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Letter to the Governor: Breaking News...! Leader of Opposition Charan Das Mahant wrote a letter to the Governor...demanding the removal of a minister...see here who that minister is
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Letter to the Governor : ब्रेकिंग न्यूज़…! नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने राज्यपाल को लिखा पत्र…एक मंत्री को हटाने की मांग…यहां देखें कौन है वह मंत्री

रायपुर, 22 अगस्त। Letter to the Governor : छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर गरमाहट आ गई है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने राज्यपाल रमेन डेका को पत्र लिखकर हाल ही में साय सरकार द्वारा किए गए मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर गंभीर आपत्ति जताई है। उन्होंने संवैधानिक नियमों का हवाला देते हुए, एक मंत्री को तत्काल पद से हटाने की मांग की है। क्या है मामला? 20 अगस्त को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था। इस विस्तार में हरियाणा मॉडल के तर्ज पर 14 मंत्रियों को शामिल किया गया। लेकिन अब इस पर सवाल खड़े हो गए हैं। नेता प्रतिपक्ष का तर्क डॉ. महंत ने अपने पत्र में लिखा है, संविधान के अनुच्छेद 164(1A) के तहत किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों की कुल संख्या, विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या के 15% से अधिक नहीं हो सकती। छत्तीसगढ़ विधानसभा में कुल 90 विधायक हैं, ऐसे में अधिकतम 13 मंत्री ही बनाए जा सकते थे, लेकिन वर्तमान में 14 मंत्री हैं, जो संविधान की अवहेलना है। राज्यपाल से की हस्तक्षेप की मांग चरण दास महंत ने राज्यपाल से तत्काल हस्तक्षेप करने और एक मंत्री को पद से हटाने की मांग की है। उन्होंने इसे संवैधानिक मर्यादाओं और लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवश्यक बताया। क्या बोले जानकार? विधि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि नेता प्रतिपक्ष के तर्कों में दम है तो यह मुद्दा कानूनी और संवैधानिक विवाद का कारण बन सकता है। राज्यपाल इस पर क्या कदम उठाते हैं, इस पर सबकी निगाहें हैं। इस पत्र के (Letter to the Governor) बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। सत्तारूढ़ दल की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि विपक्ष इस मुद्दे को आने वाले विधानसभा सत्र में जोर-शोर से उठाएगा।

Act of Maid: Caution...! Maid working for 10 years sprayed urine on utensils... shameful act caught on CCTV... watch video here
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Act of Maid : सावधान…! 10 साल से काम कर रही नौकरानी ने बर्तनों पर छिड़का पेशाब…CCTV में कैद हुई शर्मनाक हरकत…यहां देखें Video

बिजनौर, 22 अगस्त। Act of Maid : बिजनौर जिले के नगीना कस्बे में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक प्रतिष्ठित व्यापारी परिवार के घर में पिछले दस वर्षों से काम कर रही महिला घरेलू सहायिका ने ऐसा कृत्य कर डाला, जिससे पूरा परिवार स्तब्ध रह गया। महिला ने रसोई में रखे बर्तनों पर पेशाब छिड़क दिया, और यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। कैसे सामने आया मामला परिवार की महिला सदस्य ने कई बार घरेलू सहायिका के अजीब व्यवहार को महसूस किया था, लेकिन किसी ठोस सबूत के अभाव में कुछ नहीं कहा। हाल ही में शक गहराने पर रसोई और आस-पास के हिस्सों में गुप्त रूप से सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए। कुछ दिनों बाद जब महिला रोज़ की तरह दोपहर में काम करने आई, तो वह बर्तन धोने लगी। उसी दौरान कैमरे में स्पष्ट रूप से कैद हुआ कि उसने पहले एक गिलास में पेशाब किया और फिर वही पेशाब रसोई में रखे धोए हुए बर्तनों पर छिड़क दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो घटना का वीडियो घर के एक सदस्य ने सोशल मीडिया पर साझा कर दिया, जो तेजी से वायरल हो गया। लोग इसे अमानवीय, घिनौनी और मानसिक विकृति से जुड़ी हरकत बता रहे हैं। कई यूज़र्स ने कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस कार्रवाई शाम को जब महिला फिर से काम पर पहुंची, तो परिवार ने उसे मौके पर पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस द्वारा पूछताछ में महिला ने अपनी गलती स्वीकार की, लेकिन इस हरकत के पीछे कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया। फिलहाल, पीड़ित परिवार की ओर से कोई लिखित तहरीर नहीं दी गई है, इस कारण पुलिस ने प्राथमिक रूप से शांतिभंग की धारा में चालान कर कार्रवाई की है। पुलिस का कहना है कि यदि शिकायत मिलती है, तो आगे की कानूनी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। विश्वास पर सवाल यह घटना न केवल स्वास्थ्य सुरक्षा, बल्कि घरेलू सहायकों (Act of Maid) पर बनने वाले विश्वास के ताने-बाने को भी गहरा आघात देती है। स्थानीय लोगों में इसे लेकर आक्रोश और असहजता देखी जा रही है। प्रशासन और आम जनता से अपील की जा रही है कि ऐसे मामलों में जल्दबाज़ी में कोई अफवाह न फैलाएं, और जांच पूरी होने तक तथ्यात्मक जानकारी पर ही भरोसा करें।

Divyang Child: 90% Divyang and 100% neglected...! This child from Gariaband is dragged to school... helpless father's pathetic appeal - Sir...! Please help me
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Divyaang Child : 90% दिव्यांग और 100% उपेक्षित…! घसीटते हुए स्कूल जाता गरियाबंद का यह बालक…बेबस पिता की करुण अपील- साहब…! मदद दिला दो

गरियाबंद, 21 अगस्त। Divyaang Child : सरकारें चाहे लाख दावा करें कि वे दिव्यांगजनों के लिए योजनाएं चला रही हैं, लेकिन हकीकत गांवों के आखिरी छोर में बसे जरूरतमंदों की जमीनी हालात देखकर खुद ही कटघरे में खड़ी हो जाती है। ऐसा ही एक मार्मिक उदाहरण है, फिंगेश्वर ब्लॉक के ग्राम रवेली का 13 वर्षीय दिव्यांग बालक मनोज उर्फ पप्पू विश्वकर्मा, जो 90% दिव्यांगता के साथ अपना जीवन घिसट-घिसट कर जी रहा है। नसीब में नहीं सरकारी मदद पप्पू न तो चल सकता है, न बोल सकता है, और न ही अपने दैनिक कामों (Divyaang Child) को खुद कर पाता है। वह मूक है, दोनों हाथ-पैर काम नहीं करते, फिर भी उसके माता-पिता को आज तक सरकार की किसी योजना का लाभ नहीं मिला। पिता राजकुमार विश्वकर्मा, जो एक दिहाड़ी मजदूर हैं, ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर कार्यालय से लेकर जनपद तक दर्जनों बार चक्कर काटे, लेकिन बेटे को न तो दिव्यांग पेंशन, न सहायता उपकरण, और न ही कोई ई-रिक्शा या व्हीलचेयर मिल सकी। बीमारी से कोमा में गया बच्चा, कर्ज लेकर इलाज कराया राजकुमार बताते हैं कि कुछ महीने पहले बेटे की तबीयत अचानक बिगड़ गई। रातों-रात उसे रायपुर के मेकाहारा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा पीलिया जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होकर कोमा में चला गया। पिता की भर्राई आवाज में अपनी पीड़ा बताई- बेटे की जान बचाने के लिए हमें 1 लाख रुपये से ज्यादा कर्ज लेना पड़ा, आज तक हम उसी कर्ज में डूबे हुए हैं। 150 मीटर दूर स्कूल तक घिसटकर जाता है बच्चा सबसे मार्मिक दृश्य तब सामने आता है जब ये मासूम बच्चा घर से 150 मीटर दूर स्कूल तक जमीन पर घिसटते हुए पहुंचता है। वह कक्षा 7वीं में पढ़ रहा है और भविष्य की एक छोटी सी उम्मीद संजोए है। पिता राज कुमार ने कहा, जब मैं उसे खुद घसीटते हुए स्कूल जाते देखता हूं तो मेरा दिल टूट जाता है। राजकुमार ने प्रशासन से हाथ जोड़ कर अपील (Divyang Child) की है, साहब! बच्चे को सरकारी मदद दिला दो… कुछ कर दो… मेरी हैसियत नहीं कि हर दिन घिसट-घिसट कर बेटे का भविष्य बना सकूं।

Independence Day 2025: Police officers and jawans of Chhattisgarh will be honored on Independence Day...see list here
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Gang Rape of Tribal Girl : 3 साल में 7418 रेप…! सीधी की घटना से थर्राया एमपी

सीधी, 08 अगस्त। Gang Rape of Tribal Girl : मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक आदिवासी युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया है। जिसके बाद तीन आरोपियों को पुलिस ने दबोचा है। बताया जा रहा है कि युवती अपने मंगेतर के साथ जंगल घूमने और फोटो खिंचाने के लिए निकली थी। इसी दौरान चार बदमाशों ने युवक पर हमला कर उसे घायल कर दिया और युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, हालांकि एक आरोपी अभी भी फरार है। घटना चुरहट के जंगल में हुई। मंगलवार को हुई घटना के बाद पीड़िता रोती-बिलखती गांव पहुंची और पास ही भवन निर्माण कार्य में लगे लोगों से मदद मांगी और अपनी आपबीती सुनाई। बताया जा रहा है कि वह अपने प्रेमी के साथ जंगल से बाहर आने के लिए नीचे उतर रही थी, तभी आरोपी ने उसका मुंह दबा कर बंद किया और प्रेमी के सिर पर डंडे से वार कर उसे घायल कर दिया। वह ज़मीन पर गिर पड़ा। दो आरोपी पीड़िता को घसीटकर जंगल की ओर ले गए, जबकि दो युवकों ने प्रेमी को पकड़ रखा था। पीड़िता ने बताया कि वह गिड़गिड़ाती रही। उसने आरोपियों के पैर भी पकड़े, लेकिन उन्होंने एक न सुनी। कांग्रेस ने बीजेपी पर किया तीखा हमला मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस घटना को शर्मनाक और मानवता को कलंकित करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि यह घटना प्रदेश में कानून-व्यवस्था की भयावह स्थिति को उजागर करती है। पटवारी ने बीते तीन सालों के आंकड़े बताए। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में 7418 दलित और आदिवासी महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ है। 338 गैंग रेप और 558 हत्याओं की घटनाएं दर्ज हुई हैं। औसतन हर दिन सात महिला का रेप औसतन हर दिन सात दलित या आदिवासी बेटियां (Gang Rape of Tribal Girl) इस क्रूरता का शिकार हो रही हैं। यह आंकड़े ही भाजपा सरकार की विफलता को प्रमाणित करते हैं। पटवारी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार की निष्क्रियता, अपराधियों के बढ़ते हौसले और पीड़ितों को न्याय न मिलने के कारण दलितों, आदिवासियों और महिलाओं के उत्पीड़न की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

Uttarkashi Cloudburst: Terrifying scene of cloudburst…! Strong stream of water and screaming people… people with weak heart should not watch the video
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Uttarkashi Cloudburst : बादल फटने की भयावह दृश्य…! पानी की तेज धारा और चीखते लोग…कमजोर दिल वाले न देखें VIDEO

 उत्तरकाशी, 05 अगस्त। Uttarkashi Cloudburst : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 5 अगस्त 2025 को घटित धराली ग्राम में बादल फटने की घटनाक्रम ने खीर गंगा में विकराल बाढ़ ला दी। इस आपदा ने भारी तबाही मचाई, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग लापता हैं, परिवार तबाह हुए, और पर्यटन पर बड़ा असर पड़ा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत राहत और बचाव कार्यों के निर्देश दिए हैं। धराली गांव (गंगोत्री मार्ग पर प्रमुख पड़ाव) में शुक्रवार सुबह कातिलाना तेज बारिश और बादल फटने के चलते खीर गंगा नदी में बाढ़ आ गई। लगभग 20–25 होटल और होमस्टे पूरी तरह बह गए या ध्वस्त हो गए। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, 10–12 मजदूर मलबे में दबे हो सकते हैं, जबकि कम से कम 4 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है, कई अन्य लापता हैं। घटनास्थल पर वीडियो में चीखते लोग, पानी की तेज धारा और भयावह दृश्य दिखाई दे रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत सेना, SDRF, NDRF और जिला प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने निगरानी का दावा करते हुए बताया कि घटनास्थल से सेना और बचाव टीमें रवाना कर दी गई हैं। प्रभावित क्षेत्रों और प्रभाव धराली गांव, जिसे गंगोत्री यात्रियों का प्रमुख पड़ाव माना जाता है, बाढ़ की भेंट चढ़ गया है। स्थानीय लोग भय और दहशत में हैं; कई पशु, वाहन और स्थानीय संरचनाएँ क्षतिग्रस्त हुई हैं। Char Dham यात्रा बाधित हुई है, और राज्य में भारी बारिश के चलते हालात लगातार गंभीर बने हुए हैं। यह घटना प्रकृति की अनियंत्रित शक्ति का उदाहरण (Uttarkashi Cloudburst) है, पहाड़ी इलाकों में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और एक्रो-इको-सेंसिटिव विकास की कमी से ऐसी आपदाएं और अधिक सघन होंगी।

Independence Day 2025: Police officers and jawans of Chhattisgarh will be honored on Independence Day...see list here
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Action on BSP : भिलाई निगम ने BSP को ₹2,280,000,000 जमा करने का दिया डेड लाइन नोटिस…सर्वे IIT‑Bhilai की ड्रोन टीम संभालेगी

भिलाई, 03 अगस्त। Action on BSP : नगर निगम भिलाई ने भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) को ₹228 करोड़ का वार्षिक प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने का नोटिस जारी किया है। संयंत्र को यह राशि जमा करने के लिए 30 दिनों का समय दिया गया है। जारी नोटिस में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि अभी तक BSP की ओर से यह राशि जमा नहीं की गई है। नया नहीं है यह विवाद नगर निगम ने 27 अप्रैल 2019 को BSP को एक पुराने कर बकाया मामले के लिए पहले ही कुर्की नोटिस थमाया था। आरोप था कि संयंत्र ने संपत्ति विवरण कम‑ज्यादा दर्ज किया है और शिक्षा उपकर में गड़बड़ी की गई है। यह मामला अभी उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। याचिका और RTI में प्राप्त 6000+ पन्नों ने पुष्टि की है कि BSP ने हॉस्पिटल, पार्क, स्कूल, CISF/BSF/SSB आवास आदि को ‘सार्वजनिक सम्पत्तियाँ’ मानकर स्व-विवरणी में नहीं शामिल किया था। निगम का दावा है कि ये सभी प्रॉपर्टी टैक्स योग्य हैं, जिसका भुगतान तक अब तक नहीं हुआ है। हाई‑टेक सर्वे की तैयारी निगम प्रशासन BSP टाउनशिप और इस्पात संयंत्र परिसर में स्थित सभी संपत्तियों का जीआईएस-आधारित सर्वे कराने की योजना बना रहा है। इस सर्वे के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग प्रस्तावित है।निगम ने IIT भिलाई से संपर्क किया है, स्थानीय तकनीकी विश्वविद्यालय का ड्रोन सर्वेक्षण समाधान निगम अधिकारियों द्वारा सबसे विश्वसनीय पाया गया है। यदि IIT से डील हो जाती है, तो किसी अन्य एजेंसी को यह कार्य नहीं दिया जाएगा। निगम व संयंत्र प्रबंधन की रणनीति निगम आयुक्त राजीव कुमार पांडे की ओर से कहा गया है कि ₹228 करोड़ का नोटिस एक वर्ष (2024–25) का है, और सर्वे के बाद उसका आवेदन अगले चरण में निर्णय करेगा। वैकल्पिक एजेंसियों पर चर्चा हुई, लेकिन तकनीकी विश्वसनीयता और पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए IIT भिलाई फिलहाल सबसे प्राथमिक विकल्प बना हुआ है। संभावित असर यदि IIT का ड्रोन GIS सर्वे सफलतापूर्वक संपन्न हो जाता है, तो निगम (Action on BSP) बिना किसी भौगोलिक विवाद के प्रत्येक निर्माण, जमीन, पार्क व सामाजिक-धार्मिक संरचना का कर योग्य मूल्यांकन कर पाएगा। इसके माध्यम से निगम की पारदर्शिता, स्व-विवरणी की सच्चाई और रियल एम्प्लॉयर मार्केट वैल्यू जैसे आय वसूली क्षेत्रों में स्पष्टता आएगी। BSP ने अभी तक जवाबी कार्रवाई नहीं की है, लेकिन निगम द्वारा भेजे गए 30‑दिन के डेडलाइन नोटिस के बाद किराया-पैनल्टी वसूलने की प्रक्रिया तेज हो सकती है। आगे ये होगा चरण अपेक्षित कार्रवाई 30‑दिन की डेडलाइन (नोटिस तिथि से) BSP को ₹228 करोड़ जमा करना होगा, अन्यथा अधिभार/सजा शुरू होगी ड्रोन सर्वे (IIT भिलाई के साथ) सम्पत्ति का समस्त GIS मैप तैयार, परिसंपत्तियों की सूची निर्धारित IIT के साथ एमओयू/एमओयू यदि IIT से सहमति बनती है, तो कॉन्ट्रैक्ट फाइनल — अन्य एजेंसियों की चर्चा बंद होगी सर्वे पूरा होने पर निगम द्वारा वित्तीय और तकनीकी रिपोर्ट तैयार, और Kar लागू करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी

Land Record Service: Big improvement...! Now you will have a copy of the land documents in your hands in just 7 days... Which documents will you get...? See the list here
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Land Record Service : बड़ा सुधार…! अब महज 7 दिनों में आपके हाथ में होगी भूमि दस्तावेजों की कॉपी…कौन-कौन से दस्तावेज़ मिलेंगे…? यहां देखें List

रायपुर, 28 जुलाई। Land Record Service : छत्तीसगढ़ सरकार ने भूमि से जुड़े दस्तावेजों को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से नागरिकों को उपलब्ध कराने के लिए एक बड़ा और जनहितकारी कदम उठाया है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2011 के तहत नई अधिसूचना जारी की है, जिसके माध्यम से अब आम नागरिक बिना किसी देरी और परेशानी के जरूरी भूमि दस्तावेज प्राप्त कर सकेंगे। कौन-कौन से दस्तावेज़ मिलेंगे? अब निम्नलिखित भूमि दस्तावेजों की प्रतिलिपि तय समयसीमा में प्राप्त की जा सकेगी: सेवा की समयसीमा और जिम्मेदार अधिकारी सेवा प्रकार समयसीमा सेवा प्रदायक अधिकारी सक्षम प्राधिकारी अपील अधिकारी सामान्य सेवा 7 कार्यदिवस नायब तहसीलदार / तहसीलदार / अतिरिक्त तहसीलदार तहसीलदार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तत्काल सेवा 3 कार्यदिवस अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कलेक्टर संभागायुक्त जिला कलेक्टर कार्यालय से भी दस्तावेजों की नकल प्राप्त की जा सकेगी। सेवा के लिए जरूरी दस्तावेज पारदर्शिता और जवाबदेही की नई पहल इस अधिसूचना के माध्यम से राज्य सरकार ने स्पष्ट रूप से सभी स्तरों पर उत्तरदायित्व तय कर दिया है। अब नागरिकों को महीनों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा, और अधिकारी भी अपनी निर्धारित भूमिका के प्रति जवाबदेह होंगे। कब से लागू है अधिसूचना? यह आदेश 28 जुलाई 2025 से पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में लागू हो चुका है और इसे छत्तीसगढ़ राजपत्र (असाधारण) में प्रकाशित किया गया है। इससे पहले की सभी पुरानी अधिसूचनाएं अब अधिक्रमित मानी जाएंगी।

New UPS Model: Change in pension system in Chhattisgarh...! From 1st August 2025, OPS benefits will be discontinued for newly recruited employees...only 2 options...listed, see the features of NPS here
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New UPS Model : छत्तीसगढ़ में पेंशन प्रणाली में बदलाव…! 1 अगस्त 2025 से नए भर्ती कर्मचारियों को OPS का लाभ बंद कर…सिर्फ 2 विकल्प…सूचीबद्ध यहां देखें NPS की विशेषताएं

रायपुर, 01 अगस्त। New UPS Model : पुरानी पेंशन योजना (OPS) अब 1 अगस्त 2025 से सीधी भर्ती के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए बंद कर दी गई है। नए भर्तियों के पास अब केवल नवीन पेंशन योजना (NPS) या एकीकृत पेंशन योजना (UPS) का विकल्प होगा। यह निर्णय 24 जनवरी 2025 को रॉयल्टी अधिसूचना संख्या FX‑1/3/2024‑PR के माध्यम से जारी किया गया था। एकीकृत पेंशन योजना (UPS) क्या है? यह योजना पुरानी पेंशन योजना (OPS) और नई पेंशन योजना (NPS) दोनों की विशेषताओं को मिलाकर बनाई गई है: UPS बनाम OPS और NPS योजना पेंशन संरचना जोखिम स्तर सेवा अवधि न्यूनतम पारिवारिक पेंशन महंगाई छूट विशिष्ट लाभ (ग्रेच्युटी/लंप‑सम) OPS अंतिम वेतन का 50% निश्चित न्यूनतम 25 वर्ष हाँ (अक्सर OPS जैसा) हाँ हाँ NPS निवेश आधारित रिटर्न पर निर्भर उच्च कोई न्यूनतम सीमा नहीं सिर्फ कॉर्पस पर आधारित नो नहीं UPS अंतिम वेतन का 50% (प्रो‑राटा) कम (सुरक्षित बैलेंस) 10 वर्ष 60% पेंशन हाँ ग्रेच्युटी + लंप‑सम (1/10 वेतन प्रति 6 महीने) UPS एक निर्धारित लाभ‑आधारित (defined‑benefit) पेंशन प्रणाली है, जबकि NPS निवेश‑आधारित (defined‑contribution) है। UPS OPS की तरह निश्चितता देता है, पर NPS की तरह जोखिम भरा नहीं है। छत्तीसगढ़ में UPS लागू होने का प्रभाव 1 अगस्त 2025 से, सभी नवीन सरकारी भर्ती OPS से बाहर होंगी। नए कर्मचारियों को सिर्फ NPS या UPS चुनने का विकल्प मिलेगा। जिन अधिकारियों ने पहले भर्ती ली है, वे OPS के अंतर्गत ही कार्यरत रहेंगे; उन पर इस बंदी का प्रभाव नहीं होगा। UPS लागू होने से राज्य सरकार को वित्तीय अनुशासन बनाए रखने और कर्मचारियों को लॉक‑इन भविष्य‑नियोक्ता सुरक्षा देने में मदद मिलेगी। UPS विकल्प चुनने की समय सीमा केंद्रीय कर्मचारियों को UPS चुनने की डेडलाइन, यदि आप 1 अप्रैल 2025 तक कार्यरत थे, तो आपको 1 अप्रैल से 30 जून 2025 के बीच आवेदन करना था। 1 अप्रैल 2025 के बाद जुड़ने वाले कर्मचारियों को जॉइनिंग के 30 दिन के भीतर UPS चुनना अनिवार्य था। एक बार UPS चुना गया, तो पुनः इसका विकल्प वापस नहीं बदला जा सकता। यदि आप 1 अगस्त 2025 या उसके बाद छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी में शामिल होते हैं, तो आपको अब OPS नहीं मिलेगा। आपको NPS या UPS में से कोई एक योजना चुननी होगी। UPS पुरानी OPS की तरह स्थिरता देता है, निश्चित पेंशन, न्यूनतम ₹10,000, पारिवारिक पेंशन, ग्रेच्युटी, महंगाई समायोजन पर NPS की तरह जोखिम नहीं। यह योजना राज्य व केन्द्र दोनों स्तरों पर कर्मचारियों के पेंशन (New UPS Model) सुरक्षा, वित्तीय सुशासन, और पारदर्शिता को बढ़ावा देती है।

Relief to Commercial Users: Relief news... Commercial LPG cylinder becomes cheaper before Rakshabandhan...! See the list here
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Relief to Commercial Users : राहत की खबर…रक्षाबंधन से पहले कमर्शियल LPG सिलेंडर हुआ सस्ता…! यहां देखें List

नई दिल्ली, 01 अगस्त। Relief to Commercial Users : रक्षाबंधन से ठीक पहले आम लोगों के लिए भले ही राहत की खबर नहीं आई हो, लेकिन होटल-रेस्टोरेंट और फूड इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 19 किलो वाले कमर्शियल LPG सिलेंडर की कीमतों में ₹33.50 की कटौती की है, जो आज यानी 1 अगस्त 2025 से लागू हो गई है। नई कमर्शियल LPG सिलेंडर कीमतें (1 अगस्त से लागू) शहर नई कीमत (₹) पुरानी कीमत (₹) कटौती (₹) दिल्ली 1,631.50 1,665 33.50 कोलकाता 1,734.50 1,769 34.50 मुंबई 1,582.50 1,616 33.50 चेन्नई 1,789 1,823.50 34.50 कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में यह कटौती पूरे देशभर में लागू की गई है। रसोई गैस सिलेंडर की कीमतें जस की तस हालांकि घरेलू उपयोग में आने वाले 14.2 किलो वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अंतिम बार 8 अप्रैल 2025 को इनमें संशोधन हुआ था। वर्तमान कीमतें इस प्रकार हैं: शहर घरेलू सिलेंडर की कीमत (₹) दिल्ली 853 मुंबई 852.50 लखनऊ 890.50 पटना 942.50 हैदराबाद 905 गाजियाबाद 850.50 इस वर्ग को मिलेगा लाभ कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में हुई इस कटौती का सीधा लाभ होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, केटरिंग सेवा, और फूड इंडस्ट्री से जुड़े व्यवसायों को मिलेगा। इससे इनकी परिचालन लागत में कमी आएगी, जिससे ग्राहकों को भी परोक्ष रूप से फायदा मिल सकता है। जहाँ एक ओर आम घरेलू उपभोक्ता रक्षाबंधन पर रसोई गैस सस्ती होने की उम्मीद लगाए बैठे थे, वहीं दूसरी ओर कमर्शियल यूज़र्स को तेल कंपनियों ने राहत दी है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में भी कुछ राहत मिल सकती है।

Death to Well Collapse: Big update on the incident of well collapse in Korba… Bodies of husband and wife found without head and hands… son missing
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Death to Well Collapse : कोरबा में कुआं धंसने की घटना पर बड़ी अपडेट…पति-पत्नी के सिर और हाथ विहीन मिले शव…बेटा लापता VIDEO

कोरबा, 30 जुलाई। Death to Well Collapse : कोरबा जिले के कटघोरा थाना क्षेत्र, धनवार गांव में 29 जुलाई मंगलवार को करीब 40  फीट गहराई वाला एक कच्चा कुआं धंस गया। इसमें छेदूराम श्रीवास (65), उनकी पत्नी कंचन बाई (53) और उनका 30 वर्षीय पुत्र गोविंद दब गए। परिवार के सदस्यों की लापता अवस्था के चलते इलाके में खोजबीन की गई। घटनास्थल के पास तीनों की चप्पलें मिलीं, जिससे उन्हें कुएं के अंदर दबे होने की आशंका हुई। इस आधार पर पुलिस ने घटना की सूचना दी और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। पुलिस और SDRF (राज्य आपदा मोचन बल) की टीम मलबा हटाकर बचाव कार्य में जुटी हुई है। पानी और मिट्टी निकालने के लिए मोटर पंप और JCB मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। पति-पत्नी के शव मिले काफी मशक्क्त के बाद पति-पत्नी की शव बरामद हो चुकी हैं। कटघोरा थाना प्रभारी धर्म नारायण तिवारी ने बताया कि पति-पत्नी की लाशें विभद्र स्थिति में मिली हैं, जिसमें एक का सिर नहीं है और दूसरे का हाथ नहीं है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। हालांकि पुत्र लेकिन गोविंद की लाश अभी नहीं मिली है और उसकी तलाश जारी है। पुलिस एवं स्थानीय लोगों की मदद से आपदा मोचन बल जुड़े हुए हैं।बहरहाल, गांव में कुंए के धंसने से एक परिवार के तीन सदस्य दब गए। पुलिस और SDRF मिलकर मलबा निकालने और बचाव कार्य कर रहे हैं।