Author name: Ek Janta Ki Awaaz

Chandra Grahan 2025: Lunar eclipse will occur in Aquarius...! The luck of these 4 zodiac signs will shine... see here when?
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Chandra Grahan 2025 : कुंभ राशि में लगेगा चंद्र ग्रहण…! इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत…यहां देखें कब?

डेस्क रिपोर्ट, 22 अगस्त। Chandra Grahan 2025 : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर, रविवार की रात भारत में दिखाई देगा। यह ग्रहण कुंभ राशि में लगने जा रहा है। भारतीय समय अनुसार यह रात 9 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगा और रात 1 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा। इसकी कुल अवधि लगभग 3 घंटे 28 मिनट रहेगी. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह ग्रहण कई राशियों के लिए बड़े बदलाव लेकर आएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण कुछ राशियों के लिए विशेष रूप से सौभाग्य, सफलता और मानसिक शांति लेकर आएगा। विशेषकर मेष, मिथुन, तुला और धनु राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण बेहद शुभ रहेगा। 1. मेष राशि 2. मिथुन राशि 3. तुला राशि 4. धनु राशि ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या नहीं? क्या करें: क्या न करें: खगोलीय और धार्मिक दृष्टि से विशेष जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक सीध में आते हैं, तब चंद्र ग्रहण होता है। यह न केवल एक खगोलीय घटना है, बल्कि इसका ज्योतिषीय प्रभाव भी गहरा होता है।

Instagram Videos Viral: Kinnar in purple saree and her beauty, gentleness and confidence...! You can also see here
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Instagram Video Viral : पर्पल साड़ी में किन्नर…उसकी खूबसूरती, सौम्यता और आत्मविश्वास…! आप भी देखकर हो जाएंगे फिदा

एंटरटेनमेंट, 22 अगस्त। Instagram Video Viral : एक पर्पल साड़ी पहने किन्नर ट्रेन में यात्रियों से पैसे मांग रही है, लेकिन असल चर्चा उसकी खूबसूरती, सौम्यता और आत्मविश्वास को लेकर है। नेटिजन्स इस किन्नर की खूबसूरती के इस कदर कायल हुए हैं कि कोई से ‘ट्रेन की क्वीन’, तो कोई उसे ‘स्वर्ग की अप्सरा’ कहकर बुला रहा है। यह वीडियो इंस्टाग्राम पर @classy_boy_sahil_2k नाम के अकाउंट से 16 अगस्त को शेयर किया गया था। महज तीन दिनों में इस क्लिप को 6 करोड़ से अधिक बार देखा गया और 15 लाख से ज्यादा लाइक्स मिले। वीडियो में ट्रेन की जनरल बोगी में यह किन्नर पैसों की मांग कर रही है; एक युवक ऊपर की सीट से पैसे देकर उसकी आशीर्वाद लेता है और कैमरे की ओर देखने का निवेदन करता है, जिस पर किन्नर मुस्कुराकर कैमरे की ओर देखती है। किन्नर की खूबसूरती के कायल हुए लोग समाज में आमतौर पर किन्नरों से दूरी बरतने की प्रवृत्ति देखने को मिलती है, लेकिन वीडियो में उनकी सरलता और सुंदरता ने दर्शकों का दिल जीत लिया। नेटिज़न्स ने उन्हें “स्वर्ग की अप्सरा”, “ट्रेन की क्वीन”, “भोजपुरी फिल्मों की हीरोइन” के रूप में पुकारते हुए तारीफ़ की है। कुछ ने तो लिखा कि वह अपनी एक्स से भी खूबसूरत हैं और कुछ हीरोज़ जैसी काया कह रहे हैं। इस वीडियो ने न केवल एक साधारण ट्रेन यात्रा को खास बना दिया, बल्कि दिखाया कि आत्म‑विश्वास और खूबसूरत मुस्कान कितनी बड़ी सामाजिक शक्ति बनकर उभर जाती है, जो अल्प समय में ही इंटरनेट की दुनिया में क्रश बन जाती है।

Divyang Child: 90% Divyang and 100% neglected...! This child from Gariaband is dragged to school... helpless father's pathetic appeal - Sir...! Please help me
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Divyaang Child : 90% दिव्यांग और 100% उपेक्षित…! घसीटते हुए स्कूल जाता गरियाबंद का यह बालक…बेबस पिता की करुण अपील- साहब…! मदद दिला दो

गरियाबंद, 21 अगस्त। Divyaang Child : सरकारें चाहे लाख दावा करें कि वे दिव्यांगजनों के लिए योजनाएं चला रही हैं, लेकिन हकीकत गांवों के आखिरी छोर में बसे जरूरतमंदों की जमीनी हालात देखकर खुद ही कटघरे में खड़ी हो जाती है। ऐसा ही एक मार्मिक उदाहरण है, फिंगेश्वर ब्लॉक के ग्राम रवेली का 13 वर्षीय दिव्यांग बालक मनोज उर्फ पप्पू विश्वकर्मा, जो 90% दिव्यांगता के साथ अपना जीवन घिसट-घिसट कर जी रहा है। नसीब में नहीं सरकारी मदद पप्पू न तो चल सकता है, न बोल सकता है, और न ही अपने दैनिक कामों (Divyaang Child) को खुद कर पाता है। वह मूक है, दोनों हाथ-पैर काम नहीं करते, फिर भी उसके माता-पिता को आज तक सरकार की किसी योजना का लाभ नहीं मिला। पिता राजकुमार विश्वकर्मा, जो एक दिहाड़ी मजदूर हैं, ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर कार्यालय से लेकर जनपद तक दर्जनों बार चक्कर काटे, लेकिन बेटे को न तो दिव्यांग पेंशन, न सहायता उपकरण, और न ही कोई ई-रिक्शा या व्हीलचेयर मिल सकी। बीमारी से कोमा में गया बच्चा, कर्ज लेकर इलाज कराया राजकुमार बताते हैं कि कुछ महीने पहले बेटे की तबीयत अचानक बिगड़ गई। रातों-रात उसे रायपुर के मेकाहारा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा पीलिया जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होकर कोमा में चला गया। पिता की भर्राई आवाज में अपनी पीड़ा बताई- बेटे की जान बचाने के लिए हमें 1 लाख रुपये से ज्यादा कर्ज लेना पड़ा, आज तक हम उसी कर्ज में डूबे हुए हैं। 150 मीटर दूर स्कूल तक घिसटकर जाता है बच्चा सबसे मार्मिक दृश्य तब सामने आता है जब ये मासूम बच्चा घर से 150 मीटर दूर स्कूल तक जमीन पर घिसटते हुए पहुंचता है। वह कक्षा 7वीं में पढ़ रहा है और भविष्य की एक छोटी सी उम्मीद संजोए है। पिता राज कुमार ने कहा, जब मैं उसे खुद घसीटते हुए स्कूल जाते देखता हूं तो मेरा दिल टूट जाता है। राजकुमार ने प्रशासन से हाथ जोड़ कर अपील (Divyang Child) की है, साहब! बच्चे को सरकारी मदद दिला दो… कुछ कर दो… मेरी हैसियत नहीं कि हर दिन घिसट-घिसट कर बेटे का भविष्य बना सकूं।

Newborn Body in Drain: Humanity shamed...! Newborn's body found stuck in the garbage of the drain... sensation spread in the area VIDEO
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Newborn Body in Drain : इंसानियत हुई शर्मसार…! नाले के कचरे में फंसा मिला नवजात का शव…इलाके में फैली सनसनी VIDEO

उधम सिंह नगर, 21 अगस्त। Newborn Body in Drain : उत्तराखंड जिले के आज़ाद नगर, वार्ड नंबर 7 से मानवता को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। ट्रांजिट कैंप क्षेत्र स्थित श्मशान घाट रोड पर एक नाले में नवजात शिशु का शव मिलने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। इस हृदयविदारक दृश्य को देख स्थानीय लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। नाले में तैर रहा था नवजात का शव गुरुवार सुबह स्थानीय लोगों की नजर नाले में तैरते हुए एक छोटे से शव पर पड़ी। पास जाकर देखने पर साफ हुआ कि वह एक नवजात शिशु है। लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को नाले से बाहर निकाला गया। शुरुआती जांच में सामने आए तथ्य पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि नवजात कुछ ही घंटे पहले जन्मा था। शव पर गर्भनाल के निशान और शरीर पर किसी प्रकार के कपड़े नहीं थे। आशंका है कि जन्म के तुरंत बाद ही उसे मरने के लिए नाले में फेंक दिया गया। पुलिस का मानना है कि यह अपराध सामाजिक बदनामी, अविवाहित मां या अनचाहे गर्भ के चलते किया गया हो सकता है। ऐसे मामलों में अक्सर आरोपी पहचान छिपाने के लिए नवजात को छोड़ देते हैं या मार डालते हैं। हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं। फिलहाल पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है, इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, आसपास के अस्पतालों और क्लीनिकों से भी डिलीवरी की जानकारी जुटाई जा रही है। स्थानीय लोगों में आक्रोश घटना के बाद से इलाके में गंभीर आक्रोश और शोक का माहौल (Newborn Body in Drain) है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना मानवता को कलंकित करने वाली है और ऐसे जघन्य अपराधियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। पुलिस पर अब दबाव है कि जल्द से जल्द आरोपी को गिरफ्तार कर इंसाफ दिलाया जाए और ऐसे मामलों पर कड़ा संदेश दिया जाए।

Painful letter from senior SBI clerk Surendra Pal Singh…! Wrote- 'I am tired of daily insults…? Now he is missing, see the letter here
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SBI के वरिष्ठ क्लर्क सुरेंद्र पाल सिंह का दर्द भरा पत्र…! लिखा- ‘रोज की बेइज्जती से थक गया हूं…? अब हुआ लापता यहां देखें Letter

आगरा, 21 अगस्त। SBI : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की छीपीटोला स्थित हाउसिंग लोन शाखा के वरिष्ठ क्लर्क सुरेंद्र पाल सिंह (40 वर्ष) के अचानक लापता होने से हड़कंप मच गया है। 18 अगस्त को घर से निकले सुरेंद्र पाल अपने भांजे को एक पत्र सौंप कर यह कहकर निकले कि वे ‘दवा लेने जा रहे हैं’, लेकिन फिर लौटकर नहीं आए। इससे पहले उन्होंने एक भावुक और दर्द भरा पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने अपने ऊपर बैंक के भीतर हो रहे मानसिक उत्पीड़न और अपमानजनक व्यवहार का विस्तार से जिक्र किया है। क्या लिखा था पत्र में? सुरेंद्र पाल सिंह द्वारा लिखे गए इस पत्र में उन्होंने कहा- “अब मैं और अपशब्द, गाली-गलौज नहीं सुन सकता। रोज की बेइज्जती से बहुत परेशान हो चुका हूं…मेरी मानसिकता जवाब दे चुकी है…अगर कुछ हुआ तो इसके जिम्मेदार एजीएम विक्रम कुमार धेजा होंगे।” उन्होंने आरोप लगाया कि एजीएम विक्रम कुमार धेजा उनके साथ स्टाफ और ग्राहकों के सामने अपमानजनक भाषा और व्यवहार करते थे। पत्र में यह भी उल्लेख है कि, उन पर झूठे आरोप लगाए जाते हैं, वेतन रोकने और अनचाही ट्रांसफर की धमकियां दी जाती हैं। सुरेंद्र पाल ने यह भी लिखा कि वह पहले से ही हाईपरटेंशन, एंग्जाइटी, सर्वाइकल और स्लिप डिस्क जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, ऐसे में इस तरह का मानसिक दबाव असहनीय हो गया है। परिजनों की पीड़ा और पुलिस की कार्रवाई सुरेंद्र पाल के परिजनों का कहना है कि दो दिन बीतने के बावजूद उनका कोई सुराग नहीं लगा है। उन्होंने आगरा पुलिस से एफआईआर दर्ज कराई है और पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार से व्यक्तिगत रूप से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है। उनके भाई मनोज पाल सिंह, जो गुजरात में एक बैंक में कार्यरत हैं, ने भी इसे कार्यस्थल पर मानसिक उत्पीड़न का गंभीर मामला बताते हुए सोशल मीडिया पर अपील की है। डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि, “थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच जारी है और पुलिस हर संभव प्रयास कर रही है कि सुरेंद्र पाल को जल्द से जल्द सुरक्षित ढूंढा जा सके।” मानसिक उत्पीड़न का गंभीर पहलू यह मामला न सिर्फ एक बैंक कर्मचारी (SBI) के लापता होने की चिंता बढ़ाता है, बल्कि कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य, सम्मान और कार्य का माहौल कैसा होना चाहिए, उस पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।

Independence Day: A unique case...! Laddu was not received on 15th August... The person lodged a complaint in the CM helpline... The secretary gave a heart winning reply
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Independence Day : अनोखा मामला…15 अगस्त को नहीं मिला लड्डू…! व्यक्ति ने CM हेल्पलाइन में दर्ज कराई शिकायत…पंचायत सचिव ने दिल जीतने वाला दिया जवाब

भिंड, 21 अगस्त। Independence Day : आमतौर पर सीएम हेल्पलाइन 181 पर नागरिकों की गंभीर समस्याओं को दर्ज किया जाता है, लेकिन भिंड जिले के मछंड क्षेत्र से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जिसने पूरे प्रशासनिक अमले को असहज कर दिया। घटना 15 अगस्त 2025 की है। नौधा गांव में ग्राम पंचायत द्वारा ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित किया गया। ध्वजारोहण के बाद लड्डुओं का वितरण शुरू हुआ, तभी गांव के निवासी कमलेश कुशवाहा ने सिर्फ एक लड्डू मिलने पर नाराज होकर सीधा सीएम हेल्पलाइन 181 पर शिकायत दर्ज करवा दी। क्या हुआ था मौके पर? पंचायत भवन के बाहर खड़े कमलेश कुशवाहा को चपरासी धर्मेंद्र द्वारा एक लड्डू दिया गया। लेकिन कमलेश दो लड्डू की जिद पर अड़े थे। जब धर्मेंद्र ने अतिरिक्त लड्डू देने से मना कर दिया, तो कमलेश ने मौके पर से ही सीएम हेल्पलाइन में कॉल करके शिकायत दर्ज कर दी। शिकायत में उन्होंने कहा कि “ग्राम पंचायत भवन में ध्वजारोहण के बाद लड्डू वितरण नहीं किया गया, और बाहर खड़े लोगों को नजरअंदाज किया गया।” पंचायत सचिव की प्रतिक्रिया जब यह मामला ग्राम पंचायत सचिव रविंद्र श्रीवास्तव तक पहुंचा, तो वह हैरान रह गए। उन्होंने कहा, कमलेश कुशवाहा को एक लड्डू दिया गया था, लेकिन वह दो लड्डू मांग रहे थे। मना करने पर उन्होंने शिकायत कर दी। वह सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करने के लिए कुख्यात हैं और पहले भी कई विभागों में कई दर्जन शिकायतें कर चुके हैं। सचिव श्रीवास्तव ने मुस्कराते हुए कहा कि शिकायत का समाधान निकालने के लिए वे स्वयं 1 किलो लड्डू लेकर कमलेश के पास जाएंगे और माफी मांगेंगे। हमारे लिए गांव में सौहार्द्र और शांति बनाए रखना प्राथमिकता है। कमलेश कुशवाहा का पक्ष कमलेश का कहना है कि, मैंने तो सिर्फ यह पूछना चाहा था कि क्या स्वतंत्रता दिवस पर प्रसाद वितरण की कोई सरकारी नीति है या नहीं, क्योंकि हमें बाहर खड़े होने के कारण लड्डू नहीं दिए गए। पर मेरी बात को शिकायत मान लिया गया। सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय इस “लड्डू विवाद” ने अब सोशल मीडिया पर भी अपनी जगह बना ली है। कुछ लोग इसे “जनता की जागरूकता” बता रहे हैं, तो कुछ इसे “शिकायत का मजाक” बता रहे हैं। जहां देश स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रभक्ति (Independence Day) और बलिदानों को याद कर रहा था, वहीं भिंड के एक गांव में लड्डू का वितरण और उसकी मात्रा प्रशासनिक चर्चा का विषय बन गई। हालांकि यह घटना हल्की-फुल्की है, लेकिन यह भी दर्शाती है कि जनता कितनी जागरूक और अधिकारों को लेकर सतर्क हो चुकी है, चाहे वो एक लड्डू ही क्यों न हो।

Historic Decision in HC: High-paid wife asks for alimony from husband... High Court's clear decision...? See here
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Zero Tolerance : ब्रेकिंग…! गरियाबंद में थाना प्रभारी निलंबित…SP ने की सख्त कार्रवाई…यहां देखें आदेश कॉपी

गरियाबंद, 21 अगस्त । Zero Tolerance : जिले में कानून व्यवस्था और प्रशासनिक अनुशासन को लेकर बड़ी कार्रवाई सामने आई है। गरियाबंद के पुलिस अधीक्षक (SP) निखिल राखेचा ने पाण्डुका थाना प्रभारी जय प्रकाश नेताम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। क्या है मामला? पुलिस सूत्रों के अनुसार, थाना प्रभारी जय प्रकाश नेताम के खिलाफ आम नागरिकों से अवैध रूप से पैसे के लेन-देन और अपने पदीय कर्तव्यों में लापरवाही बरतने की गंभीर शिकायतें मिली थीं। जांच के बाद आरोपों को प्रथम दृष्टया सही पाए जाने पर एसपी निखिल राखेचा ने यह कठोर निर्णय लिया। कहां किया गया अटैच? निलंबन के बाद जय प्रकाश नेताम को रक्षित केंद्र, गरियाबंद में अटैच कर दिया गया है। आगे की विभागीय जांच भी जारी है। इस कार्रवाई को जिले में पुलिस प्रशासन की जवाबदेही और अनुशासन को सुनिश्चित करने की दिशा में एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है। एसपी निखिल राखेचा ने स्पष्ट किया है कि जनता के साथ विश्वासघात करने वाले किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।

Simplicity of IAS: IAS is an example of simplicity...! He reaches office by riding a bicycle...won the hearts of the people...this video surfaced
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Simplicity of IAS : सादगी की मिसाल है IAS…! साइकिल चलाकर पहुंचते हैं ऑफिस…जीता जनता का दिल…सामने आया यह Video

सतना, 21 अगस्त। Simplicity of IAS : सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस वीडियो में एक व्यक्ति साइकिल से सड़क पर जाता नजर आता है। पहली नजर में यह कोई आम दृश्य लगता है, लेकिन जब पता चलता है कि यह शख्स कोई और नहीं बल्कि सतना के कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस हैं, तो लोगों के लिए यह प्रेरणा का विषय बन जाता है। डॉ. सतीश कुमार एस की सादगी और जमीन से जुड़ाव की यह मिसाल लोगों के दिलों को छू गई है। वीडियो में वह बिना किसी सरकारी तामझाम या सुरक्षा व्यवस्था के, आम नागरिक की तरह साइकिल चलाकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचते दिखते हैं। यह पहला मौका नहीं है जब वह चर्चा में आए हों। उनके प्रशासनिक फैसले, सख्त अनुशासन और जनता के प्रति जवाबदेही की भावना के लिए पहले भी उन्हें काफी सराहना मिली है। डॉ. सतीश कुमार एस का एक परिचय जन्मस्थान : वेल्लोर, तमिलनाडु शिक्षा : एमबीबीएस, मद्रास मेडिकल कॉलेज आईएएस चयन वर्ष : 2013 वर्तमान पद : कलेक्टर, सतना (नियुक्ति: 28 जनवरी 2025 पूर्व पद : कलेक्टर, भिंड कलेक्टर रहते हुए भिंड में उन्होंने अपनी अनुशासनप्रिय प्रशासनिक शैली के लिए खासी पहचान बनाई थी। सतना में नियुक्ति के बाद उन्होंने निजी स्कूलों की मनमानी पर कड़ा रुख अपनाया और शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए कदम उठाए। जनसेवा का अनोखा मेल डॉ. सतीश कुमार को साइकिल चलाना बेहद पसंद है। मौका मिलते ही वे खुद साइकिल से दफ्तर पहुंचते हैं। उनके मुताबिक, इससे न सिर्फ स्वास्थ्य ठीक रहता है बल्कि ईंधन की बचत और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलती है। हाल ही में वायरल हुए वीडियो में जब वे बिना किसी तामझाम के साइकिल से ऑफिस पहुंचे, तो सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर उनकी तारीफ की। कई यूजर्स ने लिखा, “ऐसे अधिकारी ही असल में बदलाव लाते हैं।” कर्तव्य के प्रति सख्ती सतना में उनकी कार्यशैली का एक उदाहरण तब देखने को मिला जब जनसुनवाई के दौरान लापरवाही बरतने पर उन्होंने एक हेडमास्टर को तत्काल निलंबित कर दिया। यह दर्शाता है कि वे जनता की समस्याओं को गंभीरता से लेते हैं और जिम्मेदारी तय करने में किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं बरतते। डॉ. सतीश कुमार एस जैसे अधिकारी यह साबित करते हैं कि प्रशासनिक पद केवल अधिकारों का नहीं, जिम्मेदारियों का प्रतीक होता है। उनकी सादगी, अनुशासन और जनहित में लिए गए फैसले उन्हें एक प्रेरणास्रोत बनाते हैं। सतना के लोग खुद को सौभाग्यशाली मान सकते हैं कि उन्हें ऐसा अधिकारी मिला है, जो पद की गरिमा के साथ-साथ मानवीय मूल्यों को भी जीता है।

Surrender Naxali: Big news from Bijapur...! 8 Maoists with a bounty of 30 lakhs surrendered...! Female Naxalites made a shocking revelation
Chhattisgarh

Surrender Naxali : बीजापुर से बड़ी खबर…! 30 लाख के 8 इनामी माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण…! महिला नक्सलियों ने किया चौंकाने वाला खुलासा

बीजापुर, 21 अगस्त । Surrender Naxali : राज्य में नक्सल उन्मूलन के अभियान को बड़ी सफलता मिली है। बीजापुर पुलिस की प्रभावी रणनीति और राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत कुल 8 इनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इन पर कुल 30 लाख रुपये का इनाम घोषित था। एसपी रोबिनसन गुड़िया की मौजूदगी में आत्मसमर्पण करने वालों में 6 पुरुष और 2 महिलाएं शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में शीर्ष कैडर के माओवादी जैसे डीवीसीएम, पीपीसीएम, एसीएम, पार्टी सदस्य और सप्लाई टीम के सदस्य शामिल हैं। आत्मसमर्पित नक्सलियों के खुलासे डीवीसीएम डॉक्टर सुखलाल जुर्री ने पूछताछ के दौरान बताया, “शीर्ष कैडर के माओवादी आदिवासियों के सबसे बड़े दुश्मन हैं। जल, जंगल और जमीन के नाम पर झूठे सपने दिखाकर बस्तर के लोगों को ग़ुलाम बनाते हैं।” महिला नक्सली कमला गोटा (एसीएम) ने माओवादी संगठन की सच्चाई उजागर करते हुए कहा, “संगठन में स्थानीय आदिवासी नक्सलियों का शोषण होता है। लेकिन महिलाओं की स्थिति और भी भयावह है। उनका मानसिक और शारीरिक शोषण किया जाता है। शहरों और विदेशों में बसाने का झांसा देकर उनका निजी दासी की तरह उपयोग किया जाता है।” आत्मसमर्पित नक्सलियों को सरकार की ओर से राहत राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सभी आत्मसमर्पित माओवादियों को ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि दी गई है। इसके साथ ही उन्हें पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसी सभी योजनाओं का लाभ मिलेगा। आत्मसमर्पित नक्सलियों की सूची क्र. नाम पद इनाम राशि 1 सुखलाल जुर्री (33) डीवीसीएम डॉक्टर ₹8 लाख 2 हुर्रा उर्फ हिमांशू मिडियाम (25) पीपीसीएम, पिडिया एलओएस ₹8 लाख 3 कमला गोटा (32) एसीएम, जाटलूर एलओएस ₹5 लाख 4 राजू पोडियाम उर्फ सुनील (33) एसीएम, कोतरी एलओएस डिप्टी कमांडर ₹5 लाख 5 दीपा पुनेम पार्टी सदस्य, डॉक्टर टीम ₹1 लाख 6 मनीराम कोर्राम (20) कंपनी 01 सदस्य ₹1 लाख 7 सुक्कू फरसा उर्फ नागेश (18) कुतुल एलओएस सदस्य ₹1 लाख 8 रामू राम पोयाम (23) सप्लाई टीम सदस्य ₹1 लाख 2025 में अब तक 148 नक्सली कर चुके हैं आत्मसमर्पण इस साल जनवरी से अब तक कुल 148 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जो कि सुरक्षा बलों और सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। बस्तर में शांति बहाली की दिशा में यह आत्मसमर्पण मील का पत्थर साबित हो सकता है।

Brutal Murder: An incident that shook humanity...! A young man brutally murdered a woman and her 3 children
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Brutal Murder : मानवता को झकझोर देने वाली घटना…! युवक ने महिला और उनकी 3 बच्चों को कर दी निर्मम हत्या

बहराइच/उत्तर प्रदेश, 21 अगस्त। Brutal Murder : उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले से इंसानियत को झकझोर देने वाली एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जमीन के लालच में 7 साल पहले अपने सगे भाई की हत्या करा चुके एक युवक ने अब खुद पर चल रहे मुकदमे में बचने के लिए अपने भाई की विधवा पत्नी, जिसे उसने डरा-धमकाकर पत्नी बना लिया था, और तीन मासूम बच्चियों को जिंदा नदी में फेंककर हत्या कर दी। क्या है मामला? मामला मोतीपुर थाना क्षेत्र के रामईपुरवा दाखिला पकड़िया दीवान गांव का है, जहां का निवासी अनिरुद्ध कुमार अब हत्या के एक और जघन्य मामले में गिरफ्तार हुआ है। पुलिस के मुताबिक, अनिरुद्ध ने अपनी पत्नी सुमन, अपनी दो बेटियों अंशिका और लाडो, और भाई की 12 साल की बेटी नंदिनी को 14 अगस्त को लखीमपुर के खमरिया इलाके में स्थित शारदा नदी में फेंक दिया। अनिरुद्ध को शक था कि सुमन उसके भाई की हत्या के केस में कोर्ट में गवाही दे सकती है, जिससे उसे सजा हो सकती थी। इसलिए उसने अपने एक साथी के साथ मिलकर साजिश रची और सभी को मंदिर दर्शन के बहाने नदी के किनारे ले जाकर उफनती शारदा नदी में धक्का दे दिया। कैसे हुआ खुलासा? पीड़िता सुमन की मां रमपता, निवासी चौधरीगांव, ने मोतीपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी बेटी और तीन नातिनें लापता हैं। पुलिस ने जब अनिरुद्ध को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की, तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। हत्या की वजह क्या थी? पुलिस जांच में सामने आया कि अनिरुद्ध ने 2018 में अपने सगे भाई की हत्या करवा दी थी ताकि वह उसकी जमीन पर कब्जा कर सके। मृतक भाई की पत्नी सुमन उस हत्या की मुख्य गवाह थी। बाद में अनिरुद्ध ने उसे डरा-धमका कर पत्नी बना लिया और उससे दो बेटियां भी हुईं। अब जब केस कोर्ट में चल रहा था और सुमन से गवाही का डर था, तो उसने पूरे परिवार को खत्म करने की योजना बना ली। पुलिस का बयान एसपी ग्रामीण दुर्गा प्रसाद तिवारी ने बताया कि, “अनिरुद्ध बेहद शातिर किस्म का अपराधी है। उसने पहले भाई की हत्या कराई, फिर उसकी पत्नी और भतीजी को अपने साथ रखा और अब जब कोर्ट में सजा का डर सताने लगा, तो उन्हें भी मौत के घाट उतार दिया।” अनिरुद्ध की निशानदेही पर सुमन और बच्चियों के कपड़े व जूते बरामद (Brutal Murder) कर लिए गए हैं। गोलीमार, खमरिया और आसपास के कई थानों की पुलिस और गोताखोर टीम शवों की तलाश में जुटी हुई है। वहीं, अनिरुद्ध के साथी की तलाश भी जारी है।