SUPREME COURT NEWS : सुप्रीम कोर्ट ने देश में चुनाव कराने के लिए बैलेट पेपर (Ballot Paper) के इस्तेमाल वाले मामले की सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की जगह बैलेट पेपर की मांग को ठुकराते हुए याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि जब वे नहीं जीते तो मतलब ईवीएम में छेड़छाड़ की गई है और जब चुनाव जीत गए तो उन्होंने कुछ नहीं कहा. हम इसे कैसे देख सकते हैं? यह कहते हुए कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह वो जगह नहीं जहां पर बहस कर सकते हैं।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी समेत कई दिग्गज नेताओं ने ईवीएम से छेड़छाड़ होने के संबंध में चिंता जाहिर की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, “जब चंद्रबाबू नायडू या रेड्डी हार गए, तो उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की गई थी और जब वे जीते, तो उन्होंने कुछ नहीं कहा। हम इसे कैसे देख सकते हैं? हम इसे खारिज कर रहे हैं। यह वह जगह नहीं है जहां आप इस सब पर बहस कर सकते हैं।”
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता केए पॉल ने एलन मस्क की टिप्पणियों का उदाहरण भी पेश किया। उन्होंने कहा सुझाव देते हुए कहा कि ईवीएम (Ballot Paper) से छेड़छाड़ हो सकती है। पॉल ने बताया कि एलन मस्क 150 से अधिक देशों की यात्रा कर चुके हैं। इस दौरान ज्यादातर देशों ने वोटिंग के लिए बैलेट पेपर का ही उपयोग किया है। उन्होंने तर्क दिया कि भारत को भी इस तरह की चुनाव प्रणाली को उपयोग में लेने चाहिए।
याचिकाकर्ता के तर्क पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, “आप बाकी दुनिया से अलग क्यों नहीं होना चाहते?” कोर्ट में याचिकाकर्ता ने चुनाव प्रचार के लिए पैसे और शराब के उपयोग को विनियमित करने के संबंध में एक व्यापक रूपरेखा तैयार करने का निवेदन किया। ताकि यह सुनिश्चित हो पाए कि कानून के अंतर्गत इस तरह की प्रथाओं को प्रतिबंधित और दंडनीय कर पाए। इसके अलावा याचिका में सूचित निर्णय लेने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यापक मतदाता शिक्षा अभियान के लिए निर्देश देने की मांग भी की गई।