रायगढ़, 26 जुलाई। Big Action : छत्तीसगढ़ शासन ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस नीति के तहत एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। राज्य जीएसटी विभाग ने रायगढ़ की फर्म मेसर्स श्याम सर्जिकल पर भारी वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा करते हुए सख्त कदम उठाया है।
जांच में सामने आया फर्जी फर्मों का नेटवर्क उजागर
राज्य जीएसटी विभाग की जांच में पाया गया कि, श्याम सर्जिकल ने स्वास्थ्य विभाग में पिछले 4–5 वर्षों में 48 करोड़ रुपये की आपूर्ति दिखाई, जबकि वास्तविक खरीदी केवल 10 करोड़ रुपये की थी। उपकरणों की आपूर्ति खरीदी मूल्य से 4–5 गुना अधिक दरों पर की गई। लगभग 400–500% तक अनुचित मुनाफा कमाया गया। इस मुनाफे को छिपाने और GST देनदारी से बचने के लिए फर्जी लेनदेन का सहारा लिया गया।
विभागीय जांच में खुलासा हुआ कि व्यवसायी ने अपने परिवारजनों के नाम पर तीन अलग-अलग फर्में बनाईं, राहुल इंटरप्राइजेज, नारायणी हेल्थकेयर और पी.आर. इंटरप्राइजेस है।
इनके माध्यम से आपस में फर्जी लेन-देन दिखाकर करीब 1 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की गई। मुख्यमंत्री श्री साय ने सख्त लहजे में कहा, “जन स्वास्थ्य सेवाओं में भ्रष्टाचार केवल आर्थिक अपराध नहीं, यह जनहित के साथ विश्वासघात है। राज्य सरकार किसी भी परिस्थिति में इसे सहन नहीं करेगी। दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।”
वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी के निर्देश पर राज्य जीएसटी विभाग को सभी सरकारी आपूर्तियों पर विशेष निगरानी रखने को कहा गया था। इसी के परिणामस्वरूप यह घोटाला उजागर हुआ।
ठेकेदारों कड़ा संदेश
राज्य शासन ने साफ किया है कि, “सरकारी व्यवस्था का दुरुपयोग कर अनुचित लाभ लेने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था को बख्शा नहीं जाएगा।” बहरहाल, यह कार्रवाई ईमानदार और पारदर्शी प्रशासन के प्रति छत्तीसगढ़ सरकार की प्रतिबद्धता, भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री साय के सख्त रुख और जन स्वास्थ्य से जुड़े हर पहलू पर प्रशासन की सतर्क निगरानी को दर्शाती है।