BIG BREAKING: The way is clear for Nisha Bangre to contest the elections, the government accepted the resignation, discussions about contesting the elections with Congress.BIG BREAKING
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भोपाल, 24 अक्टूबर। BIG BREAKING : मध्य प्रदेश की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है। दरअसल, प्रदेश सरकार ने निशा बांगरे का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। एमपी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस्तीफा पर फैसला लेने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद निशा के कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने की चर्चा तेज हो गई है।

छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने चुनाव लड़ने के लिए अपने पद से इस्तीफा दिया था। रिजाइन स्वीकार नहीं होने के कारण सोमवार देर रात कांग्रेस ने बैतूल की आमला विधानसभा सीट से मनोज मालवे को प्रत्याशी घोषित किया था। बताया जा रहा है कि कांग्रेस आमला सीट से टिकट बदल सकती है।

वहीं सरकार की तरफ से विभागीय जांच के मामले में निशा ने आरोप पत्र मंजूर किया है। पत्र के जवाब में उन्होंने कहा कि आरोप स्वीकार है। दरअसल, निशा ने सरकारी पद पर रहते हुए चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। नियम के मुताबिक, पद पर रहते हुए सरकारी अधिकारी बतौर सिविल आचरण अधिनियम का उल्लंघन किया था।

ये है पूरा मामला

छतरपुर के लवकुश नगर की एसडीएम निशा बांगरे ने 22 जून को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने त्यागपत्र में लिखा था कि स्वयं के निजी आवास के उद्घाटन पर जाने के लिए मना कर दिया गया। इसके साथ ही उन्हें विश्व शांति सम्मेलन में तथागत बुद्ध की अस्थियों के दर्शन के लिए भी जाने की अनुमति नहीं दी गई। इससे व्यथित होकर वे इस्तीफा दे रही है। लेकिन राज्य सरकार ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया। जिसके बाद वे हाईकोर्ट पहुंची।

आमला से की थी पदयात्रा की शुरुआत

28 सितंबर 2023 को निशा बांगरे ने बैतूल जिले के आमला से पदयात्रा यात्रा की शुरुआत की। उनकी ये यात्रा बोरी, सारणी, सलैया, शाहपुर, केसला, नर्मदापुरम, सलकनपुर, बुधनी, शाहगंज औबेदुल्लागंज और से मंडीदीप होते हुए 9 अक्टूबर को राजधानी भोपाल पहुंची थी।

पुलिस से हुई थी नोकझोंक

इसके बाद भोपाल में बोर्ड ऑफिस चौराहा पर ही पुलिस ने निशा बांगरे को रोक दिया था। इस दौरान उनकी पुलिस से नोकझोंक हुई। जिसमें निशा बांगरे के कपड़े फट गए थे। साथ ही उनके हाथों में मौजूद संविधान का फोटो भी फट गया। वहीं पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर सेंट्रल जेल भेज दिया था। निशा सेंट्रल जेल में ही भूख हड़ताल पर बैठ गई थी। इसके बाद 10 अक्टूबर की रात निशा बांगरे को जमानत मिली थी।

HC के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी निशा

निशा बांगरे ने अपने इस्तीफे को लेकर पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। SC ने याचिकाकर्ता अर्जेंसी बताकर हाईकोर्ट में ही आवेदन पेश करने को कहा है। SC ने याचिका खारिज करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट को जल्द निर्णय लेने के आदेश दिए थे। जिसके बाद HC ने सुनवाई करते हुए शासन को 23 अक्टूबर तक फैसला लेने और 27 अक्टूबर को एक्शन टेकन रिपोर्ट देने का आदेश दिया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस काम में तेजी आई है। लंबे विवाद के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने निशा बांगरे का इस्तीफा मंजूर किया।

पहले मल्टीनेशनल कंपनी में करती थीं नौकरी

बालाघाट जिले में जन्मी निशा बांगरे ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होने के बाद गुरुग्राम स्थित एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी की। साल 2016 में उनका चयन एमपी में डीएसपी के पद पर हो गया। 2017 में उनका एमपी में डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हो गया। बैतूल के आमला क्षेत्र में उनकी पहली पोस्टिंग हुई थी।