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Lok Sabha Election: Big statement of former minister TS Singhdev...? listen video
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Introspection in Congress : ‘कांग्रेस की हार’ विश्वकप के प्रदर्शन जैसा…! सुनिए पूर्व Deputy CM जिम्मेदारी पर और क्या बोले?

रायपुर, 7 दिसंबर। Introspection in Congress : छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में आत्ममंथन चल रहा है। वहीं, निवर्तमान डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव से जब पूछा गया कि इस हार का जिम्मेदार कौन है? उन्होंने बहुत ही बेबाकी से कहा कि यह प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है। बूथ से लेकर राज्य स्तर पर हर कोई जिम्मेदार है।  सभी मैच में जीत दर्ज की लेकिन फाइनल हारे टीएस सिंहदेव ने चुनाव में कांग्रेस की हार की तुलना क्रिकेट विश्व कप में भारतीय टीम के प्रदर्शन से की जिसमें उसने सभी मैच जीते, लेकिन अंतिम मुकाबला हार गई थी। यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस स्थानीय निकाय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर रही है, लेकिन सभी महत्वपूर्ण मुकाबले में हार रही है, सिंहदेव ने कहा, ‘यह काफी हद तक क्रिकेट विश्व कप जैसा लग रहा है जहां हमने अन्य सभी मैच में जीत दर्ज की लेकिन फाइनल मैच नहीं जीत पाए थे। भारत ने क्रिकेट विश्व कप में लगातार 10 मैच में जीत दर्ज की थी लेकिन फाइनल मैच में उसे ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा।” हार का ठीकरा दूसरे पर नहीं डाल सकते टीएस सिंहदेव ने कहा, ”प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है, इस आप दूसरे के ऊपर नहीं डाल सकते। यदि मुझे जिम्मेदार ठहराया जाना है, तो मुझे पहला और एकमात्र व्यक्ति होना चाहिए जिसे अंबिकापुर के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। मुझे सरगुजा कमिश्नरी के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। बतौर डिप्टी सीएम मुझे राज्य के अन्य हिस्सों के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।” डिप्टी सीएम ने आगे कहा, ”य़ह हर व्यक्ति के साथ शुरू और खत्म होता है। इसे किसी और के सिर पर नहीं थोपा जा सकता। बूथ स्तर से लेकर राज्य स्तर तक हर व्यक्ति। हममें से हर कोई जिम्मेदार है और हमें इसे बहुत ही सहजता से निभाना चाहिए।” वहीं, हार के कारणों के बारे उन्होंने कहा, ”बिना ज्यादा विश्लेषण किए मैं सीधे तौर पर जो देख सकता हूं वह यह है कि कांग्रेस और बीजेपी के बीच वोट शेयर में बढ़ोतरी हुई है। संयुक्त वोट में लगभग 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वोट में हुई बढ़ोतरी बीजेपी के खाते में चली गई है।” छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में बीजेपी ने 54 सीट पर जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस को 35 सीट पर जीत मिली है। वहीं, EX डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव (Introspection in Congress) खुद अंबिकापुर से चुनाव हार गए हैं। सिंहदेव के प्रतिद्वंद्वी ने उन्हें 94 वोटों से मात दी है।

CG Election Result: Who is the next leader of opposition of Chhattisgarh...? Congress has a challenge...14 out of 35 MLAs won for the first time...Discussion on these names including Bhupesh Baghel...see list
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CG Election Result : छत्तीसगढ़ का अगला नेता प्रतिपक्ष कौन…? कांग्रेस के पास चुनौती…35 में 14 MLA पहली बार जीते…भूपेश बघेल समेत इन नामों पर चर्चा…देखें LIST

रायपुर, 7 दिसंबर। CG Election Result : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में नतीजे कांग्रेस की उम्मीदों के विपरीत आए हैं। सत्ता बरकरार रखने के बदलेा अब उन्हें विपक्ष की भूमिका में बैठना पड़ेगा। 2018 में 68 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 2023 के चुनाव में 35 सीटों पर सिमट गई है। इस चुनाव में कांग्रेस के बड़े-बड़े दिग्गजें ताश के पत्तों की तरह धराशाही हो गए हैं। बीजेपी राज्य में एक बार फिर से सरकार बनाने जा रही है, जबकि विपक्ष में बैठने वाली कांग्रेस को अब नेता प्रतिपक्ष का चयन करना होगा। जिसके लिए कांग्रेस में भी मंथन का दौर शुरू हो गया है। 35 में 14 विधायक पहली बार जीते छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के 35 विधायक जीते हैं, जिनमें से 14 विधायक पहली बार विधायक बने हैं, बाकी 21 में आधे से ज्‍यादा दूसरी बार विधायक बने हैं। जिनमें कुछ ही विधायक सीनियर हैं। ऐसे में पार्टी को एक ऐसे चेहरे की जरुरत होगी जो शुरुआत से ही एग्रेसिव हो क्योंकि आने वाले कुछ समय में 2024 के लोकसभा चुनाव होने हैं, जिसमें कांग्रेस को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी। नेता प्रतिपक्ष की रेस में इन नेताओं के नाम आगे भूपेश बघेल नेता प्रतिपक्ष की रेस में सबसे पहला नाम पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का है। दरअसल, बघेल के पास ही सीनियरटी का अनुभव है। वह पाटन विधानसभा सीट से विधायक का चुनाव जीते हैं। बघेल की गिनती प्रियंका गांधी के करीबियों में होती है, जबकि उनकी आक्रमक छवि उन्हें प्रथम श्रेणी पर लड़ाई करने में भी मदद कर सकती है, ऐसे में कांग्रेस उन्हें ही नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंप सकती है। चरणदास महंत बघेल सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे चरणदास महंत को भी नेता प्रतिपक्ष की कमान मिल सकती है। महंत सक्ती विधानसभा सीट से विधायक का चुनाव जीते हैं। वह प्रदेश में पहले ही भी कई बड़ी जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। चरणदास महंत कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। ऐसे में पार्टी उन्हें नेता प्रतिपक्ष की कमान सौंप सकती है। कवासी लखमा अगर बीजेपी किसी आदिवासी वर्ग से आने वाले नेता को मुख्यमंत्री बनाती है तो फिर उसे काउंटर करने के लिए कांग्रेस भी नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी आदिवासी वर्ग के विधायक को सौंप सकती है, जिसमें सबसे सीनियर विधायक कवासी लखमा की दावेदारी मानी जा रही है। उमेश पटेल और लखेश्वर बघेल इसके अलावा दो और बड़े नेता उमेश पटेल और लखेश्वर बघेल भी नेता प्रतिपक्ष के दावेदार माने जा रहे हैं, क्योंकि यह नेता जातिगत समीकरणों में भी फिट बैठते हैं। जबकि दोनों नेताओं को सदन का भी अच्छा अनुभव ऐसे में कांग्रेस इनमें से भी किसी नेता को नेता प्रतिपक्ष बना सकती है। प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी हो सकता है बदलाव माना जा रहा है कि चुनाव में हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष (CG Election Result) के पद पर भी बदलाव कर सकती है। कांग्रेस ने दीपक बैज को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था, लेकिन उनके नेतृत्व में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा वह खुद भी चुनाव हार गए हैं। ऐसे में कांग्रेस इस पद पर भी इन्हीं में से किसी नेता को कमान सौंप सकती है।

CONGRESS ki HAAR : In the Congress, everyone lost while trying to defeat each other...! Sensational allegation by former minister Amarjeet Bhagat against his own party...listen to VIDEO
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CONGRESS ki HAAR : कांग्रेस में सभी एक-दूसरे को हराने के चक्कर में सब हार गए…! पूर्व मंत्री अमरजीत भगत का अपनी ही पार्टी पर सनसनीखेज आरोप…सुनें VIDEO

रायपुर, 6 दिसंबर। CONGRESS ki HAAR : कांग्रेस में हर कोई एक-दूसरे को हराने की कोशिश कर रहा था और हर कोई हार गया। अपने ही पार्टी पर यह सनसनीखेज आरोप पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने लगाया है। दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की करारी हार के बाद पूर्व मंत्री अमरजीत भगत मीडिया के सामने आकर प्रदेश में कांग्रेस की हार की वजह बताई है। बेलगाम सरकार है बिना ब्रेक के चलेगी पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कांग्रेस कि इस हार को आपसी गुटबाजी का नतीजा बताया है। भगत ने कहा कि हमने प्रदेश में कांग्रेस के इस परिणाम की उम्मीद नहीं की थी। सभी एक दूसरे को हराने के चक्कर में पड़े थे और सब हार गए। अब प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है अब देखते जाइए यह बेलगाम सरकार है जो बिना ब्रेक के चलेगी।  विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद अमरजीत भगत के मूंछों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। दरअसल चुनाव से पहले पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने चुनाव हारने पर मूंछ मुड़वाने की बात कही थी। विधानसभा चुनाव 2023 के रिजल्ट आने के बाद उनका यह बयान और वीडियो वायरल हो रहा है जिस पर भाजपा नेता केदार कश्यप ने तंज करते हुए कहा था कि , अमरजीत भगत मेरे पड़ोसी है वह चाहे तो मैं उनकी मूंछ मुंडवाने में मदद कर दूंगा।  आदिवासी‌ क्षेत्र से बनाएं सीएम केदार कश्यप की इस बयान पर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि उस समय तो ये सामने आए नहीं, नंदकुमार साय हमारी पार्टी में आ गए। अगर ऐसी बात रहती तो हम कर देते, वह बात खत्म हो गई थी। उस समय इन्होंने कुछ नहीं बोला। इधर-उधर की बात छोड़िए, काम करने का मौका मिला है, बढ़िया काम करके दिखाइए। बहुत उम्मीद और शुभकामना है कि मुख्यमंत्री बनिए। सरगुजा और बस्तर संभाग से व ट्राइबल क्षेत्र से अच्छी जीत हासिल कर आए हैं। आदिवासियों ने अगर समर्थन दिया है तो आदिवासियों को (CONGRESS ki HAAR) आगे बढ़ाइए।

MLA in CG Assembly: 'Ishwar Sahu', an example of strong people power, reached the assembly today...knelt on the threshold and 'pranam'...see back to back VIDEO
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MLA in CG Assembly : सशक्त जनशक्ति का उदाहरण ‘ईश्वर साहू’ आज पहुंचा विधानसभा…चौखट पर घुटने टेक किया ‘प्रणाम’…फिर जो हुआ देखें VIDEO

रायपुर, 6 दिसंबर। MLA in CG Assembly : ‘फर्श से अर्श तक’ यह कथन साजा विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायक ‘ईश्वर साहू’ को देखकर स्पष्ट हो जाता है। साथ ही यह भी निश्चित है कि आज जनशक्ति कितनी सशक्त है, इसका जीता जागता उदाहरण ‘ईश्वर साहू’ है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 का नतीजा इस बार बिल्कुल जुदा था, क्योंकि साजा का नतीजा चौंकाने वाला था। यहां से मजदूर रहा ईश्वर साहू ने अपने बेटे को दंगे में खोया था। ईश्वर साहू की इस जीत की चर्चा देशभर में है। क्योंकि उन्होंने 7 बार के विधायक रह चुके रविंद्र चौबे को मात दी है। वहीं जीत के बाद आज विधायक ईश्वर साहू अपने समर्थकों के साथ छत्तीसगढ़ विधानसभा पहुंचे। विधायक ईश्वर साहू ने विधानसभा पहुंचते ही चौखट पर घुटने टेक कर प्रणाम किया। ईश्वर साहू ने कहा कि हम हमारे क्षेत्र की जो जरूरत है वह पूरा करेंगे, जो जिम्मेदारी हो पूरा करेंगे। ईमानदारी से काम करेंगे।हमारी प्राथमिकता है केंद्र सरकार की जो योजनाएं हैं, कांग्रेस की सरकार ने जो रोक रखा था उसे जल्द से जल्द हम लागू करेंगे। मुफ्त में गरीबों को चावल देने की योजना जो रोक कर रखे थे उसे देंगे। ऐसे बहुत से काम रुके हुए हैं उसे पूरा करेंगे। जितना ज्यादा हो सके हम विकास करेंगे। इसके साथ ही कहा कि जो अपने पद की पॉवर से कानून व्यवस्था कमजोर किए हुए थे उसे दुरुस्त करेंगे, उसे मजबूत (MLA in CG Assembly) करेंगे।

Khallari Assembly: We are not among those who break promises like Congress...BJP workers are the ones who keep the promises they make...While saying this, Derha Ram cut off half his mustache and hair...Listen to the VIDEO.
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Khallari Assembly : हम कांग्रेस की तरह वादाखिलाफी करने वालों में से नहीं हैं…BJP के कार्यकर्ता हैं जो वादा करते हैं उसे निभाते हैं…ये बोलते हुए डेरहा राम ने काट दी आधी मूंछ और बाल…सुनिए VIDEO

महासमुंद, 6 दिसंबर। Khallari Assembly : महासमुंद में चुनाव के दौरान कुछ दिलचस्प चीजें भी सामने आती हैं उनमें से एक अजीबो गरीब शर्त लगाना भी शामिल है। इस बार के विधानसभा चुनाव में महासमुंद जिले की खल्लारी विधानसभा में जीत-हार को लेकर हैरान करने वाली शर्त लगी। शर्त लगाने वाले भाजपा कार्यकर्ता ने शर्त हारने के बाद अपने वादे को निभाया और लोगों में आकर्षण का केंद्र बन गया।  खल्लारी विधानसभा के ग्राम बिहाझर के रहने वाले 48 वर्षीय डेरहा राम यादव, जो कि इलेक्ट्रिशियन का काम करते है। उन्होनें खल्लारी विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी अल्का चंद्राकर की जीत का दावा करते हुए अपने दोस्तों से शर्त लगाई थी कि अल्का चंद्राकर के चुनाव हारने पर वह अपने सिर के आधे बाल और आधी मूंछ साफ करा लेंगे। इसके बाद चुनावी नतीजों में अल्का चंद्राकर की हार के बाद डेरहा राम ने अपना वादा पूरा किया और सुर्खिया का केंद्र बन गए। डेरहा राम यादव का ये वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। डेरहा राम का कहना है कि हम कांग्रेस की तरह वादाखिलाफी करने वालों में से नहीं है। डेरहा राम (Khallari Assembly) ने कहा कि हम भाजपा के कार्यकर्ता हैं जो वादा करते हैं उसे निभाते हैं। 

Coaching Guidelines: Big change...! Education Ministry's instructions... Now 'coaching institutes' will not give admission to children below 16 years of age... Know here why this decision had to be taken...?
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Assembly Tenure : सभी विधायकों की विधायकी खत्‍म…! इस मंत्री ने सबसे पहले खाली किया बंगला…नहीं खाली करने वालों के लिए लिखा ‘पूर्व मंत्री’ देखें

रायपुर, 6 दिसंबर। Assembly Tenure : छत्तीसगढ़ के विधानसभा का कार्यकाल खत्‍म होने के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके साथ ही 2018 में निर्वाचित हुए सभी विधायकों की विधायकी खत्‍म हो गई है। इनमें जो इस बार चुनाव नहीं जीते हैं अब वे पूर्व विधायक की श्रेणी में आ गए हैं। इसके साथ ही उन्‍हें मिल रही सभी तरह की सुविधाएं समाप्‍त कर दी गई है। विधानसभा सचिवालय ने हारने वाले सभी विधायकों को विधायक आवास खाली करने का नोटिस जारी कर दिया है। सबसे पहले अकबर ने खाली किया सरकारी बंगला अफसरों ने बताया कि 2018 में चुने गए पक्ष और विपक्ष के 50 से ज्‍यादा विधायकों को राजधानी में आवंटित विधायक आवास खाली करने का निर्देश जारी कर दिया गया है। अफसरों ने बताया कि वहीं मकान अब नए विधायकों को आवंटित किया जाएगा। इधर, सिविल लाइन स्थिति मंत्रियों के आवास भी खाली होने शुरू हो गए हैं। मंत्री मोहम्‍मद अकबर ने सबसे पहले अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया है। कुछ पूर्व मंत्री अभी बंगाला खाली करने के मूड में नहीं है, इस वजह से उन्‍होंने बंगले के बाहर पूर्व मंत्री लिखा दिया है। बता दें कि 3 दिसंबर को परिणाम आने के बाद भूपेश बघेल ने मुख्‍यमंत्री (Assembly Tenure) के पद से इस्‍तीफा दे दिया था, अभी वे राज्‍य के कार्यवाहक मुख्‍यमंत्री हैं। बघेल के इ‍स्‍तीफा के दूसरे ही दिन विधानसभा के विघटन की अधिसूचना जारी कर दी गई है।

Mahadev Satta App: Sensational news from Durg…! Asim Das's father arrested in betting app commits suicide
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Mahadev Satta App : दुर्ग से सनसनीखेज खबर…! सट्टा ऐप में गिरफ्तार असीम दास के पिता ने की आत्महत्या

दुर्ग, 06 नवंबर। Mahadev Satta App : दुर्ग जिले से आत्महत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां महादेव सट्टा ऐप मामले में गिरफ्तार कथित कुरियर असीम दास के पिता सुशील दास ने कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली है। घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर कुएं से शव को बाहर निकाला। बताया जा रहा है कि बेटे की गिरफ्तारी के बाद से वह काफी दिनों से तनाव में थे। अंडा थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक असीम दास के पिता सुशील दास करीब पांच साल से अंडा थाना क्षेत्र के ग्राम अछोटी में रूपेश गौतम के फॉर्म हाउस में चौकीदारी का काम करते थे। वह फॉर्म हॉउस में बने कमरे में ही रहते थे। सोमवार की रात को करीब 11:30 बजे घर से निकले और फॉर्म हाउस में मौजूद कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार को वह कमरे में नहीं मिले तो उनकी तलाश शुरू की गई। कुएं में झांककर देखा गया तो उनकी लाश तैरती नजर आई। इसके बाद अंडा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को (Mahadev Satta App) बाहर निकलवाया। सुशील दास के शव पर कोई चोट के निशान नहीं मिले हैं।

CG Coal Scams: Big Breaking...! Now Ranu Sahu and Soumya Chaurasia will be interrogated inside the jail... permission granted for 3 days for interrogation.
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Coal Levy Case : सालभर से जेल में बंद सौम्या चौरसिया…! जमानत याचिका पर लिया ये फैसला

रायपुर, 6 दिसंबर। Coal Levy Case : कोल लेवी मामले में गिरफ्तार सौम्या चौसरिया की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट में है। सौम्या चौरसिया की इस याचिका पर सुनवाई हुई है, जिसमें बहस के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया है। आज की सुनवाई जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच में ही हुई है। फैसला सामने आने के बाद ही ये सुनिश्चित होगा कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया को कोर्ट राहत मिलती है या उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित 30 नवंबर को छत्तीसगढ़ में कोल लेवी मामले में गिरफ्तार सौम्या चौरसिया की बेल याचिका पर सुनवाई टल गई थी। इसके बाद ये सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में आज हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में ईडी की ओर से जमानत याचिका के विरोध में तर्क किए जाने थे, लेकिन ईडी के अधिवक्ता स्वास्थ्यगत कारणों के चलते उपस्थित नहीं हो पाए। सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है। केंद्रीय जेल में बंद हैं सौम्या कोल लेवी मामले में सौम्या चौरसिया को बीते साल यानी 2 दिसंबर 2022 को ईडी ने गिरफ्तार किया था, उसके बाद से सौम्या चौरसिया लगातार केंद्रीय जेल में बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की बेंच इस याचिका की सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर बेल याचिका दायर करते हुए कहा गया है कि सौम्या चौरसिया के खिलाफ मामला नहीं बनता, साथ ही जबकि हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की, उसके पहले कर्नाटक की बैंगलोर कोर्ट से शेड्यूल अफेंस हट गए थे, लेकिन इस महत्वपूर्ण तथ्य पर विचार नहीं हुआ। इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से जमानत दिए जाने के पक्ष में तर्क दिए जा चुके हैं। कोयला घोटाला मामले में किया गिरफ्तार सौम्या चौरसिया को ईडी ने 500 करोड़ से ज्यादा के कोयला घोटाला मामले में गिरफ्तार किया है। सौम्या चौरसिया को लेकर ईडी का आरोप है कि कोयला ट्रांसपोर्ट में 25 रुपए टन की लेवी ली जाती थी। ईडी ने इस इस मामले का किंगपिन सूर्यकांत तिवारी को बताया गया है। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि लेवी वसूलने के लिए नियमों को बदलकर उसे मैनुअल कर दिया गया। ईडी के अनुसार सूर्यकान्त तिवारी बेहद प्रभावशाली था, सूर्यकांत को असीमित शक्ति और प्रभाव कार्यवाहक सीएम भूपेश की (निलंबित) उप सचिव सौम्या चौरसिया से मिलती थी। ईडी का आरोप है कि सौम्या चौरसिया को कोयला घोटाला और लेवी वसूली से रकम मिलती थी जिससे संपत्ति अर्जित (Coal Levy Case) की।

Election Commission reached with demand of cancellation of candidature of EX CM and 2 years imprisonment to him... Listen what Vijay Baghel said VIDEO
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EX CM की उम्मीदवारी रद्द और उन्हें 2 साल की सजा की मांग लेकर पहुंचे चुनाव आयोग…सुनिए विजय बघेल ने क्या कहा VIDEO

रायपुर, 5 दिसंबर। EX CM : पाटन विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार विजय बघेल ने आचार संहिता उल्लंघन के मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ दोबारा शिकायत की है। उन्होंने चुनाव आयोग मांग की है कि आचार संहिता उल्लंघन के मामले में दुबारा जांच की जाए और दोषी पाए जानें पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ तत्काल कार्रवाई कर उनकी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया जाए। मुख्यमंत्री के पद में रहते हुए किया आचार संहिता का उल्लंघन चुनाव आयोग से शिकायत के बाद विजय बघेल ने मीडिया में बयान दिया था कि मुख्यमंत्री के पद में रहते हुए भूपेश बघेल ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है। हमारी मांग है कि उनकी उम्मीदवारी रद्द कर उन्हें दो साल की सजा होनी चाहिए। हमारी मांग है कि चुनाव आयोग इस मामले में तत्काल कार्रवाई करे, अगर इस मामले में चुनाव आयोग कोई कार्रवाई नहीं करता है तो हम कोर्ट जाएंगे। बता दें कि विजय बघेल ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर पूर्व में सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ पाटन विधासभा में आचार संहिता के उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने मामले की जांच के बाद कहा था कि भूपेश बघेल द्वारा किसी भी तरह से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया है। जांच से संतुष्ट नहीं होने पर विजय बघेल दिल्ली हाईकोर्ट में इसकी शिकायत की, जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें सबूत के साथ एक बार फिर शिकायत दर्ज करने के निर्देश दिए थे। इसी सिलसिले में विजय बघेल आज दोबारा लिखित में शिकायत दर्ज कराने रायपुर स्थित मुख्य निर्वाचन कार्यालय पहुंचे थे। विशेष अधिकारी की टीम से कराए वीडियो की जांच मंगलवार को निर्वाचन अधिकारी को सौंपे गए शिकायत पत्र में विजय बघेल ने बताया कि ‘आवेदन के साथ वीडियो और दो फोटो संलग्न है जिसमें 16 नवंबर को कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व सीएम भूपेश बघेल के रोड शो की रिकॉर्डिंग है। जिसमें देखा जा सकता है कि लाउडस्पीकर सह वाद्ययंत्र के साथ कांग्रेस कार्यकर्ता कांग्रेस पार्टी का चिन्ह लगा टी-शर्ट पहने दिखाई दे रहे है।इस संबंध में दुर्ग के अधिकारी द्वारा जांच नहीं की गई है। उक्त वीडियो के संबंध में विशेष अधिकारी की टीम से जांच करवाना चाहिये। दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश का अवलोकन कर दुर्ग जिला प्रशासन के अधिकारियों की बजाय आपके कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी से वीडियो जांच कर वीडियो में दिख रहे व्यक्तियों के संबंध में आदेश देने और अपराध दर्ज करवाने का कष्ट करें।’ गौरतलब है कि इससे पहले विजय बघेल ने चुनाव आयोग को सौंपे गए शिकायत पत्र में कहा था कि 15 नवंबर 2023 को चुनाव प्रचार सभा, रैली इत्यादि के आयोजन पर रोक लग गई थी, लेकिन इस प्रावधान का उल्लंघन करते हुए 16 नवंबर को एक रैली और रोड शो का आयोजन किया गया था। इस रैली की फोटो और वीडियो उपलब्ध हैं। इस फोटो और वीडियो में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि भूपेश बघेल (EX CM) के द्वारा रैली का आयोजन किया जा रहा है। इसमें शासकीय कर्मचारी और पुलिस अधकारी भी इसमें शामिल हैं। कांग्रेस कार्यकर्ता भूपेश बघेल के पक्ष में नारा लगा रहे हैं।

Big Decision: The state government has taken a big decision...! Appointments of corporation boards cancelled...see order
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BJP Government in CG : छत्‍तीसगढ़ में सरकार का फार्मूला तय…! सस्‍पेंस कल तक हो जाएगा खत्‍म

रायपुर, 5 दिसंबर। BJP Government in CG : छत्‍तीसगढ़ में भाजपा की अगली सरकार में मुख्‍यमंत्री कौन होगा यह सस्‍पेंस कल तक खत्‍म हो जाएगा। दिल्‍ली में पार्टी की उच्‍च स्‍तरीय बैठक में मुख्‍यमंत्री का नाम और सरकार का पूरा स्‍वरुप फाइनल कर लिया गया है। पार्टी नेताओं के अनुसार राज्‍य में सरकार का स्‍वरुप जातिगत और सामाजिक समीकरण के साथ ही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्‍यान में रखकर तैयार किया गया है। पार्टी नेताओं ने बताया कि छत्‍तीसगढ़ में सरकार का जो फार्मूला तय किया गया है वह थोड़ा सा चौंकाने वाला है। चुनाव परिणाम आने के बाद से रेणुका सिंह के समर्थक उनका नाम मुख्यमंत्री के रुप में चला रहे हैं। आज दिन में सोशल मीडिया में यहां तक खबर चल गई कि रेणुका सिंह के घर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पार्टी संगठन के एक वरिष्‍ठ नेता ने दो टूक कहा कि रेणुका को मुख्‍यमंत्री बनाए जाने का सवाल ही नहीं उठता है। उन्‍होंने कहा कि 2003 में प्रदेश में बनी पहली भाजपा सरकार में रेणुका सिंह को महिला बाल विकास मंत्री बनाया गया था, लेकिन दो-ढाई साल में ही उनकी जगह लता उसेंडी को मंत्री बना दिया गया। ऐसे में उन्‍हें इस बार सीधे मुख्‍यमंत्री कैसे बना दिया जाएगा। वो भी तब जब मार्च के फर्स्ट वीक में लोकसभा चुनाव का ऐलान हो जाएगा। जाहिर है, अगले महीने से लोकसभा चुनाव की तैयारी पार्टी शुरू कर देगी। ऐसे में, बीजेपी ऐसे नेता को राज्य की कमान सौंपेंगी, जो लोकसभा चुनाव में दमदारी से पार्टी का नेतृत्व करें। और 11 में से कम-से-कम नौ-दस सीटें दिला दे। इन 20 नामों में से ही सब कुछ छत्‍तीसगढ़ में भाजपा के कुल 54 विधायक जीत कर आए हैं। पार्टी ने इसमें से 20 नाम छांट कर निकाला है। इनमें कुछ पहली बार के भी विधायक शामिल हैं। इनमें 8 एसटी, 2 एससी और बाकी 10 सामान्‍य वर्ग से हैं। 10 सामान्‍य में 4 ओबीसी हैं। इन 20 नामों में डॉ. रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, अमर अग्रवाल, विष्णुदेव साय, धरमलाल कौशिक, अरुण साव, अजय चंद्राकर, ओपी चौधरी, राम विचार नेताम, राम कुमार टोप्‍पो, पुन्नुलाल मोहले, धर्मजीत सिंह, अनुज शर्मा, राजेश मूणत, दयालदास बघेल, विक्रम उसेंडी, नीलकंठ टेकाम, लता उसेंडी और केदार कश्यप का नाम शामिल है। मंत्रिमंडल में सीएम सहित 13 और विधानसभा में 2 छत्‍तीसगढ़ विधानसभा में कुल 90 सदस्‍य हैं। ऐसे में यहां कैबिनेट का आकार 13 सदस्‍यों से ज्‍यादा नहीं हो सकता। इसमें मुख्‍यमंत्री भी शामिल हैं। इसके बाद विधानसभा अध्‍यक्ष और एक उपाध्‍यक्ष। इस तरह 20 में से 15 लोगों को ही पद मिल पाएगा। ऐसे में पहली बार के विधायकों को संसदीय सचिव का पद देकर संतुष्‍ट करने की योजना है। बाकी वरिष्‍ठों को कैबिनेट में स्‍थान दिया जाएगा। सीजी का मुख्‍यमंत्री और कैबिनेट नजर 2024 पर मुख्‍यमंत्री और कैबिनेट छत्‍तीसगढ़ के लिए बनना है, लेकिन पार्टी की नजर 2024 के चुनाव पर है। लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया मार्च 2024 से शुरू हो जाएगी, ऐसे में मात्र 3 से 4 महीने का वक्‍त है। पार्टी किसी भी वर्ग को नाखुश करना नहीं चाह रही है। मुख्‍यमंत्री पद की दौड़ में जो नाम हैं उनमें डॉ. रमन सिंह, राम विचार नेताम, अरुण साव, रेणुका सिंह और विष्‍णु देव साय मुख्‍य हैं। पार्टी के बेहद भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार पार्टी ने राज्‍य कैबिनेट का फार्मूला तय किया है उसमें एक सीएम के साथ 2 डिप्‍टी सीएम बनाए जा सकते हैं। मुख्‍यमंत्री पद के लिए सबसे पहला नाम प्रदेश के 15 साल तक सीएम रहे डॉ. रमन सिंह का है। डॉ. रमन को लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्‍व को भी कोई आपत्ति नहीं होगी। सूत्र ने बताया कि 2 में से एक डिप्‍टी सीएम आदिवासी और दूसरे ओबीसी वर्ग से हो सकते हैं। दोनों को बड़ा पोर्टफोलियो दिया जा सकता है। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए भी एसटी के साथ ओबीसी नाम पर विचार किया गया है। उपाध्‍यक्ष सामान्‍य वर्ग से होंगे। रमन सिंह का पलड़ा भारी रहने की एक बड़ी वजह यह है कि उनके अलावे बाकी जितने नाम हैं, वे स्टेट लेवल के लीडर नहीं हैं। विधानसभा चुनाव में भी सिर्फ रमन सिंह की सबसे अधिक डिमांड प्रचार (BJP Government in CG) के लिए रही। बाकी सारे नेता अपनी सीट बचाने में लगे रहे। रमन पूरे छत्तीसगढ़ का दौरा करते रहे। फिर छत्तीसगढ़ की स्थिति को पटरी पर लाने के लिए रमन सिंह का 15 साल का अनुभव काम आएगा, ऐसा सियासी पंडितों का मानना है। रमन सिंह सारे नेताओं को स्वीकार्य भी होंगे।