश्वास की नई बयार बहा दी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज कांकेर जिले में 21 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया, जो प्रदेश में चल रही “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति – 2025” तथा “नियद नेल्ला नार योजना” की सफलता का सशक्त प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि माओवाद की झूठी और भ्रामक विचारधारा से भटके युवा अब समझने लगे हैं कि बंदूक नहीं, विकास की राह ही भविष्य का सही विकल्प है। सरकार इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास, पुनर्प्रशिक्षण और सामाजिक पुनर्संस्थापन के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है, ताकि वे मुख्यधारा से जुड़कर समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर के लोगों का विश्वास जीता है। यही कारण है कि अब माओवादी संगठन तेजी से कमजोर पड़ रहे हैं और बड़ी संख्या में हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति को स्वीकार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर अंचल में अब नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है और क्षेत्र तेजी से शांति, विकास और सशक्तिकरण की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सलमुक्त बनाना है और छत्तीसगढ़ इस दिशा में तेजी से अग्रसर है।

PM Mann Ki Baat: The unique initiative 'Garbage Cafe', which provides food in exchange for plastic waste, has gained recognition across the country. The Prime Minister said in 'Mann Ki Baat' that the plastic-free resolution of Municipal Corporation Ambikapur has changed the face of the city.
Chhattisgarh

PM Mann Ki Baat : प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन देने वाली अनोखी पहल ‘गार्बेज कैफे’ को देशभर में मिली पहचान, प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में कहा – नगर निगम अंबिकापुर के प्लास्टिक मुक्त संकल्प से बदली शहर की तस्वीर

रायपुर, 26 अक्टूबर।PM Mann Ki Baat : ‘मन की बात’ कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के नवाचारों और माओवाद उन्मूलन के संकल्प का उल्लेख होना प्रदेशवासियों के लिए गौरव की बात है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा अंबिकापुर के ‘गार्बेज कैफे’ और भारतीय नस्ल के श्वानों की उपलब्धि का विशेष उल्लेख किए जाने पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इसे पूरे प्रदेश के लिए सम्मान बताया। मुख्यमंत्री ने आज राजधानी रायपुर के शांति नगर में ‘मन की बात’ के 127वें संस्करण का श्रवण किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने छठ पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ‘मन की बात’ देशभर में हो रहे नवाचारी, प्रेरणादायी और जनहितकारी कार्यों को जोड़ने वाला एक विशेष मंच है, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने वालों प्रयासों को राष्ट्रीय पहचान दिलाता है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ का उल्लेख होना प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अंबिकापुर नगर निगम की अनूठी पहल ‘गार्बेज कैफे’ की सराहना की, जिसने प्लास्टिक मुक्त शहर की दिशा में एक मिसाल कायम की है। यहाँ प्लास्टिक कचरा देने वालों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है — यह पहल स्वच्छता, पुनर्चक्रण और सामाजिक संवेदना का अद्भुत उदाहरण बन चुकी है।अम्बिकापुर में शहर से प्लास्टिक कचरा साफ करने के लिए एक अनोखी पहल की गई है। अम्बिकापुर में गार्बेज कैफे चलाए जा रहे हैं। ये ऐसे कैफे हैं, जहाँ प्लास्टिक कचरा लेकर जाने पर भरपेट खाना खिलाया जाता है। अगर कोई व्यक्ति एक किलो प्लास्टिक लेकर जाए उसे दोपहर या रात का खाना मिलता है और कोई आधा किलो प्लास्टिक ले जाए तो नाश्ता मिल जाता है। ये कैफे अम्बिकापुर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन चलाता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने त्योहारों की बढ़ी रौनक, सामाजिक एकता के प्रतीक छठ पर्व और नए आत्मविश्वास से आगे बढ़ते भारत की भावना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि माओवादी गतिविधियों के सिमटते प्रभाव पर गर्व का अनुभव होता है। डबल इंजन की सरकार के मजबूत संकल्प से देश में शांति और सुरक्षा की दिशा में उल्लेखनीय परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से अब मूलभूत सुविधाएं सुदूर गाँवों तक पहुँच रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया है। इस बार उन इलाकों में भी खुशियों के दीप जले हैं, जहाँ कभी माओवादी आतंक का अंधेरा छाया रहता था। उन्होंने कहा कि लोग उस माओवादी आतंक का जड़ से खात्मा चाहते हैं जिसने उनके बच्चों के भविष्य को संकट में डाल दिया था। श्री साय ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों में भारतीय नस्ल के श्वानों को शामिल किए जाने के निर्णय की भी सराहना की। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित क्षेत्र में एक देशी श्वान ने 8 किलो विस्फोटक का पता लगाकर जवानों की जान बचाई। यह सिद्ध करता है कि भारतीय नस्ल के श्वान अधिक अनुकूल, दक्ष और विश्वसनीय हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रकृति संरक्षण पर भी विशेष जोर देते हुए सभी नागरिकों से पेड़ लगाने का आग्रह किया और ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय नवाचारों को जनआंदोलन के रूप में आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने पर इसे उत्सव के रूप में मनाने का आह्वान किया। उन्होंने इसे राष्ट्रप्रेम की अमर अभिव्यक्ति बताते हुए प्रत्येक नागरिक से इसके गौरवगान में स्वस्फूर्त रूप से सहभागिता करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा के पुण्य स्मरण के साथ जनजातीय अधिकारों और स्वतंत्रता संग्राम में उनके सर्वोच्च योगदान को नमन किया। उन्होंने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस उन महान जननायकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिवस है, जिन्होंने देश की आज़ादी और सम्मान के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की है कि वे अपने आसपास हो रहे नवाचारों और सकारात्मक प्रयासों को अवश्य साझा करें, ताकि अन्य लोग भी उनसे प्रेरणा लेकर समाजहित में योगदान दे सकें। मुख्यमंत्री ने पुंगनूर नस्ल की गायों को खिलाया चारा ‘मन की बात’ कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पुंगनूर नस्ल की गायों को चारा खिलाया और उनकी विशेषताओं की जानकारी ली। उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश में पाई जाने वाली यह विशेष नस्ल अपनी अनूठी शारीरिक बनावट और विशिष्ट गुणों के कारण प्रसिद्ध है। कार्यक्रम में विधायक श्री पुरन्दर मिश्रा, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष श्री राजीव अग्रवाल, छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष श्री शंभूनाथ चक्रवर्ती, छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री अमरजीत छाबड़ा सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण भी उपस्थित थे।