रायपुर, 31 मई। Chattisgarh Coal Scam : छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, लेकिन कड़ी शर्तों के साथ जमानत मिली। हालांकि, सूर्यकांत और 3 अन्य को जेल में ही रहना होगा क्योंकि उन्हें डीएमएफ घोटाले में जमानत नहीं मिली। जमानत पर रिहा होने के बाद सभी आरोपियों को छत्तीसगढ़ छोड़ना होगा, लेकिन जीएडी, कोर्ट और अन्य जांच एजेंसियों को दूसरे राज्य का पता देना अनिवार्य होगा और उसी पते पर रहना भी अनिवार्य होगा, अन्यथा जमानत खारिज हो सकती है।
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला परिवहन घोटाले में फंसे वरिष्ठ अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। जमानत पाने वालों में निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू, समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, रजनीकांत तिवारी, वीरेन्द्र जायसवाल और संदीप नायक शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता ने इन सभी को सशर्त राहत देते हुए रिहा करने का आदेश दिया। ये सभी आरोपी करीब डेढ़ से दो साल (Chattisgarh Coal Scam) से अधिक समय से जेल में बंद थे।
बिंदुवार जमानत की प्रमुख शर्तें
- पासपोर्ट कोर्ट में जमा करना होगा
सभी आरोपियों को अपने-अपने पासपोर्ट संबंधित कोर्ट में जमा कराने होंगे। - बिना अनुमति विदेश यात्रा पर रोक
किसी भी आरोपी को कोर्ट की अनुमति के बिना देश छोड़ने की इजाजत नहीं होगी। - जांच एजेंसियों के संपर्क में रहना जरूरी
समय-समय पर ED या संबंधित जांच एजेंसी के सामने हाजिर होना अनिवार्य रहेगा। - साक्ष्यों से छेड़छाड़ पर तत्काल कार्रवाई
अगर कोई आरोपी सबूतों से छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करता है तो उसकी जमानत तुरंत रद्द की जा सकती है। - स्थायी पता और मोबाइल नंबर की जानकारी अनिवार्य
सभी आरोपियों को अपना स्थायी पता और एक्टिव मोबाइल नंबर अदालत और जांच एजेंसी के पास दर्ज करवाना होगा। - समय-समय पर कोर्ट में उपस्थित होना होगा
संबंधित अदालत द्वारा तय तारीखों पर उपस्थित रहना होगा, अनुपस्थिति पर कार्रवाई संभव है।
कौन कितने दिन जेल में रहा
सौम्या चौरसिया 2 साल 5 महीने 29 दिन जेल में रहीं।
रानू साहू 1 साल 10 महीने 9 दिन जेल में रहीं।
IAS समीर बिश्नोई 2 साल 7 महीने 18 दिन जेल में रहे।