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Education System: These are our teachers…! They could not even write ‘Eleven’, ‘Eighteen’, ‘Nineteen’ in English… If you don’t believe it, watch the video here
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Education System : ये हैं हमारे शिक्षक…! अंग्रेजी में ‘Eleven’, ‘Eighteen’, ‘Nineteen’ भी लिख नहीं पाए…यकीन न हो तो यहां देखिए VIDEO

बलरामपुर, 27 जुलाई। Education System : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले से सरकारी शिक्षा व्यवस्था की बदहाल तस्वीर सामने आई है। कुसमी विकासखंड के ग्राम पंचायत मड़वा स्थित प्राथमिक शाला घोड़ासोत में शिक्षकों की शैक्षणिक गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। वायरल वीडियो में स्कूल के प्रधान पाठक और शिक्षक, भारत के राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, जिले के कलेक्टर और एसपी तक का नाम नहीं बता पाए। इतना ही नहीं, प्राथमिक स्तर के आम अंग्रेजी शब्दों जैसे ‘Eleven’, ‘Eighteen’, ‘Nineteen’ की भी वे सही स्पेलिंग नहीं लिख पाए। बच्चों से सवाल-जवाब नहीं मीडियाकर्मियों द्वारा स्कूल में पहुँचकर बच्चों से सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे गए। मगर वे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री जैसे मूलभूत जानकारी वाले सवालों का भी उत्तर नहीं दे सके। यह स्थिति तब और गंभीर हो गई जब वही प्रश्न शिक्षकों से किए गए और वे भी जवाब देने में असमर्थ रहे। शिक्षक खुद नहीं लिख पाए सामान्य स्पेलिंग स्कूल में उपस्थित तीनों शिक्षक, जिनमें प्रधान पाठक भी शामिल थे, ‘Eleven’, ‘Eighteen’, ‘Nineteen’ जैसे शब्दों की सही अंग्रेजी स्पेलिंग तक नहीं लिख पाए। इससे यह स्पष्ट हुआ कि बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक खुद ही बुनियादी अंग्रेजी ज्ञान से वंचित हैं। प्रशासनिक मॉनिटरिंग पर भी उठे सवाल इस घटना ने न केवल स्कूल की कार्यप्रणाली, बल्कि पूरे जिला शिक्षा विभाग की निगरानी प्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों और अभिभावकों का कहना है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी मॉनिटरिंग और निरीक्षण में गंभीर नहीं हैं, जिसका नतीजा बच्चों की पढ़ाई पर सीधा असर डाल रहा है। DEO ने दी जांच और कार्रवाई का आश्वासन मामले के सामने आने के बाद बलरामपुर जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) से जब मीडियाकर्मियों ने बात की, तो उन्होंने कहा कि वीडियो की जांच की जा रही है, और इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने शिक्षा गुणवत्ता सुधारने के लिए ज़मीनी स्तर पर पहल करने की बात भी कही। यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि ग्रामीण अंचलों में शिक्षा व्यवस्था (Education System) आज भी कितनी कमजोर और लापरवाह बनी हुई है। यदि ऐसे शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं, तो आने वाली पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय होना तय है। अब देखना होगा कि यह घटना केवल आश्वासन तक सीमित रह जाती है या प्रशासन वास्तविक सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाता है।

School Teacher: Teacher's indiscriminate behavior in front of children in the class...! Teacher leaves studies in school and combs hair... watch the video here
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School Teacher : कक्षा में बच्चों के सामने शिक्षक का असंयमित व्यवहार…! स्कूल में पढ़ाई छोड़कर बाल संवारती शिक्षिका…यहां देखें VIDEO

बुलंदशहर, 20 जुलाई। School Teacher : जनपद के खुर्जा क्षेत्र के एक प्राथमिक विद्यालय से शिक्षकों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करने वाला मामला सामने आया है। यहां की एक सहायक अध्यापक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह कक्षा के भीतर बच्चों के सामने बालों में तेल डालकर कंघी करती हुई नजर आ रही हैं। शिक्षा विभाग में हड़कंप इस घटना का वीडियो किसी स्थानीय व्यक्ति द्वारा रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर साझा किया गया, जो तेजी से वायरल हो गया है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि बच्चे कक्षा में मौजूद हैं, लेकिन शिक्षिका अध्यापन कार्य छोड़कर निजी कार्यों में व्यस्त हैं। शिक्षा के प्रति लापरवाही स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने इस घटना पर गंभीर नाराज़गी जताई है। उनका कहना है कि, “शिक्षकों का यह रवैया बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। कक्षा में अनुशासन और शिक्षा का माहौल बनाए रखने की बजाय इस तरह की हरकतें अस्वीकार्य हैं।” जांच के आदेश, कार्रवाई की मांग मामले की जानकारी मिलते ही बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) ने वीडियो को संज्ञान में लिया है और तत्काल जांच के निर्देश जारी किए हैं। यदि शिक्षिका पर लगे आरोप सत्य पाए गए, तो निलंबन अथवा अनुशासनात्मक कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। प्रश्न खड़ा करता वीडियो यह घटना एक बार फिर इस बात पर सवाल खड़ा करती है कि, क्या सरकारी विद्यालयों में शिक्षक (School Teacher) जवाबदेही से मुक्त हैं? क्या बच्चों की शिक्षा और नैतिक विकास को गंभीरता से लिया जा रहा है?

POCSO Act Case: Very shameful...! A teacher honoured by the President and CM is accused of sexually harassing girl students...'Bad touch' on the pretext of 'check temperature'...Teacher Ashish Pandey suspended
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POCSO Act Case : बेहद शर्मनाक…! राष्ट्रपति और CM से सम्मानित शिक्षक पर छात्राओं से यौन उत्पीड़न का आरोप…’टेंपरेचर चेक करो’ के बहाने ‘बैड टच’…शिक्षक आशीष पांडे निलंबित

नर्मदापुरम, 20 जुलाई। POCSO Act Case : शिक्षा जगत को शर्मसार करने वाली एक घटना में, जिले के एक सम्मानित शिक्षक आशीष पांडे को छात्राओं से यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों के चलते निलंबित कर दिया गया है। शिक्षक के खिलाफ POCSO एक्ट और अन्य धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज कर लिया गया है। गौरतलब है कि आशीष पांडे को 2013 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और 2017 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहानद्वारा सम्मानित किया जा चुका है। अब उन्हीं पर छात्राओं के यौन उत्पीड़न का आरोप लगना चौंकाने वाला है। छात्राओं ने लगाए गंभीर आरोप करीब आधा दर्जन छात्राएं थाने पहुंचीं और महिला पुलिस अधिकारी को शिकायती आवेदन सौंपा। छात्राओं ने बताया कि शिक्षक अक्सर उनके साथ अशोभनीय तरीके से छूता है और “टेंपरेचर चेक करो” जैसे बहाने बनाकर अश्लील हरकतें करता है। छात्राओं का कहना है कि जब वे विरोध करती हैं, तब भी वह जबरदस्ती करता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले साल भी इस संबंध में स्कूल प्रबंधन से शिकायत की गई थी, लेकिन तब मामले को दबा दिया गया। छात्राओं की मांग है कि आरोपी शिक्षक को तुरंत निलंबित किया जाए, ताकि आगे कोई छात्रा ऐसी हरकतों का शिकार न हो। निलंबन आदेश जारी, गिरफ्तारी की मांग तेज छात्राओं की शिकायत के बाद संभागीय संयुक्त संचालक मनीष वर्मा ने आशीष पांडे को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया है। वहीं पीड़ित छात्राओं और उनके परिजनों ने शिक्षक की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। इस घटना ने शिक्षा विभाग, छात्रों और अभिभावकों के बीच निराशा और आक्रोश पैदा कर दिया है। एक अभिभावक ने कहा, “जिस शिक्षक को देश के राष्ट्रपति से पुरस्कार मिला हो, वह इस तरह की हरकत करे, ये भरोसा तोड़ने वाला है।” इस पूरे मामले ने स्कूलों में बच्चियों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आगे की कार्रवाई की तैयारी पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है और पूछताछ व गिरफ्तारी की प्रक्रिया जारी है। वहीं शिक्षा विभाग भी इस मामले की स्वतंत्र जांच कराने की तैयारी में है।

Rationalization: Strict action against teachers who do not accept transfer after rationalization...! Salary payment will be stopped
Chhattisgarh, Education

Rationalization : युक्तियुक्तकरण के बाद स्थानांतरण न मानने वाले शिक्षकों पर सख्ती…! वेतन भुगतान रोका जाएगा…यहां देखें आदेश

रायपुर, 08 जुलाई। Rationalization : शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के पश्चात नए स्थान पर ज्वाइनिंग न करने वाले शिक्षकों पर अब शिक्षा विभाग सख्त रुख अपनाने जा रहा है। डीपीआई (संचालक लोक शिक्षण) ने ऐसे शिक्षकों को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यदि वे तत्काल प्रभाव से नये स्थान पर कार्यभार ग्रहण नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही ऐसे शिक्षकों के वेतन भुगतान पर भी रोक लगाने का आदेश दिया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश में सभी संभागीय संयुक्त संचालक (JDs), जिला शिक्षा अधिकारी (DEOs) और संबंधित विद्यालय प्राचार्यों को निर्देशित किया गया है कि वे ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार कर कार्रवाई सुनिश्चित करें। आपत्तियों के निपटारे के लिए बनी समितियां शिक्षकों के स्थानांतरण व युक्तियुक्तकरण के बाद उत्पन्न आपत्तियों और अभ्यावेदनों के निवारण के लिए राज्य और जिला स्तर पर दो समितियों का गठन किया गया है: राज्य स्तर पर: डीपीआई की अध्यक्षता में समिति जिला स्तर पर: संबंधित जिला कलेक्टर/कमिश्नर की अध्यक्षता में समिति शिक्षक आगामी 15 दिनों के भीतर अपनी आपत्तियां और आवेदन संबंधित समिति को सौंप सकते हैं। इसके बाद उन पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा। क्या है युक्तियुक्तकरण युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य शिक्षकों की संख्या को विद्यालयों की छात्र संख्या और आवश्यकता के अनुसार संतुलित करना है। इस प्रक्रिया में शिक्षक का एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय में स्थानांतरण किया जाता है ताकि सभी स्कूलों में शिक्षकों की पर्याप्त उपस्थिति सुनिश्चित हो सके। शिक्षा विभाग (Rationalization) का यह सख्त कदम स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और शिक्षक व्यवस्था को संतुलित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

Mana Basti: Grand celebration of school admission festival...! Welcome the newly admitted students
Education, Raipur

Mana Basti : शाला प्रवेश उत्सव का भव्य आयोजन…! नवप्रवेशी विद्यार्थियों का हुआ गर्मजोशी से स्वागत

रायपुर/माना बस्ती, 06 जुलाई। Mana Basti : शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, माना बस्ती में सत्र 2025 के शाला प्रवेश उत्सव का आयोजन रविवार को बड़े ही धूमधाम और सांस्कृतिक उल्लास के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रायपुर ग्रामीण विधायक माननीय श्री मोतीलाल साहू और विशिष्ट अतिथि रायपुर उत्तर विधायक माननीय श्री पुरंदर मिश्रा की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता माना बस्ती की सरपंच श्रीमती सुनीता लेखू बैस ने की। नवप्रवेशी विद्यार्थियों का पारंपरिक स्वागत कक्षा 9वीं एवं 11वीं में नवप्रवेशी विद्यार्थियों का तिलक लगाकर, मिठाई खिलाकर, गणवेश और पुस्तक वितरण कर स्वागत किया गया। इस अवसर पर सत्र 2024 की बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को मेडल पहनाकर सम्मानित किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मोहा मन विद्यालय की छात्राओं ने बस्तर से लेकर सरगुजा तक की छत्तीसगढ़ी संस्कृति को दर्शाते हुए रंगारंग नृत्य प्रस्तुतियाँ दीं, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के दौरान सामाजिक कार्यों में संलग्न कान्यकुब्ज युवा संगिनी टीम को भी मंच से सम्मानित किया गया। यह टीम माना बस्ती के जरूरतमंद बच्चों की सहायता करती है एवं प्लास्टिक मुक्त अभियान में सक्रिय भूमिका निभा रही है। प्रेरक उद्बोधन व पुरस्कार की घोषणा मुख्य अतिथि श्री मोतीलाल साहू ने बच्चों को पढ़ाई के साथ खेल-कूद को बराबर महत्व देने की प्रेरणा दी और शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। वहीं विशिष्ट अतिथि श्री पुरंदर मिश्रा ने सरल भाषा में विद्यार्थियों को शिक्षा से आत्मनिर्भरता की राह पर चलने की प्रेरणा दी। दोनों विधायकों ने मिलकर अगले वर्ष उत्कृष्ट अंक लाने वाले विद्यार्थियों को ₹11,000 के पुरस्कार देने की घोषणा की। मांगपत्र सौंपा गया, समस्याओं पर ध्यान विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती कौशल्या खूंटे ने विद्यालय में बढ़ती छात्र संख्या एवं संसाधनों की कमी को लेकर समस्याओं का मांगपत्र सौंपा, जिसे अतिथियों ने मुख्यमंत्री तक पहुँचाने का आश्वासन दिया। “ज्ञान वाटिका” का विमोचन एवं वृक्षारोपण इस अवसर पर विद्यालय की वार्षिक पत्रिका “ज्ञान वाटिका” का भी विधिवत विमोचन किया गया। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों द्वारा “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। समापन और सम्मान कार्यक्रम का संचालन डा. मीनाक्षी बाजपेयी द्वारा किया गया। अंत में शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के अध्यक्ष (Mana Basti) गोविंद यादव ने आभार प्रदर्शन किया। सभी अतिथियों को विद्यालय परिवार की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में क्षेत्र के अनेक गणमान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, अभिभावक और शिक्षकगण उपस्थित रहे। यह आयोजन बच्चों और अभिभावकों के लिए स्मरणीय और प्रेरणादायक बन गया।

School Identity Cancelled : Big news from Balodabazar...! Action taken against teacher accused of molesting a student... Recognition of Shashwat Little Star School cancelled... Notice issued to 4 other schools
Chhattisgarh, Education

School Identity Cancelled : बलौदाबाजार से बड़ी खबर…! छात्रा से छेड़छाड़ के आरोपी शिक्षक पर कार्रवाई…शाश्वत लिटिल स्टार स्कूल की मान्यता रद्द…4 अन्य स्कूलों को नोटिस

बलौदाबाजार, 06 जुलाई। School Identity Cancelled : शांति देवी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सुहेला में एक छात्रा से कथित छेड़छाड़ के मामले में आरोपी शिक्षक शैलेश वर्मा के खिलाफ जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। साहू समाज के ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने स्व. डी. आर. वर्मा शिक्षण संस्थान द्वारा संचालित शाश्वत लिटिल स्टार स्कूल, सुहेला की मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी है। चार अन्य स्कूलों को नोटिस संस्थान द्वारा संचालित अन्य चार स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। इन स्कूलों की मान्यता भी खतरे में है, यदि वे निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं करते पाए गए। शिक्षक पर प्रतिबंध और आवासीय परिसर शिफ्ट करने के निर्देश आरोपी शिक्षक शैलेश वर्मा के स्कूल परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही, शांति देवी विद्यालय के आवासीय परिसर को अन्यत्र स्थानांतरित करने के आदेश भी प्रशासन द्वारा जारी किए गए हैं। प्रशासनिक जांच में सामने आई गंभीर लापरवाही प्रशासनिक जांच में पता चला कि स्कूल संचालन में गंभीर अनियमितताएं थीं। स्कूल द्वारा शैक्षणिक मानकों और सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। इन खामियों को आधार बनाकर कार्रवाई की गई। साहू समाज की भूमिका अहम छात्रा के साथ न्याय की मांग को लेकर साहू समाज द्वारा स्कूल के सामने धरना प्रदर्शन किया गया था। समाज की आवाज और जनदबाव का असर साफ दिखा, जिसके चलते प्रशासन ने त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करते हुए छात्रा को न्याय दिलाने की दिशा में कदम बढ़ाया। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त (School Identity Cancelled) नहीं किया जाएगा और भविष्य में भी सभी शिक्षण संस्थानों को नियमानुसार संचालन सुनिश्चित करना होगा।

Rationalization: Strict action against teachers who do not accept transfer after rationalization...! Salary payment will be stopped
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Recruitment of Guest Teachers : कोरबा में शिक्षकों की कमी दूर करने कलेक्टर की बड़ी पहल…! 480 अतिथि शिक्षक और 351 भृत्य होंगे नियुक्त…मानदेय में हुई वृद्धि

कोरबा, 05 जुलाई। Recruitment of Guest Teachers : राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के तहत कोरबा जिले में शिक्षकों की कमी को दूर करने और शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारने के उद्देश्य से कलेक्टर अजीत वसंत ने एक सार्थक पहल करते हुए जिला खनिज न्यास मद (DMF) से 480 अतिथि शिक्षक और 351 भृत्य की मानदेय आधारित भर्ती की स्वीकृति प्रदान की है। इस निर्णय के तहत प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति की जाएगी। भर्ती की प्रक्रिया जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से मेरिट सूची के आधार पर की जाएगी। भर्ती की विस्तृत जानकारी पूर्व कार्यरतों को मिलेगी प्राथमिकता कलेक्टर श्री वसंत ने निर्देश दिए हैं कि पूर्व में कार्यरत अतिथि शिक्षकों और भृत्यों को इस सत्र में प्राथमिकता दी जाए। साथ ही भर्ती में नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश भी दिए गए हैं, जिससे विद्यार्थियों को समय पर शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। मानदेय में हुई वृद्धि इस सत्र में अतिथि शिक्षकों और भृत्यों के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। नया मानदेय इस प्रकार होगा: श्रेणी गत वर्ष (₹) वर्तमान सत्र (₹) भृत्य (चतुर्थ श्रेणी) 8,000 8,500 प्राथमिक शाला शिक्षक 10,000 11,000 माध्यमिक शाला शिक्षक 12,000 13,000 हाई/हायर सेकेंडरी व्याख्याता 14,000 15,000 शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में कदम कलेक्टर अजीत वसंत ने जिले में विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात में पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया है। उन्होंने युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के बाद उन विद्यालयों की पहचान कराई, जहाँ शिक्षकों की जरूरत है। इसके आधार पर यह भर्ती की जा रही है। इस कदम से कोरबा जिले में शिक्षण व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और सत्र के समय पर संचालन में मदद मिलेगी। विद्यार्थियों को विषय विशेषज्ञ शिक्षक उपलब्ध होने से उनकी शैक्षणिक गुणवत्ता में भी सुधार की उम्मीद है।

Aklawara High School: Big news from Gariaband...! Ruckus in Aklawara High School...Parents and villagers mobilized against the principal...Education department silent...Watch VIDEO here
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Aklawara High School : गरियाबंद से बड़ी खबर…! अकलवारा हाई स्कूल में हंगामा…प्रिंसिपल के खिलाफ लामबंद पालक और ग्रामीण…शिक्षा विभाग मौन…यहां देखें VIDEO

गरियाबंद, 05 जुलाई। Aklawara High School : गरियाबंद जिले के छुरा ब्लॉक अंतर्गत अकलवारा हाई स्कूल में शुक्रवार को उस समय तनावपूर्ण माहौल बन गया जब स्कूल के प्रिंसिपल जे. पी. वर्मा के खिलाफ नाराज पालकों और ग्रामीणों ने जोरदार प्रदर्शन किया। आक्रोशित लोगों ने स्कूल के मुख्य द्वार में ताला जड़ते हुए प्रिंसिपल को हटाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि प्रिंसिपल लंबे समय से स्कूल में मनमानी कर रहे हैं। पालकों का कहना है कि छात्राओं के साथ गलत व्यवहार किया गया है, जिससे बच्चियों में भय का माहौल बन गया है। इसके अलावा, हाल ही में घोषित 11वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम में भी गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। पालकों का दावा है कि परीक्षा में उत्तीर्ण छात्रों को जानबूझकर फेल दिखाया गया, जिससे छात्रों का मनोबल टूट गया है और उनके भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। स्थानीय प्रशासन से कार्रवाई की मांग प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में पालक और ग्रामीण स्कूल के बाहर एकत्र हुए और जमकर नारेबाजी की। उनका कहना है कि प्रिंसिपल वर्मा के कार्यकाल में स्कूल का शैक्षणिक वातावरण प्रभावित हुआ है और छात्र-छात्राएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने गरियाबंद जिला शिक्षा अधिकारी से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कराते हुए संबंधित प्रिंसिपल को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए। प्रदर्शन के दौरान कई लोगों ने कहा कि यदि समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो वे जिला मुख्यालय में धरना देने को मजबूर होंगे। प्रशासन ने ली जानकारी, जांच की तैयारी घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारी हरकत में आ गए हैं। एक टीम को स्कूल भेजा गया है जो स्थिति का जायजा ले रही है। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए जाएंगे और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों की चेतावनी प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो वे स्कूल का बहिष्कार कर व्यापक आंदोलन छेड़ेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रिंसिपल के व्यवहार से न केवल छात्रों का मानसिक उत्पीड़न हो रहा है, बल्कि शिक्षकों का मनोबल भी गिरा है। फिलहाल स्कूल में शिक्षण कार्य बाधित (Aklawara High School) है और छात्र-छात्राएं इस स्थिति को लेकर असमंजस में हैं। प्रशासनिक स्तर पर जल्द समाधान की उम्मीद की जा रही है, ताकि स्कूल में सामान्य स्थिति बहाल हो सके।

CG NEWS: Rationalization has brought back the glory of schools, the echo of Hindi and English lessons and math questions can be heard again in schools, the school which was a single teacher for four years and then teacherless has now become a centre of education
Chhattisgarh, Education

CG NEWS : युक्तियुक्तकरण से लौटी स्कूलों की रौनक, स्कूलों में फिर सुनाई दे रहे हिंदी अंग्रेजी के पाठ और गणित के सवालों की गूंज, चार साल तक एकल, फिर शिक्षकविहीन रहा स्कूल अब बन गया शिक्षा का केंद्र

रायपुर, 01 जुलाई। CG NEWS : छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शुरू की गई युक्तियुक्तकरण नीति अब राज्य के दूरस्थ अंचलों के गांवों के विद्यालयों में नए उत्साह का संचार कर रही है। रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकासखंड के पाकरगांव स्थित प्राथमिक शाला इसका जीवंत उदाहरण बन चुकी है। लंबे समय तक शिक्षकविहीन रह चुकी यह शाला अब शिक्षा की आवाज़ से गूंज रही है। पाकरगांव का यह स्कूल पहले चार वर्षों तक एकल शिक्षक के भरोसे संचालित होता रहा। बाद में शिक्षक के अन्यत्र तबादले के कारण स्कूल पूरी तरह शिक्षकविहीन हो गया। परिणामस्वरूप बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई और पालकों में भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ने लगी थी। कई बच्चों ने स्कूल आना तक बंद कर दिया था। सरकार द्वारा लागू युक्तियुक्तकरण के तहत अब पाकरगांव प्राथमिक शाला को दो शिक्षक उपलब्ध कराए गए हैं। इनकी नियमित उपस्थिति से विद्यालय की गतिविधियाँ फिर से सुचारू रूप से शुरू हो गई हैं। बच्चों को अब न केवल अक्षरज्ञान मिल रहा है, बल्कि हिंदी, अंग्रेजी और गणित जैसे विषयों की व्यवस्थित शिक्षा भी मिल रही है। अंग्रेजी शब्दों का उच्चारण, हिंदी के पाठ, पहाड़े और गणित के सवालों के साथ कक्षा में फिर से रौनक लौट आई है। बच्चों के साथ-साथ पालकों और ग्रामवासियों में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है। विद्यालय में नियमित कक्षाएं लगने से अब पालक अपने बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए उत्साहित हैं। ग्रामवासी इस बदलाव को एक नई शुरुआत के रूप में देख रहे हैं। पाकरगांव प्राथमिक शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष त्रिनाथ सतपथी ने इस पहल को सराहते हुए कहा कि युक्तियुक्तकरण के चलते हमारे गांव के बच्चों को अब फिर से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा दो शिक्षकों की पदस्थापना से शाला में शिक्षा का माहौल सशक्त हुआ है और यह विद्यालय अब वास्तव में ज्ञान का केंद्र बन चुका है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और शासन प्रशासन के प्रति गांववासियों की ओर से आभार व्यक्त किया। युक्तियुक्तकरण के माध्यम से न केवल शिक्षकविहीन स्कूलों को संबल मिला है, बल्कि यह नीति ग्रामीण अंचलों में शिक्षा की पहुँच और गुणवत्ता को भी नई ऊंचाई दे रही है।

Private Publishers: Private publishers' books banned in private schools...now only NCERT books will be used for studies...see DEO's order here
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Private Publishers : प्राइवेट स्कूलों में निजी प्रकाशकों की किताबों पर बैन…अब सिर्फ NCERT की किताबों से होगी पढ़ाई…DEO का आदेश यहां देखें

रायपुर, 28 जून। Private Publishers : जिले के प्राइवेट स्कूलों के लिए एक अहम आदेश जारी हुआ है, जिसमें निजी प्रकाशकों की पुस्तकों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब जिले के सभी अशासकीय (प्राइवेट) स्कूलों में सिर्फ NCERT (एनसीईआरटी) द्वारा निर्धारित पाठ्य पुस्तकों से ही पढ़ाई कराई जा सकेगी। यह आदेश जिला शिक्षा अधिकारी (DEO), रायपुर की ओर से जारी किया गया है। आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि जिले के सभी प्राइवेट स्कूलों को शिक्षा विभाग के नियमानुसार शालाओं का संचालन सुनिश्चित करना होगा और निर्धारित निर्देशों का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य है। साथ ही निरीक्षण व अनुपालन की रिपोर्ट भी जिला कार्यालय में प्रस्तुत करनी होगी। आदेश में क्या लिखा है? “जिला रायपुर अंतर्गत अशासकीय विद्यालयों में शासकीय नियमानुसार शालाओं का संचालन किये जाने हेतु संलग्न निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित करें एवं निरीक्षण/पालन प्रतिवेदन इस कार्यालय में प्रस्तुत करें।” प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन की आपत्ति इस आदेश के खिलाफ छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने नाराजगी जाहिर की है। एसोसिएशन ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर आदेश पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। एसोसिएशन का तर्क अब आगे क्या?