Chhattisgarh

World AIDS Day: Awareness program and street play organized on World AIDS Day at SIMS Bilaspur
Chhattisgarh

World AIDS Day : सिम्स बिलासपुर में विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम एवं नुक्कड़ नाटक का आयोजन

रायपुर, 01 दिसंबर। World AIDS Day : विश्व एड्स दिवस के अवसर पर सिम्स चिकित्सालय  बिलासपुर में एचआईवी/एड्स से बचाव, जागरूकता और भ्रांतियों को दूर करने हेतु विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में नर्सिंग छात्राओं तथा विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों ने मरीजों और उनके परिजनों को एड्स से संबंधित सही जानकारी उपलब्ध कराई। बीएससी नर्सिंग की छात्राओं और संदीपनि अकादमी के विद्यार्थियों द्वारा ART सेंटर, मरीज पंजीयन विभाग हॉल, आपातकालीन विभाग के सामने और गायनी ओपीडी के निकट नुक्कड़ नाटक एवं पोस्टर प्रदर्शन किए गए। ART सेंटर की टीम — डॉ प्रभात कुमार श्रीवास्तव (मेडिकल ऑफिसर), योगेश जड़िया (काउंसलर), सारिका पटेल (काउंसलर), कल्पना लकड़ा (काउंसलर), अंशुलता (फार्मासिस्ट), ललिता सिंह (एलटी), नंदकिशोर पटेल (एलटी), राधाकृष्णन तिवारी — ने विभिन्न विभागों में जाकर लोगों को विस्तृत जानकारी दी। नर्सिंग विभाग से असिस्टेंट नर्सिंग सुपरीटेंडेंट नमिता वाणी, राजकुमारी, पुष्पलता शर्मा और संजू चौधरी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहीं और छात्राओं को मार्गदर्शन प्रदान किया। एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष   डॉ. मधुमिता मूर्ति ने कार्यक्रम के दौरान उपस्थित मरीजों एवं परिजनों को एड्स से संबंधित महत्वपूर्ण चिकित्सा पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि—“एचआईवी संक्रमण को लेकर लोगों में अब भी कई तरह की गलत धारणाएँ हैं। चिकित्सा क्षेत्रों में संक्रमण की रोकथाम, सुरक्षित रक्त संक्रमण, सुइयों का सुरक्षित उपयोग और सार्वभौमिक सावधानियों का पालन अत्यंत आवश्यक है। यदि समाज सही जानकारी से सशक्त होगा, तो संक्रमण के फैलाव को काफी हद तक रोका जा सकता है। सिम्स में हम सभी विभागों के साथ मिलकर सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।” सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति ने कहा— “विश्व एड्स दिवस समाज को जागरूक बनाने का अवसर है। छात्राओं की प्रस्तुति और विभागों द्वारा दी गई जानकारी लोगों में सही संदेश पहुँचाने में अत्यंत प्रभावी रही। सिम्स भविष्य में भी ऐसे जनहितकारी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाता रहेगा।” चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने कहा— “एचआईवी/एड्स का उपचार उपलब्ध है और नियमित जांच तथा परामर्श से मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं। जागरूकता ही इसका सबसे बड़ा बचाव है। आज छात्रों और टीम द्वारा किया गया प्रयास प्रशंसनीय है और इससे आमजन में सकारात्मक संदेश पहुँचता हैं |

Overview of Research Buildings: RBI officials visited the research buildings of the College of Agriculture, Indira Gandhi Agricultural University, Raipur
Chhattisgarh

Overview of Research Buildings : आरबीआई अधिकारियों ने किया कृषि महाविद्यालय, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के अनुसंधान भवनों का अवलोकन

रायपुर, 01 दिसंबर। Overview of Research Buildings : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), रायपुर के अधिकारियों ने आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में कृषि महाविद्यालय रायपुर में संचालित अनुसंधान अधोसंरचनाओं एवं प्रक्षेत्र का भ्रमण किया। इस प्रतिनिधिमंडल में भारतीय रिजर्व बैंक, छत्तीसगढ़ की क्षेत्रीय निदेशक रीनी अजित सहित, भारतीय रिजर्व बैंक, रायपुर से अमितेश सिंह (एजीएम, एचआरएमडी), दीपेश तिवारी (एजीएम, एफआईडीडी), नवीन मिंज (एजीएम, डीओएस), जोस सरोज गुड़िया (एजीएम, राजभाषा सेल), सत्येंद्र कुमार राठौड़ (एजीएम, एफआईडीडी), अविनाश कुमार चौधरी (एजीएम, सिविल, एस्टेट सेल) आदि प्रमुख अधिकारी मौजूद थे। भ्रमण कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधाओं का अवलोकन किया गया। यह पहल छत्तीसगढ़ के कृषि क्षेत्र में प्राथमिकता क्षेत्र ऋणों के नियमन एवं वित्तीय जागरूकता को बढ़ावा देने पर केंद्रित थी। प्रशासनिक भवन में पारंपरिक स्वागत के बाद इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल के साथ बैठक आयोजित हुई। इसमें विश्वविद्यालय की अनुसंधान और विस्तार कार्यक्रमों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। भ्रमण कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधाओं का अवलोकन किया गया। यह पहल छत्तीसगढ़ के कृषि क्षेत्र में प्राथमिकता क्षेत्र ऋणों के नियमन एवं वित्तीय जागरूकता को बढ़ावा देने पर केंद्रित थी। प्रशासनिक भवन में पारंपरिक स्वागत के बाद इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल के साथ बैठक आयोजित हुई। इसमें विश्वविद्यालय की अनुसंधान और विस्तार कार्यक्रमों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।  आर बी आई अधिकारियों ने औषधीय उद्यान, टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला, रिछारिया अनुसंधान प्रयोगशाला, कृषि संग्रहालय, जैव नियंत्रण एवं जैव उर्वरक प्रयोगशाला तथा इनक्यूबेशन सेंटर का विस्तृत अवलोकन किया। कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल पूरे भ्रमण के दौरान आरबीआई अधिकारियों के साथ उपस्थित रहते हुए कार्यक्रम का नेतृत्व एवं मार्गदर्शन देते रहे। कृषि महाविद्यालय के डॉ. पी.एस. जोशी (प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग), डॉ. जेनू झा (प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, पादप संरक्षण एवं जीवाणुविज्ञान विभाग) एवं डॉ. आर.पी. कुजूर (सहायक प्राध्यापक) ने कार्यक्रम का पूर्ण समन्वय किया। सभी प्रयोगशाला प्रभारियों ने भ्रमण के दौरान अपने-अपने प्रयोगशालाओं के कार्यों का उत्साहपूर्वक विस्तार से परिचय कराया एवं छत्तीसगढ़ के कृषि अनुसंधान की उत्कृष्ट झलक प्रस्तुत की। आरबीआई टीम ने भ्रमण के दौरान चावल की  जैव विविधता एवं कृषि उत्पादों के विपणन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।

Strict Action: Strict action against illegal drug storage, drug de-addiction awareness programs organized across the state
Chhattisgarh, Health

Strict Action : वैध दवा भंडारण पर कठोर कार्रवाई, प्रदेशभर में नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

रायपुर, 01 दिसंबर। Strict Action : जांजगीर-चांपा जिले में  औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के अंतर्गत बिना वैध अनुज्ञप्ति के दवाओं के भंडारण एवं संचालन से संबंधित दो महत्त्वपूर्ण मामलों में माननीय विशेष न्यायालय द्वारा कठोर दंड सुनाए गए हैं। पहले विशेष प्रकरण (औषधि) क्रमांक 01/2024 में आरोपी मनीष पूरन विश्वास (वार्ड 04, झरनीपारा, ग्राम तिलई) को अधिनियम की धारा 18(ए) सहपठित धारा 28 के उल्लंघन में दोषी पाते हुए 6 माह सश्रम कारावास एवं 20,000 रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया। दूसरे विशेष प्रकरण (औषधि) क्रमांक 05/2024 में आरोपी प्रणव दत्त पांडेय (निवासी बिलासपुर रोड, बलौदा) को धारा 18(ए), 18(सी) सहपठित धारा 28 तथा धारा 27(B)(i) के उल्लंघन में दोषी पाते हुए कुल 3 वर्ष एवं 6 माह सश्रम कारावास तथा 1,00,000 रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया। विभाग ने स्पष्ट किया कि बिना वैध औषधि अनुज्ञप्ति के दवाओं का भंडारण या बिक्री करना दंडनीय अपराध है। अवैध गतिविधियों के विरुद्ध कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी और आमजन से अपील की गई है कि दवाइयाँ केवल लाइसेंस प्राप्त दुकानों से ही खरीदें। प्रदेशभर में नशा मुक्ति एवं तंबाकू नियंत्रण जागरूकता कार्यक्रम राज्य शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन के मार्गदर्शन में विभिन्न जिलों में नशा मुक्ति एवं तंबाकू नियंत्रण से संबंधित IEC गतिविधियाँ आयोजित की गईं। जिला महासमुंद के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नशामुक्त भारत अभियान, ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट और COTPA Act, 2003 की जानकारी विद्यार्थियों को दी गई तथा सभी को नशा मुक्ति की शपथ दिलाई गई। बिलासपुर स्थित माता शबरी कॉलेज में आयोजित नशा मुक्ति कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा नशे के दुष्प्रभाव, तंबाकू प्रतिबंध नियमों और स्वस्थ जीवनशैली पर विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. शशिकरण सिन्हा ने स्वस्थ एवं प्रगतिशील समाज के लिए नशा मुक्ति की आवश्यकता पर जोर दिया। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं और आमजन को नशा एवं तंबाकू सेवन के दुष्परिणामों से अवगत कराना तथा कानून के पालन को सुनिश्चित करना है। कोटपा अधिनियम का कड़ाई से पालन, चालानी कार्रवाई राज्य में COTPA Act, 2003 के प्रावधानों के सख्त अनुपालन हेतु महासमुंद, मनेन्द्रगढ़–भरतपुर–चिरमिरी और रायपुर जिले के औषधि निरीक्षकों द्वारा विगत सप्ताह धारा 4 एवं 6 के तहत विशेष कार्रवाई की गई। स्कूल–कॉलेजों के आसपास तंबाकू बेचने वाले दुकानदारों तथा सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए कुल 18,700 रुपये अर्थदंड वसूल किया गया। विभाग ने कहा कि जनस्वास्थ्य की सुरक्षा हेतु ऐसी कार्यवाहियाँ आगे भी जारी रहेंगी।

Paddy Procurement: Mudhipar farmer Kumar Verma happy with transparent paddy procurement...will use the money for his son's wedding
Chhattisgarh

Paddy Procurement : पारदर्शी धान खरीदी से खुश मुढ़ीपार के किसान कुमार वर्मा…बेटे की शादी में करेंगे राशि का उपयोग

रायपुर, 01 दिसंबर। Paddy Procurement : ग्राम मुढ़ीपार के किसान कुमार वर्मा ने उपार्जन केंद्र भरसेली में अपने 293 कट्टा धान की बिक्री कर समर्थन मूल्य पर मिली पारदर्शी प्रक्रिया और सुविधाओं की सराहना की है। वर्मा ने बताया कि धान विक्रय से प्राप्त राशि का उपयोग वह अपने बेटे की शादी में करेंगे, जिससे उनके परिवार में खुशी का माहौल है। टोकन मोबाइल से आसानी से मिल रहा है बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के किसान कुमार वर्मा ने बताया कि वे 6 एकड़ भूमि में धान की खेती करते हैं और इस वर्ष उन्हें ऑनलाइन टोकन की सुविधा मिली, जिसे उन्होंने मोबाइल से आसानी से प्राप्त किया। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जा रही धान खरीदी से किसानों को आर्थिक बल मिला है। धान तौल प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध किसान कुमार वर्मा ने केंद्र की व्यवस्थाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि भरसेली केंद्र में समय पर बारदाना उपलब्ध कराया जा रहा है, तौल प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध है,किसानों की सुविधा के लिए समाधान पेटी भी लगाई गई है, जिसमें सुझाव और समस्याएं लिखकर दी जा सकती हैं। सरकारी व्यवस्थाओं से प्रभावित किसान वर्मा ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि किसान हितैषी पहलों से खेतिहर परिवारों को वास्तविक लाभ मिल रहा है और कृषि कार्य और अधिक मजबूत हुआ है।

PM Asha Yojana: Pulses and oilseeds will be procured at the support price under the PM Asha Yojana, crop-wise procurement dates announced
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PM Asha Yojana : पीएम आशा योजना से दलहन-तिलहन की होगी समर्थन मूल्य पर खरीदी, उपार्जन की फसलवार तिथियां घोषित

रायपुर, 29 नवम्बर। PM Asha Yojana : किसानों की आय में वृद्धि तथा दलहन-तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम आशा योजना) अंतर्गत समर्थन मूल्य पर दलहन-तिलहन फसलों की खरीदी के लिए व्यापक तैयारी की गई है। सहकारी समितियों के माध्यम से होने वाली इस खरीदी से किसानों को सीधे लाभ मिलेगा। इसके लिए शासन ने अरहर, मूंग, उड़द, सोयाबीन, मूंगफली, सरसों, चना एवं मसूर की खरीदी हेतु निर्धारित तिथियाँ घोषित कर दी हैं। अधिसूचना के अनुसार अरहर और सरसों की खरीदी 15 फरवरी से 15 मई 2026 तक, मूंग, उड़द, मूंगफली एवं सोयाबीन की खरीदी 1 दिसम्बर से 28 फरवरी 2026 तक तथा चना व मसूर की खरीदी 1 मार्च से 30 मई तक की जाएगी। खरीदी कार्य के लिए नाफेड उपार्जन एजेंसी के रूप में कार्य करेगी। कृषि विभाग ने खरीफ और रबी दोनों मौसम में दलहन-तिलहन के उपार्जन को लेकर तैयारियाँ प्रारंभ कर दी हैं। फसलों के उपार्जन हेतु शासन द्वारा प्रति एकड़ अधिकतम उपार्जन सीमा निर्धारित की गई है। खरीदी का लाभ लेने के इच्छुक किसानों को कृषि विभाग द्वारा संचालित एकीकृत किसान पोर्टल में अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होगा। नाफेड द्वारा प्रदर्शित इस पंजीयन डेटा के आधार पर उपार्जन एवं भुगतान की प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित की जाएगी। भारत सरकार तथा राज्य शासन द्वारा दलहन-तिलहन क्षेत्र के विस्तार के लिए यह महत्वपूर्ण पहल की गई है, जिससे किसानों में उत्साह है। रबी मौसम में चना, मसूर एवं सरसों की खरीदी से क्षेत्र में रबी फसलों का रकबा बढ़ने की संभावना है। इससे उन क्षेत्रों के किसानों को भी लाभ मिलेगा, जहां अब तक प्रमुख रूप से केवल खरीफ में धान की खेती की जाती थी। किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कृषि विभाग द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, नेशनल मिशन ऑन ऑयलसीड, द्वि-फसलीय क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम तथा आत्मा योजना के तहत अनुदान सहायता भी दी जा रही है। कृषि विभाग ने किसानों से अपनी उपज को समर्थन मूल्य पर विक्रय करने की अपील की है। 

Paddy Purchasing: The effect of strict monitoring… Paddy procurement in Dhamtari is progressing rapidly, farmers are getting prompt payment.
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Paddy Purchasing : सख्त मॉनिटरिंग का असर…धमतरी में धान खरीदी तेज रफ्तार पर, किसानों को मिल रहा त्वरित भुगतान

रायपुर, 29 नवम्बर। Paddy Purchasing : धमतरी जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के तहत समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन पूरी पारदर्शिता, सुगमता और मजबूत प्रशासनिक निगरानी के साथ सुचारू रूप से जारी है। जिले की 74 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों एवं आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों के अंतर्गत संचालित 100 उपार्जन केन्द्रों में कुल 1,27,851 किसानों द्वारा 1,19,541.09 हेक्टेयर रकबा पंजीकृत किया गया है, जिनमें 76,046 सीमांत, 49,493 लघु और 2,312 दीर्घ किसान शामिल हैं। तेज़ी से हो रही खरीदी, किसानों को हर दिन भुगतान 15 से 28 नवम्बर 2025 के बीच 17,580 किसानों से 81,704.52 मीट्रिक टन धान खरीदा गया है। खरीदी गई उपज का कुल मूल्य 193.86 करोड़ रुपये है, जिसका निर्वहन प्रतिदिन नियमित रूप से किसानों के खातों में किया जा रहा है। 100 केन्द्रों पर नोडल अधिकारी—व्यवस्था और पारदर्शिता पर पैनी नजर जिले ने खरीदी व्यवस्था को मजबूत करने प्रत्येक उपार्जन केंद्र पर जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है। अधिकारी हर सप्ताह स्थल निरीक्षण कर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रक्रिया पारदर्शी, व्यवस्थित और किसानों के अनुकूल रहे। कोचियों पर नकेल—अवैध भंडारण व परिवहन पर बड़ी कार्रवाई अवैध धान भंडारण एवं परिवहन पर रोक के लिए राजस्व, कृषि, खाद्य, सहकारिता और मंडी विभाग का संयुक्त उड़नदस्ता दल सक्रिय है। उड़ीसा सीमा से सटे बोराई (घुटकेल), बांसपानी, बनरौद और सांकरा चेकपोस्ट पर 24×7 निगरानी की व्यवस्था की गई है।अब तक अवैध परिवहन/भंडारण के 28 प्रकरण दर्ज, कुल 1,253 मीट्रिक टन धान और दो वाहन जप्त किए गए हैं। कार्रवाई निरंतर जारी है। कस्टम मिलिंग में गति विपणन वर्ष 2024-25 में अर्जित धान की मिलिंग हेतु जिले में 102 राइस मिलों का पंजीयन हुआ है। इनमें से 55 मिलों को 2,51,552 मीट्रिक टन धान उठाव की अनुमति दी गई है, जबकि 1,99,248 मीट्रिक टन का अनुबंध पूरा किया जा चुका है। शिकायतों के लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर सक्रिय कलेक्टोरेट के कक्ष क्रमांक 11 में जिले का कमांड एवं कंट्रोल सेंटर स्थापित है। अभी तक प्राप्त 17 में से 14 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है तथा शेष 3 पर कार्यवाही जारी है।इसके लिए 07722-232808 पर सम्पर्क किया जा सकता है। धमतरी जिला प्रशासन किसानों को सुविधा, सुरक्षा और पारदर्शिता के साथ धान खरीदी उपलब्ध कराने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्यरत है।

Digital Chhattisgarh: The one who gave the biggest support to his daughter living far away, Chhattisgarh's digital system made difficult tasks easy.
Chhattisgarh

Digital Chhattisgarh : जिसने दूर रह रही बेटी को दिया सबसे बड़ा सहारा, छत्तीसगढ़ की डिजिटल व्यवस्था ने बनाया मुश्किल काम आसान

रायपुर, 29 नवम्बर। Digital Chhattisgarh : डिजिटल भारत अभियान और छत्तीसगढ़ शासन की ई-सेवाओं ने आम नागरिकों के जीवन को न सिर्फ आसान बनाया है, बल्कि समय, मेहनत और संसाधनों की बड़ी बचत भी सुनिश्चित की है। भुवनेश्वर में रहने वाली सोनम त्रिपाठी का अनुभव इसका जीवंत उदाहरण है। उन्होंने डिजिटल सेवाओं के सहारे अपने दिवंगत पिता का डिजिटल मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त किया और अपनी बीमार माताजी के बैंक खाते को बिना किसी परेशानी के भुवनेश्वर में स्थानांतरित करवा लिया। विवाह के बाद भुवनेश्वर में बस चुकी सोनम त्रिपाठी के माता-पिता बिलासपुर में ही रहते थे। पिता का निधन होने के बाद नगरपालिका बिलासपुर ने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया। लेकिन जब उनकी माताजी की तबीयत बिगड़ी और उन्हें अपने साथ भुवनेश्वर ले जाना पड़ा, तब एक नई चुनौती सामने आई कि माताजी के बैंक खाते का ट्रांसफर। बैंक ने पिता का डिजिटल मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का आग्रह किया, जिसकी जानकारी श्रीमती त्रिपाठी को पहले नहीं थी, और इसी कारण काम कुछ समय के लिए अटक गया। इस दस्तावेज़ की आवश्यकता ने परिवार को असमंजस में डाल दिया। इंटरनेट और डिजिटल छत्तीसगढ़ का मिला सहारा श्रीमती त्रिपाठी ने समाधान की तलाश शुरू की और इंटरनेट की मदद से छत्तीसगढ़ के जन्म-मृत्यु पंजीकरण कार्यालय का संपर्क नंबर प्राप्त किया। भुवनेश्वर से ही उन्होंने संबंधित कर्मचारी से संपर्क किया। कार्यालय कर्मचारी ने आवश्यक दस्तावेज़ों, ऑनलाइन प्रक्रिया और प्रमाण पत्र प्राप्ति के चरणों की स्पष्ट एवं सहज जानकारी प्रदान की। डिजिटल व्यवस्था की बदौलत कुछ ही दिनों में उन्हें अपने पिता का डिजिटल मृत्यु प्रमाण पत्र ऑनलाइन उपलब्ध हो गया, और बैंक की समस्त औपचारिकताएँ तुरंत पूर्ण हो गईं। डिजिटल सेवाएँ समय बचाती हैं, परेशानी दूर करती हैं — श्रीमती सोनम त्रिपाठी सोनम त्रिपाठी बताती हैं कि यदि उन्हें डिजिटल प्रक्रिया की जानकारी पहले मिल जाती, तो उनका काम और पहले ही पूरा हो जाता। उनका कहना है कि बैंकिंग, सरकारी सहायता, संपत्ति, पेंशन और अन्य कार्यों में बाधा से बचने के लिए ऐसे दस्तावेज़ समय रहते बनवा लेना चाहिए। मैंने भी भुवनेश्वर से ही ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी की और प्रमाण पत्र कुछ ही दिनों में प्राप्त हो गया। उनका अनुभव बताता है कि सूचना की उपलब्धता, तकनीक का उपयोग और सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण किस प्रकार जटिल लगने वाले कामों को भी सरल और तेज बनाते हैं। डिजिटल छत्तीसगढ़: अब हर नागरिक के ‘एक क्लिक’ पर सरकारी सेवाएँ छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ वर्षों में जन्म-मृत्यु पंजीकरण, शिकायत निवारण, प्रमाण पत्र उपलब्धता और विभिन्न सेवाओं के डिजिटलीकरण ने आमजन की परेशानी को काफी हद तक कम किया है। बिलासपुर से लेकर बस्तर तक हर कोई घर बैठे प्रमाण पत्र, आवेदन स्थिति और अन्य सेवाओं का लाभ उठा पा रहा है। इससे न केवल समय और ऊर्जा की बचत होती है, बल्कि प्रक्रियाएँ पारदर्शी और विश्वसनीय भी बनी हैं। सोनम त्रिपाठी की यह कहानी उन नागरिकों के लिए प्रेरणा है जो परंपरागत प्रक्रियाओं की कठिनाइयों से परेशान रहते हैं। यह उदाहरण दर्शाता है कि समय पर सूचना, सहयोगी प्रशासन और आधुनिक डिजिटल सेवाओं की सहायता से कोई भी महत्वपूर्ण कार्य शीघ्रता और सरलता से पूरा किया जा सकता है। डिजिटल छत्तीसगढ़ की यह मिसाल न केवल राज्य के डिजिटल परिवर्तन की सफलता को रेखांकित करती है, बल्कि यह भी बताती है कि डिजिटल भारत अभियान कैसे आम नागरिकों के जीवन में वास्तविक बदलाव ला रहा है। छत्तीसगढ़ की डिजिटल सेवाएँ अब आम नागरिकों की जिंदगी में बदलाव ला रही हैं। भुवनेश्वर में रहते हुए भी श्रीमती सोनम त्रिपाठी ने बिलासपुर से अपने दिवंगत पिता का डिजिटल मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त किया और माताजी के बैंक खाते का ट्रांसफर बिना किसी कठिनाई के पूरा कर लिया—यह हमारे ई-गवर्नेंस सिस्टम की पारदर्शिता, विश्वसनीयता और दक्षता का प्रमाण है। “डिजिटल छत्तीसगढ़” का लक्ष्य ही यही है कि हर नागरिक को घर बैठे, एक क्लिक में, तेज़ और सरल तरीके से सरकारी सेवाएँ उपलब्ध हों। त्रिपाठी का यह अनुभव डिजिटल भारत अभियान और राज्य सरकार की नागरिक-केंद्रित कार्यशैली की सफलता को रेखांकित करता है। – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

Nava Raipur Medicity: Chhattisgarh is writing a new chapter of health revolution in Central India, Atal Nagar is moving rapidly towards becoming a healthcare hub.
Chhattisgarh

Nava Raipur Medicity : मध्य भारत में स्वास्थ्य क्रांति की नई इबारत लिख रहा है छत्तीसगढ़, हेल्थकेयर हब बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है अटल नगर

रायपुर, 29 नवम्बर। Nava Raipur Medicity : स्वास्थ्य, शिक्षा और अनुसंधान किसी भी विकसित समाज की असली नींव होते हैं। भारत जब वर्ष 2047 के विकसित राष्ट्र के संकल्प की ओर तेजी से बढ़ रहा है, तब गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ हमारी प्रमुख प्राथमिकता बन चुकी हैं। इसी दृष्टि से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नवा रायपुर अटल नगर में विकसित की जा रही ‘मेडिसिटी’ परियोजना न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे मध्य भारत में स्वास्थ्य सेवा के नए युग की शुरुआत कर रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व एवं वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी के मार्गदर्शन में यह परियोजना देश की सबसे महत्वाकांक्षी और भविष्यगामी स्वास्थ्य पहल के रूप में उभर रही है। नवा रायपुर अटल नगर पहले से ही शिक्षा, परिवहन, उद्योग और आधुनिक शहरी ढांचे का प्रमुख केंद्र रहा है। अब मेडिसिटी इसे राष्ट्रीय स्तर पर हेल्थकेयर की राजधानी के रूप में स्थापित करने जा रहा है। अत्याधुनिक कनेक्टिविटी, व्यापक परिवहन नेटवर्क और भौगोलिक दृष्टि से रणनीतिक स्थिति नवा रायपुर को न सिर्फ छत्तीसगढ़, बल्कि ओडिशा, मध्यप्रदेश, झारखंड, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र जैसे पड़ोसी राज्यों के लिए भी उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं का प्रमुख गंतव्य बना रही है। हर वर्ष 7 करोड़ से अधिक यात्री यहां के एयरपोर्ट और रेल सेवाओं का उपयोग करते हैं, और जल्द ही शुरू होने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के बाद मेडिकल टूरिज्म के विस्तृत अवसर यहां खुलने वाले हैं। सेक्टर 36–37 में 200 एकड़ में विकसित की जा रही मेडिसिटी में 5,000 से अधिक बेड की क्षमता और देश के अग्रणी हेल्थकेयर समूहों की भागीदारी इस परियोजना को देश के सबसे बड़े स्वास्थ्य शहर के रूप में स्थापित करेगी। मेडिसिटी में मेडिकल यूनिवर्सिटी, नर्सिंग कॉलेज और रिसर्च इंस्टीट्यूट स्थापित किए जा रहे हैं ताकि डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल पेशेवरों की नई और सक्षम पीढ़ी तैयार हो सके। कार्डियोलॉजी, कैंसर साइंस, न्यूरोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, ऑर्गन ट्रांसप्लांट और मल्टी–स्पेशियलिटी अस्पतालों के साथ अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक्स लैब्स यहां स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊँचाइयों पर ले जाएँगे। मरीजों और उनके परिजनों के लिए आवासीय परिसर, छात्रावास, होटल और धर्मशाला जैसी सुविधाएँ इस पूरे क्षेत्र को एक व्यवस्थित ह्यूमन–सेंट्रिक मेडिकल ज़ोन में बदल देंगी। ‘वॉक-टू-हॉस्पिटल’ मॉडल, पर्यावरण अनुकूल डिजाइन, सुगम सार्वजनिक परिवहन कनेक्टिविटी और पीएमजेएवाई व सीजीएचएस जैसी योजनाओं के तहत किफायती उपचार सेवाएँ इस परियोजना को पूरी तरह समावेशी बनाती हैं। उल्लेखनीय है कि नवा रायपुर में पहले से सक्रिय उत्कृष्ट स्वास्थ्य संस्थान इस संरचना को और भी मजबूत आधार प्रदान करते हैं। श्री सत्य साई संजीवनी हॉस्पिटल 2012 से बाल हृदय रोग के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर का अग्रणी केंद्र है, जहाँ भारत के अलावा बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और अफ्रीकी देशों से भी मरीज आते हैं। वहीं 2018 से संचालित 170 बिस्तरों वाला बालको कैंसर हॉस्पिटल सेंट्रल इंडिया के 500–600 किमी के दायरे में अत्याधुनिक कैंसर उपचार उपलब्ध कराता है। रायपुर का स्वच्छ वातावरण और कम जीवन–यापन लागत मरीजों के लिए इसे और उपयुक्त बनाती है। मेडिसिटी केवल एक स्वास्थ्य परियोजना नहीं बल्कि आर्थिक गतिविधियों का भी विशाल केंद्र बनेगी। स्वास्थ्य, फार्मा, वेलनेस और सपोर्ट सेवाओं में हजारों रोजगार सृजित होंगे। इसके आसपास किफायती आवास, व्यापारिक प्रतिष्ठान और नई सेवा गतिविधियों का विस्तार राज्य की जीडीपी में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। नवा रायपुर मेडिसिटी छत्तीसगढ़ सरकार का वह संकल्प है जो कहता है—सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य, कम लागत में उच्च सुविधा और सुरक्षित जीवन की गारंटी। यह केवल एक परियोजना नहीं, बल्कि भारत के स्वस्थ, सुरक्षित और विकसित भविष्य की नई परिभाषा है। आने वाले वर्षों में नवा रायपुर अटल नगर मेडिसिटी न सिर्फ मध्य भारत बल्कि पूरे देश के स्वास्थ्य परिदृश्य में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक आदर्श हेल्थकेयर मॉडल के रूप में स्थापित होगी। नवा रायपुर मेडिसिटी छत्तीसगढ़ की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का ऐसा इंजन बनेगी, जो आने वाले दशकों तक राज्य की विकास रफ्तार को नई दिशा देगा। 200 एकड़ में विकसित हो रही यह विश्वस्तरीय हेल्थकेयर सिटी न सिर्फ उन्नत चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान करेगी, बल्कि स्वास्थ्य, फार्मा, वेलनेस, शिक्षा और सेवा क्षेत्रों में हजारों रोजगार सृजित कर राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत आधार देगी। एम्स, बॉम्बे हॉस्पिटल ट्रस्ट, मेडिकल यूनिवर्सिटी और सुपर स्पेशियलिटी संस्थानों की स्थापना से नवा रायपुर राष्ट्रीय हेल्थ हब के रूप में उभरेगा। मेडिसिटी का मॉडल ‘सुलभता, किफायत और उच्च गुणवत्ता’ के सिद्धांतों पर आधारित है और यह आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ को मेडिकल टूरिज्म, रिसर्च और हेल्थ इकोनॉमी का अग्रणी केंद्र बनाएगा।-वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी नवा रायपुर अटल नगर में विकसित की जा रही मेडिसिटी मध्य भारत में स्वास्थ्य क्रांति की नई शुरुआत है। 200 एकड़ में विकसित हो रहा यह विशाल हेल्थकेयर सिटी आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ ही नहीं, ओडिशा, मध्यप्रदेश, झारखंड, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र सहित पूरे क्षेत्र को अत्याधुनिक, सुलभ और किफायती चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करेगा। ‘नवा रायपुर मेडिसिटी’ उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएँ, मेडिकल शिक्षा, अनुसंधान और मेडिकल टूरिज्म सभी को एक ही स्थान पर उपलब्ध कराते हुए भारत के विकसित भविष्य की मजबूत आधारशिला बनेगी। – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

Agricultural Science Centre Raipur: Mixed fish farming training completed at Agricultural Science Centre Raipur
Chhattisgarh

Agricultural Science Centre Raipur : कृषि विज्ञान केन्द्र रायपुर में मिश्रित मत्स्य पालन प्रशिक्षण सम्पन्न

रायपुर, 28 नवम्बर। Agricultural Science Centre Raipur : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर के द्वारा तीन दिवसीय ’मिश्रित मत्स्य पालन’ विषय पर प्रशिक्षण आज समापन हुआ। यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड, हैदराबाद द्वारा प्रायोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में छत्तीसगढ़ राज्य के अलग- अलग जिलों से कुल 25 प्रशिक्षणर्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस प्रशिक्षण के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. अजय कुमार वर्मा, अधिष्ठाता, स्वामी विवेकानंद कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी, इं.गां.कृ.वि. उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. गौतम रॉय ने अपने उदबोधन में कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर में चल रही मछली पालन की विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से अवगत कराया। प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. एस. सासमल ने अपने उद्बोधन में तीन दिवसीय प्रशिक्षण की रूपरेखा की विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान ‘मिश्रित मत्स्य पालन पद्धति’ विषय पर तैयार तकनीकी बुलेटिन का विमोचन किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. वर्मा ने कहा कि सिर्फ भारत से ही नही बल्कि विदेशों से भी प्रशिक्षणार्थी इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर में प्रशिक्षण लेने के लिए आए हैं, यह गर्व की बात है। इस प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र के बाद दो सत्रों में मिश्रित मत्स्य पालन पद्धति विषय पर डॉ. एस. आर गौर, प्राध्यापक एवं श्री तोषण कुमार ठाकुर, ने विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण के दूसरे दिन डॉ. एस. सासमल एवं डॉ. अंकित ठाकुर ने मिश्रित मछली पालन के प्रायोगिक पहलुओं पर प्रक्षेत्र प्रशिक्षण दिया। इस कड़ी में तालाबों का चयन, मछली बीज संचयन, खाद प्रबंधन, प्राकृतिक भोजन उत्पादन आदि को प्रायोगिक रूप से प्रदर्शित किया गया। प्रशिक्षण के अंतिम दिवस में श्री अमित वर्मा, मत्स्य निरीक्षक, मछली पालन विभाग,रायपुर ने मछली पालन में राज्य सरकार तथा केन्द्रीय सरकार के सब्सिडी स्कीमस् के बारे में विस्तृत जानकारी दी साथ ही साथ किसान कैसे सब्सिडी का लाभ उठा सकते है उसके बारें में भी जानकारी दी। डॉ. एस. सासमल ने मिश्रित मछली पालन पद्धति के शुद्ध आय-व्यय के बारे में जानकारी दी एवं समन्वित मछली पालन करके आपने आय को कैसे दोगुना किया जा सकता है इससे अवगत करवाया।  समापन समारोह के मुख्य अतिथि श्री कृष्णा चम्पालाल हिरवानी, प्रदेश अध्यक्ष, सहकारिता प्रकोष्ठ, छ.ग. धीवर समाज महासभा एवं विशिष्ठ अतिथि श्री सुशील जलक्षत्री, प्रदेश अध्यक्ष, शिक्षा एवं संस्कृतिक प्रकोष्ठ, छ.ग. धीवर समाज महासभा एवं मीडिया फेडरेशन ऑफ इण्डिया के छत्तीसगढ़  प्रदेश सचिव पक्की कूर्मा राव उपस्थित थे। डॉ. एस. सासमल, प्रशिक्षण प्रभारी ने तीन दिवसीय प्रशिक्षण के गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा प्रशिक्षणार्थियों ने अपने अनुभव सभी के साथ साझा किए।

PM Awaas: Pradhan Mantri Awas Yojana (Rural) creates record, Mahasamund district tops in the state, construction of more than one lakh houses completed
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PM Awaas : प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने रचा कीर्तिमान, राज्य में महासमुन्द जिला प्रदेश में अव्वल  एक लाख से अधिक आवासों का निर्माण पूरा

रायपुर, 28 नवम्बर। PM Awaas : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)  महाअभियान को छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने गति और मजबूती दोनों दी है। परिणामस्वरूप पात्र हितग्राहियों को पक्के घर का सपना अब हकीकत में बदल रहा है। इसी कड़ी में महासमुंद जिले ने अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए वर्ष 2016 से 2024-25 की अवधि में कुल 1 लाख 36 आवासों का निर्माण कर इतिहास रच दिया है, जो पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में किसी भी जिले द्वारा प्राप्त सर्वाधिक उपलब्धि है। जिंदगी भर कच्चे मकानों में रहने वाले एक लाख परिवार अब अपने नए, सुरक्षित और सम्मानजनक पक्के घर में सपनों की नई शुरुआत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना में महासुंद जिले को एक लाख 29 हजार आवास का लक्ष्य  प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के मूल मंत्र के साथ देश के उन सभी नागरिकों तक पक्की छत पहुँचाने का संकल्प लिए आगे बढ़ रही है, जिनके सिर पर अब तक अपना घर नहीं था।  जिला प्रशासन महासमुद की सतत् मॉनिटरिंग, टीमवर्क और दृढ़ संकल्प के चलते लगभग एक लाख ग्रामीण परिवारों को नया, सुरक्षित और सम्मानजनक आवास प्राप्त हुआ है। यह सफलता ग्रामीण क्षेत्रों में आवास संकट को दूर करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। कलेक्टर के कुशल नेतृत्व जिला पंचायत सीईओ मार्गदर्शन तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की टीम भावना ने इस लक्ष्य को वास्तविक रूप दिया। लगातार फील्ड विज़िट, गुणवत्ता जांच और पारदर्शिता इस सफलता के प्रमुख बिंदु रहे। जिले को प्रधानमंत्री आवास योजना में कुल 1 लाख 29 हजार आवासों का लक्ष्य मिला है, जिनमें से शेष आवासों का निर्माण भी तेज गति से जारी है। प्रशासन ने कहा है कि आगामी महीनों में शत-प्रतिशत लक्ष्य जल्दी ही प्राप्त कर लिया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना से अधूरा सपना हुआ पूरा  प्रधानमंत्री आवास के हितग्राही ग्राम बरेकेल कला के श्रीमती अंगुरी बाई ने भावुक होकर बताया कि उनके सपनों का घर बनने से वे बहुत खुश है। वे कहती है कि यह घर मेरे बुढ़ापे का सहारा बन गया है। पहले खपरैल के घर में बारिश के दिनों में पानी टपकने से, तो ग्रीष्म में धूल और गर्मी की समस्या से उन्हें बहुत अधिक परेशानी होती थी। वे इस दौर में हमेशा गांव में जब भी दूसरे के पक्के मकान देखती थी, मन में बस एक ही ख्वाहिश उठती थी कि उनका भी अपना छत का घर होता। आज प्रधानमंत्री आवास योजना ने उनके उन अधूरे सपनों को पूरा कर उनके समस्याओं को दूर किया है। इसके लिए उन्होंने शासन एवं प्रशासन का दिल से धन्यवाद ज्ञापित किया है। सपना पूरा हुआ सुकून का मिला घर आवास के हितग्राही शिवबती ध्रुव ने खुशी व्यक्त करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना से उनके सपनों का घर बनकर तैयार हो गया है। वे कहती है कि अपने घर और पति के सपनों को प्रधानमंत्री आवास योजना ने साकार किया है। उन्होंने बताया कि शादी के समय वे कच्चे खपरैल के घर में आई थी तबसे आज लगभग 25 वर्षों बाद उनका सपना पूरा हुआ है। अब प्रधानमंत्री आवास योजना से पक्का घर मिला है। बारिश हो या गर्मी अब घर में सुकून है। मैं सरकार और जिला प्रशासन का दिल से धन्यवाद करती हूँ। ऐसे ही लाखों हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ महासमुंद जिले में मिला है तथा शेष हितग्राहियों को लाभ मिलने जा रहा है।