Census in the Country : ब्रेकिंग…जनगणना को लेकर गैजेट नोटिफिकेशन जारी…! 35 लाख+ कर्मी डिजिटली काम करेंगे…16 भाषाओं में मोबाइल एप…प्रोसेस के जरिए आपसे लेंगे ये जानकारियां…यहां देखें List

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नई दिल्ली, 16 जून। Census in the Country : भारत में लंबे समय से लंबित जनगणना प्रक्रिया अब 2025 में शुरू होने जा रही है। गृह मंत्रालय ने सोमवार को जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत आधिकारिक गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, जिससे संबंधित एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं।

  1. जनगणना की प्रक्रिया
  • जनगणना दो चरणों में होगी: पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 तक और दूसरा चरण 1 मार्च 2027 तक पूरा होगा।
  • 1 मार्च 2027 को रेफरेंस डेट माना जाएगा, यानी उस समय की जनसंख्या और सामाजिक स्थिति के आंकड़े रिकॉर्ड किए जाएंगे।
  • हिमालयी और विशेष भौगोलिक हालात वाले राज्यों जैसे जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड में यह प्रक्रिया अक्टूबर 2026 तक पूरी कर ली जाएगी।
  1. डिजिटल तकनीक का उपयोग
  • जनगणना पूरी तरह से डिजिटल होगी, जिसमें मोबाइल ऐप्स और स्व-गणना (Self-Enumeration) का विकल्प भी शामिल है।
  • इसमें जाति, उप-जाति और OBC के लिए नए कॉलम और मेन्यू शामिल किए जाएंगे।
  1. प्रोफॉर्मा और प्रश्नावली
  • जनगणना से पहले प्रोफॉर्मा तैयार किया जाएगा, जिसमें हाउसिंग सेंसस और पॉपुलेशन सेंसस के लिए प्रश्नावली को अंतिम रूप दिया जाएगा।
  • इसमें जाति और संप्रदाय से संबंधित सवाल शामिल हो सकते हैं।
  1. कर्मचारियों की नियुक्ति और प्रशिक्षण
  • इस बार की जनगणना में करीब 34 लाख कर्मचारी हिस्सा ले रहे हैं, जिनकी ट्रेनिंग होगी और इसके बाद पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए जाएंगे।
  • इनका प्रशिक्षण दो महीने तक चलेगा, जिसमें डिजिटल डिवाइस और मोबाइल ऐप्स का इस्तेमाल करना सिखाया जाएगा।
  1. परिसीमन और आरक्षण
  • जनगणना के बाद परिसीमन आयोग का गठन किया जाएगा ताकि आबादी के हिसाब से लोकसभा सीटों का बंटवारा हो सके।
  • इस दौरान महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण भी लागू किया जा सकता है।
  • केंद्र सरकार ने भरोसा दिया है कि परिसीमन की प्रक्रिया में दक्षिणी राज्यों की चिंताओं का ध्यान रखा जाएगा।
  1. जातिगत जनगणना
  • आजादी के बाद पहली बार जनगणना के साथ-साथ जातिगत जनगणना भी होगी, जिसमें OBC, SC, ST, और सामान्य श्रेणी की सभी जातियों की गणना की जाएगी।
  • इससे पहले भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से जुड़ी जानकारी मांगी जाती थी लेकिन अन्य जातियों के बारे में जनगणना के दौरान जानकारी नहीं ली जाती थी।
  • इस बार हर व्यक्ति को अपनी जाति बताने का ऑप्शन दिया जाएगा, जो कि लंबे वक्त से चली आ रही मांग का हिस्सा है।

इस जनगणना के परिणामों का उपयोग सरकार की योजनाओं, आरक्षण नीतियों और सामाजिक न्याय से जुड़ी योजनाओं के लिए किया जाएगा।

हाउसलिस्टिंग चरण में पूछेंगे 31 प्रश्न
भारत में 2025 में शुरू होने वाली जनगणना में कुल 31 प्रश्न पूछे जाएंगे, जो घरों की स्थिति और परिवारों की सामाजिक-आर्थिक जानकारी एकत्रित करने के लिए निर्धारित किए गए हैं। यह प्रक्रिया दो चरणों में होगी: हाउसलिस्टिंग और पॉपुलेशन एन्युमरेशन। हाउसलिस्टिंग चरण में पूछे जाने वाले 31 प्रश्नों की सूची निम्नलिखित है-

निर्माण संख्या (नगर निगम, स्थानीय प्राधिकरण या जनगणना संख्या)

जनगणना घर संख्या

घर की फर्श, दीवार और छत की प्रमुख सामग्री

घर का उपयोग (आवासीय, वाणिज्यिक आदि)

घर की स्थिति (मज़बूती, मरम्मत की आवश्यकता आदि)

परिवार संख्या

परिवार में सामान्य रूप से निवास करने वाले व्यक्तियों की कुल संख्या

परिवार के मुखिया का नाम

परिवार के मुखिया का लिंग

क्या परिवार का मुखिया अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) या अन्य में से किसी श्रेणी से संबंधित है?

घर की स्वामित्व स्थिति (स्वामी, किरायेदार आदि)

परिवार के पास कितने कमरे हैं?

परिवार में कितने विवाहित जोड़े रहते हैं?

मुख्य पेयजल स्रोत

पेयजल स्रोत की उपलब्धता

मुख्य प्रकाश स्रोत (बिजली, तेल का दीपक आदि)

स्वच्छता के लिए शौचालय की उपलब्धता

शौचालय का प्रकार (पारंपरिक, फ्लश आदि)

जल निकासी की व्यवस्था (नाली, खुले में आदि)

स्नान की सुविधा की उपलब्धता

रसोईघर और रसोई गैस (LPG/PNG) कनेक्शन की उपलब्धता

खाना पकाने के लिए मुख्य ईंधन का स्रोत (लकड़ी, गैस, बिजली आदि)

परिवार के पास रेडियो/ट्रांजिस्टर है?

परिवार के पास टेलीविजन है?

इंटरनेट की उपलब्धता

लैपटॉप/कंप्यूटर की उपलब्धता

टेलीफोन/मोबाइल फोन/स्मार्टफोन की उपलब्धता

साइकिल/स्कूटर/मोटरसाइकिल/मोपेड की उपलब्धता

कार/जीप/वैन की उपलब्धता

मुख्य अनाज जो परिवार में खाया जाता है

मोबाइल नंबर (केवल जनगणना संबंधित संवाद के लिए)

यह प्रश्नावली घरों की भौतिक स्थिति, परिवारों की संरचना, और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति का विस्तृत विवरण प्रदान करेगी। इससे सरकार को विभिन्न योजनाओं के लिए लक्षित नीतियां बनाने में सहायता मिलेगी।