Author name: Ek Janta Ki Awaaz

Courtesy Meet: Vice Chancellors of various universities paid a courtesy call on Governor Ramen Deka
Chhattisgarh

Courtesy Meet : राज्यपाल रमेन डेका से विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने सौजन्य भेंट की

रायपुर, 18 अक्टूबर। Courtesy Meet : राज्यपाल रमेन डेका से आज राजभवन में विभिन्न शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने सौजन्य भेंट कर दीपावली की शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने भी उन्हें  शुभकामनाएं दी।

Housewarming Ceremony: Chief Minister Sai attended the housewarming ceremony of Guru Khuswant Saheb, extended birthday wishes to religious leader Guru Baldas Saheb Ji.
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Housewarming Ceremony : मुख्यमंत्री साय गुरु खुशवंत साहेब के गृहप्रवेश कार्यक्रम में हुए शामिल, धर्मगुरु गुरु बालदास साहेब जी को दी जन्मदिन की शुभकामनाएं

रायपुर, 18 अक्टूबर। Housewarming Ceremony : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री गुरु खुशवंत साहेब के नवा रायपुर स्थित नवीन शासकीय आवास के गृहप्रवेश कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री साय के धर्मगुरु गुरु बालदास साहेब जी को उनके जन्मदिन की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उन्हें शॉल व पुष्पगुच्छ भेंट किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

Saras Mela 2025: Women from self-help groups from 17 states participated in Saras Mela 2025. Women groups sold goods worth over Rs 60 lakh at the Saras Mela.
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Saras Mela 2025 : सरस मेला 2025 में 17 राज्यों की स्व सहायता समूह की महिलाओं ने लिया भाग, सरस मेले में महिला समूहों ने 60 लाख रूपयों से अधिक की सामग्री का किया विक्रय

रायपुर, 18 अक्टूबर। Saras Mela 2025 : पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा 08 से 18 अक्टूबर 2025 तक रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में ‘सरस मेला 2025’ का आयोजन किया गया। इस आयोजन के माध्यम ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं की उद्यमिता को एक मंच प्रदान करने का कार्य किया गया है। जिससे महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकें। रायपुर में आयोजित इस सरस मेले में देशभर के 17 राज्यों के स्वसहायता समूहों की महिलाओं ने भाग लिया। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से आए स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए हस्तशिल्प, हैंडलूम वस्त्र, जैविक उत्पाद, पारंपरिक व्यंजन, गृह उपयोगी सामग्री आदि उत्पादों का 200 से ज्यादा स्टॉलों के माध्यम से प्रदर्शन एवं विक्रय किया गया। दीवाली पर्व के मद्देनजर समूह द्वारा विशेष रूप से हस्तनिर्मित सामाग्रियों से गिफ्ट हैम्पर भी बनाए गए थे। सभी स्टालों से 10 दिनों में लगभग 60 लाख रूपए से ज्यादा की सामाग्री का विक्रय किया गया। यह पहल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा नागरिकों से स्वदेशी वस्तुओं को क्रय करने की अपील को बल प्रदान करता है। जहां स्थानीय महिलाओं द्वारा त्यौहारी सीजन में तैयार किये गए उत्पादों को बहुत अच्छा प्रतिसाद प्राप्त हुआ। स्वदेशी उत्पादों को देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्राहक मेले में पहुंचे थे। सरस मेला का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना, स्थायी बाजार उपलब्ध कराना और उन्हें उद्यमिता के नए अवसरों से जोड़ना रहा है। इस आयोजन ने हजारों महिलाओं को न केवल अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने का मंच दिया, बल्कि उन्हें गौरव और आत्मविश्वास के साथ समाज में खड़ा होने का अवसर भी प्रदान किया है। त्यौहारों के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा राज्य भर में स्व सहायता समूहों के द्वारा मेले का आयोजन कर विभिन्न उत्पादों एवं गिफ्ट हैंपरों का प्रदर्शन एवं विक्रय किया गया है। जिसमें रायपुर के अतिरिक्त राज्य के समस्त जिलों में कुल 155 स्टॉलों के माध्यम से कुल 15.55 लाख रुपए की सामग्री एवं 14.12 लाख रुपए के दिवाली गिफ्ट हैम्पर का विक्रय किया गया है। इस प्रकार सरस मेले एवं अन्य मेलों के माध्यम से बिहान की दीदीयों के द्वारा दिवाली के अवसर पर लगभग 90.00 लाख रुपए का व्यापार किया गया है।

PM Awaas: A ray of development in the Naxal-affected forest region, Rato Bai of Dhanora gets a permanent house under a special project.
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PM Awaas : नक्सल प्रभावित वनांचल में विकास की किरण, धनोरा की रतो बाई को विशेष परियोजना से मिला पक्का घर

रायपुर, 18 अक्टूबर। PM Awaas : छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव वर्ष में कोंडागांव जिले के केशकाल विकासखंड के ग्राम पंचायत धनोरा की रतो बाई के जीवन में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने दीपोत्सव के पूर्व नई रोशनी लाई है। सुदूर वनांचल की अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिला नक्सल हिंसा से पीड़ित रती बाई को केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में चल रही इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत एक विशेष परियोजना के माध्यम से पक्का आवास प्राप्त हुआ है। रतो बाई को योजना के तहत 1.20 लाख रुपये का अनुदान स्वीकृत किया गया था। इस योजना की एक उल्लेखनीय विशेषता यह भी है आवास निर्माण के लिए उन्हें मनरेगा के तहत 90 दिवस का सुनिश्चित पारिश्रमिक 23490 रूपए भी मिला। यह सहयोग रत्तो बाई के लिए एक महत्वपूर्ण संबल साबित हुआ। जीविकोपार्जन के लिए रतो बाई सब्जी बेचने का कार्य करती है। शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना के साथ ही रतो बाई को महतारी वंदन योजना, उज्ज्वला योजना, नल जल योजना सौभाग्य योजना, शौचालय जैसे मूलभूत आवश्यकता को पूरा करने वाली योजनाओं का लाभ भी मिला है। यह विशेष परियोजना नक्सल हिंसा से प्रभावित वर्गों के कल्याण के लिए सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाती है। इसका उद्देश्य ऐसे परिवारों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना और उन्हें सुरक्षित एवं सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान करना है। इस पक्के आवास की प्राप्ति ने उन्हें एक सुरक्षित ठिकाना दिया है और उनकी वर्षों पुरानी चिंता को समाप्त किया है। यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन किस प्रकार अंतिम व्यक्ति तक पहुँचकर उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है। यह योजना न केवल लोगों को पक्के मकान उपलब्ध करा रही है, बल्कि उन्हें रोजगार, सुरक्षा और सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार भी सुनिश्चित कर रही है।

PM Awaas: "Prime Minister Narendra Modi and Chief Minister Vishnu Dev Sai's vision of 'every poor person is getting a permanent roof over his head' is being realised."
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PM Awaas : ” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के ‘हर गरीब के सिर पर पक्का छत हो रहा है साकर कर रहा’

रायपुर, 17 अक्टूबर। PM Awaas : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में “सबका साथ, सबका विकास और सबको आवास” के संकल्प को साकार करने की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत जिले में हजारों परिवारों का पक्का मकान का सपना अब साकार हो चुका है। सूरजपुर जिले की बड़ी उपलब्धि हासिल की है, 22 माह में 28 हजार 255 मकान पूर्ण कराए गए हैं और हितग्राहियों के खाते में 343.88 करोड़ की राशि खातों में सीधे हस्तांतरित की गई है। अब तक 28 हजार 255 मकान पूर्ण कराए गए सूरजपुर जिले आवास उपलब्धता को वर्षवार देखे तो वित्तीय वर्ष 2016-17 से अब तक जिले में लगातार प्रगति दर्ज की गई है । प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 2016-17  आवास स्वीकृत 6112 में से 5990 आवास पूर्ण करा लिया गया है। इसी प्रकार वर्ष 2017-18 स्वीकृत 5910 आवासों में से 5807 आवास पूर्ण, वर्ष 2018-19 स्वीकृत 9079 आवास में से, 8845 आवास पूर्ण, वर्ष 2019-20 स्वीकृत 6500 आवासें में से, 6162 आवास पूर्ण, वर्ष 2020-21 स्वीकृत 7000 आवासों में से 6253 आवास पूर्ण, वर्ष 2022-23 में स्वीकृत 2966 आवासों में से, 2722 आवास पूर्ण, वर्ष 2024-25 में स्वीकृत 32001 आवासों में से, 19250 आवास पूर्ण और वर्ष 2025-26 में 2679  आवास स्वीकृत किए गए हैं।  केंद्र शासन द्वारा शुरू किए गए  ‘आवास प्लस 2.0’ के तहत अब तक जिले में 1.40 लाख से अधिक परिवारों का सर्वे कार्य पूर्ण किया गया है। जिले के उल्लेखनीय उपलब्धि के तहत पिछले सिर्फ  22 माह में 28,255 परिवारों के मकान पूर्ण किए गए हैं तथा विगत 22 माह में ही 343.88 करोड़ की राशि सीधे हितग्राहियों के बैंक खातों में हस्तांतरित की गई है। जिले के 5 आत्म समर्पित एवं पीड़ित नक्सल परिवारों को आवास से किया लाभान्वित आवास योजना के तहत् ही मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत 633 आवास स्वीकृत है जिसके विरुद्ध 123 आवास पूर्ण हो चुके है। साथ ही विशेष परियोजना में जिले के 5 आत्म समर्पित एवं पीड़ित नक्सल परिवारों को आवास से लाभान्वित किया गया है।  मनरेगा द्वारा 90 मानव दिवस की मजदूरी के साथ अन्य योजनाओं का लाभ प्रधानमंत्री मोदी के सबको आवास उपलब्ध करने के लिए प्रारंभ की गई यह योजना आज ग्रामीण भारत के सपनों को हकीकत में बदल रही है। वहीं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में इस योजना को गति देते हुए हर पात्र परिवार तक पक्के आवास की सुविधा पहुंचाने का कार्य तेज़ी से जारी है। इसके साथ ही अभिसरण माध्यम से मनरेगा द्वारा 90 मानव दिवस की मजदूरी राशि, स्वयं सहायता समूह में लाभार्थी को जोड़ा जा रहा है, शौचालय, उज्जवला, नल जल कनेक्शन एवं विद्युत कनेक्शन जैसी सुविधाएं दी जा रही है।  आवास निर्माण के लिए स्वयं सहायता समूह के द्वारा लोन सूरजपुर जिले द्वारा प्रदेश में अभिनव पहल स्थापित की गई है कि जिस लाभार्थी को आवास निर्माण के दौरान राशि की कमी पड़ रही है उन्हें स्वयं सहायता समूह के द्वारा लोन स्वीकृत कर, आवास निर्माण कराने में सहूलियत प्रदाय किया जा रहा है। इसके अंतर्गत अब तक 122.65 लाख रुपए ग्रामीणों को आबंटित की जा चुकी है। राज्य स्तर पर जिले की इस संबंध में सराहना की गई है। स्वयं सहायता समूह द्वारा शेटरिंग एवं अन्य सामग्री भी कम दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है। योजनांतर्गत आरसेटी के माध्यम से ग्रामीणों को प्रशिक्षण भी प्रदाय किया जा रहा है। राज्य स्तर एवं जिला स्तर पर हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है ताकि हितग्राही की पहुंच प्रशासन तक आसान हो और अपनी समस्या का समाधान घर बैठे प्राप्त कर सके। राज्य स्तर की हेल्पलाइन नंबर 18002331290 एवं जिला स्तर हेल्पलाइन नंबर +91-9244049285 है।  पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से योजना को नई दिशा जिला प्रशासन सूरजपुर द्वारा सतत मॉनिटरिंग, ग्राम पंचायतों की सक्रिय भागीदारी और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से योजना को नई दिशा दी गई है। प्रधानमंत्री मोदी के “हर गरीब के सिर पर पक्का छत” के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में सूरजपुर जिला एक प्रेरक उदाहरण बनकर उभरा है।

CM Vishnu: Historic day towards Naxal eradication in Bastar, welcome those who gave up guns and embraced the Constitution
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CM Vishnu : बस्तर में नक्सल उन्मूलन की दिशा में ऐतिहासिक दिन, बंदूक छोड़ संविधान अपनाने वालों का स्वागत

रायपुर, 17 अक्टूबर। CM Vishnu : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर में 210 माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण को राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि जो युवा कभी माओवाद के झूठे विचारधारा के जाल में फंसे थे, उन्होंने आज संविधान, लोकतंत्र और विकास की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज का दिन केवल बस्तर ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देश के लिए ऐतिहासिक है। जिन युवाओं ने वर्षों तक अंधेरी राहों पर भटककर हिंसा का मार्ग चुना, उन्होंने आज अपने कंधों से बंदूक उतारकर संविधान को थामा है। यह न केवल आत्मसमर्पण का क्षण है, बल्कि विश्वास, परिवर्तन और नये जीवन की शुरुआत है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर में बंदूकें छोड़कर सुशासन पर विश्वास जताने वाले इन युवाओं से मेरी मुलाकात मेरे जीवन के सबसे भावनात्मक और संतोष देने वाले पलों में से एक रही। यह दृश्य इस बात का प्रमाण है कि बदलाव नीतियों और विश्वास से आता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन की नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025, “नियद नेल्ला नार योजना” और “पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसी योजनाएँ विश्वास और परिवर्तन का आह्वान हैं। इन्हीं नीतियों के प्रभाव से नक्सल प्रभावित इलाकों में बंदूक छोड़कर लोग शासन की विश्वास और विकास की प्रतिज्ञा को स्वीकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज का यह दृश्य इस बात का प्रमाण है कि बदलाव नीतियों और विश्वास से आता है। यह छत्तीसगढ़ के शांतिपूर्ण भविष्य का शिलान्यास है। हमारी सरकार आत्मसमर्पितों के पुनर्वास और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार की प्रतिज्ञा है कि छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से पूर्णतः मुक्त किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में यह प्रतिज्ञा पूर्ण हो रही है। छत्तीसगढ़ अब शांति, विश्वास और विकास के नए युग की ओर अग्रसर है।

Damini App: Damini and Meghdoot apps will provide information on lightning and weather forecast, instructions for large-scale publicity regarding the app
Chhattisgarh

Damini App : आकाशीय बिजली एवं मौसम पूर्वानुमान की जानकारी देगी दामिनी एवं मेघदूत एप, एप के संबंध में वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार के  निर्देश

रायपुर, 17 अक्टूबर। Damini App : दामिनी (Damini) भारत सरकार द्वारा बनाया गया एक मोबाइल ऐप है जो लोगों को आकाशीय बिजली गिरने से पहले सचेत करता है, जिससे जान-माल की हानि को कम किया जा सके। यह ऐप मौसम विभाग के उपकरणों जैसे इसरो सैटेलाइट और रडार सेंसर का उपयोग करता है और उपयोगकर्ता के स्थान के 20-40 किलोमीटर के दायरे में बिजली गिरने से पहले अलर्ट भेजता है। इसी प्रकार मेघदूत ऐप एक मोबाइल एप्लिकेशन है जो किसानों को मौसम-आधारित कृषि सलाह देता है। यह ऐप किसानों को स्थानीय मौसम पूर्वानुमान, तापमान, वर्षा और आर्द्रता जैसी जानकारी के साथ-साथ फसल की सुरक्षा के लिए वैज्ञानिक सलाह प्रदान करता है। भारत सरकार के दामिनी एप एवं मेघदूत एप के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए  हैं। प्रदेश में आए दिन आकाशीय बिजली की घटना घटित होने के कारण अधिक संख्या में जन एवं पशु हानि की सूचना प्राप्त होती है। दामिनी एप के माध्यम से आकाशीय बिजली का पूर्वानुमान में आवश्यक तैयारी, उपाय आदि की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसी तरह मेघदूत एप मुख्य रूप से मौसम पूर्वानुमान (तापमान, वर्षा की स्थिति, हवा की गति एवं दिशा इत्यादि)से संबंधित है, जिससे किसान अपने क्षेत्र की मौसम से संबंधित पूर्वानुमान की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।  आपदा के समय नागरिकों को तत्काल सहायता पहुँचाने हेतु जारी टोल फ्री आपदा सहायता नंबर 1070 के प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए गए हैं। एप के उपयोग के संबंध में जिला, तहसील तथा ग्रामों में निवासरत पटवारी, सरपंच, सचिव, शासकीय शिक्षक, आशा कार्यकर्ता के माध्यम से वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार तथा कोटवार के द्वारा मुनादी करवाकर मोबाइल फोन पर डाउनलोड करवाने के लिए जनसामान्य को जागरूक किया जाएगा। किसानों की फसलों का कवच बन रहा हैं मेघदूत एप मौसम विभाग में मेघदूत नाम का एक ऐप विकसित किया गया है जो किसान की फसलों का सुरक्षा कवच साबित हो रहा है। मेघदूत ऐप डिजिटल इंडिया के तहत किसानों को तकनीक से जोडने के लिए भारत सरकार द्वारा लांच किया गया है। इसका उपयोग बेहद सरल है, इसके माध्यम से मौसम की जानकारी के आधार पर किसानों को फसल जोखिम प्रबंधन से संबंधित सलाह मिलती है। इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से किसानों को डाउनलोड करना होगा और फिर अपने मोबाइल नंबर से पंजीकरण करके मौसम की जानकारी का अलर्ट पा सकते हैं। आकाशीय बिजली से किसानों को दामिनी एप से मिलेगी सुरक्षा दामिनी एपके माध्यम से किसानों को आकाशीय बिजली से बचाव के तरीकों के संबंध में आधे घंटे पहले ही सूचना उपलब्ध हो जाएगी। इस एप पर रजिस्ट्रेशन करने के उपरांत किसान की लोकेशन के अनुसार उस स्थान से 40 किलोमीटर के दायरे में आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी के बारे में ऑडियो संदेश एवं एसएमएस के माध्यम से अलर्ट मिलेगा।

Sarguja: The 'More Village, More Water' campaign has made Sarguja district water-sufficient; traditional water sources have been revived through public participation and government initiatives.
Chhattisgarh

Sarguja : ‘मोर गांव मोर पानी‘ अभियान से सरगुजा जिला बना जल आत्मनिर्भर, जनभागीदारी और शासन की पहल से पुनर्जीवित हुए पारंपरिक जल स्रोत

रायपुर, 16 अक्टूबर। Sarguja : ‘सरगुजा जिले में ‘मोर गांव मोर पानी‘ महा अभियान के तहत भू-जल स्तर में गिरावट को रोकने, वर्षा जल संचयन को प्रोत्साहित करने और पारंपरिक जल स्रोतों के संरक्षण के लिए व्यापक कार्य किए गए हैं। छत्तीसगढ़ शासन का उद्देश्य था कि प्रत्येक गांव अपने जल स्रोतों का संरक्षण कर जल आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़े, ताकि आने वाले समय में जिले को जल संकट से मुक्ति मिल सके। मोर गांव मोर पानी महा अभियान के अंतर्गत सरगुजा जिले के विभिन्न विकासखण्डों अम्बिकापुर, मैनपाट, लखनपुर, बतौली, सीतापुर, लुण्ड्रा, और उदयपुर में वर्षा जल संचयन के लिए विशेष कार्ययोजनाएं तैयार की गई हैं। इन क्षेत्रों में ‘रीज टू वैली‘ की अवधारणा पर आधारित तकनीकों का उपयोग किया गया है, ताकि वर्षा का प्रत्येक बूंद भूमि में समाहित होकर भूजल को समृद्ध कर सके। इस दिशा में स्ट्रेगर्ड कंटूर ट्रेंच 09, सतत कंटूर ट्रेंच 01, लूज बोल्डर चेक डैम 299, गैबियन स्ट्रक्चर 02, ब्रशवुड चेक डैम 133, अर्दन गली पल्ग 315, सोकपिट निर्माण 14840 तथा सैंड फिल्टर रिचार्ज 17 यूनिट्स का निर्माण बड़े पैमाने पर किया गया है। ये संरचनाएं बरसात के पानी को बहने से रोककर भूमि में रिसने में मदद करती हैं, जिससे भू-जल पुनर्भरण में वृद्धि होती है। अभियान के तहत जिले के विभिन्न ग्रामों में स्थित पुराने कुएं, तालाब, नालों और चेकडैमों का गहरीकरण और मरम्मत कार्य किया जा रहा है। कई स्थानों पर वर्षों से सूखे पड़े तालाबों में पुनः जल संचित होना शुरू हो गया है, जिससे ग्रामीणों को घरेलू उपयोग एवं पशुपालन के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो रहा है। भू-जल स्तर में सुधार होने से किसानों को अब सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल रहा है। पहले जहां केवल एक फसल संभव थी, वहीं अब किसान रबी और खरीफ दोनों सीजन में फसलें ले पाएंगे। साथ ही डबरी निर्माण, नालों पर चेकडैम और तालाबों से खेतों में नमी बनी रहने लगी है, जिससे खेती की उत्पादकता और आमदनी में वृद्धि होगी। जनभागीदारी से चलाया गया जल संरक्षण आंदोलन मोर गांव मोर पानी महाभियान केवल शासन की पहल नहीं, बल्कि इसे एक जन आंदोलन का स्वरूप दिया गया है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में जनप्रतिनिधि, स्वयं सहायता समूहों, युवाओं और ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। इन समूहों को जल संरक्षण तकनीकों, वर्षा जल संचयन विधियों, भूजल पुनर्भरण और पर्यावरणीय संतुलन के प्रति जागरूक किया गया। जिले के स्कूलों और महाविद्यालयों में भी विद्यार्थियों के बीच ‘मोर गांव मोर पानी महाभियान‘ विषय पर रैलियां, निबंध प्रतियोगिताएं और जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। मोर गांव मोर पानी महा अभियान के चलते जिले में कई स्थानों पर भू-जल स्तर में 1 से 2 मीटर तक सुधार दर्ज किया गया है। पहले जिन गांवों में गर्मी के मौसम में पेयजल संकट था, वहां अब हैंडपंप और कुएं सुचारू रूप से चल रहे हैं। शासन का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में जिले के प्रत्येक गांव में पर्याप्त जल संरचनाएं निर्मित हों, ताकि सरगुजा जल आत्मनिर्भर जिला के रूप में विकसित हो सके।

National Tourism Conference: Presentation given under M. Narendra Modi's One State, One Global Destination vision, consensus reached on inclusion of Chitrakoot Waterfall as a global destination, Tourism Minister Rajesh Agrawal attended the National Tourism Conference.
Chhattisgarh

National Tourism Conference : एम नरेन्द्र मोदी के वन स्टेट, वन ग्लोबल डेस्टिनेशन विजन के तहत दिया प्रस्तुतिकरण, चित्रकोट वाटरफॉल को ग्लोबल डेस्टिनेशन में शामिल करने पर बनी सहमति, पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल राष्ट्रीय पर्यटन सम्मेलन में हुए शामिल

रायपुर, 16 अक्टूबर। National Tourism Conference : लेकसिटी उदयपुर में पिछले दिनों आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय पर्यटन सम्मेलन में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल ने सम्मिलित होकर राज्य केे पर्यटन संभावनाओं और योजनाओं पर केंद्र और अन्य राज्यों के मंत्रियों-अधिकारियों संग विचार-विमर्श किया। मंत्री राजेश अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों को वन स्टेट वन डेस्टिनेशन में शामिल करने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के नियाग्रा कहे जाने वाले चित्रकोट वॉटरफाल को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार  प्रतिबद्ध है। इस संबंध में उन्होंने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। सम्मेलन में राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के पर्यटन मंत्री विभागीय सचिवों सहित सम्मिलित हुए। इस वर्ष सम्मेलन की थीम ‘वन स्टेट-वन ग्लोबल टूरिज्म डेस्टिनेशन‘ था, जिसके अंतर्गत प्रत्येक राज्य ने अपने प्रमुख पर्यटन स्थलों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने हेतु प्रस्तुतिकरण दिया।  इस अवसर पर केन्द्रीय पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र शेखावत ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र का योगदान अब भारत की जीडीपी में लगभग 6 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, जो अगले कुछ वर्षों में 10 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य आने वाले वर्षों में विश्व के शीर्ष दस पर्यटन देशों में शामिल होना है। वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल इंडेक्स में भारत की रैंकिग 2014 में जहां 60 के आसपास थी, वहीं अब यह 39वें स्थान पर पहुंच गई है। यदि केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर काम करें तो अगले पांच वर्षों में भारत इस रैंकिंग को 20वें स्थान तक ला सकता है, और 10 वर्षों में शीर्ष दस देशों में अपना स्थान बना सकता है। इसके लिए केन्द्र सरकार ने 50 ग्लोबल डेस्टिनेशन विकसित करने का लक्ष्य तय किया है। उन्होेंने कहा कि दो दिन के सम्मेलन में बहुमूल्य सुझाव मिले हैं, जो पीएम नरेन्द्र मोदी के वन स्टेट, वन ग्लोबल डेस्टिनेशन के विजन को साकार करने में मील का पत्थर साबित होंगे। पर्यटन मंत्री श्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि वन स्टेट वन डेस्टिनेशन के लिए छत्तीसगढ़ के नियाग्रा कहे जाने वाले चित्रकोट वॉटरफाल व ऐतिहासिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के सिरपुर को भी वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए हमारी सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक धरोहरों और जनजातीय संस्कृति कीे भव्यता को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में हम कार्यरत हैं। पर्यटन के माध्यम से स्थानीय युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा। इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी वहीं पर्यटकों को स्थानीय सांस्कृतिक विरासत को जानने समझने का बेहतर माध्यम बनेगा। सम्मेलन के दौरान चित्रकोट वाटरफॉल एवं इसके आसपास के प्रमुख स्थलों को भी विकसित करने के लिए कार्ययोजना में जोड़ने की सहमति बनी। वर्ल्डक्लास टूरिस्ट डेस्टिनेशन के लिए जो पैरामीटर होनी चाहिए विकसित करने की दिशा में कार्य करने के निर्देश संबंधितों को दिए गए।  छत्तीसगढ़ के पर्यटन विभाग के सचिव डॉ. रोहित यादव ने पीएम नरेन्द्र मोदी के वन स्टेट, वन ग्लोबल डेस्टिनेशन के विजन के तहत छत्तीसगढ़ के धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलों के विकास के लिए अपनाई जा रही बेहतरीन योजनाएं साझा की। उन्होंने  राज्य की आदिवासी संस्कृति, जैव-विविधता, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक स्थलों दंतेश्वरी मंदिर, बस्तर, रामगढ़ की गुफाएं, बारनवापारा अभ्यारण्य, मधेश्वर पर्वत आदि को केंद्र में रखते हुए प्रस्तुतिकरण दिया तथा पर्यटक सर्किट, ग्रामीण पर्यटन एवं स्थानीय हस्तशिल्प की वैश्विक ब्रांडिंग पर जोर देते हुए अपनी योजनाएं साझा की। अन्य राज्यों से आए हुए प्रतिनिधि मंडलों से पर्यटन उन्नयन, होमस्टे योजना, इको-टूरिज्म पर भी चर्चा हुई। सम्मेलन का उद्देश्य सतत, उत्तरदायी एवं नवाचार-प्रधान पर्यटन मॉडल को बढ़ावा देना, केंद्र व राज्यों के मध्य नीति निर्माण में समन्वय स्थापित करना, देश में 50 प्रमुख पर्यटन ग्लोबल डेस्टिनेशन्स का विकास व रोजगार सृजन, नए पर्यटन सर्किट का निर्माण एवं ग्लोबल डेस्टिनेशन की ओर उन्मुखता है। छत्तीसगढ़ सहित राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, तमिलनाडु, तेलंगाना, पूर्वी व दक्षिणी राज्यों ने अपनी क्षेत्रीय विशेषताओं, पर्यटन सर्किट एवं नवाचार योजनाओं का प्रस्तुतिकरण दिया। सम्मेलन में केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, पंजाब के राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया, राजस्थान की उपमुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी, विभिन्न राज्यों के पर्यटन मंत्री और अधिकारी उपस्थित थे। 

CM Announcement: Another announcement by Chief Minister Vishnudev Sai has been approved; administrative approval of Rs 78 crore 15 lakh has been granted for the construction of nine new nursing colleges.
Chhattisgarh

CM Vishnu : उत्तर बस्तर और अबूझमाड़ हुए नक्सलमुक्त — बस्तर में शांति और विकास का नया युग, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में नक्सल उन्मूलन अभियान ऐतिहासिक सफलता की ओर

रायपुर, 16 अक्टूबर। CM Vishnu : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि उत्तर बस्तर और अबूझमाड़ का नक्सलमुक्त होना यह प्रमाण है कि अब बस्तर भय नहीं, बल्कि विश्वास और विकास की नई पहचान बन चुका है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भारत आज नक्सलवाद के अंत की दहलीज़ पर खड़ा है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बीते दो दिनों में 258 नक्सलियों का आत्मसमर्पण इस बात का प्रतीक है कि बंदूक नहीं, बल्कि विश्वास की शक्ति जीत रही है। उन्होंने कहा कि बीते 22 महीनों में छत्तीसगढ़ में 477 नक्सली मारे गए, 2110 ने आत्मसमर्पण किया और 1785 गिरफ्तार हुए — यह आँकड़े हमारे राज्य को नक्सलमुक्त बनाने के अडिग संकल्प के साक्षी हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य अब बहुत निकट है। यह परिवर्तन राज्य सरकार की “नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” तथा “नियद नेल्ला नार योजना” की सफलता का प्रत्यक्ष परिणाम है। डबल इंजन सरकार की संवेदनशील नीतियों, बस्तर में लगातार स्थापित हो रहे सुरक्षा शिविरों और वनांचलों में शासन के प्रति बढ़ते विश्वास ने इस सकारात्मक परिवर्तन को संभव बनाया है। उन्होंने कहा कि अब तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 64 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे न केवल सुरक्षा सुदृढ़ हुई है, बल्कि विकास और विश्वास की किरण भी हर गांव तक पहुँची है। मुख्यमंत्री श्री साय ने हमारे वीर सुरक्षाबलों के अदम्य साहस और बलिदान को नमन करते हुए कहा कि उनके समर्पण से ही आज बस्तर भयमुक्त हुआ है और शांति की राह पर अग्रसर है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर नक्सल आतंक से पूर्णतः मुक्त हो चुके हैं, जबकि दक्षिण बस्तर में यह लड़ाई अपने निर्णायक चरण में है। “नियद नेल्ला नार” जैसी योजनाओं ने बस्तर में संवाद, विकास और संवेदना की नई धरती तैयार की है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार की नीति दो टूक है — हिंसा का कोई स्थान नहीं। जो नक्सली शांति और विकास का मार्ग चुनना चाहते हैं, उनका स्वागत है। लेकिन जो बंदूक उठाकर समाज में आतंक फैलाने की कोशिश करेंगे, उन्हें सुरक्षा बलों की सख़्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने सभी नक्सलियों से अपील की — “हिंसा की राह अंतहीन पीड़ा देती है, जबकि आत्मसमर्पण जीवन को एक नई दिशा देते हुए एक नई शुरुआत का रास्ता खोलता है। अपनी मातृभूमि के भविष्य और अपने परिवारों के उज्जवल कल के लिए हथियार त्यागें और विकास की रोशनी में कदम रखें।” उल्लेखनीय है कि देश में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही निर्णायक लड़ाई ने एक ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर जानकारी कि छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर जैसे क्षेत्र, जो कभी नक्सल आतंक के गढ़ हुआ करते थे, अब पूरी तरह नक्सलमुक्त घोषित किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह न केवल भारत की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी सफलता है, बल्कि विकास, विश्वास और संवेदना की नई कहानी भी है। बीते दो दिनों में देश में कुल 258 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया है। केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि यह परिवर्तन इस बात का प्रमाण है कि बंदूक नहीं, बल्कि संविधान पर विश्वास की शक्ति जीत रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के निरंतर प्रयासों से नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में है। केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम उनके बेहतर भविष्य और देश की एकता के प्रति समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने सभी नक्सलियों से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटें और देश की प्रगति में सहभागी बनें।