Author name: Ek Janta Ki Awaaz

CG Model: Chhattisgarh model of green development and economic prosperity, judicious exploitation of mineral resources, a major step towards a self-reliant economy, state's economy shining with minerals, historic 34-fold increase in mineral revenue
Chhattisgarh

Forest Science Centre : छत्तीसगढ का पहला वन विज्ञान केंद्र खुलेगा आसना में, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रयासों से बस्तर को मिली बड़ी सौगात

रायपुर, 19 अक्टूबर। Forest Science Centre : छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में वन आधारित अर्थव्यवस्था और ग्रामीण विकास को नई दिशा देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सतत प्रयासों और वनांचल के विकास की प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप, आसना पार्क में प्रदेश का पहला वन विज्ञान केंद्र स्थापित होने जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हमेशा से आदिवासियों के पारंपरिक ज्ञान और उनके जीवन को आधुनिक तकनीक से जोड़कर सशक्त करने पर जोर दिया है और यह केंद्र उनके इसी विज़न को साकार करेगा। संभागीय मुख्यालय जगदलपुर से मात्र पांच किलोमीटर दूर स्थित वन विज्ञान केंद्र की स्थापना में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप का विशेष प्रयास रहा है। उनकी पहल पर केंद्र को स्वीकृति मिली है, जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के कारण वनोपजों की गिरती मात्रा को रोकने के साथ अधिक उत्पादन हेतु शोध करते हुए ग्रामीणों की आय को तेजी से बढ़ाना है। यह केंद्र न केवल स्थानीय समुदायों की आर्थिक स्थिति को सशक्त करेगा, बल्कि जैव विविधता के संरक्षण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ज्ञान और तकनीक का अनूठा संगम 100 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले आसना वन विज्ञान केंद्र वन आधारित आजीविका को बढ़ावा देने का एक मॉडल बनेगा। केंद्र में स्थानीय आदिवासियों और वन कर्मियों को कृषि-वानिकी, औषधीय पौधों की खेती, वनोपज के मूल्य संवर्धन, मधुमक्खी पालन और मशरूम उत्पादन जैसी नवीन तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यहां सागौन और हल्दी जैसी फसलों के साथ मिश्रित खेती के मॉडल किसानों को आय और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में मदद करेंगे। इसके साथ ही यहां सर्पगंधा, अश्वगंधा, ब्राह्मी जैसे पौधों की खेती, जिसमें भंडारण और प्रसंस्करण की तकनीकों पर विशेष जोर रहेगा। इस केंद्र में इमली, गोंद, और महुआ जैसे वनोपज के प्रसंस्करण से लोगों की आय में वृद्धि होगी। यहां मधुमक्खी पालन और मशरूम उत्पादन जैसे मॉडल ग्रामीणों को नए रोजगार के अवसर प्रदान करेंगे। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा केंद्र वन विज्ञान केंद्र को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा, जिसमें व्याख्यान कक्ष, प्रदर्शन हॉल, और प्रशिक्षुओं के लिए आवासीय सुविधाएं रहेंगी। साथ ही मृदा परीक्षण, पानी की गुणवत्ता विश्लेषण और औषधीय पौधों की गुणवत्ता जांच के लिए आधुनिक प्रयोगशाला भी स्थापित की जाएगी। दुर्लभ और संकटग्रस्त वन प्रजातियों के संरक्षण के लिए जर्मप्लाज्म संरक्षण इकाई भी बनेगी। शोध और नवाचार का केंद्र यह केंद्र केवल प्रशिक्षण तक सीमित नहीं रहेगा। भविष्य में इसे उच्च स्तरीय शोध केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जहाँ वन्य उत्पादों के उत्पादन और प्रसंस्करण पर वैज्ञानिक अनुसंधान होगा। यह स्थानीय उत्पादों को बेहतर गुणवत्ता के साथ बाजार तक पहुँचाने में मदद करेगा, जिससे ग्रामीणों को अधिकतम लाभ मिलेगा। बस्तर वन मंडल के वन मंडलाधिकारी श्री उत्तम कुमार गुप्ता ने बताया कि वनांचल विज्ञान केंद्र आसना बस्तर के आदिवासी समुदायों के लिए एक नई सुबह लेकर आएगा। यह केंद्र पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक तकनीकों के साथ जोड़कर स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाएगा। उनकी आजीविका को मजबूत करेगा और वन संरक्षण के साथ आर्थिक विकास में संतुलन स्थापित करेगा। यह केंद्र बस्तर की वन संपदा और स्थानीय ज्ञान को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जोड़कर एक नया इतिहास रचेगा। आने वाला समय बस्तर के वनवासी आत्मनिर्भरता और समृद्ध का होेगे और वनांचल विज्ञान केंद्र इसकी नींव बनेगा।

Sohrai Karma Mahotsav 2025: Chief Minister attended the Sohrai Karma Mahotsav 2025, announced Rs 50 lakh for the construction of Karma Akhara in village Kandora, inaugurated the community hall of the Rautia community.
Chhattisgarh

Sohrai Karma Mahotsav 2025 : मुख्यमंत्री सोहरई करमा महोत्सव 2025 में हुए शामिल, ग्राम कण्डोरा में करमा अखरा निर्माण के लिए 50 लाख रुपए की घोषणा, रौतिया समाज के सामुदायिक भवन का किया लोकार्पण

रायपुर, 19 अक्टूबर। Sohrai Karma Mahotsav 2025 : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज जशपुर जिले में अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद, प्रांतीय शाखा छत्तीसगढ़ द्वारा ग्राम कण्डोरा में आयोजित महासम्मेलन (सोहरई करमा महोत्सव 2025) में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कुनकुरी में 20 लाख रुपए की लागत से निर्मित रौतिया समाज के सामुदायिक भवन का लोकार्पण किया तथा ग्राम पंचायत कण्डोरा में 50 लाख रुपए की लागत से बनने वाले रौतिया भवन निर्माण का भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने समाज की मांग पर ग्राम कण्डोरा में करमा अखरा निर्माण के लिए 50 लाख रुपए तथा रायपुर में रौतिया भवन पहुँच मार्ग के लिए 25 लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने मंच पर रौतिया समाज के वीर शहीद बख्तर साय और मुण्डल सिंह के छायाचित्रों पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में कहा कि करमा महोत्सव हमारी प्राचीन और गौरवशाली परंपरा का प्रतीक है, जिसे सभी समाज मिलजुलकर मनाते हैं। यह पर्व हमें हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने के साथ-साथ प्रकृति के प्रति आदर और सम्मान का भाव भी सिखाता है। उन्होंने कहा कि एकादशी करमा, दशहरा करमा जैसी परंपराएँ हमारी संस्कृति में गहराई से रची-बसी हैं। ये उत्सव समाज को एक सूत्र में बाँधने का कार्य करते हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटियों को तीव्र गति से लागू कर रही है। सरकार बनते ही पहली ही कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 18 लाख आवासों की स्वीकृति प्रदान की गई। महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में महतारी वंदन योजना के माध्यम से महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपए की सहायता दी जा रही है। तेंदूपत्ता संग्राहकों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार ने प्रति मानक बोरा दर को 5500 रुपए कर दिया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विकसित भारत की तर्ज पर वर्ष 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। उन्होंने लोगों से वोकल फॉर लोकल अपनाने का आग्रह करते हुए कहा कि स्वदेशी वस्तुओं की खरीद से न केवल देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार नक्सल उन्मूलन की दिशा में तीव्रता से कार्य कर रही है। दो दिन पूर्व ही 210 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापसी की है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए मेडिकल कॉलेज, प्राकृतिक चिकित्सा एवं फिजियोथेरेपी केंद्र, शासकीय नर्सिंग कॉलेज तथा शासकीय फिजियोथेरेपी कॉलेज की स्थापना की जाएगी, जिससे स्थानीय युवाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री श्री साय ने माध्यमिक विद्यालय खेल मैदान स्थित आमा बगीचा के करमा पूजन स्थल पर करम वृक्ष की डाली की पारंपरिक रीति से पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इसके बाद उन्होंने करमा नर्तक दल के साथ गले में मांदर टाँगकर ताल मिलाते हुए करम वृक्ष की डाली के चारों ओर उत्साहपूर्वक नृत्य किया। इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय तथा परिवारजन भी उपस्थित थे। सोहरई करमा महोत्सव: रौतिया समाज की सांस्कृतिक पहचान सोहरई करमा महोत्सव मूलतः रौतिया समाज द्वारा गोवर्धन पर्व के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला पारंपरिक पर्व है। इस दिन नए फसल को पूरे विधि-विधान से पूजा-पाठ कर घर लाया जाता है। ग्राम कण्डोरा में आयोजित इस भव्य आयोजन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के साथ-साथ झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से आए कुल 52 मंडलों के नर्तक दलों ने सहभागिता की। विविध लोक संस्कृतियों और पारंपरिक नृत्यों की रंगारंग प्रस्तुतियों ने पूरे वातावरण को उल्लास और उत्सव की भावना से सराबोर कर दिया। इस अवसर पर सांसद श्री राधेश्याम राठिया, अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ओ. पी. साय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री दामोदर सिंह, राष्ट्रीय महासचिव श्री आजाद सिंह, केंद्रीय संगठन मंत्री श्री भुनेश्वर केसर, केंद्रीय महिला सदस्य श्रीमती उमा देवी सहित समाज के अन्य पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित थे।

Vigyan Bhawan: From Dharti Aba's courtyard to Vigyan Bhawan - Korea's development story gains national recognition; President Draupadi Murmu honours Collector Chandan Tripathi for his outstanding performance at Dharti Aba
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Vigyan Bhawan : धरती आबा के आंगन से विज्ञान भवन तक-कोरिया की विकास गाथा को मिली राष्ट्रीय पहचान, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने धरती आबा’ में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कलेक्टर चंदन त्रिपाठी को किया सम्मानित

रायपुर, 19 अक्टूबर। Vigyan Bhawan : देश की राजधानी नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित ‘राष्ट्रीय कॉन्क्लेव ऑन आदि कर्मयोगी अभियान’ में छत्तीगसढ के कोरिया जिले ने एक बार फिर अपनी विकास यात्रा से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित इस भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान में उत्कृष्ट कार्यों के लिए कोरिया जिले की कलेक्टर चंदन त्रिपाठी को सम्मानित किया। इस अवसर पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम एवं राज्यमंत्री दुर्गा दास उइके भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शासन के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा को भी राज्य स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति के हाथों सम्मान प्राप्त हुआ। 154 जनजातीय ग्रामों में विकास की नई मिसाल ‘धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान’ के अंतर्गत कोरिया जिले के 154 जनजाति बहुल ग्रामों,  बैकुंठपुर ब्लॉक के 138 और सोनहत ब्लॉक के 16 ग्रामों में लगभग 38 हजार जनजातीय परिवारों को शासन की 17 विभागों की 25 योजनाओं का लाभ दिलाया गया है। शिविरों और डोर टू डोर अभियानों के माध्यम से लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड, पीएम जन धन योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम उज्जवला, जाति-निवास प्रमाण पत्र, वनाधिकार पट्टा, राशन कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम आवास योजना, सिकल सेल टेस्टिंग, सुकन्या समृद्धि योजना तथा पीएम विमान बीमा योजना जैसे योजनाओं से जोड़ा गया। समयबद्ध क्रियान्वयन और मैदानी स्तर पर नवाचारों के चलते यह पहल जनसहभागिता का प्रतीक बनी है। राष्ट्रीय स्तर पर नवाचारों की सराहना छत्तीसगढ के कोरिया जिले के जनजातीय अंचलों में किए जा रहे प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलना जिले के लिए गर्व की बात है। यह सम्मान नवाचार, जनसहभागिता और सतत विकास की दिशा में कोरिया की उपलब्धियों का प्रतीक है। बस्तर से सरगुजा तक हर जनजातीय परिवार को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाए-श्री साय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा श्यह सम्मान हमारे उन कर्मयोगियों की पहचान है जिन्होंने जनजातीय सशक्तीकरण को धरातल पर साकार किया है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि बस्तर से सरगुजा तक हर जनजातीय परिवार को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाए और उन्हें हर स्तर पर सशक्त किया जाए। योजनाओं की रोशनी को जन-जन तक पहुंचाना ही सुशासन छत्तीसगढ़ शासन में आदिम जाति विकास मंत्री एवं कोरिया जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा यह उपलब्धि हमारे अधिकारियों, फील्ड स्टाफ और जनप्रतिनिधियों की मेहनत का परिणाम है, जिन्होंने कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद योजनाओं की रोशनी को जन-जन तक पहुँचाया है, उन्होंने कहा कि जन-जन तक योजनाओं को पहुंचाना व लाभ मिलना ही सुशासन है।

Gift of Ujjwala Yojana: New gas connections will be available in Chhattisgarh before Diwali! See the list of eligibility criteria here.
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Gift of Ujjwala Yojana : दीपावली से पहले छत्तीसगढ़ में इनको मिलेंगे नए गैस कनेक्शन…! यहां देखें पात्रता मानदंडों की सूची

रायपुर, 19 अक्टूबर। Gift of Ujjwala Yojana : प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (PMUY) के तहत एक बार फिर दीपावली से पहले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को बड़ी राहत दी गई है। भारत सरकार के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा इस योजना के अंतर्गत 25 लाख नए उज्जवला गैस कनेक्शन देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें छत्तीसगढ़ को 2 लाख 23 हजार कनेक्शन का लक्ष्य मिला है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को निर्देश दिए हैं कि इस योजना को तत्परता से लागू किया जाए। 15 दिन में मिलेंगे नए कनेक्शन राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी जिलों में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में ‘जिला उज्जवला समिति’ बनाई जाएगी। पात्र हितग्राहियों से 7 दिनों के भीतर आवेदन लिए जाएंगे, जिनका परीक्षण कर 15 दिनों के भीतर गैस कनेक्शन जारी कर दिया जाएगा। नियद नेल्ला नार योजना क्षेत्रों को प्राथमिकता बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, कांकेर और दंतेवाड़ा जैसे दूरस्थ और नक्सल-प्रभावित जिलों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। यहां शत-प्रतिशत पात्र हितग्राहियों को उज्जवला योजना का लाभ दिलाया जाएगा। ऑयल कंपनियों के साथ मिलकर इन क्षेत्रों में विशेष शिविर आयोजित कर ई-केवाईसी सहित सभी प्रक्रियाएं पूर्ण की जाएंगी। जिला स्तरीय समिति की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर या उनके प्रतिनिधि इस योजना की निगरानी करेंगे। समिति में तेल कंपनियों के अधिकारी, जिला खाद्य अधिकारी और गैर-सरकारी सदस्य शामिल होंगे। समिति कम से कम 5% आवेदनों का सत्यापन करेगी। पात्रता मापदंड घोषित विशेष शिविरों के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया राज्य के चिन्हांकित गाँवों और दुर्गम क्षेत्रों में 34,425 पात्र परिवारों के लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे, जहाँ आवेदन लिए जाएंगे और ई-केवाईसी प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी।

Courtesy Meet: Vice Chancellors of various universities paid a courtesy call on Governor Ramen Deka
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Courtesy Meet : राज्यपाल रमेन डेका से विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने सौजन्य भेंट की

रायपुर, 18 अक्टूबर। Courtesy Meet : राज्यपाल रमेन डेका से आज राजभवन में विभिन्न शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने सौजन्य भेंट कर दीपावली की शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने भी उन्हें  शुभकामनाएं दी।

Housewarming Ceremony: Chief Minister Sai attended the housewarming ceremony of Guru Khuswant Saheb, extended birthday wishes to religious leader Guru Baldas Saheb Ji.
Chhattisgarh

Housewarming Ceremony : मुख्यमंत्री साय गुरु खुशवंत साहेब के गृहप्रवेश कार्यक्रम में हुए शामिल, धर्मगुरु गुरु बालदास साहेब जी को दी जन्मदिन की शुभकामनाएं

रायपुर, 18 अक्टूबर। Housewarming Ceremony : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री गुरु खुशवंत साहेब के नवा रायपुर स्थित नवीन शासकीय आवास के गृहप्रवेश कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री साय के धर्मगुरु गुरु बालदास साहेब जी को उनके जन्मदिन की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उन्हें शॉल व पुष्पगुच्छ भेंट किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

Saras Mela 2025: Women from self-help groups from 17 states participated in Saras Mela 2025. Women groups sold goods worth over Rs 60 lakh at the Saras Mela.
Chhattisgarh

Saras Mela 2025 : सरस मेला 2025 में 17 राज्यों की स्व सहायता समूह की महिलाओं ने लिया भाग, सरस मेले में महिला समूहों ने 60 लाख रूपयों से अधिक की सामग्री का किया विक्रय

रायपुर, 18 अक्टूबर। Saras Mela 2025 : पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा 08 से 18 अक्टूबर 2025 तक रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में ‘सरस मेला 2025’ का आयोजन किया गया। इस आयोजन के माध्यम ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं की उद्यमिता को एक मंच प्रदान करने का कार्य किया गया है। जिससे महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकें। रायपुर में आयोजित इस सरस मेले में देशभर के 17 राज्यों के स्वसहायता समूहों की महिलाओं ने भाग लिया। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से आए स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए हस्तशिल्प, हैंडलूम वस्त्र, जैविक उत्पाद, पारंपरिक व्यंजन, गृह उपयोगी सामग्री आदि उत्पादों का 200 से ज्यादा स्टॉलों के माध्यम से प्रदर्शन एवं विक्रय किया गया। दीवाली पर्व के मद्देनजर समूह द्वारा विशेष रूप से हस्तनिर्मित सामाग्रियों से गिफ्ट हैम्पर भी बनाए गए थे। सभी स्टालों से 10 दिनों में लगभग 60 लाख रूपए से ज्यादा की सामाग्री का विक्रय किया गया। यह पहल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा नागरिकों से स्वदेशी वस्तुओं को क्रय करने की अपील को बल प्रदान करता है। जहां स्थानीय महिलाओं द्वारा त्यौहारी सीजन में तैयार किये गए उत्पादों को बहुत अच्छा प्रतिसाद प्राप्त हुआ। स्वदेशी उत्पादों को देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्राहक मेले में पहुंचे थे। सरस मेला का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना, स्थायी बाजार उपलब्ध कराना और उन्हें उद्यमिता के नए अवसरों से जोड़ना रहा है। इस आयोजन ने हजारों महिलाओं को न केवल अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने का मंच दिया, बल्कि उन्हें गौरव और आत्मविश्वास के साथ समाज में खड़ा होने का अवसर भी प्रदान किया है। त्यौहारों के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा राज्य भर में स्व सहायता समूहों के द्वारा मेले का आयोजन कर विभिन्न उत्पादों एवं गिफ्ट हैंपरों का प्रदर्शन एवं विक्रय किया गया है। जिसमें रायपुर के अतिरिक्त राज्य के समस्त जिलों में कुल 155 स्टॉलों के माध्यम से कुल 15.55 लाख रुपए की सामग्री एवं 14.12 लाख रुपए के दिवाली गिफ्ट हैम्पर का विक्रय किया गया है। इस प्रकार सरस मेले एवं अन्य मेलों के माध्यम से बिहान की दीदीयों के द्वारा दिवाली के अवसर पर लगभग 90.00 लाख रुपए का व्यापार किया गया है।

PM Awaas: A ray of development in the Naxal-affected forest region, Rato Bai of Dhanora gets a permanent house under a special project.
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PM Awaas : नक्सल प्रभावित वनांचल में विकास की किरण, धनोरा की रतो बाई को विशेष परियोजना से मिला पक्का घर

रायपुर, 18 अक्टूबर। PM Awaas : छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव वर्ष में कोंडागांव जिले के केशकाल विकासखंड के ग्राम पंचायत धनोरा की रतो बाई के जीवन में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने दीपोत्सव के पूर्व नई रोशनी लाई है। सुदूर वनांचल की अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिला नक्सल हिंसा से पीड़ित रती बाई को केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में चल रही इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत एक विशेष परियोजना के माध्यम से पक्का आवास प्राप्त हुआ है। रतो बाई को योजना के तहत 1.20 लाख रुपये का अनुदान स्वीकृत किया गया था। इस योजना की एक उल्लेखनीय विशेषता यह भी है आवास निर्माण के लिए उन्हें मनरेगा के तहत 90 दिवस का सुनिश्चित पारिश्रमिक 23490 रूपए भी मिला। यह सहयोग रत्तो बाई के लिए एक महत्वपूर्ण संबल साबित हुआ। जीविकोपार्जन के लिए रतो बाई सब्जी बेचने का कार्य करती है। शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना के साथ ही रतो बाई को महतारी वंदन योजना, उज्ज्वला योजना, नल जल योजना सौभाग्य योजना, शौचालय जैसे मूलभूत आवश्यकता को पूरा करने वाली योजनाओं का लाभ भी मिला है। यह विशेष परियोजना नक्सल हिंसा से प्रभावित वर्गों के कल्याण के लिए सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाती है। इसका उद्देश्य ऐसे परिवारों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना और उन्हें सुरक्षित एवं सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान करना है। इस पक्के आवास की प्राप्ति ने उन्हें एक सुरक्षित ठिकाना दिया है और उनकी वर्षों पुरानी चिंता को समाप्त किया है। यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन किस प्रकार अंतिम व्यक्ति तक पहुँचकर उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है। यह योजना न केवल लोगों को पक्के मकान उपलब्ध करा रही है, बल्कि उन्हें रोजगार, सुरक्षा और सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार भी सुनिश्चित कर रही है।

PM Awaas: "Prime Minister Narendra Modi and Chief Minister Vishnu Dev Sai's vision of 'every poor person is getting a permanent roof over his head' is being realised."
Chhattisgarh

PM Awaas : ” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के ‘हर गरीब के सिर पर पक्का छत हो रहा है साकर कर रहा’

रायपुर, 17 अक्टूबर। PM Awaas : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में “सबका साथ, सबका विकास और सबको आवास” के संकल्प को साकार करने की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत जिले में हजारों परिवारों का पक्का मकान का सपना अब साकार हो चुका है। सूरजपुर जिले की बड़ी उपलब्धि हासिल की है, 22 माह में 28 हजार 255 मकान पूर्ण कराए गए हैं और हितग्राहियों के खाते में 343.88 करोड़ की राशि खातों में सीधे हस्तांतरित की गई है। अब तक 28 हजार 255 मकान पूर्ण कराए गए सूरजपुर जिले आवास उपलब्धता को वर्षवार देखे तो वित्तीय वर्ष 2016-17 से अब तक जिले में लगातार प्रगति दर्ज की गई है । प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 2016-17  आवास स्वीकृत 6112 में से 5990 आवास पूर्ण करा लिया गया है। इसी प्रकार वर्ष 2017-18 स्वीकृत 5910 आवासों में से 5807 आवास पूर्ण, वर्ष 2018-19 स्वीकृत 9079 आवास में से, 8845 आवास पूर्ण, वर्ष 2019-20 स्वीकृत 6500 आवासें में से, 6162 आवास पूर्ण, वर्ष 2020-21 स्वीकृत 7000 आवासों में से 6253 आवास पूर्ण, वर्ष 2022-23 में स्वीकृत 2966 आवासों में से, 2722 आवास पूर्ण, वर्ष 2024-25 में स्वीकृत 32001 आवासों में से, 19250 आवास पूर्ण और वर्ष 2025-26 में 2679  आवास स्वीकृत किए गए हैं।  केंद्र शासन द्वारा शुरू किए गए  ‘आवास प्लस 2.0’ के तहत अब तक जिले में 1.40 लाख से अधिक परिवारों का सर्वे कार्य पूर्ण किया गया है। जिले के उल्लेखनीय उपलब्धि के तहत पिछले सिर्फ  22 माह में 28,255 परिवारों के मकान पूर्ण किए गए हैं तथा विगत 22 माह में ही 343.88 करोड़ की राशि सीधे हितग्राहियों के बैंक खातों में हस्तांतरित की गई है। जिले के 5 आत्म समर्पित एवं पीड़ित नक्सल परिवारों को आवास से किया लाभान्वित आवास योजना के तहत् ही मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत 633 आवास स्वीकृत है जिसके विरुद्ध 123 आवास पूर्ण हो चुके है। साथ ही विशेष परियोजना में जिले के 5 आत्म समर्पित एवं पीड़ित नक्सल परिवारों को आवास से लाभान्वित किया गया है।  मनरेगा द्वारा 90 मानव दिवस की मजदूरी के साथ अन्य योजनाओं का लाभ प्रधानमंत्री मोदी के सबको आवास उपलब्ध करने के लिए प्रारंभ की गई यह योजना आज ग्रामीण भारत के सपनों को हकीकत में बदल रही है। वहीं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में इस योजना को गति देते हुए हर पात्र परिवार तक पक्के आवास की सुविधा पहुंचाने का कार्य तेज़ी से जारी है। इसके साथ ही अभिसरण माध्यम से मनरेगा द्वारा 90 मानव दिवस की मजदूरी राशि, स्वयं सहायता समूह में लाभार्थी को जोड़ा जा रहा है, शौचालय, उज्जवला, नल जल कनेक्शन एवं विद्युत कनेक्शन जैसी सुविधाएं दी जा रही है।  आवास निर्माण के लिए स्वयं सहायता समूह के द्वारा लोन सूरजपुर जिले द्वारा प्रदेश में अभिनव पहल स्थापित की गई है कि जिस लाभार्थी को आवास निर्माण के दौरान राशि की कमी पड़ रही है उन्हें स्वयं सहायता समूह के द्वारा लोन स्वीकृत कर, आवास निर्माण कराने में सहूलियत प्रदाय किया जा रहा है। इसके अंतर्गत अब तक 122.65 लाख रुपए ग्रामीणों को आबंटित की जा चुकी है। राज्य स्तर पर जिले की इस संबंध में सराहना की गई है। स्वयं सहायता समूह द्वारा शेटरिंग एवं अन्य सामग्री भी कम दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है। योजनांतर्गत आरसेटी के माध्यम से ग्रामीणों को प्रशिक्षण भी प्रदाय किया जा रहा है। राज्य स्तर एवं जिला स्तर पर हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है ताकि हितग्राही की पहुंच प्रशासन तक आसान हो और अपनी समस्या का समाधान घर बैठे प्राप्त कर सके। राज्य स्तर की हेल्पलाइन नंबर 18002331290 एवं जिला स्तर हेल्पलाइन नंबर +91-9244049285 है।  पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से योजना को नई दिशा जिला प्रशासन सूरजपुर द्वारा सतत मॉनिटरिंग, ग्राम पंचायतों की सक्रिय भागीदारी और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से योजना को नई दिशा दी गई है। प्रधानमंत्री मोदी के “हर गरीब के सिर पर पक्का छत” के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में सूरजपुर जिला एक प्रेरक उदाहरण बनकर उभरा है।

CM Vishnu: Historic day towards Naxal eradication in Bastar, welcome those who gave up guns and embraced the Constitution
Chhattisgarh

CM Vishnu : बस्तर में नक्सल उन्मूलन की दिशा में ऐतिहासिक दिन, बंदूक छोड़ संविधान अपनाने वालों का स्वागत

रायपुर, 17 अक्टूबर। CM Vishnu : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर में 210 माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण को राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि जो युवा कभी माओवाद के झूठे विचारधारा के जाल में फंसे थे, उन्होंने आज संविधान, लोकतंत्र और विकास की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज का दिन केवल बस्तर ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देश के लिए ऐतिहासिक है। जिन युवाओं ने वर्षों तक अंधेरी राहों पर भटककर हिंसा का मार्ग चुना, उन्होंने आज अपने कंधों से बंदूक उतारकर संविधान को थामा है। यह न केवल आत्मसमर्पण का क्षण है, बल्कि विश्वास, परिवर्तन और नये जीवन की शुरुआत है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर में बंदूकें छोड़कर सुशासन पर विश्वास जताने वाले इन युवाओं से मेरी मुलाकात मेरे जीवन के सबसे भावनात्मक और संतोष देने वाले पलों में से एक रही। यह दृश्य इस बात का प्रमाण है कि बदलाव नीतियों और विश्वास से आता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन की नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025, “नियद नेल्ला नार योजना” और “पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसी योजनाएँ विश्वास और परिवर्तन का आह्वान हैं। इन्हीं नीतियों के प्रभाव से नक्सल प्रभावित इलाकों में बंदूक छोड़कर लोग शासन की विश्वास और विकास की प्रतिज्ञा को स्वीकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज का यह दृश्य इस बात का प्रमाण है कि बदलाव नीतियों और विश्वास से आता है। यह छत्तीसगढ़ के शांतिपूर्ण भविष्य का शिलान्यास है। हमारी सरकार आत्मसमर्पितों के पुनर्वास और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार की प्रतिज्ञा है कि छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से पूर्णतः मुक्त किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में यह प्रतिज्ञा पूर्ण हो रही है। छत्तीसगढ़ अब शांति, विश्वास और विकास के नए युग की ओर अग्रसर है।