रायपुर, 13 मार्च। Cabinet Decesion : छत्तीसगढ़ में होली के पूर्व हुए इस कैबिनेट में कई अहम फैसले लिये गये हैं। जिसमें भारतमाला मुआवजा स्कैम की EOW से जांच की घोषणा की है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दोटूक कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने फैसले की जानकारी दी।
भारत माला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापटनम इकानामिक कारीडोर के लिए भूअर्जन में करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला सदन में गूंजा। नेता प्रतिपक्ष डा चरणदास महंत ने कहा कि रायपुर जिले के अभनपुर तहसील के चार गांव की जमीन के अधिग्रहण और भू अर्जन में किए गए फर्जीवाड़ा का मुद्दा उठाया था। इन चार गांव के जमीन के भूअर्जन में राजस्व अफसरों ने 43 करोड़ 19 लाख रुपये का खेला कर दिया है।
भारत माला परियोजना के तहत प्रदेश में विभिन्न हिस्सों में चल रहे सड़क निर्माण के लिए भूअर्जन में 324 करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आया है। एनपीजी ने भूअर्जन के नाम पर किए गए परत-दर-परत घोटाले की रिपोर्ट प्रकाशित की थी। एनपीजी की रिपोर्ट के बाद सदन में मामला गूंजा था। नेता प्रतिपक्ष डा चरणदास महंत ने बड़े पैमाने पर की गई गड़बड़ी की सीबीआई से जांच की मांग की थी। नेता प्रतिपक्ष ने सदन में मुख्यमंत्री से इस संबंध में अपनी मांगे रखी थी।
सीएम ने ईओडब्ल्यू जांच की घोषणा
सदन में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कमिश्ननर से जांच कराने का आश्वासन दिया था। राजस्व मंत्री ने सदन को यह भी आश्वस्त कराया था कि भूअर्जन में करोड़ों का खेला करने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना में भूअर्जन के नाम पर करोड़ों रूपये की गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए ईओडब्ल्यू से जांच कराने की घोषणा कर दी है। सीएम की घोषणा के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही फाइल ईओडब्ल्यू के हवाले कर दिया जाएगा।
इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने राज्य में नक्सल समस्या के समाधान के लिए ठोस पहल करते हुए छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति-2023 के स्थान पर छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 को मंजूरी प्रदान की है। इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को आर्थिक सहायता, पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।