Author name: Ek Janta Ki Awaaz

NAMTECH: 10,000 youth in Chhattisgarh will now learn modern technology every year, major changes will come to ITI colleges, Chief Minister Vishnudev Sai visited NAMTECH College in Gujarat.
Education

NAMTECH : अब छत्तीसगढ़ में हर साल 10,000 युवा सीखेंगे आधुनिक तकनीक, आईटीआई कॉलेजों में आएगा बड़ा बदलाव, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुजरात के NAMTECH कॉलेज का किया दौरा

रायपुर, 10 नवम्बर। NAMTECH : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज गुजरात के गांधीनगर स्थित NAMTECH का भ्रमण किया। यह संस्थान मैन्युफैक्चरिंग, इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी की पढ़ाई को नवीन और आधुनिक तरीके से सिखाने के लिए जाना जाता है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गुजरात महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पवित्र भूमि है, जिसने पूरे देश को विकास, आत्मनिर्भरता और नवाचार का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ में भी ऐसे संस्थान स्थापित हों, जहाँ युवाओं को आधुनिक तकनीक और औद्योगिक प्रशिक्षण का अवसर मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को स्वरोजगार, तकनीकी ज्ञान और उद्योगों से जोड़ने की दिशा में तेज़ी से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कॉलेज पहुंचकर वहाँ की शिक्षण पद्धति, आधुनिक प्रयोगशालाएँ और तकनीकी सुविधाएँ ध्यानपूर्वक देखीं। उन्होंने छात्रों से बातचीत की और यह जाना कि वे किस प्रकार प्रोजेक्ट्स और मशीनों पर कार्य करते हुए व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से उनके अनुभवों और भविष्य की योजनाओं के बारे में भी चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि अब राज्य के आईटीआई कॉलेजों को इस तरह विकसित करने की योजना है, जिससे युवाओं को स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन जैसी नई तकनीकों की जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के कॉलेजों में आधुनिक मशीनें और डिजिटल प्रशिक्षण सुविधाएँ शुरू की जाएंगी, ताकि छात्र पढ़ाई के साथ-साथ वास्तविक कार्य कौशल भी विकसित कर सकें। NAMTECH कॉलेज के प्रबंधन ने मुख्यमंत्री श्री साय को अवगत कराया कि गुजरात में उन्होंने एक ऐसा मॉडल अपनाया है, जिसके अंतर्गत कॉलेजों को आपस में जोड़कर शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाया गया है। वहाँ के छात्र अब नई तकनीक सीखकर सीधे उद्योगों में काम करने में सक्षम हो रहे हैं। कॉलेज प्रबंधन ने यह भी बताया कि वे छत्तीसगढ़ में भी इसी प्रकार सहयोग करने के इच्छुक हैं, ताकि राज्य के आईटीआई कॉलेज भी आधुनिक बन सकें। योजना है कि कुछ कॉलेजों को जोड़कर एक नेटवर्क मॉडल तैयार किया जाए, जहाँ एक कॉलेज नई तकनीक में दक्ष हो और वही ज्ञान अन्य कॉलेजों तक पहुँचाए। यह नया मॉडल छत्तीसगढ़ में लागू होने से हर वर्ष लगभग 10,000 से अधिक युवाओं को नई तकनीक और आधुनिक उद्योगों से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकेगा। इससे छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ वास्तविक कार्य अनुभव प्राप्त होगा। वे मशीनों, ऑटोमेशन और नई इंजीनियरिंग विधियों की गहराई से समझ विकसित कर सकेंगे। इस प्रकार उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे और वे देश के बड़े औद्योगिक प्रोजेक्ट्स में कार्य करने के लिए तैयार हो सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने में छत्तीसगढ़ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा, “युवा छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी ताक़त हैं। छत्तीसगढ़ अब ऐसे युवाओं को तैयार कर रहा है, जो नई सोच और आधुनिक तकनीक के साथ विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत की दिशा में आगे बढ़ेंगे।” इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के सचिव एस. भारतीदासन तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

Bastar: From the sound of guns to the fragrance of fruits and flowers, Bastar's miraculous transformation through vegetable and fruit cultivation.
Chhattisgarh

Bastar : बंदूक की गूंज से फलों और फूलों की महक तक का सफर, बस्तर में साग-सब्जी, फलों की खेती से चमत्कारिक बदलाव

रायपुर, 10 नवम्बर।Bastar : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की नक्सल उन्मूलन की नीतियों और किसानों की आय बढ़ाने वाली योजनाओं ने बस्तर में विकास की नई इबारत लिख दी है। बस्तर के किसानों ने पारंपरिक धान, सरसों की खेती के साथ-साथ अब साग-सब्जी, फल, फूल की खेती से भी फायदा लेना शुरू कर दिया है। अब बस्तर में गोलियों की गूंज की जगह फलों और फूलों की खुशनुमा महक बिखर रही है। बस्तर में यह बदलाव कोई संयोग नहीं, बल्कि मेहनत, नवाचार और दूरदर्शिता का परिणाम है। वर्ष 2001-02 में सब्जियों की खेती महज 1,839 हेक्टेयर में सिमटी थी और उत्पादन केवल 18,543 मीट्रिक टन था। आज वही इसमें लगातार वृद्धि हुई है जिसका परिणाम है की अब सब्जियों का रकबा 12,340 हेक्टेयर चुका है और उत्पादन 1.90 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच चुका है। बस्तर विश्व पटल पर एक ऐसा नाम जो कभी नक्सल की काली छाया और पिछड़ेपन की गहरी खाई में डूबा माना जाता था, आज वह बस्तर कृषि के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक परिवर्तन का साक्षी बन रहा है। छत्तीसगढ़ के इस आदिवासी बहुल इलाके में अब पारम्परिक खेती के स्थान पर टमाटर और मिर्च की खेती न केवल आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रही है, बल्कि पड़ोसी राज्यों के बाजारों तक अपनी पहुंच भी बना रही है। अब बस्तर की मिट्टी में ड्रैगन फ्रूट की लालिमा, अमरूद की मिठास, चकोतरा की ताजगी, पपीते का रस और मिर्च की तीखापन खेतों में लहलहा रहे हैं। वे फल एवं मसाले जो कभी यहां उत्पादित नहीं हुए अनुकूल वातावरण और वैज्ञानिक सलाह से विकास की नई गाथा लिख रहे हैं। बस्तर में फलों की बगिया 643 हेक्टेयर से बढ़कर 14,420 हेक्टेयर तक पहुंच गई है एवं उत्पादन 4,457 मीट्रिक टन से बढ़कर 64,712 मीट्रिक टन हो गया। यहां के किसानों द्वारा राज्य निर्माण के पूर्व कभी व्यापारिक स्तर पर फूलों की खेती नहीं की गयी थी आज वहां 207 हेक्टेयर में 13 सौ मीट्रिक टन फूलों का उत्पादन हो रहा है। इसी प्रकार मसाले इस क्षेत्र में सीमित मात्रा में उत्पादित होते थे अब 11 सौ हेक्टेयर से 9,327 मीट्रिक टन मसालों का उत्पादन यहां हो रहा है। औषधीय एवं सुगंधित पौधे जो कभी सीमित मात्रा में होते थे उनका भी किसानों द्वारा 66 सौ मीट्रिक टन से अधिक का उत्पादन किया जा रहा है। इस हरित क्रांति में शासन की योजनाओं एवं आधुनिक तकनीक से आमूल चूल परिवर्तन दिखाई दिए हैं। एक ओर जहां किसानों को रियायती दरों पर आदान समाग्री प्राप्त हुई है वहीं शेडनेट योजना, प्रधानमंत्री सूक्ष्म सिंचाई योजना, राष्ट्रीय बागबानी मिशन से किसानों का उद्यानिकी फसलों की ओर रुझान बढ़ा है। जिसका मुख्य कारण लगातार तकनीकी मार्गदर्शन और सहायतासे है। जिससे किसानों ने लाभ लेकर जिले में 3.80 लाख वर्गमीटर क्षेत्र में शेडनेट हाउस लगाए गए हैं, करीब 19 हजार वर्गमीटर में पॉली हाउस, शेडनेट द्वारा 1.47 लाख वर्गमीटर में हाईब्रिड बीज भी तैयार किए जा रहे हैं जिनके लिए उन्हें शासन द्वारा अनुदान भी प्राप्त हुआ है।जगदलपुर के आसना में प्लग टाइप वेजिटेबल सीडलिंग यूनिट भी स्थापित है जो रोग-मुक्त पौधे न्यूनतम कीमत पर किसानों को मुहैय्या करवा रहे हैं। सिंचाई के क्षेत्र में भी लगभग 3.5 हजार हेक्टेयर में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम बिछाकर पानी की हर बूंद को सोना बनाया जा रहा है। ऑयल पाम योजना के तहत 735 हेक्टेयर में 499 किसानों द्वारा आधुनिक तरीकों से पाम की खेती की जा रही है वहीं बास्तानार में 58.64 हेक्टेयर में विशेष रूप से कॉफी एवं 20 हेक्टेयर में ड्रैगन फ्रूट की कृषि की जा रही है। बस्तर की यह यात्रा आंकड़ों से कहीं आगे है, यह उन सैकड़ों किसानों की मुस्कान है, जो कभी बादलों के रहम पर जीते थे और आज तकनीक, प्रशिक्षण और सरकार की योजनाओं के सहारे अपने सपने बुन रहे हैं। माओवादियों की बंदूकें अब खामोश हैं, और खेतों में नई फसलें गुनगुना रही है। बस्तर के लोग अब आजीविका के समुचित साधनों के जरिए जीवन-यापन को बेहतर करने सहित खिलखिला रह रहे हैं।

Investor Connect: An 'Investor Connect' event will be held in Ahmedabad on November 11, showcasing investment opportunities in the textile, pharma, food processing and electronics sectors.
Business

Investor Connect : 11 नवंबर को अहमदाबाद में होगा ‘इन्वेस्टर कनेक्ट’ कार्यक्रम, टेक्सटाइल, फार्मा, फूड प्रोसेसिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में निवेश के अवसरों की होगी प्रस्तुति

रायपुर, 10 नवंबर। Investor Connect : उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, छत्तीसगढ़ द्वारा 11 नवंबर को अहमदाबाद में “इन्वेस्टर कनेक्ट” कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य गुजरात के उद्योग जगत के साथ औद्योगिक साझेदारी को मज़बूत करना और दोनों राज्यों के बीच निवेश व व्यापारिक अवसरों का विस्तार करना है। यह आयोजन छत्तीसगढ़ के बढ़ते औद्योगिक इकोसिस्टम, प्रगतिशील औद्योगिक नीतियों और निवेश-अनुकूल प्रशासनिक ढांचे को प्रदर्शित करेगा। राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी इस मौके पर विभिन्न सेक्टरों में निवेश की संभावनाओं, निवेशकों के लिए प्रोत्साहन योजनाओं, लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर की विशेषताओं पर प्रस्तुति देंगे। इस पहल के ज़रिए उद्योग स्थापित करना और संचालित करना पहले से अधिक सरल, तेज़ और लाभदायक बनाया जा रहा है। कार्यक्रम की मुख्य विशेषता निवेशकों और राज्य सरकार के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के बीच वन-ऑन-वन बिज़नेस मीटिंग्स रहेंगी। इन चर्चाओं का फोकस टेक्सटाइल, फार्मास्यूटिकल्स, फूड प्रोसेसिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने पर रहेगा – जहाँ छत्तीसगढ़ ने नवाचार और प्रोत्साहनों से प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल की है। राज्य सरकार इस अवसर पर प्रमुख निवेशकों को “इनविटेशन टू इन्वेस्ट लेटर” भी प्रदान करेगी, जिससे परियोजना स्वीकृति और औद्योगिक सहयोग की प्रक्रियाओं को त्वरित और सुगम बनाया जा सके। उल्लेखनीय है कि इससे पहले छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट के सफल आयोजन दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, बस्तर और रायपुर में हो चुके हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से सिर्फ दस महीनों में ₹7.5 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जो राज्य की तेज़, स्थिर और निवेशक-केंद्रित शासन प्रणाली पर बढ़ते विश्वास का प्रमाण है। नवाचार, स्थायित्व और इज ऑफ डूइंग बिज़नेस पर फोकस के साथ छत्तीसगढ़ आज भारत के हृदयस्थल में एक उभरता हुआ औद्योगिक केंद्र बन गया है। राज्य में मैन्युफैक्चरिंग, नवीकरणीय ऊर्जा, फूड टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मा जैसे क्षेत्रों में निवेश की असीम संभावनाएँ हैं। पारदर्शी प्रणालियाँ, तैयार इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेशकों के लिए सहयोगी माहौल छत्तीसगढ़ को लंबे समय के लिए एक विश्वसनीय और आकर्षक निवेश गंतव्य बनाते हैं।

CM Announcement: Chief Minister attends Kalchuri Kalar Samaj convention, announces construction of 100-bed hospital and community hall at Ratanpur at a cost of Rs 1 crore
Chhattisgarh

CM Announcement : कल्चुरी कलार समाज के सम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री, रतनपुर में 100 बिस्तर अस्पताल एवं 1 करोड़ रुपए की लागत से सामुदायिक भवन निर्माण की घोषणा

रायपुर, 09 नवम्बर। CM Announcement : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज बिलासपुर जिले के रतनपुर में आयोजित कल्चुरी कलार समाज के महासम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने भगवान सहस्रबाहु एवं बहादुर कलारीन दाई की पूजा-अर्चना कर विशाल सम्मेलन का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि धार्मिक नगरी रतनपुर के समग्र विकास के लिए केंद्र सरकार की प्रसाद योजना के अंतर्गत 200 करोड़ रुपए की कार्ययोजना स्वीकृति के लिए भेजी गई है, जिसकी जल्द स्वीकृति की संभावना है। उन्होंने रतनपुर में 100 बिस्तर वाले अस्पताल की स्थापना तथा कल्चुरी समाज के सामुदायिक भवन के निर्माण हेतु 1 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत करने की घोषणा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने की। इस अवसर पर संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल, विधायक धरमलाल कौशिक, अमर अग्रवाल, सुशांत शुक्ला, अटल श्रीवास्तव, संगीता सिन्हा, जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश सूर्यवंशी, क्रेडा अध्यक्ष भूपेन्द्र सवन्नी, योग आयोग के अध्यक्ष रूपनारायण सिन्हा, एवं महापौर श्रीमती पूजा विधानी विशेष रूप से उपस्थित थीं। मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कल्चुरी राजवंश ने रतनपुर सहित देश के अनेक हिस्सों में लगभग 1200 वर्षों तक शासन किया। उनके शासनकाल में प्रजा सुखी और देश समृद्ध था। उन्होंने कहा कि मां महामाया की कृपा से छत्तीसगढ़ में तीव्र गति से विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ देश के मध्य में स्थित एक समृद्ध राज्य है, जो खनिज, वन एवं जल संसाधनों से परिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रदेशवासियों को साथ लेकर राज्य को और अधिक प्रगति के मार्ग पर ले जाएगी। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार को मात्र 22 माह हुए हैं, और इतनी कम अवधि में भी मोदी की गारंटी के रूप में किए गए लगभग सभी बड़े वादे पूरे किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश को नया और शक्तिशाली भारत बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि किसानों से किए गए वादे के अनुरूप सरकार 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी कर रही है। उन्होंने कहा कि महतारी वंदन योजना के तहत राज्य की लगभग 70 लाख महिलाओं को प्रति माह 1,000 रुपए की राशि प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल समस्या से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। नक्सल प्रभावित ग्रामों में विकास कार्यों को तीव्र गति से प्रारंभ किया गया है। पिछले कुछ महीनों में बस्तर के अनेक ग्रामों को पुनः विकास की मुख्यधारा से जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई उद्योग नीति को देशभर में सराहना मिली है। अब तक 7.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और सेमीकंडक्टर उद्योगों की स्थापना का कार्य आरंभ हो चुका है। नई नीति में रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी गई है, और अधिक रोजगार देने वाले उद्योगों को विशेष रियायतें दी जा रही हैं। उन्होंने प्रदेश के सभी नागरिकों से इन नीतियों का लाभ उठाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सरकार ने विजन डॉक्यूमेंट-2047 जारी किया है। इसमें निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग की भागीदारी आवश्यक है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि रतनपुर कल्चुरी शासन का प्रमुख केंद्र रहा है। लगभग 1200 वर्षों तक देश के विभिन्न भागों में कल्चुरियों ने शासन किया। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार में विकास कार्यों की गति अत्यंत तीव्र है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जायसवाल ने कहा कि कल्चुरी समाज के पूर्वजों द्वारा किए गए जनहितकारी कार्यों को राज्य सरकार आगे बढ़ा रही है। कल्चुरियों ने अपने काल में तालाब, सड़कें और सिंचाई परियोजनाएं बनवाई थीं — आज की सरकार भी उन्हीं परंपराओं को प्राथमिकता से आगे बढ़ा रही है। उन्होंने नवा रायपुर में एक चौक का नाम भगवान सहस्रबाहु के नाम पर रखने के लिए मुख्यमंत्री साय के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति सामाजिक समरसता की प्रतीक है और सभी समाजों के ईष्टदेवों के प्रति समान आदर का भाव रखती है। कार्यक्रम में कल्चुरी कलार समाज के मोहित जायसवाल ने स्वागत भाषण दिया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मां महामाया मंदिर में की विधिवत पूजा-अर्चना महासम्मेलन में शामिल होने से पूर्व मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मां महामाया मंदिर में दर्शन कर विधिवत पूजा-अर्चना और आरती की। उन्होंने छत्तीसगढ़ की खुशहाली और समृद्धि की कामना करते हुए मां महामाया का आशीर्वाद लिया।

Public Works Department: The Bridge Division, Ambikapur, is currently constructing three high-level bridges. The bridge construction will strengthen connectivity in rural areas and accelerate transportation, education, health, economic and social development.
Chhattisgarh

Public Works Department : सेतु संभाग अम्बिकापुर द्वारा तीन उच्चस्तरीय पुलों का निर्माण कार्य जारी, पुल निर्माण से ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क होगा मजबूत, आवागमन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक और सामाजिक विकास को मिलेगी गति

रायपुर, 09 नवम्बर। Public Works Department : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशन में शासन द्वारा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सडक मार्गों के सुदृढ़ीकरण के लिए लोक निर्माण विभाग (सेतु संभाग) अम्बिकापुर के माध्यम से कई महत्वपूर्ण सेतु निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। इन कार्यों के पूर्ण होने से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क सुदृढ़ होगा, बल्कि आवागमन सुगम होने के साथ-साथ आर्थिक एवं सामाजिक विकास को भी गति मिलेगी। लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग अम्बिकापुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला सरगुजा में शासन द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त तीन उच्चस्तरीय पुलों का निर्माण कार्य वर्तमान में प्रगति पर है। विधानसभा सीतापुर के अंतर्गत विकासखण्ड बतौली में रजपुरी से भूसू मार्ग पर डोमनी नाला पर उच्चस्तरीय पुल एवं पहुंच मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना की लागत 222.61 लाख रुपये है तथा पुल की लम्बाई 60 मीटर होगी। पुल बनने से आसपास के ग्रामीणों को आवागमन में सुविधा मिलेगी और वर्षा ऋतु में आवागमन बाधित नहीं होगा। विधानसभा लुण्डा के अंतर्गत विकासखण्ड लुण्डा में ग्राम गगोली से घघरी मार्ग पर मछली नदी पर उच्चस्तरीय पुल एवं पहुँच मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। इस कार्य की लागत 545.54 लाख रुपये है तथा पुल की लम्बाई 72 मीटर निर्धारित है। इस पुल के निर्माण से स्थानीय ग्रामीणों, विद्यार्थियों एवं किसानों को सुगम यातायात की सुविधा प्राप्त होगी। विधानसभा सीतापुर के विकासखण्ड बतौली में चलता से हर्रामार मार्ग पर माण्ड नदी पर उच्च स्तरीय पुल एवं पहुँच मार्ग के रूप में किया जा रहा है। इस परियोजना की लागत 889.86 लाख रुपये तथा लम्बाई 168 मीटर है। यह पुल क्षेत्र के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग साबित होगा, जिससे शिक्षा , स्वास्थ्य, व्यवसायिक गतिविधियों में भी वृद्धि होगी। लोक निर्माण विभाग द्वारा सभी कार्यों की नियमित रूप से निगरानी की जा रही है तथा गुणवत्ता मानकों का विशेष ध्यान रखते हुए निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण कराए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इन पुलों के निर्माण से सरगुजा जिले के दूरस्थ अंचलों के ग्रामीण क्षेत्रों को मुख्य सड़कों से जोड़ने में सहायता मिलेगी, जिससे आवागमन, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आर्थिक गतिविधियों में व्यापक सुधार होगा।

CM Skill Development: Governor Ramen Deka honored students and lakhpati didis
Chhattisgarh, Education

CM Skill Development : राज्यपाल रमेन डेका ने विद्यार्थियों और लखपति दीदियों को किया सम्मानित

रायपुर, 09 नवंबर। CM Skill Development : राज्यपाल रमेन डेका ने आज यहां राजभवन में खैरगढ़-छुईखदान-गण्डई जिले के गोद ग्राम-सोनपुरी के उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्यार्थियों एवं लखपति दीदियों को सम्मानित किया। राज्यपाल ने उन्हें अपने हाथों से प्रमाण पत्र दिया। राज्यपाल डेका ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत विभिन्न कौशल क्षेत्रों में प्रशिक्षण ले रहे विद्यार्थियों से बातचीत कर उन्हें अच्छे से अध्ययन करने और स्किल सीख कर आगे बढ़ने की शुभकामनाएं दी। उन्होंने लखपति दीदियों से चर्चा कर उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी ली। लखपति दीदियों ने जैविक खेती, ड्रोन के माध्यम से किये जा रहे कार्यो की जानकारी दी। सम्मान समारोह में राज्यपाल के गोदग्राम सोनपुरी के विद्यार्थी खुसाल वर्मा, कपिल वर्मा, टोपसिंग, पिमला वर्मा, खुशी, प्रिया वर्मा, पूूजा, विनीता यादव को प्रमाण पत्र दिया गया। साथ ही जैविक कृषि सखी श्रीमती राधा वर्मा, ड्रोन दीदी सवित्री साहू, स्वच्छग्राही गोदावरी और निता वर्मा को सम्मान प्रमाण पत्र दिया गया।

Biofuel Expo: ₹3,500 crore being invested in biofuel production in Chhattisgarh, CBDA organizing Biofuel Expo and Seminar
Business, Chhattisgarh

Biofuel Expo : छत्तीसगढ़ में जैव ईंधन के उत्पादन में 3,500 करोड़ रुपये का हो रहा निवेश, सीबीडीए द्वारा बायोफ्यूल एक्सपो तथा सेमीनार का आयोजन

रायपुर, 09 नवम्बर। Biofuel Expo : छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण द्वारा राजधानी रायपुर में बायोफ्यूल एण्ड बायो एनर्जी एक्सपो का आयोजन 7 से 9 नवंबर तक स्थानीय श्रीराम बिजेनस पार्क में किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल रोडमैप विजन 2024-29 पर आयोजित सेमीनार में बायोफ्यूल तकनीक पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण के सीईओ सुमित सरकार ने छत्तीसगढ़ की जैव ईंधन रोडमैप की चर्चा करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य को बायोफ्यूल के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की पहल की जा रही है। सीईओ सुमित सरकार ने बताया कि छत्तीसगढ़ में निजी कंपनियों ने छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति 2024-2030 के अनुरूप, लगभग 3,500 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। गेल और बीपीसीएल जैसी ओजीएमसी ने विभिन्न यूएलबी में 8 एमएसडब्ल्यू/बायोमास आधारित संपीड़ित बायोगैस संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ओएनजीसी ग्रीन और एचपीसीएल ग्रीन वर्तमान में सीबीजी उत्पादन इकाइयाँ स्थापित करने के लिए विभिन्न स्थानों का सर्वेक्षण कर रही हैं। राज्य में चावल, मक्का और चने के अवशेषों का उपयोग करके बायोएथेनॉल और कम्प्रेस्ड बायोगैस बनाने के लिए फीडस्टॉक-आधारित परीक्षण किया जा रहा हैं। इसके साथ ही कृषि अपशिष्ट को सब्सट्रेट के रूप में उपयोग करके एंजाइम उत्पादन परीक्षण और नए माइक्रोबियल स्ट्रेन का संवर्धन हो रहा है। उन्होंने बताया कि बायो-विमानन ईंधन के क्षेत्र में सीबीडीए अब बायोमास-आधारित हाइड्रोजन के उत्पादन की तैयारी कर रहा है, जिसका उपयोग बाद में हाइड्रोप्रोसेस्ड एस्टर और फैटी एसिड तकनीक के माध्यम से एसएएफ उत्पादन के लिए किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में अधिशेष चावल को प्राथमिक फीडस्टॉक के रूप में उपयोग करके बायोएथेनॉल उत्पादन के लिए पहले ही एक मानक संचालन प्रक्रिया विकसित कर ली है। हाल ही में, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई), कानपुर के सहयोग से, सीबीडीए बायोफ्यूल कॉम्प्लेक्स स्थल, ग्राम गोढ़ी, जिला दुर्ग में एक वैकल्पिक फीडस्टॉक स्थापित करने के लिए चुकंदर की खेती पर परीक्षण शुरू किया है। अगला कदम इथेनॉल उत्पादन के लिए इसकी क्षमता का परीक्षण करना है, जिससे भारत के 20 प्रतिशत मिश्रण लक्ष्य और उससे आगे की उपलब्धि में सहायता मिलेगी, जिससे इस पहल की निरंतर सफलता सुनिश्चित होगी। इस सेमीनार में गैल के सीजीएम श्री मोहम्मद नजीब कुरैशी और डीजीएम जितेन्द्र पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन के पाइप लाईन नेटवर्क के बारे में जानकारी दी। बीपीसीएल के डीजीएम श्री संजय ठाकुर ने छत्तीसगढ़ में कम्प्रेस बायोगैस की संभावनाओं के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया। इसी प्रकार रिलायंस इंडस्ट्रीज के डीजीएम श्री सुशील वर्मा ने धान से कम्प्रेस बायोगैस उत्पादन के बारे में जानकारी दी। इसी प्रकार आरईवीवाय के इन्वारमेंटल साल्यूशन प्रा.लि. के फाउंडर डायरेक्टर डॉ. वनिता प्रसाद ने बायोगेस प्लांट के संचालन, एट्रीएम इनोवेशन प्रा.लि. पुणे के डायरेक्टर राजेश दाते ने एनोरोबिक काम्पोस्टिंग सिस्टम, इंग्रोटेक एक्वा इंजीनियर्स प्रा.लि. संबलपुर के मैनेजिंग डायरेक्टर सुकांत कुमार मेहेर ने एसटीपी प्लांट से कम्प्रेस बायोगैस की उत्पादन की संभावनाओं और एईसी एग्रीटेक प्रा.लि. के सीईओ जितेन्द्र नारायण ने कम्प्रेस बायोगैस पॉलिसी, प्रोक्योरमेंट और प्राइसिंग के बारे में जानकारी दी।

Courtesy Meet: World Cup winning Indian women's cricket team's physiotherapist Akanksha Satyavanshi met the Chief Minister, the state government is working with commitment to promote sports talent - Chief Minister
Chhattisgarh

Courtesy Meet : वर्ल्ड कप विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम की फिजियोथेरेपिस्ट आकांक्षा सत्यवंशी ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात, खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कर रही है कार्य – मुख्यमंत्री

रायपुर, 09 नवंबर। Courtesy Meet : “छत्तीसगढ़ मेरी जन्मभूमि और कर्मभूमि है। यहीं की मिट्टी, यहां के लोग, यहां की शिक्षा और संस्कारों ने मुझे यह मुकाम हासिल करने की ताकत दी है।”यह कहना था विश्वकप विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम की फिजियोथेरेपिस्ट और छत्तीसगढ़ की बेटी आकांक्षा सत्यवंशी का, जिन्होंने आज मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से सौजन्य मुलाकात कर अपनी खुशियां साझा कीं। मुख्यमंत्री श्री साय ने आकांक्षा को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “आपकी सफलता पूरे छत्तीसगढ़ की सफलता है। महिला क्रिकेट टीम के वर्ल्ड कप अभियान में छत्तीसगढ़ की बेटी के शामिल होने से प्रदेशवासियों को यह महसूस हुआ कि हम सभी इस जीत में सहभागी हैं।”इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आकांक्षा को मेडल पहनाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आकांक्षा सत्यवंशी की उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि “आपने यह सिद्ध कर दिया है कि छत्तीसगढ़ की बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। आपकी सफलता आने वाली पीढ़ियों की बेटियों को प्रेरित करेगी।”उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खेल, शिक्षा और कौशल विकास के अवसरों को विस्तार देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि और भी युवा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार खेल अलंकरण सम्मान को पुनः प्रारंभ कर रही है। साथ ही, ओलंपिक में शामिल होने वाले और पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को विशेष प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सुदूर अंचलों की खेल प्रतिभाओं को मंच देने के लिए ‘बस्तर ओलंपिक’ जैसे आयोजनों को निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य अपने खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएं उपलब्ध कराना है, जिसके लिए कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। फिजियोथेरेपिस्ट आकांक्षा सत्यवंशी ने मुख्यमंत्री के साथ इस ऐतिहासिक जीत की खुशी साझा करते हुए कहा, “वर्ल्ड कप जीतना भारतीय महिला टीम की सफलता के साथ ही छत्तीसगढ़ का भी सम्मान है। मुझे गर्व है कि मैं अपने प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए इस जीत में योगदान दे पाई।” उन्होंने बताया कि यद्यपि वे मैदान में सक्रिय खिलाड़ी के रूप में नहीं थीं, लेकिन खिलाड़ियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, फिटनेस और रिकवरी को बनाए रखने की जिम्मेदारी उनकी रही।“मैं अपनी टीम के साथ हमेशा चट्टान की तरह खड़ी रही। यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मैं टीम को जीत तक पहुंचाने की यात्रा में साथ रही।” आकांक्षा ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि “यदि लक्ष्य सच्चा हो और मेहनत ईमानदारी से की जाए, तो आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता — बस ज़रूरत है निरंतर प्रयास और आत्मविश्वास की।” इस अवसर पर आकांक्षा ने मुख्यमंत्री को भारतीय महिला टीम की जर्सी भेंट की और वर्ल्ड कप अभियान की कुछ रोचक यादें साझा कीं। नियमित दिनचर्या, संयमित खानपान और योग — फिट रहने का मंत्र फिजियोथेरेपिस्ट आकांक्षा ने मुख्यमंत्री के साथ खिलाड़ियों की फिटनेस पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ महिला क्रिकेट टीम की मुलाकात का उल्लेख करते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री हमेशा कहते हैं कि खेल जीवनशैली का हिस्सा होना चाहिए, और यह हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। फिटनेस को लेकर उनकी सीख हर किसी को स्वस्थ और ऊर्जावान जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है।” आकांक्षा ने मुख्यमंत्री से उनके फिटनेस का रहस्य पूछा, जिस पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा —“हम सभी प्रधानमंत्री से प्रेरित हैं। उनकी सक्रियता, ऊर्जा और अनुशासन से हम सीखते हैं। संतुलित आहार, योग और नियमित दिनचर्या ही फिट रहने का मेरा मंत्र है।” उल्लखेनीय है कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम की वर्ल्ड कप जीत में छत्तीसगढ़ की बेटी आकांक्षा सत्यवंशी बतौर फिजियोथेरेपिस्ट और स्पोर्ट्स साइंस विशेषज्ञ टीम के साथ रहीं और खिलाड़ियों की फिटनेस व मानसिक मजबूती को बनाए रखने में अहम योगदान दिया।आकांक्षा सत्यवंशी ने बतौर फिजियोथेरेपिस्ट और स्पोर्ट्स साइंस एक्सपर्ट, भारतीय टीम का हिस्सा बनकर खिलाड़ियों की फिटनेस, रिकवरी और प्रदर्शन को सर्वोच्च स्तर पर बनाए रखने में उल्लेखनीय योगदान दिया है।इस उपलब्धि को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने आकांक्षा को 10 लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान करने की घोषणा की है। दुर्ग में जन्मी आकांक्षा का परिवार रायपुर में निवासरत है, जबकि उनका पैतृक गांव कवर्धा है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा और फिजियोथेरेपी में बैचलर की पढ़ाई छत्तीसगढ़ में पूरी की, जबकि मास्टर्स डिग्री कटक से प्राप्त की। पढ़ाई के दौरान ही उनका झुकाव खेल और फिजियो साइंस के प्रति स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा था। साल 2019 में आकांक्षा ने छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट टीम (CSCS) के साथ बतौर फिजियोथेरेपिस्ट अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की। केवल छह वर्षों के छोटे से सफर में उन्होंने अपने समर्पण, मेहनत और प्रोफेशनलिज़्म के बल पर राष्ट्रीय खेल जगत में विशेष पहचान बनाई। साल 2022 में उन्हें भारतीय अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम के साथ वर्ल्ड कप अभियान में शामिल किया गया।इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों की फिटनेस मैनेजमेंट, रिकवरी सेशन, मानसिक दृढ़ता और ऊर्जा संतुलन पर विशेष ध्यान दिया, जिसके परिणामस्वरूप टीम ने शानदार प्रदर्शन किया।

PM Awaas: The sensitive initiative of the Vishnudev Sai government has given rural women respect and a new foundation for self-reliance
Chhattisgarh

PM Awaas : विष्णुदेव साय सरकार की संवेदनशील पहल से ग्रामीण महिलाओं को मिला सम्मान और आत्मनिर्भरता का नया आधार

रायपुर, 08 नवम्बर। PM Awaas : प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने पेण्ड्रा जनपद की ग्राम पंचायत दमदम की सुमित्रा कोर्राम जैसी कई गरीब महिलाओं के जीवन में स्थायी बदलाव की कहानी लिखी है। कच्चे घर में रहने से लेकर पक्के आशियाने तक का यह सफर विष्णुदेव साय सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का सशक्त उदाहरण बन गया है। सुमित्रा पहले मिट्टी के घर में रहती थीं, जहां बारिश और ठंड के मौसम में उनका परिवार असुरक्षित महसूस करता था। प्रधानमंत्री आवास योजना से उन्हें पक्का घर बनाने के लिए आर्थिक सहयोग मिला। पंचायत सचिव और ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से घर का निर्माण तय समय में पूरा हुआ। इस दौरान सुमित्रा ने स्वयं मेहनत मजदूरी कर निर्माण में भागीदारी निभाई। मनरेगा के तहत 90 दिन की मजदूरी के रूप में अतिरिक्त आय भी प्राप्त हुई, जिससे परिवार को आर्थिक संबल मिला। सुमित्रा कहती हैं, “अब हमारे पास मजबूत छत है, घर में सुरक्षा और सम्मान दोनों हैं। यह सिर्फ एक घर नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।” अब उनका परिवार मौसम की किसी भी मार से सुरक्षित है और बच्चों के पढ़ने-लिखने के लिए भी बेहतर माहौल मिला है। विष्णुदेव साय सरकार की प्राथमिकता ग्रामीणों के जीवनस्तर में सुधार लाना है। प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे कार्यक्रमों ने छत्तीसगढ़ के हजारों परिवारों को अपना घर देने का सपना साकार किया है। राज्य में आवास निर्माण कार्यों को गति देने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जा रही है, जिससे पात्र हितग्राहियों को बिना देरी के लाभ मिल सके। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण गरीबों को पक्का घर निर्माण के लिए वित्तीय सहायता, निर्माण सामग्री और तकनीकी सहयोग, मनरेगा के तहत मजदूरी एवं रोजगार के अवसर, गाँव के स्तर पर पंचायतों का सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है। विष्णुदेव साय सरकार के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में “हर गरीब के सिर पर मजबूत छत” का लक्ष्य नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है। सुमित्रा कोर्राम जैसी महिलाओं की कहानियां दिखाती हैं कि यह योजना केवल आवास निर्माण तक सीमित नहीं, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत के ग्रामीण स्वप्न को साकार करने की दिशा में मजबूत कदम है।

Jashpur: A major gift from Chief Minister Vishnudev Sai: Bridges will be built over four drains in Jashpur district; 13.69 crore rupees approved
Chhattisgarh

Jashpur : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की बड़ी सौगात, जशपुर जिले में चार नालों पर बनेगा पुल, 13.69 करोड़ की मिली मंजूरी

रायपुर, 08 नवम्बर। Jashpur : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए चार प्रमुख नालों पर पुल निर्माण हेतु 13 करोड़ 69 लाख 21 हजार रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। यह परियोजना ग्रामीण इलाकों में आवागमन को न केवल आसान बनाएगी, बल्कि वर्षा ऋतु में संपर्क मार्गों के बाधित न होने की सुनिश्चितता भी प्रदान करेगी। दुलदुला एल-025 से बनगांव मार्ग के लिए 3.60 करोड़ रू., चटकपुर से बकुना मार्ग के लिए 2.71 करोड़ रू.,  मुड़ाअम्बा मुड़ा नाला पर पुल निर्माण हेतु 2.69 करोड़ रू. और फरसाबहार के रायअम्बा से मकरीबंधा कुसुमनाला पर पुल निर्माण के लिए 4.67 करोड़ रू. की स्वीकृति मिली है। इन पुलों के निर्माण से ग्रामीणों का दैनिक आवागमन, स्थानीय व्यापार, शिक्षा, कृषि और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार संभव होगा। क्षेत्रवासियों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के इस महत्वपूर्ण कदम के लिए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया है। यह परियोजना जशपुर जिले के सामाजिक-आर्थिक विकास में क्रांतिकारी बदलाव लाने में सहायक होगी और बेहतर भविष्य की संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त करेगी।