CGPSC Case: Big action in Chhattisgarh Public Service Commission scam...CBI investigation started...these officers are on the radarCGPSC Case
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नई दिल्ली, 15 जुलाई। CGPSC Case : सीबीआई ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित एग्जाम और इंटरव्यू में विभिन्न पदों के लिए कथित रूप से अयोग्य उम्मीदवारों को नियुक्त करने के मामले को टेकओवर कर लिया। यह मामला 2020 से 2022 का है। जब छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग पर कथित रूप से भर्तियों में अयोग्य उम्मीदवारों को भर्ती करने के आरोप लगे थे। सीबीआई ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध पर इस मामले को टेकओवर कर जांच शुरू कर दी गई है। इस क्रम में कई जगह पर रेड मारी गई।

अयोग्य लोगों को मिला था पद

यह मामले पहले ईओडब्लयू/एसीबी, रायपुर और जिला बालोद के पुलिस थाना अर्जुंडा में 2024 में दर्ज किए गए थे। आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन, तत्कालीन सचिव और तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक और सीजीपीएससी के विभिन्न अधिकारियों समेत अन्य ने कथित रूप से अपने पदों का दुरुपयोग करके अपने बेटों, बेटियों, रिश्तेदारों और परिचितों को 2020-2022 के दौरान राज्य सरकार के विभिन्न पदों के लिए नियुक्त किया। जो कथित रूप से अयोग्य थे।

चैयरमैन ने परिवार के लोगों को दी थी नियुक्ति

आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन के बेटे को डिप्टी कलेक्टर के रूप में, उनके बड़े भाई के बेटे को डिप्टी एसपी के रूप में और उनकी बहन की बेटी को लेबर अफसर के रूप में नियुक्त किया गया। जबकि उनके बेटे की पत्नी को डिप्टी कलेक्टर के रूप में और उनके भाई की बहू को डिस्ट्रिक्ट एक्साइज अफसर के रूप में नियुक्त किया गया था। आरोपों के अनुसार, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के तत्कालीन सचिव ने अपने बेटे को डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्ति दिलाई थी।

कई स्थानों पर हुई छापेमारी

इसके अलावा, छत्तीसगढ़ सरकार (CGPSC Case) के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों, राजनीतिक नेताओं और पदाधिकारियों के बेटों, बेटियों और रिश्तेदारों को भी डिप्टी कलेक्टर और डिप्टी एसपी जैसे पदों पर नियुक्त किया गया था। इस मामले में सीबीआई ने तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव, सीजीपीएससी के घरों और परीक्षा नियंत्रक, सीजीपीएससी के रायपुर और भिलाई स्थित ऑफिसों पर छापेमारी की।