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Raid on deputy Ranger House: Wealthy deputy ranger...! Vigilance officers were shocked to see cash and jewellery
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Raid on deputy Ranger House : धनकुबेर डिप्टी रेंजर…! कैश और ज्वैलरी देखकर विजिलेंस अधिकारियों के उड़े होश…यहां देखें VIDEO

ओडिशा, 26 जुलाई। Raid on deputy Ranger House : ओडिशा के कोरापुट जिले में तैनात वन विभाग के डिप्टी रेंजर रामचंद्र नेपाक के खिलाफ सतर्कता विभाग की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। शुक्रवार सुबह विजिलेंस विभाग ने उनके कोरापुट, भुवनेश्वर और जयपुर स्थित छह ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। शुरुआती जांच में ही भारी मात्रा में नकदी, सोना-चांदी और करोड़ों की संपत्ति मिलने से हड़कंप मच गया। छापे में बरामद ₹1.43 करोड़ नकद राशि 1.5 किलो सोना 4.6 किलो चांदी करीब ₹6 करोड़ की चल-अचल संपत्ति रामचंद्र नेपाक की मासिक तनख्वाह महज ₹76,880 है, जबकि उनके पास पाई गई संपत्ति उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से कई गुना अधिक है। विजिलेंस ने इसे अवैध संपत्ति करार देते हुए आगे की जांच शुरू कर दी है। सतर्कता विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इस कार्रवाई में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और लेनदेन के रिकॉर्ड भी जब्त किए गए हैं। नेपाक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है। जिन ठिकानों पर छापा पड़ा जांच जारी अब सतर्कता विभाग इस बात की जांच कर रहा है कि इतनी संपत्ति आखिर किस माध्यम से और किसके सहयोग से इकट्ठा की गई। सूत्रों के मुताबिक, और भी बड़े नामों के खुलासे की संभावना है। यह मामला केवल एक अधिकारी का नहीं, बल्कि सिस्टम में छिपे उस व्यापक भ्रष्टाचार की झलक (Raid on deputy Ranger House) है जो जमीन से लेकर जंगल तक फैला हुआ है।

Shameful Relation : People of the world, watch humanity die...! The 'old mother' brought in an e-rickshaw was left on the road... the poor thing died... watch the video here
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Shameful Relation : दुनियावालों मानवता को मरते देख लो…! ई-रिक्शा में लाई ‘वृद्ध मां’ को सड़क पर छोड़ा…बेचारी मर गई…यहां देखें VIDEO

अयोध्या, 26 जुलाई। Shameful Relation : रामनगरी अयोध्या से एक मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला को उसके परिजनों ने ई-रिक्शा में लाकर रात के अंधेरे में सड़क किनारे छोड़ दिया। यह पूरी घटना किशुन दासपुर क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। वीडियो में दिखी बेरुखी की हद सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा गया कि रात करीब 11:30 बजे एक ई-रिक्शा रुकता है। रिक्शे से एक कमजोर बुजुर्ग महिला को उतार कर वहां छोड़ दिया जाता है। न उसे सहारा दिया गया, न कोई बात की गई, रिक्शा चालक जो कथित तौर पर उसका रिश्तेदार है, तेजी से वहां से चला गया। महिला वहीं बैठी रह गई, असहाय, भयभीत और खामोश। सुबह जब राहगीरों ने बुजुर्ग को देखा, तो पास जाकर हाल जानने की कोशिश की। वह बेहद कमजोर और मानसिक रूप से भ्रमित स्थिति में मिली। उसने केवल इतना कहा, घर ने निकाल दिया…” हालांकि, अब खबर आ रही है कि बुजुर्ग महिला की मौत हो गई है। वहीं, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और महिला की पहचान करने के साथ-साथ आरोपियों को पकड़ने का प्रयास कर रही है। स्थानीय लोगों ने दी मदद स्थानीय निवासियों ने तत्परता दिखाते हुए महिला को भोजन, पानी और कंबल उपलब्ध कराया। प्रशासन को सूचना भी दी गई, लेकिन अब तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा, न ही परिजनों की ओर से कोई खोजखबर ली गई है। यह घटना न केवल रिश्तों की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े करती है, बल्कि पूरे समाज के सोचने का विषय बन गई है। लोगों का कहना है, “अगर आज ये किसी और के साथ हुआ है, तो कल किसी के भी साथ हो सकता है।” पुलिस ने शुरू की कार्रवाई पुलिस ने CCTV फुटेज के आधार पर ई-रिक्शा चालक (Shameful Relation) की पहचान शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि महिला को उसके परिजन ही छोड़कर गए थे। बुजुर्ग महिला को अस्थायी आश्रय गृह भेज दिया गया है और मामला संज्ञान में लेकर जांच शुरू कर दी गई है।

IRCTC's big step...! 2.5 crore fake user IDs deactivated... Now tatkal tickets will be available only to Aadhaar verified users... Rules changed in emergency quota as well
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IRCTC का बड़ा कदम…! 2.5 करोड़ फर्जी यूजर ID किए गए डिएक्टिवेट…अब तत्काल टिकट सिर्फ आधार वेरिफाइड यूजर्स को ही मिलेंगे…इमरजेंसी कोटे में भी बदले नियम

नई दिल्ली, 26 जुलाई। IRCTC : भारतीय रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम में लगातार हो रहे दुरुपयोग को रोकने के लिए IRCTC पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 2.5 करोड़ से अधिक यूजर ID डिएक्टिवेट कर दिए हैं। यह कदम संदिग्ध बुकिंग पैटर्न, फर्जी यूजर्स और बॉट्स के जरिये तत्काल टिकट हथियाने वाले एजेंटों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है। यह जानकारी संसद में सांसद ए.डी. सिंह के सवाल के जवाब में केंद्र सरकार की ओर से दी गई। सरकार ने कहा कि यह निर्णय यात्रियों के हित में लिया गया है ताकि वास्तविक यात्रियों को कंफर्म टिकट मिल सके और एजेंटों की मनमानी पर रोक लग सके। तत्काल टिकट बुकिंग में मिली बड़ी राहत पहले तत्काल टिकट बुकिंग विंडो खुलते ही कुछ ही मिनटों में टिकट खत्म हो जाते थे। शिकायतें मिल रही थीं कि एजेंट बॉट्स की मदद से टिकट बुक कर लेते हैं और आम यात्री खाली हाथ रह जाता है। लेकिन हालिया बदलावों के बाद अब यात्रियों को बॉट्स से बचाव और अधिक पारदर्शिता का लाभ मिल रहा है। सरकार द्वारा किए गए बड़े बदलाव मिलेगा फायदा रेलवे के इन कड़े और तकनीकी रूप से उन्नत उपायों से, आम यात्रियों को कंफर्म टिकट मिलने की संभावना बढ़ेगी। एजेंटों का वर्चस्व टूटेगा। फर्जी बुकिंग पर रोक लगेगी। तत्काल और इमरजेंसी कोटे की सही उपयोगिता सुनिश्चित होगी। IRCTC और रेलवे द्वारा उठाया गया यह कदम यात्रियों की सुविधा और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण सुधार है। यह न केवल टिकट बुकिंग सिस्टम को बेहतर बनाएगा, बल्कि डिजिटल ट्रांजैक्शन को भी प्रोत्साहन देगा। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने IRCTC अकाउंट को आधार से लिंक करें और बुकिंग से पहले सभी जानकारियां अपडेट रखें।

Student Suicide: She came out of the class swinging her key ring...and jumped from the fourth floor lobby...Video of student suicide
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Student Suicide : क्लास से चाबी का छल्ला घुमाते हुए निकली…और चौथी मंजिल की लॉबी से लगाई छलांग…छात्रा के सुसाइड का VIDEO

अहमदाबाद, 26 जुलाई। Student Suicide : अहमदाबाद के नवरंगपुरा इलाके में स्थित सोम ललित स्कूल में 10वीं कक्षा की छात्रा ने चौथी मंजिल से छलांग लगा दी, जिससे उसकी मौत हो गई। यह घटना गुरुवार को दोपहर 12:30 बजे के आसपास हुई, जब छात्रा ने लंच ब्रेक के दौरान कक्षा से बाहर आकर लॉबी की रेलिंग से छलांग लगा दी। स्कूल से मिली जानकारी के अनुसार, छात्रा 15 दिन पहले एक महीने की छुट्टी के बाद स्कूल लौटी थी। परिवार ने उसका मेडिकल सर्टिफिकेट भी स्कूल में जमा कर दिया था। घटना वाले दिन छात्रा को उसके पिता स्कूल छोड़कर गए थे और थोड़ी देर बाद छात्रा चिल्लाने लगी, जिसे शिक्षकों ने शांत कराया। बहरहाल, पुलिस ने छात्रा का मोबाइल भी जब्त कर लिया है। साथ ही, सहपाठियों, दोस्तों और स्कूल के शिक्षकों से भी पूछताछ की जा रही है। उधर, स्कूल प्रशासन ने सुबह से लेकर इस पूरी घटना तक के सभी सीसीटीवी फुटेज नवरंगपुरा थाने को दे दिए हैं। सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि छात्रा कक्षा से बाहर आती है और लॉबी की रेलिंग से नीचे कूद जाती है। परिवार आर्थिक रूप से संपन्न नवरंगपुरा थाने से मिली जानकारी (Student Suicide) के अनुसार, बच्ची के परिवार में उसके माता-पिता और एक छोटा भाई है। उसके पिता की नारनपुरा इलाके में दुकान है। परिवार आर्थिक रूप से संपन्न है और घर में किसी बात को लेकर कोई तनाव नहीं था। शहर के डीईओ ने भी स्कूल से रिपोर्ट मांगी है।

Free Trade Agreement: Free trade agreement finalised between India and UK...! Scotch-whisky will be cheaper...what else can be expensive and cheap...? See the complete list here
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Free Trade Agreement : भारत-UK के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट तय…! स्कॉच-व्हिस्की होंगी सस्ती…और क्या महंगा और सस्ता हो सकता है…? यहां देखें पूरी List

नई दिल्ली, 25 जुलाई। Free Trade Agreement : भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर ऐतिहासिक सहमति बन गई है। दोनों देशों ने मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिससे अब व्यापारिक वस्तुओं पर टैरिफ या तो पूरी तरह खत्म हो जाएगा या फिर काफी कम कर दिया जाएगा। क्या है FTA का सीधा मतलब? अब भारत से UK जाने वाले उत्पादों पर टैक्स नहीं लगेगा, यानी ड्यूटी फ्री एक्सपोर्ट। वहीं UK से भारत आने वाली वस्तुओं पर टैक्स या तो कम कर दिया जाएगा या खत्म। आम उपभोक्ताओं को राहत: UK से आने वाले प्रीमियम उत्पादों– जैसे स्कॉच व्हिस्की, चमड़े के जूते, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स, मरीन प्रोडक्ट्स और ज्वेलरी जो अब सस्ते दामों में उपलब्ध होंगे। प्रीमियम ब्रांड्स को मिलेगा बड़ा बाजार स्कॉच व्हिस्की, जो UK के स्कॉटलैंड में बनाई जाती है, भारत में एक प्रीमियम वाइन प्रोडक्ट के रूप में लोकप्रिय है। अभी तक भारत में इसके इम्पोर्ट पर 150% का भारी टैरिफ लगता था, लेकिन FTA के तहत, इम्पोर्ट टैरिफ को तत्काल प्रभाव से 75% कर दिया गया है। अगले 10 वर्षों में इसे घटाकर 40% तक लाने की योजना है। अनुमान है कि 30–50% तक कीमतें घट सकती हैं। उदाहरण के तौर पर. अभी जॉनी वॉकर ब्लैक लेबल (750ml) की कीमत भारत में ₹4,000–₹5,000 है। FTA के बाद यह घटकर ₹2,500–₹3,000 हो सकती है। व्हिस्की मार्केट पर असर कौन-कौन सी चीजें होंगी सस्ती? कौन-कौन सी चीजें महंगी हो सकती हैं? कुछ ऑटोमोबाइल, बाइक, स्टील प्रोडक्ट्स और एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स की कीमतों में बढ़ोतरी संभव है क्योंकि भारत में इनके प्रतिस्पर्धी उत्पाद पहले से मौजूद हैं। 🇮🇳 भारत को मिलेगा सबसे बड़ा लाभ व्यापार बढ़ेगा कई गुना वर्ष भारत-UK व्यापार 2022–23 $27–30 अरब डॉलर 2030 (FTA के बाद) $120 अरब डॉलर तक होने का अनुमान

Mistaken Identity: A shocking case...! Maulvi's son Mohammad Qasim was worshipping in the temple as 'Krishna'... Police arrested him
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Mistaken Identity : हैरान कर देने वाला मामला…! मौलवी का बेटा मोहम्मद कासिम ‘कृष्ण’ बनकर मंदिर में कर रहा था पूजा…पुलिस ने किया गिरफ्तार

मेरठ, 24 जुलाई। Mistaken Identity : उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक युवक ने धार्मिक पहचान छिपाकर खुद को ‘कृष्ण’ बताकर एक प्राचीन शिव मंदिर में पुजारी के रूप में एक साल तक रहकर पूजा-पाठ किया, लेकिन जब उसकी असलियत सामने आई तो पूरे गांव में हड़कंप मच गया। पुलिस जांच में युवक की पहचान मोहम्मद कासिम, निवासी बिहार के रूप में हुई है। कासिम के पिता एक मौलवी बताए जा रहे हैं। पहचान छिपाकर बना ‘पुजारी’ घटना दौराला थाना क्षेत्र के दादरी गांव की है। गांव के प्राचीन शिव मंदिर में पिछले एक साल से पुजारी नहीं थे। इसी दौरान एक युवक गांव पहुंचा और खुद को कृष्ण पुत्र संतोष, निवासी दिल्ली बताते हुए मंदिर में रहने की अनुमति मांगी। ग्रामीणों को कोई आपत्ति नहीं हुई और उन्होंने मंदिर की देखरेख के लिए उसे अनुमति दे दी। कासिम ने सुबह-शाम पूजा, हवन, प्रसाद वितरण, और ज्योतिष जैसी गतिविधियों से गांववालों का विश्वास जीत लिया। वह धीरे-धीरे धर्मगुरु के रूप में प्रतिष्ठा पाने लगा। शक के घेरे में आया ‘कृष्ण’ समय बीतने के साथ कुछ ग्रामीणों को उसके व्यवहार, भाषा और गतिविधियों पर संदेह हुआ। जब उससे पहचान पत्र मांगा गया, तो वह टालमटोल करता रहा और आधार कार्ड लाने के बहाने करीब 15 दिन के लिए गांव से गायब हो गया। इसके बाद वह फिर मंदिर में लौट आया और सामान्य तरीके से पूजा-पाठ करने लगा। हाल ही में मंदिर में एक भंडारे के दौरान वह एक कमरे से कुछ सामान निकाल रहा था, तब कुछ ग्रामीणों ने उसे रोका और कड़ी पूछताछ की। शक बढ़ने पर पुलिस को बुलाया गया। पुलिस जांच में हुआ खुलासा एसपी सिटी मेरठ आयुष विक्रम सिंह के अनुसार, पुलिस मौके पर पहुंची और युवक से सख्ती से पूछताछ की। उसने खुद को मोहम्मद कासिम, मूल निवासी बिहार बताया और यह भी स्वीकार किया कि उसके पिता मौलवी अब्बास हैं। कासिम ने स्वीकार किया कि उसने धार्मिक पहचान छिपाई, मंदिर में रहकर दान-पुण्य की राशि एकत्र की और उसका व्यक्तिगत उपयोग करता रहा। पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धार्मिक पहचान छिपाकर विश्वास में लेने, धोखाधड़ी, और आस्था से खिलवाड़ करने जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मंदिर से मिली दान राशि के दुरुपयोग की भी जांच की जा रही है। बिहार से सत्यापन जारी पुलिस ने कासिम के दावों की पुष्टि के लिए बिहार पुलिस से संपर्क (Mistaken Identity) कर लिया है। स्थानीय पते और पारिवारिक पृष्ठभूमि की जांच कराई जा रही है। मेरठ पुलिस यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि क्या यह मामला किसी सुनियोजित साजिश का हिस्सा है या फिर व्यक्तिगत लाभ के लिए की गई धोखाधड़ी। एसपी सिटी ने कहा कि यदि इस मामले में कोई और व्यक्ति या संगठन शामिल पाया गया, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Tradition of Hatti Tribe: Two brothers married the same bride...! Listen here what all three said in one voice...?
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Tradition of Hatti Tribe : दो भाइयों ने रचाई एक ही दुल्हन से शादी…! यहां सुनिए तीनों ने एक स्वर में क्या कहा…?

सिरमौर, हिमाचल प्रदेश, 22 जुलाई। Tradition of Hatti Tribe : महाभारत की तरह एक ही महिला के कई पतियों की प्रथा आज भी देश के कुछ हिस्सों में जीवित है। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई गांव में इसी परंपरा का ताजा उदाहरण देखने को मिला, जहां हट्टी जनजाति के दो सगे भाइयों ने एक ही दुल्हन से विवाह किया। इस विवाह समारोह का वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने बहुपतित्व (Polyandry) की सदियों पुरानी परंपरा को फिर से चर्चा में ला दिया है। विवाह समारोह 12 जुलाई से शुरू होकर तीन दिन चला, जिसमें गांव के सैकड़ों लोग शामिल हुए। दोनों भाइयों प्रदीप और कपिल नेगी ने सुनीता चौहान नामक युवती से विवाह किया। सुनीता ने स्पष्ट किया कि यह उसका स्वतंत्र और स्वेच्छा से लिया गया फैसला है। दोनों दूल्हों ने भी कहा कि उन्होंने यह विवाह बिना किसी सामाजिक दबाव के किया है। दूल्हे कपिल, जो विदेश में रहते हैं, ने कहा, “हमने पारदर्शिता में विश्वास किया है। इस विवाह के जरिए हम एक संयुक्त परिवार के रूप में एक-दूसरे को सहयोग, स्थिरता और प्यार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” बहुपतित्व की परंपरा क्या है? बहुपतित्व का अर्थ है एक महिला का एक से अधिक पुरुषों से विवाह करना। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर और किन्नौर जिलों में यह परंपरा भ्रातृ बहुपतित्व (Fraternal Polyandry) के रूप में प्रचलित है, जिसमें एक महिला सगे भाइयों की पत्नी बनती है। इस परंपरा का उद्देश्य परिवार की पैतृक संपत्ति के विभाजन को रोकना और आर्थिक मजबूती बनाए रखना था। इससे परिवार संयुक्त रहता है और भूमि व संसाधनों पर अधिकार बना रहता है। हट्टी समुदाय और परंपरा का सामाजिक संदर्भ हट्टी समुदाय, जो हिमाचल-उत्तराखंड सीमा क्षेत्र में निवास करता है, को 2022 में अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिला था। इस समुदाय में बहुपतित्व एक स्वीकृत सामाजिक प्रथा रही है, हालांकि आधुनिक शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और बदलती सोच के चलते अब ये मामले कम हो गए हैं। गांव के बुजुर्गों के अनुसार, आजकल ऐसी शादियां अधिकतर गोपनीय रूप से होती हैं, और समाज इसमें हस्तक्षेप नहीं करता। जो लोग इस परंपरा को नहीं अपनाना चाहते, उन्हें मजबूर नहीं किया जाता। इतिहास और शोध हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री वाईएस परमार ने इस परंपरा पर गहन शोध किया था और अपनी पीएचडी इसी विषय पर पूरी की थी। यह दिखाता है कि बहुपतित्व केवल सामाजिक प्रथा नहीं, बल्कि हिमाचल की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संरचना का भी हिस्सा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल शिलाई गांव में हुए इस विवाह का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जहां लोग इस परंपरा को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग इसे सांस्कृतिक विरासत बता रहे हैं, वहीं कुछ इसे बदलते समाज के बीच टकराती परंपरा के रूप में देख रहे हैं। बहुपतित्व की यह परंपरा अब बहुत कम देखने को मिलती है, लेकिन यह घटनाक्रम दिखाता है कि भारत के कुछ क्षेत्रों में पुरातन सामाजिक व्यवस्थाएं अभी भी जीवित हैं, और लोग उनमें अपनी मर्जी से हिस्सेदारी भी निभा रहे हैं।

Resignation of the Vice President: Vice President Jagdeep Dhankhar suddenly resigned...! The race for the successor intensifies
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Resignation of the Vice President : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक दिया इस्तीफा…! उत्तराधिकारी की दौड़ तेज़

नई दिल्ली, 22 जुलाई। Resignation of the Vice President : देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम को अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। उनके इस्तीफे की कोई पूर्व सूचना नहीं थी, जिससे सत्तारूढ़ भाजपा और सहयोगी दलों को भी आश्चर्य हुआ है। धनखड़ का तीन साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही यह कदम चौंकाने वाला माना जा रहा है। अब नए उपराष्ट्रपति की खोज तेज हो गई है। भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पास संसद के दोनों सदनों में बहुमत है, जिससे उन्हें उत्तराधिकारी चुनने में अपेक्षाकृत सुविधा होगी। सूत्रों के अनुसार, संभावित उम्मीदवारों में कुछ राज्यपाल, अनुभवी संगठनात्मक नेता और केंद्रीय मंत्री शामिल हो सकते हैं। भाजपा के पास वरिष्ठ नेताओं का एक बड़ा समूह है, जिससे चुनाव की प्रक्रिया पर काफी ध्यान दिया जा रहा है। पार्टी इस पद के लिए एक गैर-विवादास्पद और अनुभवी चेहरे की तलाश में है। उल्लेखनीय है कि उपराष्ट्रपति बनने से पहले धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। उनके पूर्ववर्ती एम. वेंकैया नायडू भी भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रह चुके थे। इस बीच, जनता दल (यूनाइटेड) के राज्यसभा सांसद और वर्तमान उपसभापति हरिवंश का नाम भी संभावित उम्मीदवारों में शामिल किया जा रहा है। हरिवंश 2020 से इस पद पर हैं और सरकार के साथ उनका सामंजस्य अच्छा रहा है। धनखड़ के कार्यकाल के दौरान कई बार विपक्ष से उनकी तीखी नोकझोंक देखी गई थी। उन्होंने कई विवादास्पद मुद्दों पर सख्त टिप्पणियां भी की थीं, जो कभी-कभी सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर देती थीं। अब सबकी निगाहें भाजपा (Resignation of the Vice President) के अगले कदम पर टिकी हैं, और आने वाले दिनों में इस अहम संवैधानिक पद के लिए नामों पर विचार और घोषणा की संभावना है।

Train Blast Breaking: Mumbai local train blast 2006...! Historic verdict came after 19 years...Bombay High Court acquitted 11 out of 11 accused...Court called the evidence 'unreliable'
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Train Blast Breaking : मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट 2006…! 19 साल बाद आया ऐतिहासिक फैसला…बॉम्बे हाई कोर्ट ने 11 में से 11 दोषियों को किया बरी…अदालत ने सबूतों को बताया ‘अविश्वसनीय’

मुंबई, 21 जुलाई। Train Blast Breaking : बॉम्बे हाई कोर्ट ने 11 जुलाई 2006 को मुंबई लोकल ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार धमाकों के मामले में सोमवार को एक ऐतिहासिक और चौंकाने वाला फैसला सुनाया। अदालत ने निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए 12 में से 11 आरोपियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया है। एक आरोपी की मौत अपील प्रक्रिया के दौरान हो चुकी थी। फैसले में अदालत ने क्या कहा? हाई कोर्ट की विशेष पीठ ने कहा कि, सबूत विश्वसनीय नहीं थे और गवाहों की गवाही संदेह के घेरे में थी। कबूलनामे जबरदस्ती लिए गए, जो कानूनन अमान्य हैं। गवाहों की पहचान परेड संदिग्ध रही, कई गवाह वर्षों तक चुप रहे और फिर अचानक आरोपियों की पहचान की। बरामद आरडीएक्स और अन्य सामग्री के कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिले। प्रॉसिक्यूशन पूरी तरह असफल रहा, और आरोपी यह साबित करने में सफल रहे कि उनके खिलाफ मामला कमजोर था। जेल से रोते हुए जुड़े आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अमरावती, नागपुर, पुणे और नासिक की जेलों से जुड़े सभी 11 आरोपी बरी किए जाने के बाद भावुक हो उठे। किसी ने खुशी नहीं जताई, सभी की आंखों में आंसू थे। वकीलों की प्रतिक्रिया आरोपियों के वकील युग मोहित चौधरी ने कहा कि, “यह फैसला उन हजारों लोगों के लिए उम्मीद की किरण है, जो सालों से गलत तरीके से जेल में बंद हैं।” जबकि सरकारी वकील राजा ठकारे ने कहा कि “यह फैसला मार्गदर्शक की तरह है, जो भविष्य की जांचों में ध्यान रखने योग्य है।” क्या हुआ था 2006 में? 11 जुलाई 2006 की शाम मुंबई की भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेनों में महज 11 मिनट के भीतर सात धमाके हुए थे। इन विस्फोटों में 189 लोग मारे गए और 827 से ज्यादा घायल हुए। ATS ने जांच कर 13 लोगों को गिरफ्तार किया था और 15 अन्य को फरार बताया, जिनमें से कई के पाकिस्तान में छिपे होने का शक था। अब तक का कानूनी सफर 2015 में विशेष अदालत ने 12 आरोपियों को दोषी ठहराया, जिनमें से 5 को फांसी और 7 को उम्रकैद की सजा दी गई थी। राज्य सरकार ने फांसी की सजा की पुष्टि के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जबकि आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताते हुए अपील की। 2023 में आरोपी एहतेशाम सिद्दीकी ने हाई कोर्ट से सुनवाई में तेजी की मांग की, जिसके बाद विशेष पीठ गठित हुई। करीब 6 महीने तक रोजाना सुनवाई चली और फिर 6 महीने में फैसला तैयार किया गया। अब आगे क्या? राज्य सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकती है। हालांकि, फैसले में गंभीर खामियों की ओर इशारा करते हुए यह साफ कर दिया गया है कि अगर जांच निष्पक्ष और वैज्ञानिक तरीके से न हो, तो इतने बड़े मामले भी अदालत में टिक नहीं पाते। यह फैसला न केवल 11 निर्दोष (Train Blast Breaking) बताए जा रहे लोगों की रिहाई का मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि भारत की न्यायिक प्रणाली पर गंभीर प्रश्न भी खड़े करता है, क्या हमारे जांच तंत्र में सुधार की आवश्यकता है?

Unique Kanwar Yatra : Kanwar Yatra taken out with doctor's photo...! Viral on social media...devotion or propaganda...? Watch the video here
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Unique Kanwar Yatra : डॉक्टर की फोटो लगाकर निकाली कांवड़ यात्रा…! सोशल मीडिया पर वायरल…श्रद्धा या प्रचार…? यहां देखें VIDEO

हरिद्वार, 20 जुलाई। Unique Kanwar Yatra : सावन माह के पवित्र अवसर पर हरिद्वार से कांवड़ लेकर लौट रहे श्रद्धालुओं की एक अनोखी कांवड़ यात्रा इस समय चर्चा में है। इस यात्रा में कुछ भक्तों ने एक डॉक्टर की बड़ी तस्वीर को कांवड़ पर सजाया और पूरे सम्मान के साथ यात्रा निकाली। यह दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद लोगों में इसको लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। क्या है वायरल वीडियो में? वीडियो में कुछ कांवड़िए पूरे धार्मिक माहौल में जयकारों के साथ भगवा वस्त्रों में, कांवड़ पर डॉक्टर की फ्रेम की हुई तस्वीर लेकर चलते नजर आ रहे हैं। तस्वीर पर फूलों की माला भी चढ़ाई गई है, मानो किसी आस्था के प्रतीक की तरह श्रद्धा प्रकट की जा रही हो। कांवड़ पर डॉक्टर की तस्वीर देख हर कोई देखता ही रह जा रहा है और भावुक भी हो जा रहा है। जब विशाल हरिद्वार से बड़ौत के लिए कांवड़ लेकर चले तो राह में कई शिवभक्तों की नजर अनोखी कांवड़ पर पड़ी। जिस पर किसी भगवान की नहीं, एक डॉक्टर की तस्वीर थी। किसी ने पूछा तो विशाल ने मुस्कराकर कहा, ये वो हैं जिन्होंने मेरी बेटी को ज़िंदगी दी।  अगले साल से 51 लीटर जल ले जाएंगे विशाल मेरी बेटी जब पैदा हुई थी तो उसके बचने की उम्मीद नहीं थी। क्योंकि वह समय से पहले ही पैदा हो गई थी। कई डॉक्टरों ने उसके इलाज के लिए हाथ खड़े कर दिए थे, लेकिन डॉ. अभिनव तोमर ने हार नहीं मानी और मेरी बच्ची का इलाज किया। जिससे मेरी बच्ची ठीक हो गई। विशाल ने बताया कि इस बार डॉक्टर साहब के नाम पर 31 लीटर जल लेकर जा रहा हूं। लेकिन अगले साल 51 लीटर जल लाऊंगा। डॉक्टर साहब के नाम की कांवड़ यात्रा हर (Unique Kanwar Yatra) साल करूंगा।