Author name: Ek Janta Ki Awaaz

PMMY: Lakhpati Didi's dream comes true - Preeti Gupta, earning approximately ₹2.50 lakh annually, becomes an inspiration for village women
Business, Chhattisgarh

PMMY : लखपति दीदी का सपना हुआ साकार – प्रीति गुप्ता, सालाना लगभग 2.50 लाख रुपए की हो रही आमदनी, गांव की महिलाओं के लिए बनी प्रेरणास्रोत

रायुपर, 14 अक्टूबर। PMMY : प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) गैर कृषि क्षेत्र में विनिर्माण, व्यापार या सेवा क्षेत्रों में लगे आय सृजन करने वाले सूक्ष्म उद्यमों को 20 लाख रुपये तक के सूक्ष्म ऋण-लोन की सुविधा प्रदान करती है, जिसमें कृषि से संबंधित गतिविधियाँ जैसे मुर्गी पालन डेयरी, मधुमक्खी पालन आदि शामिल हैं। यह योजना सदस्य ऋण संस्थानों द्वारा सूक्ष्म और लघु संस्थाओं की गैर कॉर्पाेरेट, गैर कृषि क्षेत्र की आय-सृजन गतिविधियों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। ग्राम बुढाडांड की रहने वाली श्रीमती प्रीति गुप्ता आज कई महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन चुकी हैं, जो अपनी मेहनत और संकल्प से आर्थिक स्वतंत्रता की नई मिसाल कायम कर रही हैं। मुद्रा लोन से मिली मदद हो रही है अच्छी आय प्रीति गुप्ता महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन चुकी हैं जो अपने दुकान में सौंदर्य प्रसाधन से लेकर घरेलू सामान का विक्रय करती है। उनके चेहरे पर एक अलग ही आत्मविश्वास झलकता है। वह उत्साह से बताती है कि मुद्रा लोन की मदद से वह अपना व्यापार खड़ी कर पाई है। लक्ष्मी स्व-सहायता समूह से जुड़ी प्रीति ने बताया कि उन्हें 01 लाख रुपए मुद्रा लोन के रूप में मिला था। आज वह अपने व्यापार से सालाना लगभग 2.50 लाख रुपए तक कमाई कर पाती है।  लखपति दीदी बनने का सपना हुआ साकार जशपुर जिले के विकासखंड बगीचा के ग्राम बुढाडांड की रहने वाली प्रीति गुप्ता ने मुद्रा लोन लेकर दुर्गा श्रृंगार एवं किराना दुकान की शुरुआत की। प्रारंभ में छोटे स्तर पर दुकान संचालित करने वाली प्रीति ने धीरे-धीरे ग्राहकों की जरूरतों को समझते हुए दुकान का विस्तार करती जा रही है। आज उनकी दुकान गांव की प्रमुख दुकानों में गिनी जाती है। सौंदर्य प्रसाधन से लेकर हर जरूरत का सामान उनकी दुकान में उपलब्ध है। मुद्रा लोन से मिली आर्थिक सहायता एवं मेहनत और लगन का ही परिणाम है कि आज वे प्रतिवर्ष लगभग 2.50 लाख का शुद्ध लाभ कमा रही हैं। उन्होंने अपने आत्मविश्वास, परिश्रम और बिहान योजना के सहयोग से लखपति दीदी बनने का सपना साकार किया है। प्रीति मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे कार्यों की वजह से आज मेरे जैसी कितनी महिलाएं आत्मनिर्भर हो पाई हैं। उन्होंने कहा कि बिहान ने मुझे अपने पैरों पर खड़े होने का अवसर दिया। 

International Yoga Workshop: Echo of Indian culture in International Yoga Workshop, message of 'One Earth, One Health' - India towards world welfare through Yoga - Revenue Minister Tank Ram Verma
Chhattisgarh

International Yoga Workshop : अंतर्राष्ट्रीय योग कार्यशाला में भारतीय संस्कृति की गूंज,  एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ का संदेश – योग से विश्व कल्याण की ओर भारत – राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा

रायपुर, 13 अक्टूबर। International Yoga Workshop : न्यू सर्किट हाऊस रायपुर के कन्वेंशन हाल में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग कार्यशाला 2025 में भारतीय संस्कृति, परंपरा और योग की प्राचीन विद्या की अद्भुत झलक देखने को मिली। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और वैश्विक समरसता का मार्ग है। मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि योग को जीवन का हिस्सा बनाकर हम व्यसनमुक्त, स्वस्थ और समरस समाज का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने इस आयोजन को एक “आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संगम” बताते हुए कहा कि यह कार्यशाला आने वाली पीढ़ियों को भारतीय ज्ञान परंपरा और स्वास्थ्य के मूल्यों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति की अमूल्य उपहार है, जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित कर जीवन में सकारात्मकता लाता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से योग को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली है, जिस पर हर भारतीय को गर्व है। उन्होंने कहा कि आज की कार्यशाला ‘योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’ थीम के अनुरूप “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” के वैश्विक संकल्प को मजबूत करने का अवसर प्रदान करती है। योग के माध्यम से हम न केवल अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं, बल्कि समाज और पर्यावरण में संतुलन स्थापित कर विश्व कल्याण की दिशा में भी अग्रसर हो सकते हैं। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने विविध योगासन, ध्यान और प्राणायाम के माध्यम से स्वास्थ्य लाभों का अनुभव किया। विशेषज्ञों ने आधुनिक तकनीकों के साथ योग के वैज्ञानिक पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा की। अंत में मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने इस सफल कार्यशाला के लिए बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की पावन धरती, जहां मां कौशल्या जैसी महान माताएं जन्मीं, वहां से योग और संस्कृति के माध्यम से विश्व को शांति और स्वास्थ्य का संदेश देना गर्व का विषय है

CG Labour Department: Registered labourers get benefits of various schemes including education, health, tool assistance, more than Rs 4 crore 68 lakh distributed to 14 thousand 788 labourers in Mahasamund district.
Chhattisgarh

CG Labour Department : पंजीकृत मज़दूरों को शिक्षा, स्वास्थ्य, औजार सहायता सहित अनेक योजनाओं का लाभ, महासमुंद जिले में 14 हजार 788 श्रमिकों को 4 करोड़ 68 लाख से अधिक की राशि वितरित

रायपुर, 13 अक्टूबर। CG Labour Department : छत्तीसगढ़ शासन श्रम विभाग द्वारा पंजीकृत निर्माण एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकारों के कल्याण हेतु चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ जिले के श्रमिकों तक निरंतर पहुँचाया जा रहा है। पंजीकृत मज़दूरों को शिक्षा, स्वास्थ्य, औजार सहायता, मातृत्व लाभ, मृत्यु सहायता एवं आवास जैसी अनेक योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाता है। इन योजनाओं ने हजारों निर्माण मज़दूरों के जीवन में नया उजाला फैलाया है। शासन की मंशानुरूप प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक परिवार को सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से श्रम विभाग द्वारा निरंतर शिविर, पंजीयन एवं जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से योजनाओं का अधिकतम लाभ पात्रों तक पहुँचाया जा रहा है।  जिले के श्रमिकों को 4 करोड़ 68 लाख से अधिक की राशि वितरित कलेक्टर महासमुंद के मार्गदर्शन में श्रम कल्याण मंडल महासमुंद द्वारा डीबीटी के माध्यम से श्रमिकों के खातों में सीधे सहायता राशि प्रदान की गई है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और लाभ समय पर मिले। श्रम पदाधिकारी ने बताया कि विगत 17 सितम्बर एवं 3 अक्टूबर 2025 को डीबीटी के माध्यम से 14 हजार 788 श्रमिकों के खाते में 4 करोड़ 68 लाख 690 रुपए की राशि छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा अंतरित की गई। सुरक्षा उपकरण सहायता योजना अंतर्गत 3 हजार 443 श्रमिकों को मिला लाभ महासमुंद जिले में श्रम विभाग अंतर्गत मुख्यमंत्री निर्माण मज़दूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना अंतर्गत 3 हजार 443 श्रमिकों को 51 लाख 64 हजार 500 रुपए की सहायता दी गई है। इसी तरह निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निःशुल्क गणवेश एवं पुस्तक कॉपी हेतु सहायता राशि योजना अंतर्गत 3005 श्रमिकों को 40 लाख 72 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई। महतारी जतन योजना अंतर्गत महासमुंद से 79 श्रमिक हुए लाभान्वित मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना अंतर्गत 2 हजार 724 श्रमिको को एक करोड़ 89 हजार 6 रुपए, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना अंतर्गत 2 हजार 629 श्रमिकों को 91 लाख 41 हजार 584 रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई। इसी प्रकार मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत 2 हजार 323 श्रमिकों को 44 लाख 10 हजार 500 रुपए, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना अंतर्गत 287 श्रमिकों को 57 लाख 40 हजार रुपए, मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना अंतर्गत 150 श्रमिकों को 30 लाख रुपए, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना अंतर्गत 108 श्रमिकों को 5 लाख 82 हजार रुपए, मिनीमाता महतारी जतन योजना अंतर्गत 79 श्रमिकों को 15 लाख 80 हजार रुपए सहायता राशि प्रदान की गई। निर्माण श्रमिक की मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना महासमुंद जिले में मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना अंतर्गत 27 श्रमिकों को 27 लाख रुपए, मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना अंतर्गत 9 श्रमिकों 71 हजार 100 रुपए, निर्माण श्रमिकों के बच्चे हेतु उत्कृष्ट खेल प्रोत्साहन योजना अंतर्गत 3 श्रमिकों एक लाख 50 हजार रुपए, दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना अंतर्गत एक श्रमिक को एक लाख रुपए का की सहायता राशि प्रदान किया गया है।

Chirayu Yojana: The Chirayu Yojana proved to be a boon for Amisha, who underwent a successful heart operation and was given a new lease of life.
Chhattisgarh

Chirayu Yojana : चिरायु योजना अमीषा के लिए वरदान हुई, हृदय रोग का हुआ सफल आपरेशन, अमीषा को मिली नया जीवन

रायपुर, 13 अक्टूबर। Chirayu Yojana : चिरायु योजना आज जरूरतमंद परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना ने न केवल बच्चों को नई जिंदगी दी है, बल्कि गरीब परिवारों के चेहरों पर फिर से मुस्कान भी लौटा दी है। इसी कड़ी में चिरायु योजना से ही दिल की बीमारी से जूझ रही किसान परिवार में जन्मी अमीषा केरकेट्टा को नवजीवन देने का काम किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के दूरदर्शी नेतृत्व में आज बच्चों की जटिल बीमारियों और जन्मजात विकृतियों का इलाज देश के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में निःशुल्क संभव हो पा रहा है।  चिरायु योजना से 44 गंभीर बीमारियों का इलाज चिरायु योजना (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) छत्तीसगढ़ सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है. इस योजना के तहत 0 से 18 साल तक के बच्चों में जन्मजात हृदय रोग, मोतियाबिंद, कटे-फटे होंठ, टेढ़े-मेढ़े हाथ पैर सहित 44 गंभीर बीमारियों का इलाज शासन द्वारा कराया जाता है।  जांच के उपरांत 44 प्रकार की बीमारी तथा विकृति की जानकारी होने के बाद चिरायु योजना से बच्चों का इलाज कराया जाता है। आवश्यकता होने पर बच्चों को देश भर के अच्छे हॉस्पिटल में ले जाकर उपचार भी कराया जाता है। अमीषा के हृदय रोग का हुआ सफल इलाज मनोरा विकासखंड के छोटे से ग्राम ओरडीह की एक जनजातीय परिवार में जन्मी अमीषा केरकेट्टा अक्सर बीमार रहने लगी थी। परिजन बार-बार उसकी तबीयत बिगड़ने से चिंतित थे। जब अमीषा की जांच जिला चिकित्सालय जशपुर में चिरायु टीम द्वारा की गई, तो पता चला कि वह जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित है। खेती-किसानी कर परिवार का भरण-पोषण करने वाले उसके पिता अशोक केरकेट्टा यह सुनकर परेशान हो उठे। उनके सामने सबसे बड़ी चिंता थी कि वे इतने महंगे इलाज का खर्च कैसे उठा पाएंगे। तभी चिकित्सकों ने उन्हें चिरायु योजना के बारे में जानकारी दी। यह सुनकर परिवार को मानो एक नई उम्मीद की किरण दिखाई दी। योजना के तहत अमीषा को शासकीय व्यय पर बेहतर उपचार के लिए श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल, नया रायपुर भेजा गया। वहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने उसका सफल ऑपरेशन किया। कुछ ही समय में अमीषा पूरी तरह स्वस्थ हो गई। गरीब परिवारों के लिए वरदान है चिरायु योजना आज 11 वर्ष की अमीषा न केवल स्वस्थ है, बल्कि पहले से अधिक उत्साह और ऊर्जा से भरी हुई है। उसका मुस्कुराता चेहरा अब उसके माता-पिता के जीवन को सुकून से भर देता है। परिजनों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डॉक्टरों के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है। सरकार ने गरीबों की पीड़ा को समझा और इलाज के लिए बेहतर संस्थानों में भेजकर निःशुल्क इलाज करा रही है।  उल्लेखनीय है कि चिरायु योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों में जाकर बच्चों की संपूर्ण स्वास्थ्य की जांच की जाती है।

Mayali Nature Camp: Online booking facility started at Mayali Nature Camp
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Mayali Nature Camp : मयाली नेचर कैम्प में ऑनलाइन बुकिंग सुविधा प्रारंभ

रायपुर, 12 अक्टूबर। Mayali Nature Camp : जशपुर जिले के कुनकुरी परिक्षेत्र अंतर्गत स्थित मयाली नेचर कैम्प अपनी प्राकृतिक सुंदरता एवं मनोहारी परिवेश के कारण पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यह क्षेत्र घने वनों से आच्छादित है। यह क्षेत्र जशपुर जिले को प्रकृति द्वारा मिला एक अनुपम उपहार है। मयाली नेचर कैम्प देवबोरा एवं मयाली ग्राम के मध्य स्थित है। यह स्थल पारिवारिक भ्रमण, मित्रों के साथ अवकाश व्यतीत करने तथा साहसिक गतिविधियों के शौकीनों के लिए लंबी दूरी की पैदल यात्राओं हेतु अत्यंत उपयुक्त है। पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मयाली नेचर कैम्प में ऑनलाइन गेट मनी बुकिंग सुविधा प्रारंभ की गई है। इस सुविधा के माध्यम से पर्यटक अब अपने भ्रमण हेतु ऑनलाइन टिकट प्राप्त कर सकेंगे। आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे इस ऑनलाइन सुविधा का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और मयाली नेचर कैम्प की प्राकृतिक सौंदर्यता का आनंद लें।

Collector Conference: The Collector Conference deliberated on good governance, transparency and public welfare schemes. Chief Minister Vishnu Dev Sai displayed strictness at the Collectors' Conference, saying, "Negligence in public interest will not be tolerated."
Chhattisgarh

Collector Conference : कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में सुशासन, पारदर्शिता और जनहित योजनाओं पर मंथन, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में दिखाई सख्ती — कहा, “जनहित में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी

रायपुर, 12 अक्टूबर। Collector Conference : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में रविवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस 2025 में सुशासन, पारदर्शिता और जनहित के नए मानक तय किए गए। बैठक की शुरुआत निर्धारित समय से पहले हुई, जिसने पूरे प्रशासन को मुख्यमंत्री की वर्क-डिसिप्लिन और परिणाम केंद्रित कार्यशैली का सीधा संदेश दिया। बैठक में मुख्य सचिव विकास शील, सभी विभागीय सचिव, संभागायुक्त और कलेक्टर उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने प्रारंभ से ही स्पष्ट कर दिया कि शासन की नीतियों और योजनाओं का अंतिम लाभ जनता तक समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पहुँचना ही सुशासन का वास्तविक अर्थ है — और इस दिशा में किसी भी स्तर पर ढिलाई स्वीकार्य नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह कॉन्फ्रेंस केवल समीक्षा बैठक नहीं, बल्कि जनहित के नए मानक तय करने का अवसर है। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि जिलों में योजनाओं के क्रियान्वयन में परिणाम दिखाई देने चाहिए, केवल रिपोर्टों में नहीं। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स कांफ्रेंस में कहा कि शासन की नीतियों और योजनाओं का अंतिम उद्देश्य आम जनता तक योजनाओं का लाभ पहुँचाना है। उन्होंने कहा कि जनता के बीच आपकी उपस्थिति और संवेदनशीलता ही आपकी पहचान है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि धान खरीदी 15 नवंबर से प्रारंभ होगी और इसकी सभी तैयारियाँ समय पर पूरी कर ली जाएं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि धान खरीदी में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर सीधे कलेक्टर जिम्मेदार होंगे। धान खरीदी में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक धान खरीदी केंद्र की मॉनिटरिंग हो। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रभारी सचिव जिलों में लगातार निगरानी रखें और संवेदनशील केंद्रों की विशेष मॉनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि धान खरीदी की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीदी की चौकसी बढ़ाने के लिए अब इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का उपयोग किया जाएगा। इससे जिलों में निगरानी तेज होगी और किसी भी गड़बड़ी पर तत्काल कार्रवाई संभव होगी। उन्होंने निर्देश दिया कि अंतरराज्यीय सीमावर्ती जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए, ताकि बाहर से धान की अवैध आवाजाही को रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने विशेष पिछड़ी जनजातियों के किसानों के लिए विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन जनजातीय इलाकों में विशेष शिविरों के माध्यम से 100 प्रतिशत पंजीयन सुनिश्चित किया जाए। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक भी पात्र किसान वंचित न रहे, यह प्रशासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जिलों में निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी पात्र किसानों को लाभ पहुँचना चाहिए। उन्होंने कमिश्नरों को निर्देश दिया कि बस्तर और सरगुजा सम्भाग में विशेष रूप से योजना की प्रगति की सतत समीक्षा करें। मुख्यमंत्री श्री साय ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ अधिकतम लोगों तक पहुँचे। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में हितग्राहियों को बैंक फाइनेंस की सुविधा आसानी से उपलब्ध कराई जाए, ताकि कोई भी पात्र परिवार योजना से वंचित न रहे। स्वास्थ्य सेवाओं पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शत प्रतिशत प्रसव सभी अस्पतालों में सुनिश्चित हो। साथ ही टीकाकरण की वास्तविक स्थिति की फील्ड वेरिफिकेशन द्वारा पुष्टि की जाए। उन्होंने कहा कि मैटरनल डेथ ऑडिट प्रत्येक मामले में अनिवार्य रूप से किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम की रणनीति बन सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनआरसी सेंटरों का संचालन नियमित और प्रभावी होना चाहिए तथा माताओं और बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने वेलनेस सेंटरों को सक्रिय कर गैर-संचारी रोगों के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बस्तर संभाग में मलेरिया उन्मूलन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि हॉटस्पॉट क्षेत्रों की पहचान कर विशेष अभियान चलाया जाए ताकि छत्तीसगढ़ को “मलेरिया-मुक्त राज्य” बनाने का लक्ष्य शीघ्र पूरा किया जा सके। उन्होंने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के अंतर्गत सभी पात्र वृद्धजनों के पंजीयन और कार्ड निर्माण कार्य को प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश दिए। शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रॉपआउट शून्य करने और सकल नामांकन अनुपात को 100 प्रतिशत करने का लक्ष्य किसी भी हालत में पूरा होना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शिक्षण सामग्री अलमारियों में नहीं, कक्षाओं में दिखनी चाहिए। उन्होंने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि शिक्षण संसाधनों का उपयोग कक्षा में सुनिश्चित करें और नियमित मॉनिटरिंग करें। मुख्यमंत्री ने बीजापुर जिले की सराहना करते हुए कहा कि वहाँ स्थानीय युवाओं की मदद से गोंडी भाषा में शिक्षण से बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है और ड्रॉपआउट घटा है। उन्होंने सभी जिलों को ऐसे नवाचार अपनाने की सलाह दी ताकि शिक्षा स्थानीय संस्कृति और भाषा से जुड़ सके। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि 31 दिसंबर तक सभी विद्यार्थियों की आधार-बेस्ड APAR ID बनाकर रजिस्ट्रेशन पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था डिजिटल पारदर्शिता और छात्र लाभ वितरण में निर्णायक भूमिका निभाएगी। इसी आधार पर छात्रों को गणवेश, किताबें और छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” चलाया जाएगा। इसमें स्कूलों का सामाजिक अंकेक्षण कर ग्रेडिंग होगी। उन्होंने कहा कि जिलों में परीक्षा परिणाम सुधार की ठोस योजना बने। जो जिले बेहतर कर रहे हैं, उनके मॉडल अन्य जिलों में लागू किए जाएँ।

20th Anniversary: ​​On the 20th anniversary of the Right to Information Act, Congress alleges that the Modi government has weakened the RTI.
Chhattisgarh

20th Anniversary : सूचना के अधिकार कानून की 20वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस का आरोप…! ‘मोदी सरकार ने आरटीआई को किया कमजोर

रायपुर, 12 अक्टूबर। 20th Anniversary : सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून की 20वीं वर्षगांठ पर प्रदेश कांग्रेस ने मोदी सरकार पर इसे कमजोर करने का गंभीर आरोप लगाया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित वरिष्ठ नेताओं ने आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकार वार्ता में कहा कि 12 अक्टूबर 2005 को यूपीए सरकार ने देश में आरटीआई लागू किया था, जो आम नागरिकों को सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही का अधिकार देता है। उन्होंने बताया कि आरटीआई ने गरीबों को राशन, पेंशन, छात्रवृत्ति जैसी बुनियादी सुविधाएं दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन मोदी सरकार ने 2019 में संशोधन कर इस कानून की स्वतंत्रता को कमजोर किया, साथ ही 2023 में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम के तहत महत्वपूर्ण सार्वजनिक जानकारी छुपाने का रास्ता खोल दिया गया। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सूचना आयोगों में रिक्त पदों को भरने में लापरवाही बरती जा रही है, जिससे आरटीआई की प्रभावी कार्यवाही बाधित हो रही है। साथ ही आरटीआई उपयोगकर्ताओं और व्हिसलब्लोअर्स पर हमले बढ़े हैं, जबकि उनकी सुरक्षा के लिए बनाए गए कानून को मोदी सरकार ने लागू नहीं किया। प्रदेश कांग्रेस ने केंद्र सरकार से 2019 के संशोधनों को रद्द करने, आयोगों की स्वतंत्रता बहाल करने, रिक्त पद तुरंत भरने, व्हिसलब्लोअर प्रोटेक्शन कानून लागू करने और आयोगों में विविधता सुनिश्चित करने की मांग की है। भूपेश बघेल ने कहा, आरटीआई कमजोर होना लोकतंत्र की कमजोरी है। इसे सशक्त बनाकर ही हर नागरिक निडर होकर सवाल पूछ सकेगा और सही जवाब पा सकेगा।” पत्रकार वार्ता में कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी मौजूद थे। कांग्रेस ने आरटीआई कानून की रक्षा और सशक्तिकरण के प्रति अपने संकल्प को दोहराया है ताकि लोकतंत्र की जड़े मजबूत बनी रहें। कांग्रेस की मांग 1. 2019 के संशोधनों को निरस्त कर सूचना आयोगों की स्वतंत्रता बहाल की जाए और आयुक्तों के लिए 5 वर्ष का निश्चित कार्यकाल व सुरक्षित सेवा शर्तें सुनिश्चित की जाएँ। 2. डीपीडीपी अधिनियम की उन धाराओं (धारा 44(3)) की समीक्षा व संशोधन किया जाए जो आरटीआई के जनहित उद्देश्य को कमज़ोर करती हैं। 3. केंद्र और राज्य आयोगों में सभी रिक्तियाँ पारदर्शी व समयबद्ध प्रक्रिया के माध्यम से तुरंत भरी जाएँ। 4. आयोगों के लिए कार्य निष्पादन मानक तय किए जाएँ और निपटान दर की सार्वजनिक रिपोर्टिंग अनिवार्य की जाए। 5. व्हिसलब्लोअर प्रोटेक्शन अधिनियम को पूर्ण रूप से लागू कर आरटीआई उपयोगकर्ताओं और व्हिसल ब्लोअर को सशक्त सुरक्षा प्रदान की जाए। 6. आयोगों में विविधता सुनिश्चित की जाए पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों और महिला प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।

Former CM Bhupesh Baghel launches a major attack...! He makes serious allegations against Chhattisgarh's investigating agencies, saying the decisions are already decided.
Chhattisgarh

Ex CM भूपेश बघेल का बड़ा हमला…! छत्तीसगढ़ की जांच एजेंसियों पर लगाए गंभीर आरोप कहा- फैसले पहले से तय

रायपुर, 12 अक्टूबर। Ex CM और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने आज प्रेस वार्ता में छत्तीसगढ़ की जांच एजेंसियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की जांच एजेंसियां लोकतंत्र की मूलभूत संरचना को चोट पहुँचा रही हैं। उन्होंने कहा कि इन एजेंसियों का काम सिर्फ झूठे साक्ष्य गढ़ना और राजनीतिक मुकदमेबाजी करना बन गया है। भूपेश बघेल ने कहा, जांच एजेंसियां पहले से ही फैसला लिखकर रखती हैं कि कौन दोषी है। अदालत में आप क्या सफाई देंगे, इसका कोई मतलब नहीं रह गया है। लोकतंत्र का ढांचा लड़खड़ा गया है। जांच एजेंसियों की निष्पक्षता पर उठाए सवाल उन्होंने कहा कि हाल ही में कोयला घोटाले के आरोपियों के खिलाफ कलमबंद बयान में छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बयान न्यायधीश के सामने खोलने के बजाय सरकार के अधिकारियों ने खोल दिया और उसमें कई पेजों के फोंट अलग-अलग थे। दो दिनों के अंदर 25 पेज का बयान लिया गया, जो सामान्य प्रक्रिया के बिल्कुल खिलाफ है। भूपेश बघेल ने यह भी बताया कि वह बयान लिफाफे में बंद होकर अदालत में प्रस्तुत किया जाना चाहिए था, लेकिन उससे पहले ही वह मीडिया हाउसों के पास पहुँच गया। उन्होंने सवाल उठाया कि किसी भी मीडिया हाउस ने यह क्यों नहीं पूछा कि यह लीक कैसे हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, यह कोई नया मामला नहीं है, पहले भी ऐसा होता रहा है। शिकायत करने के बाद भी यह सब जारी है। इसका मतलब है कि ACB और EOW को कानून और न्यायालय का कोई डर नहीं है। वे जो चाहे कर सकते हैं। भूपेश बघेल ने सरकार से अपील की कि जांच एजेंसियों की निष्पक्षता और स्वतंत्रता सुनिश्चित की जाए ताकि जनता का न्याय में भरोसा बना रहे। यह बयान राजनीतिक और न्यायिक गलियारों में नया सियासी विवाद पैदा कर सकता है। जांच एजेंसियों पर लगे इन आरोपों से राज्य में शासन-प्रशासन के कामकाज पर सवाल उठेंगे और भविष्य में जांच प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर भी बहस तेज हो सकती है।

Barnawapara Sanctuary: Youths were given in-depth information on wildlife tourism and environmental conservation; a five-day eco-tourism guide training program concluded at Barnawapara Sanctuary.
Chhattisgarh

Barnawapara Sanctuary : युवाओं को वन्यजीव पर्यटन एवं पर्यावरण संरक्षण की दी गई गहन जानकारी, बारनवापारा अभ्यारण्य में पाँच दिवसीय इको-टूरिज्म गाइड प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

रायपुर, 11 अक्टूबर। Barnawapara Sanctuary : बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य में 7 से 11 अक्टूबर 2025 तक  पाँच दिवसीय इको-टूरिज्म गाइड प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में स्थानीय युवाओं एवं गाइड्स को वन्यजीव पर्यटन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण संरक्षण की गहन जानकारी प्रदान किया गया। पर्यटन के विस्तार के साथ-साथ जानवरों और प्राकृतिक क्षेत्रों पर पर्यटकों का प्रभाव भी बढ़ता है। लेकिन ज़िम्मेदारी से यात्रा करने और वर्तमान एवं भावी पीढ़ियों के आनंद के लिए वन्यजीवों और प्राकृतिक क्षेत्रों के संरक्षण में सहयोग करने के कुछ तरीके मौजूद हैं। प्रशिक्षण का संचालन द नेचरलिस्ट स्कूल के प्रशिक्षक दल प्रकृति सुब्रमण्यम, अनिकेतन चंद्रेगैड़ा एवं चंद्रशेखर द्वारा किया गया। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक ज्ञान प्रदान किया गया जिसमें स्थानीय पक्षियों, कीटों, सरीसृपों, स्तनधारियों एवं पादप प्रजातियों की पहचान, उनके पारिस्थितिक महत्व, व्यवहारिक संचार कौशल, व्यक्तित्व विकास तथा गाइडिंग तकनीकों पर विशेष सत्र आयोजित किए गए। पांचवें दिवस पर अभयारण्य क्षेत्र में फील्ड भ्रमण एवं पादप प्रजातियों की पहचान पर व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया। प्रशिक्षण में बटाया गया कि प्राकृतिक क्षेत्रों की खोज करते समय हमेशा निर्धारित मार्गों का ही पालन करें। ऐसा करने से, नाज़ुक पारिस्थितिक तंत्रों को होने वाले क्षरण और नुकसान को कम किया जा सकता है। रास्ते से भटकने से बचें और सावधानी से कदम बढ़ाएँ। यात्रा से पहले, उन स्थानों पर मौजूद मेहमानों के लिए सभी नियमों या दिशा-निर्देशों से खुद को परिचित कर लें। समापन अवसर पर सभी प्रतिभागियों को ‘इको-टूरिज्म गाइड प्रमाण पत्र‘ प्रदान किए गए। इस अवसर पर मुख्य रूप से अधीक्षक बारनवापारा अभयारण्य कृषानू चन्द्राकार, परिक्षेत्र अधिकारी गोपाल प्रसाद वर्मा, प्रशिक्षार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

Farmer Schemes: Prime Minister Modi launched two new farmer schemes worth Rs 41,000 crore, three districts of Chhattisgarh got special place.
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Farmer Schemes : प्रधानमंत्री मोदी ने लॉन्च की 41 हजार करोड़ की दो नई किसान योजनाएं, छत्तीसगढ़ के तीन जिलों को मिला विशेष स्थान

रायपुर, 11 अक्टूबर। Farmer Schemes : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित मुख्य समारोह से देश के किसानों को 41 हजार करोड़ रूपए से अधिक की कृषि परियोजनाओं का उपहार दिया। उन्होंने इस मौके पर दो नई योजनाएं- प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ किया। इनमें प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के लिए 30 हजार करोड़ रूपए और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के लिए 11 हजार करोड़ रूपए शामिल है। इसके अलावा श्री मोदी कृषि और संरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की 1100 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित कृषक सभागार से हजारों किसानों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा ऑनलाईन जुड़कर इस अभियान के शुभारंभ के साक्षी बने। इस मौके पर केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, पशुपालन, मत्स्यपालन एवं डेयरी विकास मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह, केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री, सांसद और विधायक भी वर्चुअली रूप से जुड़े थे।  प्रधानमंत्री ने कहा कि “भारत रत्न जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख की जयंती के दिन आज देश कृषि आत्मनिर्भरता का नया इतिहास रच रहा है। आज से प्रारंभ हुई दोनों योजनाएं देश के अन्नदाताओं को सशक्त बनाने और कृषि आत्मनिर्भरता के नए युग की शुरुआत है। खेती को लाभकारी और आधुनिक बनाने की दिशा में यह पहल मील का पत्थर सिद्ध होंगी। उन्होंने बताया कि दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के तहत 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में भारत का कृषि निर्यात बढ़ा है, शहद उत्पादन, पशुपालन, मत्स्यपालन सहित सहायक कृषि गतिविधियों में बढ़ोत्तरी हुई है।   प्रधानमंत्री ने बताया कि विकास के पैरामीटर में पिछड़ रहे जिलों के लिए  केंद्रित आकांक्षी जिला योजना के माध्यम से सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से सुधार का काम हुआ है। ठीक उसी तरह प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत खेती किसानी में पिछड़े देश के 100 जिलों के लिए विशेष कार्ययोजना बनाकर काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 36 नई योजनाओं के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मजबूती दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा किसानों की भागीदारी से खेती की तस्वीर बदलेगी और किसानों की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों और आने वाली पीढ़ी को सशक्त बनाने के उद्देश्य से दलहन आत्मनिर्भरता मिशन शुरू किया गया है। यह मिशन न केवल कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम है, बल्कि देश में पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी प्रयास है। शारीरिक और मानसिक विकास के लिए प्रोटीन अत्यंत आवश्यक है और इसके लिए हमें मिलकर दलहन उत्पादन की सशक्त व्यवस्था करनी होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत अपनी दलहन आवश्यकताओं को पूर्ण रूप से पूरा नहीं कर पा रहा है। दलहन आत्मनिर्भरता मिशन से दाल उत्पादन में वृद्धि होगी और लगभग दो करोड़ दाल उत्पादक किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि बड़ी ख़ुशी की बात है कि किसान हित में दो नई योजनाओं में छत्तीसगढ़ के तीन जिलों जशपुर, कोरबा और दंतेवाड़ा को भी शामिल किया गया है। इसके लिए मैं छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ जनता की ओर से विशेष रूप से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी  और केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने इन दो नई योजनाओं के लिए प्रदेश के किसानों को बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इन योजनाओं से खेती-किसानी की तस्वीर बदलेगी और आर्थिक सम्पन्नता भी आएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने योजनाओं के शुभारंभ के अवसर पर कृषि विभाग द्वारा लगाए गए स्टालों का निरीक्षण किया और कृषि अभियांत्रिकी सब मिशन योजना के तहत किसानों को टैªक्टरों, कृषि उपकरणों की चाबी भी सौपी और अनुदान राशि का चेक प्रदान किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने टैªक्टर पर बैठकर किसानों का उत्साहवर्धन किया।  मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान का बोलबाला है। जीएसटी में बड़ा रिफॉर्म हुआ है। जीएसटी रिफॉर्म के बाद एक दिन मैं एक ट्रैक्टर शो रूम में गया, यहां आकर मुझे पता चला कि एक ट्रैक्टर के पीछे 40,000 से 60,000 तक की राशि बचत हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टॉल देखने के दौरान यहां मुझे एक किसान भाई मिले जिन्होंने हार्वेस्टर खरीदा, उन्हें एक लाख रुपए से भी अधिक की भी बचत का फ़ायदा मिला। यह देखकर बड़ी ख़ुशी होती है कि हमारे किसान भाइयों को इतना फायदा मिल रहा है। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि सरकार छत्तीसगढ़ में किसानों के विकास के लिए लगातार प्रयासरत है। किसानों से किया हर वादा हमने पूरा कर दिया है। 3100 रुपए प्रति क्विंटल में धान की खरीदी, दो साल का बकाया बोनस भुगतान किया। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ने किसानों को प्राथमिकता में लेते हुए राज्य में 1500 से अधिक सिंचाई योजनाओं को दुरुस्त करने के लिए एकमुश्त 2800 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कृषि योजनाओं के मजबूतीकरण के लिए कई अहम कार्य हुए। किसान क्रेडिट कार्ड इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ज्यादातर सीमांत किसान हैं, उन्हें सरकार की कृषि हितैषी योजनाओं का बड़ा लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए सतत प्रयासरत है और यह योजना उसी दिशा में एक ठोस पहल है। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के अध्यक्ष चन्द्रहास चंद्राकर, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष भरत मटियारी और गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष विशेषर सिंह पटेल, जिला पंचायत रायपुर के अध्यक्ष नवीन अग्रवाल, सदस्य सौरभ साहेब, कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार, रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह, कृषि संचालक राहुल देव, राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम एमडी अजय अग्रवाल, उद्यानिकी विभाग के संचालक एस. जगदीशन राव, मत्स्य विभाग के संचालक नाग सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे।