रायपुर, 24 जून। Changes in the Bureaucracy : छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन अपने कार्यकाल के अंतिम सप्ताह में हैं। 30 जून को वे सेवानिवृत्त हो जाएंगे और इसी के साथ वे राज्य के सबसे लंबे समय तक पद पर रहने वाले मुख्य सचिव बन जाएंगे। कार्यदिवस की दृष्टि से देखा जाए तो अब उनके कार्यकाल के केवल चार कार्य दिवस शेष हैं, मंगलवार से शुक्रवार तक, जबकि शनिवार और रविवार अवकाश रहेगा।
4 साल 7 महीने का ऐतिहासिक कार्यकाल
अमिताभ जैन का कार्यकाल चार साल सात महीने का रहा, जो छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक इतिहास में एक नया कीर्तिमान है। राज्य गठन के बाद 25 वर्षों में किसी भी मुख्य सचिव का इतना लंबा कार्यकाल नहीं रहा। इससे पहले विवेक ढांड का कार्यकाल 3 साल 11 महीने 20 दिन रहा था, जो वीआरएस लेकर पद छोड़ चुके थे।
एक्सटेंशन की अटकलें बेबुनियाद
हालांकि, सोशल मीडिया पर कुछ अटकलें उनके कार्यकाल बढ़ाए जाने की चल रही थीं, लेकिन ऐसा कोई प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा ही नहीं गया है। लिहाजा, एक्सटेंशन की संभावनाएं समाप्त मानी जा रही हैं।
अब कौन बनेगा नया मुख्य सचिव?
मुख्य सचिव की दौड़ में पांच वरिष्ठ आईएएस अधिकारी माने जा रहे हैं:
- रेणु पिल्ले
- सुब्रत साहू
- अमित अग्रवाल
- ऋचा शर्मा
- मनोज पिंगुआ
लेकिन विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो दौड़ अब केवल दो नामों तक सिमट चुकी है – सुब्रत साहू (1992 बैच) और मनोज पिंगुआ (1994 बैच)।
फैसला होगा ‘कंफर्ट फैक्टर’ के आधार पर
ब्यूरोक्रेसी के जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जिस अफसर के साथ काम करने में अधिक सहज महसूस करेंगे, वही अगला मुख्य सचिव बनेगा। अगर केंद्र सरकार से कोई नया नाम नहीं आता, तो फैसला इन्हीं दो में से एक पर होगा।
सुब्रत साहू: अनुभवी लेकिन वर्तमान में हाशिये पर
- 1992 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी
- फिलहाल प्रशासन अकादमी के महानिदेशक
- पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में प्रभावशाली भूमिका
- वर्तमान सरकार में सीमित जिम्मेदारियां
सुब्रत साहू के पास लंबा प्रशासनिक अनुभव है, लेकिन वर्तमान सरकार से दूरी उनके लिए एक कमजोर कड़ी बन सकती है।
मनोज पिंगुआ: सादगी और स्वच्छ छवि की पहचान
- 1994 बैच के अधिकारी, फिलहाल एसीएस होम
- केंद्र सरकार में वर्षों तक सेवाएं
- स्वास्थ्य, वन जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभाले
- स्वच्छ और व्यावहारिक छवि उनकी सबसे बड़ी ताकत
पिंगुआ की कार्यशैली और उनकी छवि उन्हें मुख्यमंत्री के लिए एक सहज और भरोसेमंद विकल्प बना सकती है।
छत्तीसगढ़ के अगले मुख्य सचिव को लेकर (Changes in the Bureaucracy) निर्णय 30 जून दोपहर तक सामने आने की संभावना है। फिलहाल, सुब्रत साहू और मनोज पिंगुआ के बीच मुकाबला नजर आ रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री किसके नाम पर मुहर लगाते हैं, अनुभवी सुब्रत साहू या भरोसेमंद मनोज पिंगुआ।