रायपुर, 1 नवंबर। CG Election : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को फिर एक झटका लगा है। सरगुजा संभाग के सामरी के विधायक चिंतामणि महाराज ने आज बीजेपी में प्रवेश कर लिया है। बीजेपी में उनकी एंट्री के पीछे सियासी मायने ये हैं कि उन्हें सांसद का टिकट मिलना तय हो गया है। इस लिहाज से देखा जाए तो वह सरगुजा संभाग में कांग्रेस की 6 से 7 सीटों पर प्रभाव डाल सकते हैं।
वहीं बीजेपी की ओर से सरगुजा से सांसद का टिकट मिलने के आश्वासन पर ही वो भाजपा में प्रवेश किए हैं। बीजेपी प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने उन्हें भाजपा में प्रवेश करवाया। उन्होंने चिंतामणि महाराज को माला पहनाकर भाजपा में घर वापसी कराया। विधायक चिंतामणि महाराज को इस बार कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर वो नाराज चल रहे थे।
सांसद टिकट का मिला आश्वासन
दो दिन पहले ही रविवार को महाराज भाजपा के हेलीकाप्टर से रायपुर से कुसमी आए थे। यहां भाजपा के नेताओं ने उनका स्वागत किया था। चिंतामणी महाराज ने यह स्पष्ट नहीं किया था कि वो भाजपा में जा रहे हैं। इसे लेकर तरह-तरह की चर्चा भी हो रही थी। बीते 7 दिन से उनकी बीजेपी नेताओं से बातचीत चल रही थी। चर्चा थी कि उन्हें सांसद टिकट का आश्वासन मिलने पर ही वो बीजेपी में शामिल होंगे। इसे लेकर विधायक बृजमोहन अग्रवाल से बातचीत भी हुई थी। फिर मामला कुछ दिन के लिए टल गया था। आज मंगलवार को राजमोहिनी भवन अंबिकापुर में आयोजित भाजपा के परिवर्तन महासंकल्प रैली में महाराज ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। वो अपने समर्थकों के साथ भाजपा में प्रवेश किए।
टीएस सिंहदेव से हुई थी बातचीत
टिकट कटने से नाराज होने की खबरों के बीच चिंतामणी महाराज की डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव से फोन पर बातचीत हुई थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि वो चाहते हैं कि महाराज कांग्रेस में ही रहें तो बेहतर है। पार्टी ने उन्हें बहुत कुछ दिया है। हाल ही में चिंतामणि महाराज ने कहा था कि अगर बीजेपी उन्हें अंबिकापुर से टिकट दे दे, तो वो डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के खिलाफ भी लड़ जाएंगे। इस दौरान उन्होंने दावा किया था कि उन्हें बीजेपी सरगुजा संभाग से सांसद का टिकट दे सकती है।
14 की 14 सीटों पर है कांग्रेस का कब्जा
गौरतलब है कि, चिंतामणी महाराज छत्तीसगढ़ के संत गहिरा गुरु के बेटे हैं। सरगुजा संभाग में संत समाज के अनुयायी अंबिकापुर, लुंड्रा, सामरी, पत्थलगांव, जशपुर, कुनकुरी और बिलासपुर के रायगढ़, विधानसभा क्षेत्रों में हैं। प्रदेश भर में उनके समाज के अनुयायी हैं। ऐसे में बीजेपी में उनके प्रवेश करने से सरगुजा संभाग की 6 सीटों पर सीधा असर पड़ सकता है। बीजेपी यहां से आगे हो सकती है क्योंकि वर्तमान में संभाग (CG Election) की 14 की 14 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। उनके इस कदम से कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है।
सियासी सफर
रमन सरकार के पहले कार्यकाल में चिंतामणि 2004 से 2008 तक राज्य संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष रहे।
वर्ष 2008 में बलरामपुर जिले के सामरी विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़े पर जीत नहीं पाए।
साल 2013 में फिर से कांग्रेस के टिकट पर सामरी विधानसभा से चुनाव लड़े और पहली बार विधायक बने।
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने दोबारा उन पर भरोसा जताया।
उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी सिद्धनाथ पैकरा को हराकर दूसरी बार विधायक बने।
उन्हें कुल 180,620 वोट मिले थे। वहीं बीजेपी प्रत्याशी सिद्धनाथ पैकरा को 58697 वोट मिले थे।