CG Liquor Scam: Property of Anwar Dhebar and Anil Tuteja attached...ED seized property worth Rs 205 croreCG Liquor Scam
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रायपुर, 03 मई। CG Liquor Scam : केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब घोटाला के दो आरोपियों की संपत्ति जब्‍त की है। केंद्रीय जांच एजेंसी की तरफ से जारी बयान के अनुसार मामले के 2 आरोपियों पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा और अनवर ढेबर की संपित्‍त अटैच की गई है।

शराब घोटाला का मास्‍टर माइंड

इसमें 18 चल और 161 अचल संपत्ति शामिल है। ईडी ने जिन संपत्तियों को अटैच किया है उसमें जेल रोड स्थिति ढेबर परिवार का आलिशान वेनिंगटन होटल भी शामिल है। बता दें कि टूटेजा और ढेबर दोनों इस मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। ईडी की सूचना के आधार पर ईओडब्‍ल्‍यू में दर्ज एफआईआर में अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर को शराब घोटाला का मास्‍टर माइंड बताया गया है।

एफआईआर में शामिल बाकी आईएएस व अन्‍य सरकारी अफसर और लोग सहयोगी की भूमिका में थे। शराब घोटाला से होने वाली आमदनी का बड़ा हिस्‍सा इन्‍हीं तीनों को जाता था। टुटेजा आईएएस अफसर हैं, जब यह घोटाला हुआ तब वे वाणिज्‍य एवं उद्योग विभाग के संयुक्‍त सचिव थे। दूरसंचार सेवा से प्रतिनियुक्ति पर आए त्रिपाठी आबकारी विभाग के विशेष सचिव और छत्‍तीसगढ़ मार्केटिंग कार्पोरेशन के एमडी थे। वहीं, ढेबर कारोबारी हैं। एफआईआर के अनुसार ढेबर और टुटेजा ने मिलकर पूरी प्‍लानिंग की थी।

परिवार के सदस्‍यों के नाम पर किया निवेश

एफआईआर के अनुसार अनिल टुटेजा, (CG Liquor Scam) अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर ने शराब घोटाला से प्राप्‍त रकम को अपने परिवार वालों के नाम पर निवेश किया। टुटेजा ने अपने बेटे यश टुटेजा के नाम पर निवेश किया। वहीं, त्रिपाठी ने अपनी पत्‍नी अपनी पत्‍नी मंजूला त्रिपाठी के नाम पर फर्म बनाया जिसका नाम रतनप्रिया मीडिया प्रइवेट लिमिटेड था। वहीं, ढेबर ने अपने बेटे और भतीजों के फर्म में पैसे का निवेश किया।

बता दें कि टेलीकॉम सेवा के अफसर रहे त्रिपाठी छत्‍तीसगढ़ में प्रतिनियुक्ति पर आए थे। यहां वे आबकारी विभाग में विशेष सचिव सहित विभिन्‍न पदों पर काम किए। त्रिपाठी के कार्यकाल में ही शराब घोटाला हुआ है। इस मामले की पहले ईडी जांच कर रही थी अब ईओडब्‍ल्‍यू-एसीबी ने एफआईआर दर्ज कर जांच कर रही है। ब्‍यूरो इस मामले में जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ कर चुकी है।