रायपुर, 12 जून। Chhattisgarh Police की कार्यप्रणाली में सुधार के तहत, उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने राज्य के अपर मुख्य सचिव को एक पत्र भेजा है, जिसमें पुलिस विभाग द्वारा उपयोग किए जा रहे उर्दू और फारसी शब्दों को हटाकर उनकी जगह सरल हिंदी शब्दों का प्रयोग करने का निर्देश दिया गया है।
गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि अंग्रेजों के समय से चले आ रहे इन शब्दों का प्रयोग अब आम जनता की समझ में नहीं आता, इसलिए इन्हें बदलना आवश्यक है। यह पहल छत्तीसगढ़ राज्य में पुलिस की कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी और जनता के लिए सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग (Chhattisgarh Police) ने अब ब्रिटिश काल और नवाबी दौर से चली आ रही पुलिस टर्मिनोलॉजी में बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है। राज्य के पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को आदेश जारी कर उर्दू और फारसी के करीब 220 कठिन शब्दों को हटाकर उनकी जगह आसान हिंदी शब्दों का प्रयोग करने को कहा है।
बदलाव का कारण
- ये शब्द आम जनता की समझ से बाहर होते हैं।
- इनका प्रयोग बोलचाल में नहीं होता।
- इससे कम पढ़े-लिखे लोग भ्रमित होते हैं।
प्रमुख बदलाव
उर्दू/फारसी शब्द | हिंदी शब्द |
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इस्तगासा | परिवाद |
इरादतन | जानबूझकर |
कब्ज़ा | आधिपत्य |
कत्ल/कातिल/कातिलाना | हत्या/हत्यारा |
गुजारिश | निवेदन |
गिरफ्तारी/हिरासत | अभिरक्षा |
मुचलका | बंधपत्र |
रोजनामचा आम | सामान्य दैनिक |
रोजनामचा खास | अपराध दैनिक |
सफीना | बुलावा पत्र |
हाजा | परिसर |
अदम तामील | सूचित न होना |
अदम तकमील | अंकन न होना |
नकबजनी | सेंधमारी |
चश्मदीद गवाह | प्रत्यक्षदर्शी |
फरियादी | शिकायतकर्ता |
कुछ प्रमुख उदाहरण
पुराना शब्द (उर्दू/फारसी) | नया शब्द (हिंदी) |
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फौती | मृत्यु दर्ज |
इस्तगासा | परिवाद |
अर्दली | सहायक/संदेशवाहक |
इमदाद | सहायता |
तहकीकात | जांच |
दफा | धारा |
इत्तला करना | सूचित करना |
कलम बंद करना | लिखित बयान लेना |
खाना-खुराक | भोजन एवं सुविधा |
हब्श | बंदीगृह/जेल |
नकबजनी | सेंधमारी/गृहभेदन |
गिरफ्तारी | अभिरक्षा |