Due to Bhupesh Baghel's dictatorial attitude and anti-people policy...? Congress leader just resigned...see his letterBhupesh Baghel
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रायपुर, 09 अप्रैल। Bhupesh Baghel : लोकसभा चुनाव को कुछ ही दिन शेष रह गए है। इस बीच कांग्रेस के लिए एक बुरी खबर सामने आई है।प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता पुष्पेंद्र परिहार ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। पीसीस चीफ दीपक बैज ने नाम लिखे इस्तीफे में उन्होंने पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर कई आरोप लगाए है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता पुष्पेंद्र परिहार ने अपने पत्र में लिखा कि, मेरा मन तो पहले से ही भूपेश बघेल के तानाशाही रवैया और जनविरोधी नीति से फट गया है। मैंने पहले भी कांग्रेस से त्यागपत्र दिया था, लेकिन पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के समझाने पर मैंने फिर से कांग्रेस प्रवेश किया था। लेकिन कांग्रेस में भूपेश बघेल ने सभी क्षेत्रों में हस्तक्षेप किया है। उन्होंने अपने चहेतों को पद और टिकट बांटने के कारण प्रदेश में अपनी मजबूत लॉबी तैयार कर ली है। कांग्रेस में निष्ठावान कार्यकर्ताओं को गुलाम की तरह देखते और व्यवहार करते हैं।

कांग्रेस नेता पुष्पेंद्र परिहार का इस्तीफा

कांग्रेस आलाकमान ने जातिगत भेदभाव बढ़ाया

अपने इस्तीफे में पुष्पेंद्र परिहार ने कांग्रेस आलाकमान पर भी आरोप लगाए, उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने भी अपने पिछले शासनकाल के दौरान प्रशासन और राजनीति में जातिगत भेदभाव को बढ़ाया था। आज भी उनकी यही नीति है. उनके रहते कांग्रेस का छत्तीसगढ़ में कभी भला नहीं हो सकता है। भूपेश बघेल ने कांग्रेस को हाईजैक कर लिया है। उन्होंने पार्टी का माहौल ऐसा कर दिया है कि कोई भी उन्हें कहीं से चुनौती नहीं दे सके। भूपेश ने अपने समकक्षों को किनारे लगा दिया है। इसलिए कांग्रेस की सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं।

पूर्व पीसीसी चीफ को बघेल ने किया किनारे

पुष्पेंद्र परिहार ने अपने पत्र में लिखा है कि, मैं इस बात से भी व्यथित हूं कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम (Bhupesh Baghel) को भी भूपेश बघेल ने किराने लगा दिया, तो फिर सामान्य निष्ठावान कार्यकर्ताओं की क्या स्थिति होगी। इसका अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है। भूपेश बघेल का पूरा कार्यकाल भय और भ्रष्टाचार का था। जिसका परिणाम सबने देखा। कांग्रेस प्रचंड बहुमत के होते हुए भी सरकार बनाने को तरस गई। भूपेश के ऊपर ईडी की गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। उससे कांग्रेस की छवि सामान्य जनता में गिरी है। इससे निष्ठावान कार्यकर्ताओं का मोह भंग हो गया है। वे बड़ी संख्या में सदस्यता छोड़ रहे। मैं भी उन्हीं लोगों में एक हूं, जो यह मानता है कि कम से कम भूपेश के प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कांग्रेस में काबिज होने से जनता का भला नहीं होगा।