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कर्नाटक, 14 फरवरी। CBI Court Decission : कर्नाटक हाई कोर्ट ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की जब्त संपत्तियों को तमिलनाडु एंटी-करप्शन डिपार्टमेंट को सौंपने का बड़ा आदेश जारी किया है। यह निर्णय जयललिता की संपत्तियों को 24 साल बाद बेंगलुरु से तमिलनाडु लौटाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

जयललिता की संपत्तियां वापस लौटेंगी तमिलनाडु

तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति जमा करने का आरोप था, और इस मामले में उनकी सहेली शशिकला, सुधाकरन और इलावरसी भी आरोपी थीं। बेंगलुरु की विशेष अदालत ने इन आरोपियों को सजा सुनाई (CBI Court Decission)थी, लेकिन कर्नाटक हाई कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने सजा बरकरार रखी, लेकिन इस फैसले से पहले ही जयललिता का निधन हो गया था।

अब कर्नाटक हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि जयललिता की जब्त की गई संपत्तियां, जिनमें 27 किलो सोने के आभूषण, चांदी, हीरे के गहने, 10,000 से अधिक साड़ियां और 1,562 एकड़ ज़मीन शामिल हैं, तमिलनाडु सरकार को सौंप दी जाएं। इन संपत्तियों की प्रक्रिया 14 और 15 फरवरी को संपन्न होगी। तमिलनाडु एंटी-करप्शन डिपार्टमेंट इस कार्य को सुरक्षा और वीडियोग्राफी के साथ पूरा करेगा।

शशिकला और अन्य आरोपियों के बाद संपत्तियां अब तमिलनाडु को

जयललिता की संपत्ति का यह हस्तांतरण 2004 में जब्त किए गए सामानों की लंबी कानूनी प्रक्रिया का अंत होने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। कर्नाटक सरकार ने जब्त किए गए सामानों को अपने खजाने में स्थानांतरित कर दिया (CBI Court Decission)था। अब यह संपत्तियां तमिलनाडु सरकार को मिलेंगी, जिसमें जयललिता का प्रसिद्ध निवास वेदा निलयम, सोने के आभूषण, और अन्य कीमती सामान शामिल हैं।

इसके अलावा, जयललिता की भतीजी और भतीजे, जे दीपा और जे दीपक, जिन्होंने संपत्तियों पर दावा किया था, को कर्नाटक हाई कोर्ट से 13 जनवरी को झटका लगा था, क्योंकि कोर्ट ने उनके दावे को खारिज कर दिया था।