रायपुर, 22 जुलाई। CG Assembly 2024 : विधानसभा का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद यह पहला मौका है जब बृजमोहन अग्रवाल के बिना विधानसभा सत्र आयोजित हुआ। उनकी दहाड़ सत्र में सुनाई नहीं दिया।
डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में हैट्रिक बनाने वाली पिछली भाजपा सरकार में बृजमोहन अग्रवाल संकटमोचक की भूमिका में थे। सदन में वह कांग्रेस द्वारा भाजपा सरकार पर किए गए हमलों का मुंहतोड़ जवाब देते थे।हालांकि उस समय डॉक्टर साहब और बृजमोहन के बीच कई मुद्दों पर मतभेद थे, लेकिन बृजमोहन सदन में उनके बचाव में चट्टान की तरह खड़े रहे। ये भी एक कारण था कि डॉ.रमन सरकार 15 साल का अपना कार्यकाल बहुत आराम से पूरा करने में सफल रही।
और बृजमोहन अग्रवाल ने वैचारिक लड़ाई को कभी व्यक्तिगत नहीं माना, इसीलिए उनके अपने पार्टी ही नहीं, बल्कि कांग्रेस सहित विपक्ष के विधायकों के साथ भी मधुर संबंध रहे। इसी वजह से वे बहुत ही चतुराई से अपनी सरकार के संकटों को टालते रहे…खत्म करते रहे।
रिकॉर्ड मतों से आठवीं बार विधानसभा चुनाव जीतने और कुछ ही महीनों में विष्णुदेव सरकार में मंत्री बनने के बाद बृजमोहन अग्रवाल अचानक लोकसभा चुनाव लड़े और अब लोकसभा में हैं।निश्चित रूप से मोदी सरकार उन्हें कोई महत्वपूर्ण भूमिका सौंपेगी। उनके अनुभव का लाभ उठाएगी। लेकिन छत्तीसगढ़ विधानसभा में उनकी कमी महसूस की जाएगी।