रायपुर, 18 जुलाई। CG Assembly Monsoon Session : छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र में बोरे‑बासी घोटाले को लेकर तीखी बहस हुई और श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने इस पर विधायकों की समिति द्वारा जांच कराने की घोषणा की।
क्या है बोरे‑बासी घोटाला?
यह मामला छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार (भूपेश बघेल के कार्यकाल) की 1 मई मजदूर दिवस पर “छत्तीसगढ़ी खान‑पान” को बढ़ावा देने के आयोजन से जुड़ा है। RTI से मिली जानकारी के अनुसार, बिना निविदा के 8 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च रायपुर में बोरे‑बासी कार्यक्रम पर किया गया।
विधायकों की उठाई आवाज
भाजपा विधायकों राजेश मूणत, अजय चंद्राकर, धर्मजीत सिंह ने सदन में जोर देकर मांग की कि इस “घोटाले” को जांचा जाए।
मंत्री देवांगन की घोषणा
श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि सदन की मांग को ध्यान में रखते हुए एक विशेष विधायकों की समिति जारी कर जांच करेगी ।
जांच से क्या निकल सकता है?
- क्या खर्च में पारदर्शिता थी?
- बिना निविदा बड़े पैमाने पर खर्च का निर्णय कौन ले रहा था?
- सीएमओ या विभागीय उच्च अधिकारी इसकी जानकारी में थे या नहीं?
यह कदम प्रदेश में जनहित और सत्ता पक्ष की जवाबदेही के लिहाज (CG Assembly Monsoon Session) से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जांच रिपोर्ट से सामने आने वाले निष्कर्ष राजनीतिक और प्रशासनिक दिशा दोनों में असर डाल सकते हैं।