बीजापुर/विशेष संवाददाता, 24 अप्रैल। Biggest Anti-Naxal Operation : छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित उसूर थाना क्षेत्र के घने जंगल और पहाड़ी इलाकों में देश का अब तक का सबसे बड़ा एंटी-नक्सल ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस अभियान में छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र के सुरक्षा बलों ने संयुक्त रूप से करीब 5000 जवानों के साथ मोर्चा संभाला है।
बटालियन नंबर-1 के माओवादी निशाने पर
यह मुठभेड़ माओवादी संगठन की सबसे खतरनाक यूनिट—बटालियन नंबर-1 के खिलाफ चल रही है, जिसे देश में सबसे ज्यादा प्रशिक्षित और हथियारों से लैस नक्सली यूनिट माना जाता है। मंगलवार सुबह से शुरू हुई मुठभेड़ अब तक 30 घंटे से अधिक समय से जारी है। सुरक्षा बलों ने कर्रेगट्टा, नडपल्ली और पुजारी कांकेर की पहाड़ियों को चारों ओर से घेर लिया है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं है।
दोनों ओर से हो रही गोलीबारी
सूत्रों के अनुसार, लगातार दोनों ओर से भारी गोलीबारी हो रही है। घना जंगल और कठिन भौगोलिक परिस्थितियां ऑपरेशन को चुनौतीपूर्ण बना रही हैं, लेकिन जवान पहाड़ों की चोटी से लेकर गहराई तक हर जगह सर्च अभियान चला रहे हैं।
100 से अधिक IED बरामद
अब तक इस अभियान में 100 से अधिक IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद की गई हैं, जिन्हें नक्सलियों ने जवानों को निशाना बनाने के उद्देश्य से जंगल में बिछा रखा था।
IED की इतनी बड़ी संख्या इस बात का संकेत है कि नक्सली इस इलाके में बड़े पैमाने पर हमले की योजना बना रहे थे।
तीन राज्यों की संयुक्त ताकत
इस ऑपरेशन में तीन राज्यों की सुरक्षा एजेंसियों की भागीदारी है:
DRG (District Reserve Guard) और STF (Special Task Force) – छत्तीसगढ़
Greyhounds Commando Force – तेलंगाना
C-60 Commando Unit – महाराष्ट्र
सभी बल मिलकर जंगल में माओवादी ठिकानों को ध्वस्त करने और उनके मुख्य नेताओं को पकड़ने या मार गिराने की कोशिश में लगे हैं।
टारगेट- माओवादी लीडरशिप
जानकारी के मुताबिक बटालियन ने नंबर 1 के कुछ शीर्ष नक्सली नेताओं की मौजूदगी की पुष्टि हुई है, जिन्हें सुरक्षा बलों ने घेर लिया है। इनमें से कुछ वांछित माओवादियों के सिर पर 10 से 25 लाख रुपये का इनाम बताया जा रहा है।