रांची, 20 मई। Big Action by ACB : झारखंड में नई शराब नीति के क्रियान्वयन के दौरान हुए कथित घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सीनियर IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे और संयुक्त आबकारी आयुक्त गजेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों अधिकारियों पर वर्ष 2022 में लागू की गई नई शराब नीति के तहत छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के साथ साठगांठ कर सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाने का गंभीर आरोप है।
क्या है मामला?
2022 में झारखंड सरकार ने शराब बिक्री और वितरण को लेकर नई नीति बनाई थी, जिसमें निजी हाथों से संचालन छीनकर राज्य सरकार द्वारा बिक्री की योजना लागू की गई। इस नीति के लागू होने के दौरान छत्तीसगढ़ के एक शराब सिंडिकेट को अनुचित लाभ पहुंचाने और टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के आरोप लगे। जांच में यह सामने आया कि इस साजिश से राज्य को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ।
ACB की कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, एसीबी ने विस्तृत जांच के बाद सबूतों के आधार पर दोनों वरिष्ठ अधिकारियों को हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस कार्रवाई को राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ अब तक की बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। ACB अधिकारियों ने बताया कि आगे और गिरफ्तारियां संभव हैं और घोटाले की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं।
सत्तापक्ष पर दबाव, विपक्ष हमलावर
इस गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक हलकों में भी हलचल तेज हो गई है। विपक्ष ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह घोटाला सरकार की मिलीभगत के बिना संभव नहीं था। बीजेपी नेताओं ने मांग की है कि मामले में शामिल अन्य अधिकारियों और राजनेताओं की भी जांच होनी चाहिए।
भविष्य की कार्रवाई
ACB अधिकारियों का कहना है कि पूरे घोटाले की परत-दर-परत जांच जारी है, और सभी आर्थिक लेनदेन, टेंडर प्रक्रिया और नीतिगत फैसलों को खंगाला जा रहा है। जेल में बंद आरोपियों से भी पूछताछ की जाएगी, ताकि पूरी साजिश का पर्दाफाश किया जा सके।
यह मामला न केवल प्रशासनिक (Big Action by ACB) स्तर पर पारदर्शिता की विफलता को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे भ्रष्टाचार राज्य के राजस्व और जनता के हितों को चोट पहुंचाता है। आगे की जांच से यह तय होगा कि और कौन-कौन इस घोटाले की जद में आएगा।