रायपुर, 08 सितंबर। Bharose ka Sammelan : कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आज राजनांदगांव में होने वाले भरोसे के सम्मेलन में शामिल होने रायपुर पहुंच गए हैं। स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर पर CM भूपेश बघेल समेत कई मंत्री, विधायक और संगठन के पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, खड़गे आज राजनांदगांव में आयोजित भरोसे के सम्मेलन में शामिल होंगे। आज स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक भी होगी। धान खरीदी को लेकर सीएम ने कहा, केंद्र सरकार चावल ले या ना ले, इससे फर्क नहीं पड़ता, लेकिन हम किसानों का धान खरीदेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे को लेकर CM भूपेश बघेल ने कहा, अमित शाह के भिलाई के कार्यक्रम में भीड़ नहीं हो पाई। आरोप पत्र जारी करने के दौरान हाॅल भी नहीं भरा। सरायपाली में भी वही स्थिति थी। हमेशा घुड़की देके जाते हैं. ईडी आईटी वालो को कह देते तो भीड़ ऐसे ही हो जाती। भीड़ नहीं आना मतलब भाजपा की कलई अब खुल चुकी है। एक तरफ जहां लाखों युवाओं की भीड़ थी तो वहीं भाजपा दस हजार की भीड़ भी इकट्ठा नहीं कर पाई। मोदी रायपुर आए थे उम्मीद थी घोषणा करेंगे, लेकिन नहीं किया। अब रायगढ़ आएंगे, देखिए क्या होता है।
बीजेपी की दूसरी सूची नहीं आने पर सीएम ने कहा, पहली सूची में जितना अंतर्कलह सामने आया है, उसी को मैनेज नहीं कर पा रहे हैं। धान खरीदी को लेकर भूपेश बघेल ने कहा, पहले 86 लाख मैट्रिक टन का लक्ष्य था उसे घटा दिया गया। बारदाना भी कम भेज रहे हैं। 20 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से धान खरीद रहे हैं। तैयारी हमारी शुरू हो चुकी है। कोटा घटाने के पीछे क्या वजह है। जो चावल नहीं खरीद रहे वो धान क्या खरीदेंगे। धान खरीदी का हल्ला करते हैं चावल खरीद नहीं रहे हैं। उसमें भी राजनीति बेहद दुर्भाग्यजनक है। पहले भी इसी प्रकार का व्यवहार किया गया। हम लोगों को खुले बाजार में धान बेचने पर मजबूर होना पड़ा था।
सीएम बघेल ने कहा, बीजेपी हर चीज में राजनीति देख रही है। किसानों के साथ उन्होंने हमेशा धोखा किया। कभी आय दुगुनी करने का तो कभी 21 सौ रुपए क्विंटल पर धान खरीदने, 300 रुपए बोनस देने की बात कही गई। हर समय किसानों को छला गया. कांग्रेस की सरकार हमेशा विपरीत परिस्थिति में भी किसानों का धान खरीदेगी। चुनाव होते हुए भी किसानों के साथ किस प्रकार से छल किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार के साथ हमेशा भेदभाव हमको परेशान करने का काम करती है। हमने खुद जो घोषणा की है उसे खरीदेंगे। उसके बाद केंद्र सरकार चावल (Bharose ka Sammelan) ले ना ले इससे फर्क नहीं पड़ता, लेकिन हम किसानों का धान खरीदेंगे।