CGPSC Scam: Big news...! Students met CM Sai in 'Pahuna'...Demand for action against former president Taman Singh Sonwani...See VIDEOCGPSC Scam
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रायपुर, 25 दिसंबर। CGPSC Scam : सीजीपीएससी में अनियमितता को लेकर आज विद्यार्थियों ने सीएम विष्णुदेव साय से मिलने पहुंचे। छात्रों ने CGPSC में हुई अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग करते हुए पिछले पांच सालों में हुई भर्तियों को स्थगित करने की मांग भी सीएम के सामने रखी। इसके साथ ही छात्रों की ओर से सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कैलेंडर जारी करने की मांग भी सीएम के सामने रखी गई। छात्र ने मुख्यमंत्री से सीजीपीएससी 2020, 2021 और 2022 चयन सूची रद्द करने का आग्रह किया। छात्रों ने यह भी मांग की कि सीजीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।

गौरतलब है कि, छत्तीसगढ़ में सीजी पीएससी घोटाले को लेकर अभ्यर्थियों ने कई दफ़ा आवाज उठाया है। प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद CGPSC अभ्यर्थियों की उम्मीदें बढ़ गई हैं कि इस परीक्षा में हो रहे गड़बड़ी पर अब बड़ा एक्शन लिया जा सकता है। इसी उम्मीद के साथ सीजीपीएससी में हुई अनियमितता को लेकर आज विद्यार्थियों ने सीएम विष्णुदेव साय से मिलने पहुंचे।

CM से की परीक्षा नियंत्रक को हटाने की रखी मांग

बता दें कि सीजी पीएसी के इस घोटाले को लेकर CGPSC अभ्यर्थियों ने CM विष्णुदेव साय से मिलकर CGPSC के परीक्षा नियंत्रक को हटाने की मांग की है। बताया जा रहा है कि परीक्षा नियंत्रक समेत अन्य अधिकारी सालों से PSC में जमे हुए हैं। अभ्यर्थियों ने परीक्षा नियंत्रक और सचिव पर गड़बड़ी का आरोप भी लगाया है।

बता दें कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजी पीएससी) ने चयन सूची जारी की। इस सूची में पीएससी के तत्‍कालीन अध्‍यक्ष के साथ अन्‍य अफसरों और नेताओं के रिश्‍तेदारों का नाम था। इससे प्रदेश के युवाओं में आक्रोश बढ़ गया। तत्‍कालीन सरकार युवाओं के इस गुस्‍से को भांप नहीं पाई और चुनाव आते-आते मामला बेहद गरम हो गया। भाजपा ने इस मुद्दे को लपक लिया।

भाजपा के प्रदेश के नेता से लेकर राष्‍ट्रीय स्‍तर तक के नेताओं ने पीएससी घोटाले को जमकर मुद्दा बनाया। ऐसे में युवाओं का भरपूर समर्थन भाजपा को मिला। अब युवा इस नई सत्ता से उम्मीद लगा रहे हैं कि उन्हें न्याय मिलेगा। अब देखना ये होगा कि प्रदेश की ये नई सरकार युवाओं की उम्मीदों पर कितना खरा उतरती है।

इन लोगों के नियुक्ति पर उठ रहे हैं सवाल

कोर्ट में पेश आरोप पत्र के मुताबिक चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के पांच रिश्तेदारों की नियुक्ति सूची सौंपी गई है। इसमें बेटे नितेश की डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्ति हुई है। रिजल्ट में सरनेम छुपाया गया था। उनकी बहू निशा कोशले का भी डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हुआ है। उनके बड़े भाई के बेटे साहिल का चयन डीएसपी के पद पर हुआ है। इनका भी चयन सूची में सरनेम नहीं लिखा गया था। उनके भाई की बहु दीपा अजगले की नियुक्ति जिला आबकारी और बहन की बेटी सुनीता जोशी को श्रम अधिकारी बनाया गया है।

इसी तरह राज्यपाल के सचिव अमृत खलको की बेटी नेहा खलको और बेटे निखिल खलको को भी डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त किया गया है। कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार की बेटी प्रज्ञा नायक और बेटे प्रखर नायक को डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त किया गया है। कांग्रेस के नेता सुधीर कटियार के दामाद शशांक गोयल और बहु भूमिका कटियार को डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्ति दी गई है। इसके अलावा कांग्रेस नेता के ओएसडी के साढू भाई की बेटी खुशबू बिजौरी को भी डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित किया गया है। कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला की बेटी स्वर्णिम शुक्ला को डिप्टी कलेक्टर का पद मिला है। इन सभी नियुक्तियों को लेकर हाईकोर्ट में बीजेपी ने गड़बड़ी का आरोप लगाया है।

पीएससी 2021 के रिजल्ट पर विवाद जारी

गौरतलब है कि पीएससी 2021 (CGPSC Scam) का अंतिम परिणाम 11 मई को जारी हुआ। इसमें 171 पदों पर पीएससी ने भर्ती की है और इसमें से 15 लोगों का चयन डिप्टी कलेक्टर के लिए हुआ है। मेरिट लिस्ट में पीएससी चेयरमैन के रिश्तेदारों और कांग्रेस पार्टी के नेताओं के करीबियों को जगह मिली। इसके बाद से विवाद शुरू हो गया है। बीजेपी ने दावा किया है कि साल 2019-2023 तक छत्तीसगढ़ की सभी भर्तियां विवादित रही हैं।