Chhattisgarh

CG Electricity Department: Major action by the Electricity Department, connections of 88 defaulters disconnected, FIR will be lodged for illegal use.
Chhattisgarh

CG Electricity Department : विद्युत विभाग का बड़ा एक्शन, 88 बकायादारों के काटे गए कनेक्शन, अवैध रूप से उपयोग पर होगी एफआईआर

रायपुर, 06 दिसंबर। CG Electricity Department : बिजली बिल की लगातार बढ़ती राशि पर प्रभावी नियंत्रण तथा लंबे समय से बिल जमा नहीं करने वाले उपभोक्ताओं पर कार्यवाही के लिए विद्युत विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। विगत दिवस बलरामपुर- रामानुजगंज जिले के बरियो वितरण केंद्र में विशेष वसूली अभियान चलाया गया, जिसके तहत विभागीय टीम ने बड़ी कार्रवाई की। मुख्य अभियंता छत्तीसगढ विद्युत वितरण कंपनी अम्बिकापुर क्षेत्र यशवंत शिलेदार के नेतृत्व में ,अधीक्षण अभियंता के.एन. सिंह, कार्यपालन अभियंता बलरामपुर प्रकाश अग्रवाल तथा जिले में पदस्थ सभी सहायक एवं कनिष्ठ अभियंताओं की संयुक्त टीम सुबह 10:00 बजे ही बरियो पहुंची और बकायादारों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की शुरुआत की। इस दौरान 88 बड़े बकायादारों के विद्युत कनेक्शन की बकाया राशि 23 लाख96 हज़ार 988 रुपये के लिए काटे गए। 24 बकायादारों ने तत्काल अपने बकाये का भुगतान करते हुए कुल 9 लाख 19 हज़ार 563 रुपये जमा किए। मुख्य अभियंता शिलेदार ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बकाया वसूली के लिए प्रतिदिन इसी प्रकार सघन मुहिम चलाएं, ताकि बकाया राशि की रिकवरी में तेजी लाई जा सके। उन्होंने निर्देश दिए है कि जिन उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटे गए हैं, उनके घरों की शाम के समय नियमित जांच की जाए। यदि कोई उपभोक्ता अनाधिकृत रूप से बिजली उपयोग करते पाया जाता है तो उसके विरुद्ध भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही आसपास से अनाधिकृत कनेक्शन लेकर बिजली उपयोग करने पर धारा 138 के तहत एफआईआर दर्ज कर न्यायालयीन कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। विद्युत विभाग ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे समय पर बिजली बिल जमा कर कार्य में सहयोग दें अन्यथा नियमों के अनुरूप आवश्यक कार्रवाई अनिवार्य रूप से की जाएगी।

Online Token System: Mrinal Mandal got the right price for paddy sale, online token made paddy purchase easier.
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Online Token System : मृणाल मंडल ने धान विक्रय का सही मूल्य मिला, ऑनलाइन टोकन से आसान हुआ धान खरीदी

रायपुर 06 दिसम्बर। Online Token System : ऑनलाइन टोकन प्रणाली ने धान खरीदी प्रक्रिया को सरल और सहज बनाया है l किसान स्वयं ऑनलाइन टोकन के माध्यम से घर बैठे ही टोकन प्राप्त कर सकते हैं। समिति में पहुंचते ही उन्हें बिना किसी परेशानी के धान बेचना आसानी हुआ । जिला बलरामपुर- रामानुजगंज के बलरामपुर विकासखंड के धान उपार्जन केंद्र बरदर में ग्राम रामनगरकला रहने वाले किसान मृणाल मंडल ने अपनी मेहनत से उपजे लगभग 166 बोरी धान का विक्रय किया। समिति में मिली बेहतर व्यवस्था, सहज प्रक्रिया और त्वरित खरीदी ने उन्हें संतुष्ट किया, मृणाल मंडल बताते हैं कि धान का सर्वाधिक मूल्य ने उनकी मेहनत को सही मूल्य दिलाया है। 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान खरीदी का प्रावधान किसानों के लिए बड़ी राहत साबित हो रहा है। किसान मंडल ने बताया कि समय पर समिति पहुंचना और तुरंत धान की खरीदी होना उनके लिए अत्यंत सुखद अनुभव रहा। बिना लंबी प्रतीक्षा और बिना किसी भागदौड़ और सुव्यवस्थित खरीदी व्यवस्था से धान विक्रय हो गया। उन्होंने बताया की इस बार की उपज के मिले राशि से परिवार की जरूरत, अगली फसल की तैयारी में उपयोग करेंगे। किसान मंडल ने धान खरीदी व्यवस्था को सरल एवं सुगम बनाने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त भी किया।

NIFTEM Team: Jashpur towards becoming a food processing hub, continuous efforts of NIFTEM Kundli
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NIFTEM Team : खाद्य प्रसंस्करण हब बनने की ओर जशपुर, निफ्टेम कुंडली का सतत् प्रयास

रायपुर, 05 दिसंबर। NIFTEM Team : राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान कुंडली हरियाणा की 18 यूजी व पीजी छात्रों और 2 संकाय सदस्यों की टीम ने अपने प्रतिष्ठित ग्राम अंगीकरण कार्यक्रम के तहत 19 से 27 नवंबर 2025 तक लगातार तीसरे वर्ष जशपुर का दौरा किया l निफ्टेम ने 2023 में जशपुर जिला प्रशासन के निर्देशानुसार कृषि, बागवानी और वन उत्पादों विशेषकर महुआ के खाद्य प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन को बढ़ावा देने की दिशा में अपनी गतिविधियाँ प्रारम्भ की थीं। निफ्टेम टीम ने समूह, एफ़ पी ओ और खाद्य प्रसंस्करण हितधारकों से मिलकर गुणवत्ता, सुरक्षा, विनियमन और उद्यमिता से संबंधित जानकारी साझा की। मोटे अनाज से मूल्यवर्धित उत्पादों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण जशपुर में खाद्य प्रसंस्करण प्रशिक्षण की आधारशिला मजबूत हुई वर्तमान वर्ष में टीम ने कुशल मानव संसाधन तैयार करने हेतु विविध प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए। कुनकुरी स्थित कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन में एक फूड प्रोसेसिंग ट्रेनिंग एवं इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किया गया, जहां युवाओं को मोटे अनाज आधारित बेकरी उत्पादों के निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया। वी ए पी टीम द्वारा स्व सहायता समूह एवं एफ पी ओ सदस्यों तथा युवाओं के लिए मोटे अनाज से मूल्यवर्धित उत्पादों पर तीन व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए। इसके अतिरिक्त, सुजी आधारित पास्ता निर्माण, पैकेजिंग, लेबलिंग, ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग पर आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया गया। कुल 96 प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिनमें 65 प्रतिशत महिलाएँ सम्मिलित रहीं। जशपुर : फसलों और अवसरों का समृद्ध भंडार जशपुर की जलवायु एवं भौगोलिक विविधता में अच्छी फसलों का उत्पादन होता है। जहां धान, कोदो-कुटकी, रागी, सेब, नाशपाती, स्ट्रॉबेरी, काजू, कटहल, अदरक, हल्दी, नींबू, चाय और महुआ जैसी फसलों के लिए अत्यंत उपयुक्त बनाती है। खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से इन अतिरिक्त उत्पादों को दीर्घ शेल्फ लाइफ, सुरक्षित प्रसंस्करण, और मूल्यवर्धित खाद्य उत्पादों—जैसे स्नैक्स, नाश्ते के अनाज, एनर्जी बार और रेडी-टू-ईट/कुक उत्पाद—में बदला जा सकता है। जिला प्रशासन द्वारा सभी ब्लॉकों में खाद्य प्रसंस्करण अवसंरचना के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। निफ्टेम का वी ए पी कार्यक्रम ग्रामीण समुदायों को तकनीकी सहायता, प्रशिक्षण और उद्यमिता विकास प्रदान कर इस प्रयास को सशक्त बना रहा है। महुआ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस : निफ्टेम टीम द्वारा सराहना अपने दौरे के दौरान निफ्टेम टीम ने महुआ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का भी दौरा किया, जहाँ महुआ फूल से तैयार किए गए विभिन्न नवाचारपूर्ण मूल्यवर्धित उत्पादों जैसे महुआ च्यवनप्राश, महुआ टी, महुआ आधारित स्नैक्स तथा अन्य प्रयोगात्मक खाद्य उत्पाद के विकास कार्य को विस्तार से समझा। टीम ने उत्पादों की गुणवत्ता, संगत प्रसंस्करण विधि, पैकेजिंग की स्वच्छता एवं प्रस्तुति तथा महुआ के आधुनिक फूड-ग्रेड उपयोग की विशेष रूप से सराहना की। महुआ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस जिला प्रशासन जशपुर द्वारा प्रारम्भ किया गया एक छोटा लेकिन महत्त्वपूर्ण प्रसंस्करण केंद्र है, जिसे वर्तमान में जय जंगल द्वारा संचालित किया जा रहा है। यह केंद्र जिले में कोदो, कुटकी, रागी और महुआ के प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन में सक्रिय भूमिका निभा रहा है और स्थानीय महिला समूहों के लिए वास्तविक कौशल एवं आय-वृद्धि का केंद्र बन चुका है। वी ए पी कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे प्रो. प्रसन्ना कुमार ने जशपुर की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया । उन्होंने जिला कलेक्टर जशपुर, जिला पंचायत सीईओ, एनआर ए एल एम मिशन मैनेजर तथा जय जंगल एफ पी सी के निदेशक के योगदान को रेखांकित किया। निफ्टेम निदेशक डॉ. हरिंदर सिंह ओबेरॉय ने वी ए पी को छत्तीसगढ़ में उभरते खाद्य प्रसंस्करण पारिस्थितिकी तंत्र का आधार बताते हुए इसकी गतिविधियों को और अधिक क्षेत्रों तक विस्तार देने की आवश्यकता पर बल दिया। इस समग्र विश्लेषण के आधार पर तैयार की गई विस्तृत “जशपुर खाद्य प्रसंस्करण विकास रिपोर्ट” आज जिला प्रशासन को औपचारिक रूप से प्रस्तुत की गई।

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CM Public Tourism Promotion : छत्तीसगढ़ में शुरू होने जा रहा है पर्यटन का नया अध्याय, मुख्यमंत्री जन पर्यटन प्रोत्साहन योजना से छत्तीसगढ़ पर्यटन को मिलेगी नई उड़ान, 75 प्रतिशत सब्सिडी के साथ पर्यटकों के लिए आकर्षक टूर पैकेजों की शुरुआत

रायपुर, 05 दिसंबर। CM Public Tourism Promotion : छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग एवं आईआरसीटीसी मिलकर मुख्यमंत्री जन पर्यटन प्रोत्साहन योजना के तहत रायपुर और बस्तर में पर्यटकों के लिए विशेष टूर पैकेजों की शुरुआत जल्द ही करने जा रहे हैं। यह पहल प्रदेश की सांस्कृतिक, धार्मिक और प्राकृतिक विरासत के प्रसार के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना के अंतर्गत रायपुर से चार प्रमुख टूर पैकेज संचालित किए जाएंगे, जिनमें रायपुर सिटी टूर, रायपुर सिटी धार्मिक टूर, रायपुर–जगदलपुर सर्किट टूर और रायपुर–सिरपुर–बारनवापारा सर्किट टूर शामिल हैं। प्रत्येक पैकेज में वातानुकूलित वाहन, हिंदी-अंग्रेजी गाइड, भोजन और ट्रैवल इंश्योरेंस जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे पर्यटक आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का आनंद ले सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि पर्यटन को जन-जन तक पहुंचाने के लिए यह महत्वपूर्ण योजना शुरू की गई है। इससे न केवल आर्थिक विकास को बल मिलेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की पहचान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक सशक्त होगी। पर्यटन मंत्री श्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि यह योजना स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ रोजगार के व्यापक अवसर भी उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक समृद्धि हर पर्यटक तक पहुँचे।” प्रमुख टूर पैकेज रायपुर सिटी टूर (दिवसीय भ्रमण) इस टूर में पर्यटक रायपुर के प्रमुख स्थलों—राम मंदिर, ऊर्जा पार्क, पुरखौती मुक्तांगन, छत्तीसगढ़ ट्राइबल म्यूजियम, नंदनवन जू और कौशल्या माता मंदिर की सैर कर सकेंगे। पैकेज में वातानुकूलित वाहन, हिंदी/अंग्रेजी गाइड, भोजन और यात्रा बीमा शामिल है। प्रस्थान रायपुर रेलवे स्टेशन से होगा। रायपुर सिटी धार्मिक टूर (दिवसीय भ्रमण) धार्मिक स्थलों पर केंद्रित यह टूर हनुमान मंदिर, मां बंजारी मंदिर, कैवल्य धाम जैन मंदिर, इस्कॉन मंदिर, महामाया मंदिर, दंतेश्वरी माता मंदिर, राम मंदिर और मां कौशल्या माता मंदिर की यात्रा का अनुभव प्रदान करेगा। इस टूर की शुरुआत और समापन भी रायपुर रेलवे स्टेशन से ही होगा। रायपुर–जगदलपुर सर्किट टूर (02 रातें / 03 दिन) इस पैकेज में बस्तर क्षेत्र के प्राकृतिक और सांस्कृतिक स्थलों—जगदलपुर, चित्रकोट, तीरथगढ़—की यात्रा शामिल है। पर्यटक चित्रकोट जलप्रपात, कुटुमसर गुफा, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान और दंतेश्वरी मंदिर जैसे प्रमुख आकर्षणों का आनंद ले सकेंगे। ठहराव डबल-शेयरिंग होटल में होगा तथा दैनिक भोजन की व्यवस्था रहेगी। रायपुर–सिरपुर–बारनवापारा सर्किट टूर (01 रात / 02 दिन) यह टूर सिरपुर के ऐतिहासिक मंदिरों और बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य की सैर करवाएगा। पैकेज में स्नैक्स, भोजन, होटल आवास और वातानुकूलित वाहन शामिल हैं। पर्यटकों को जंगल सफारी का रोमांचक अनुभव भी मिलेगा। टूर पैकेज की विशेषताएं प्रत्येक पैकेज के लिए कम से कम 10 व्यक्तियों का समूह आवश्यक है। यात्रा के दौरान पर्यटकों को पीने का पानी, स्नैक्स, लंच और ट्रैवल इंश्योरेंस दिया जाएगा। 2 से 18 वर्ष तक के बच्चों को 85% और 18 वर्ष से अधिक के वयस्कों को 75% सब्सिडी प्रदान की जाएगी। सभी पैकेज रायपुर रेलवे स्टेशन से शुरू और समाप्त होते हैं। स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा इन टूर पैकेजों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक, धार्मिक और प्राकृतिक विरासत को संरक्षित रखते हुए पर्यटन क्षेत्र में नई ऊर्जा लाई जा रही है। पर्यटक इन पैकेजों के जरिए प्रदेश की विविधता और समृद्धि का प्रत्यक्ष अनुभव कर सकेंगे। इस योजना से स्थानीय व्यवसायों को लाभ मिलेगा और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। यह योजना मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पर्यटन को बढ़ावा देने की दूरदर्शी पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पर्यटन को जन-जन तक पहुँचाकर प्रदेश के आर्थिक विकास को गति देना है। इससे छत्तीसगढ़ के पर्यटन को नई पहचान मिलेगी और पर्यटक राज्य को नए दृष्टिकोण से जानने-समझने का अवसर प्राप्त करेंगे। मुख्यमंत्री जन पर्यटन प्रोत्साहन योजना छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों में पर्यटन को सुलभ, समृद्ध और आकर्षक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाले समय में प्रदेश को प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। – मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

Bastar Olympics 2025: Women return to the sports field after years, Bastar Olympics becomes a medium to connect with roots
Chhattisgarh, Sports

Bastar Olympics 2025 : वर्षों बाद खेल मैदान में लौटीं महिलाएं, बस्तर ओलंपिक बना जड़ों से जोड़ने का माध्यम

रायपुर, 04 दिसम्बर। Bastar Olympics 2025 : बस्तर ओलम्पिक 2025 का आयोजन इस वर्ष कई महिलाओं को अपनी जड़ों से दोबारा जुड़ने का अवसर मिला है, ऐसी ही महिलाओं में शामिल हैं सरोज पोडियाम, जो विवाह और पारीवारिक जिम्मेदारियों के चलते वर्षों से खेल से दूर थीं। तीन वर्ष की बच्ची की मां होने के बावजूद उन्होंने खेल मैदान में वापसी कर सभी को प्रेरित किया। रस्साकसी में संभाग स्तर का मिला टिकट, महिलाओं ने दिखाया जोरदार प्रदर्शन सरोज पोडियाम कोंटा विकासखंड के दूरस्थ मुरलीगुड़ा ग्राम की निवासी हैं। वह बताती हैं कि बस्तर ओलम्पिक शुरू होने से उन्हें स्कूल के दिनों की खो-खो और कबड्डी जैसे खेलों की यादें ताजा हो गईं। सरोज बताती हैं हम महिलाओं का अधिकतर समय परिवार, बच्चे और गृहकार्य में बीत जाता है। लेकिन बस्तर ओलम्पिक ने हमें फिर से अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया। इस बार संभाग स्तर तक पहुंचना हम सभी के लिए बड़ी खुशी की बात है। बस्तर ओलम्पिक में सरोज पोडियाम और उनकी टीम ने रस्साकसी में दमदार प्रदर्शन करते हुए संभाग स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयन हासिल किया है। टीम की इस उपलब्धि से पूरे परिवार और गांव में खुशी का माहौल है। सरोज कहती हैं कि हम सभी महिला साथी बहुत खुश हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी का धन्यवाद, जिन्होंने हमें अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच दिया। इस बार पूरा प्रयास रहेगा कि हम संभाग में अपने जिले को जीत दिलाएं। बस्तर ओलम्पिक ने हमें दोबारा खेलने का मौका दिया और आस-पास की सभी महिला साथी भी शामिल हुईं। माओवादी हिंसा से प्रभावित परिवार, संघर्ष से उपलब्धि तक की यात्रा सरोज पोडियाम का परिवार माओवादी हिंसा से प्रभावित रहा है। वर्ष 2009 में नक्सलियों द्वारा उनके ससुर की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद परिवार गहरे संकट में आ गया। घटना के बाद शासन ने नवा बिहान योजना के तहत सुकमा में उन्हें आवास उपलब्ध कराया तथा उनके पति श्री राकेश को नगर सैनिक के रूप में पदस्थ कर परिवार को संबल दिया। आज वही परिवार संघर्ष की राह से निकलकर बस्तर ओलम्पिक में उपलब्धि की नई कहानी लिख रही है। टीम का दम, महिलाओं की एकजुटता बनी ताकत सरोज पोडियाम ने बताया कि उनकी टीम में नंदिता सोढ़ी, सरिता पोडियामी, लिपिका डे, मुन्नी नाग, ललिता यादव, पुनम भेखर, जसवंती वेट्टी, बण्डी बारसे शामिल हैं। सब महिलाओं ने मिलकर बेहतरीन तालमेल से प्रदर्शन किया और संभाग स्तर तक पहुंचने का गौरव पाया।

Women for Trees: A big step towards greenery and self-reliance with the participation of women under the Amrit Mission
Chhattisgarh

Women for Trees : अमृत मिशन के अंतर्गत महिलाओं की भागीदारी से हरियाली और आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम

रायपुर, 04 दिसंबर। Women for Trees : केंद्र सरकार के अमृत मिशन के तहत संचालित महत्वाकांक्षी पहल ‘वुमेन फॉर ट्री’ छत्तीसगढ़ में महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण का प्रभावी मॉडल बनकर सामने आ रही है। बालोद जिले में इस योजना का सफल क्रियान्वयन राज्यभर में महिला शक्ति की भागीदारी से हरियाली एवं स्वच्छता को बढ़ावा देने का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। योजना के अंतर्गत बालोद जिले के 08 नगरीय निकायों में अब तक 6,950 पेड़ लगाए जा चुके हैं। वृक्षारोपण के साथ-साथ पौधों की देखभाल, सिंचाई, सुरक्षा और नियमित रखरखाव की जिम्मेदारी महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपी गई है। इस प्रत्यक्ष भागीदारी ने पौधों के संरक्षण दर में उल्लेखनीय वृद्धि की है और स्थानीय स्तर पर पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है। महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ’वुमेन फॉर ट्री’ योजना के तहत 66 महिलाओं को नियमित कार्य प्रदान किया गया है। प्रत्येक महिला कार्यकर्ता को प्रति माह 8,000 रुपये मानदेय दिया जा रहा है, जिससे उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। इन महिलाओं को कार्य के लिए आवश्यक सामग्री जैसे—साड़ी, जैकेट, जूते और संपूर्ण टूलकिट (फावड़ा, कुदाली, बेलचा, धमेला) भी उपलब्ध कराई गई है। कई महिलाओं ने बताया कि इस आय से वे अपने बच्चों की शिक्षा और घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हो रही हैं। जिला प्रशासन ने बताया कि आने वाले समय में वृक्षारोपण के क्षेत्र को और विस्तृत किया जाएगा तथा अधिक से अधिक महिलाओं को इस अभियान से जोड़ कर नए रोजगार अवसर विकसित किए जाएंगे। पौधों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए महिलाओं को तकनीकी प्रशिक्षण व मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा। नगर पालिका परिषद बालोद के मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री मोबिन अली ने बताया कि यह योजना न केवल पर्यावरण संरक्षण को गति दे रही है, बल्कि महिला सशक्तिकरण का सशक्त माध्यम भी बन रही है। उन्होंने कहा कि बालोद को हरियाली और स्वच्छता के क्षेत्र में मॉडल जिला के रूप में स्थापित करने की दिशा में यह पहल महत्वपूर्ण है। साथ ही, उन्होंने नागरिकों से वर्षा जल संचयन, जल स्रोतों की स्वच्छता एवं संरक्षण में सहयोग कर जल संरचना को सुदृढ़ बनाने की अपील की। जिला प्रशासन ने प्रदेश के सभी नागरिकों, संस्थाओं और सामाजिक संगठनों से ’वुमेन फॉर ट्री’ अभियान से जुड़कर हरित छत्तीसगढ़ के निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया है।

Model Solar Village: A village in Jashpur district will be made a model solar village, the selection committee has started the selection process
Chhattisgarh

Model Solar Village : जशपुर जिले में एक गांव बनेगा मॉडल सोलर विलेज, चयन समिति ने शुरू की चयन प्रक्रिया

रायपुर, 04 दिसम्बर। Model Solar Village : प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत जशपुर जिले में एक ग्राम को मॉडल सोलर विलेज के रूप में विकसित किए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। जिला स्तरीय चयन समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर रोहित व्यास के मार्गदर्शन में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।  भारत सरकार द्वारा जारी नवीन दिशा-निर्देशों के अनुसार मॉडल सोलर विलेज के लिए उन राजस्व ग्रामों का चयन आवश्यक है जिनकी आबादी 5,000 से अधिक हो। जशपुर जिले में ऐसे ग्रामों की संख्या 10 से कम होने के कारण, जिला स्तरीय समिति द्वारा प्रथम 10 सर्वाधिक आबादी वाले ग्रामों के मध्य छह माह की प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया आयोजित की जा रही है। इसी के आधार पर अंतिम मॉडल सोलर विलेज का चयन किया जाएगा। दिशा-निर्देशों के अनुसार जिस ग्राम में सरकारी एवं गैर-सरकारी माध्यमों से सर्वाधिक सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित होगी, उसे मॉडल सोलर विलेज के रूप में प्राथमिकता दी जाएगी। इसी क्रम में जिले के 10 सर्वाधिक आबादी वाले ग्राम बटईकेला, सन्ना, कांसाबेल, पण्ड्रापाठ, लुडेग, कामारिमा, घोघर, तपकरा, दुलदुला और फरसाबहार को प्रतिस्पर्धा हेतु सूचीबद्ध किया गया है। इन ग्रामों में सौर ऊर्जा क्षमता बढ़ाने एवं मूल्यांकन के लिए छह माह की अवधि निर्धारित की गई है। चयनित ग्राम के समग्र विकास हेतु 2 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) तैयार कर 15 मार्च 2026 तक ऊर्जा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन को प्रेषित की जाएगी।

CM Vishnu: Chhattisgarh government fulfilling every guarantee of Prime Minister Modi, handed over keys to new houses to 1073 PM Awas Yojana beneficiaries, government college to open in Suhela
Chhattisgarh

CM Vishnu : प्रधानमंत्री मोदी की हर गारंटी को पूरा कर रही है छत्तीसगढ़ सरकार, पीएम आवास के 1073 हितग्राहियों को नये आवास की चाबी सौंपी, सुहेला में खुलेगा शासकीय महाविद्यालय

रायपुर, 04 दिसंबर। CM Vishnu : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के ग्राम सुहेला में आयोजित कार्यक्रम में 195.26 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात दी। कार्यक्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के 1073 हितग्राहियों को आवास की चाबी, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत तीन हजार महिलाओं को गैस कनेक्शन, प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना अंतर्गत पाँच हजार किसानों को अधिकार अभिलेख तथा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों को सामग्री और राशि के चेक प्रदान किए। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का ध्येय है कि हर घर में पक्का मकान, शौचालय, शुद्ध पेयजल और प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ पहुंचे। इसी उद्देश्य को साकार करने के लिए हमारी सरकार जनता के हित में वचनबद्ध होकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को पृथक राज्य बने 25 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और हम रजत जयंती वर्ष मना रहे हैं। सरकार बनने से पहले प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी में जो वादे किए गए थे, उन्हें हम एक-एक कर पूरा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश में 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी हो रही है। तेंदूपत्ता संग्रहण की दर बढ़ाकर प्रति मानक बोरा 5,500 रुपये कर दी गई है। किसानों को दो वर्ष का बकाया बोनस भी प्रदान किया जा चुका है। महतारी वंदन योजना और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ बड़ी संख्या में महिलाओं को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत हर घर को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना में बड़ी मात्रा में सब्सिडी भी मिल रही है, इसलिए अधिक से अधिक लोग अपने घरों में सोलर पैनल स्थापित कर लाभ उठाएँ। उन्होंने जिले में प्रशासन की ‘हम होंगे कामयाब’ पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि युवाओं को उनकी रुचि के अनुसार प्रशिक्षित कर उनके बेहतर भविष्य के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, उनसे अब तक 500 से अधिक युवाओं को लाभ मिला है। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव और स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ विकास की नई ऊँचाइयाँ छू रहा है और बड़े-बड़े कार्य सहजता से पूरे हो रहे हैं। राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने बताया कि बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में अकेले 100 करोड़ रुपये से अधिक की सड़कों की स्वीकृति मिली है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम के दौरान सुहेला में नवीन महाविद्यालय की स्थापना, तिल्दा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन, बलौदाबाजार में शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल भवन एवं नवीन व्यावसायिक परिसर का निर्माण करने की घोषणा की। उन्होंने जिले के 50 धान उपार्जन केंद्रों में किसानों के लिए 10-10 लाख रुपये की लागत से शेड निर्माण तथा सुहेला तिगड्डे में तीनों सड़कों पर एक-एक किलोमीटर तक डिवाइडर निर्माण एवं लाइट लगाने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने जिन विकास कार्यों का लोकार्पण किया, उनमें मुख्य रूप से प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत 12.87 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 1073 आवास, तथा लगभग 7.74 करोड़ रुपये की लागत से आमाकोनी, हथबंद, पौसरी, सेम्हराडीह और खपराडीह में निर्मित जल प्रदाय योजनाएँ शामिल हैं। भूमिपूजन के प्रमुख कार्यों में 49.17 करोड़ रुपये की लागत से बलौदाबाजार–रिसदा–हथबंद मार्ग मजबूतीकरण, 20.98 करोड़ रुपये की लागत से बलौदाबाजार के रिसदा बायपास मार्ग, 15.59 करोड़ रुपये की लागत से बलौदाबाजार में इंडोर स्टेडियम कॉम्प्लेक्स, 8.60 करोड़ रुपये की लागत से प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत 717 आवास तथा 8.04 करोड़ रुपये की लागत से कोल्हान नाले के पार सुंगेरा एनिकट निर्माण शामिल हैं। कार्यक्रम में 5 करोड़ रुपये से अधिक की हितग्राहीमूलक सामग्री एवं चेक वितरण किया गया। इसमें मुख्य रूप से सायबर फ्रॉड प्रकरण के 27 लाख रुपये की वापसी, श्रम विभाग की विभिन्न योजनाओं में 83 लाख रुपये का वितरण, 8333 छात्रों को 4.25 करोड़ रुपये की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, महिला स्व सहायता समूहों एवं ‘सक्षम’ योजना अंतर्गत 16 महिलाओं को 25 लाख रुपये, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 10 हितग्राहियों को 9.69 लाख रुपये तथा ‘हम होंगे कामयाब’ योजना अंतर्गत 60 हितग्राहियों को 6.81 लाख रुपये का भुगतान शामिल है। इस अवसर पर बलौदाबाजार-भाटापारा जिला पंचायत अध्यक्ष आकांक्षा जायसवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष रायपुर नवीन अग्रवाल, पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा, महिला आयोग की सदस्य लक्ष्मी वर्मा, जनपद अध्यक्ष सिमगा दौलत पाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

Former President Ramnath Kovind: Continuous learning, skill development and self-development are essential for success
Chhattisgarh

Former President Ramnath Kovind : सफलता के लिए निरंतर सीखना, कौशल निखारना और आत्मविकास अनिवार्य

रायपुर, 04 दिसम्बर। Former President Ramnath Kovind : अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह का आयोजन आज पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के मुख्य आतिथ्य में गरिमामय वातावरण में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल रमेन डेका ने की। अति विशिष्ट अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विशिष्ट अतिथि उपमुख्यमंत्री अरुण साव तथा उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा शामिल हुए। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य डॉ. दिवाकर नाथ वाजपेयी उपस्थित रहे। समारोह में 64 शोद्यार्थियों को शोध उपाधि, 92 गोल्ड मेडल एवं 36950 स्नातक एवं स्नातकोत्तर उपाधि दी गई। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने स्नातक छात्रों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ दीं और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने युवा पीढ़ी की ऊर्जा और आत्मविश्वास की सराहना करते हुए कहा कि भारत आज दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में अग्रणी है और वर्तमान युवा इसका ऐतिहासिक साक्षी और भागीदार हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से स्नातक होना शिक्षा की पूर्णता नहीं है, बल्कि इक्कीसवीं सदी में सफलता के लिए निरंतर सीखना, कौशल निखारना और आत्मविकास अनिवार्य है। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि देश के विश्वविद्यालयों में बेटियाँ शिक्षा के क्षेत्र में कई बार बेटों से आगे निकल रही हैं और इस विश्वविद्यालय के स्वर्ण पदक विजेताओं में भी बेटियों की संख्या उल्लेखनीय है। उन्होंने विद्यार्थियों, विशेषकर पदक विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि उनकी यह उपलब्धि केवल उनकी मेहनत का परिणाम नहीं है, बल्कि इसके पीछे माता-पिता का त्याग, परिवार का सहयोग और गुरुओं का अमूल्य मार्गदर्शन भी निहित है। यह हर विद्यार्थी के लिए एक सुनहरा यादगार पल है, जिसे वे जीवनभर याद रखेंगे। उन्होंने कहा कि-“कभी यह मत सोचिए कि आप पीछे रह गए हैं। यदि आप प्रयास करना नहीं छोड़ते, तो आप हमेशा पहले स्थान पर हो सकते हैं।” उन्होंने छात्रों से अपने सपनों को साकार करने के लिए परिश्रम करने, भारतीय संस्कृति, मूल्यों और जड़ों से जुड़े रहने और योग व विज्ञान जैसी भारतीय विरासत को अपनाने का आह्वान किया। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने कहा कि जीवन में अनेक चुनौतियाँ आती हैं, जिनमें कभी-कभी हम गिरते भी हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हर बार स्वयं को संभालकर फिर से खड़ा होना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में गिरावट से भयभीत न हों और हमेशा उठने का साहस रखें। राज्यपाल ने अनुशासन को जीवन में सफलता की मजबूत नींव बताते हुए कहा कि जीवन एक सुंदर यात्रा है, और इसे उद्देश्यपूर्ण, सकारात्मक और सार्थक ढंग से जीना प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है। मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर ध्यान आकर्षित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आज तनाव एक बड़ी चुनौती बन चुका है। इसलिए योग, ध्यान और नियमित शारीरिक गतिविधि को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों से यह भी आग्रह किया कि वे जीवन में ऐसा कार्य चुनें जिसमें तनाव कम हो, पारदर्शिता हो और जिससे स्वयं, समाज और राष्ट्र का सकारात्मक परिवर्तन संभव हो। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि सफलता केवल डिग्री से नहीं, बल्कि सीखने की निरंतर इच्छा से तय होती है। दुनिया तेजी से बदल रही है, और जो युवा अपनी संस्कृति की जड़ों से जुड़े रहते हुए तकनीक, नवाचार और मेहनत का मार्ग चुनते हैं, वहीं कल का भारत गढ़ेंगे। जीवन में अवसर हमेशा बाहर नहीं मिलते, कई बार हमें स्वयं अवसर बनाना होता है। अनुशासन, लगन और सकारात्मक दृष्टि ही वह शक्ति है, जो हर साधारण क्षण को असाधारण उपलब्धि में बदल देती है। उन्होंने कहा कि मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि यह पीढ़ी छत्तीसगढ़ को और पूरे देश को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह समारोह केवल औपचारिक आयोजन नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों के सपनों, संकल्पों और संघर्षों का उत्सव है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप बहुविषयक अध्ययन, कौशल आधारित शिक्षण, चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम, अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट और आधुनिक पाठ्यचर्या जैसी व्यवस्थाओं को लागू करने की सराहना की, जिससे छात्र वैश्विक अवसरों का लाभ उठा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि विवि में डिजिटलईजेशन के माध्यम से विश्वविद्यालय द्वारा प्रवेश प्रक्रिया, परीक्षा फॉर्म, ट्रांसक्रिप्ट और डिग्री प्रमाणपत्र जैसी सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया है। इस नई प्रणाली से छात्रों को सरल, पारदर्शी और त्वरित सेवाएँ मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि पीएम उषा कार्यक्रम के तहत वित्तीय सहायता नए प्रयोगशालाओं, स्मार्ट कक्षाओं, डिजिटल लाइब्रेरी और आधुनिक अकादमिक अवसंरचना के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी इससे विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा में गुणवत्ता और नवाचार को सुनिश्चित कर सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों को राज्य की आवश्यकताओं के अनुरूप कृषि विज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक संरचना, भाषा-साहित्य और तकनीकी नवाचार जैसे क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शोध को प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह ने विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों को ज्ञान, अनुशासन और प्रेरणा का एक उत्सव प्रदान किया और अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय की उच्च शिक्षा में गुणवत्ता और नवाचार की प्रतिबद्धता को उजागर किया। उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी के मार्गदर्शन में बने इस राज्य ने शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने कहा कि दीक्षांत समारोह छात्रों के परिश्रम, संघर्ष और लगन का सम्मान है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है तथा 20 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है, जिससे शैक्षणिक अधोसंरचना और अधिक मजबूत होगी। अतिथियों ने विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका कन्हार का भी विमोचन किया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य डॉ. अरूण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने दिया। कार्यक्रम में विधायक अमर अग्रवाल, धर्मजीत सिंह, धरमलाल कौशिक, सुशांत शुक्ला, अटल श्रीवास्तव, दिलीप लहरिया, क्रेडा के अध्यक्ष भूपेन्द्र सवन्नी, महापौर पूजा विधानी, कुलसचिव डॉ. तारणीश गौतम सहित विश्वविद्यालय के प्राध्यापक और बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद थे।

E-Gazette Online Portal: Launch of e-Gazette online portal in Chhattisgarh…The process of notification publication will now be completely digital and quick.
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E-Gazette Online Portal : छत्तीसगढ़ में ई-गजट ऑनलाईन पोर्टल का शुभारंभ…अधिसूचना प्रकाशन की प्रक्रिया अब होगी पूरी तरह डिजिटल और त्वरित

रायपुर, 03 दिसम्बर। E-Gazette Online Portal : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल, पारदर्शी और त्वरित बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने मंत्रालय में ई-गजट ऑनलाईन पोर्टल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की सचिव रीना बाबासाहेब कंगाले उपस्थित थीं। ई-गजट ऑनलाईन पोर्टल पोर्टल के माध्यम से अब शासन के सभी विभाग तथा जिला कलेक्टरों द्वारा जारी आदेश, अधिसूचनाएँ, अध्यादेश एवं अन्य प्रकाशन सामग्री सीधे ऑनलाईन पाण्डुलिपि रूप में संचालक, मुद्रण तथा लेखन सामग्री विभाग को भेजी जाएगी, जहाँ से शासकीय मुद्रणालय इसे ई-गजट के रूप में ऑनलाइन प्रकाशित करेगा। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा विकसित इस नई प्रणाली के तहत राजपत्र प्रकाशन की संपूर्ण प्रक्रिया अब डिजिटल माध्यम से संचालित होगी। पूर्व में विभागों एवं जिला कार्यालयों से मुद्रणालय तक पाण्डुलिपि भेजने की प्रक्रिया समयसाध्य और भौतिक संसाधनों पर आधारित थी, जिसे अब पूर्णतः ऑनलाइन कर दिया गया है। नए ई-गजट पोर्टल के माध्यम से विभाग अपने आदेश एवं अधिसूचनाएँ सीधे अपलोड करेंगे तथा प्रकाशित राजपत्र भी सभी के लिए ऑनलाइन सुलभ रहेगा। ई-गजट प्रणाली लागू होने से अधिसूचना प्रकाशन संबंधी कार्यों में उल्लेखनीय तेजी आएगी। डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से न केवल प्रक्रियाएँ सरल होंगी, बल्कि कार्य पूर्णतः पेपर-लेस होने से शासन की ई-गवर्नेंस नीतियों को भी मजबूत आधार मिलेगा। राजपत्रों का ऑनलाइन प्रकाशन पारदर्शिता, सुलभता और रिकॉर्ड प्रबंधन को भी अधिक प्रभावी बनाएगा। छत्तीसगढ़ शासन की यह पहल राज्य में डिजिटल शासन, त्वरित निर्णय प्रक्रिया और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ई-गजट पोर्टल के शुभारंभ से अब राजपत्र प्रकाशन अधिक सुगम, समयबद्ध और आधुनिक स्वरूप में उपलब्ध हो सकेगा।