रायपुर, 20 दिसंबर। CM Vishnu Cabinet : छत्तीसगढ़ के इतिहास में ये पहली बार हुआ है जिसमें मंत्रिमंडल बनाने में सरकार को इतना लंबा समय लग रहा है। इससे पहले 2018 में मंत्रिमंडल के विस्तार में थोड़ा वक्त लगा था। 2018 में 11 दिसंबर को चुनाव परिणाम आया था। 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री चुने गए भूपेश बघेल अपने दो मंत्रियों टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू के साथ शपथ लिए थे, लेकिन महज हफ्तेभर में यानि 25 दिसंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए 9 मंत्रियों को शपथ दिलाया।
गौरतलब है कि, छत्तीसगढ़ में विधानसभा का चुनाव परिणाम जारी हुए करीब 13 दिन का वक्त गुजर चुका है। भाजपा के पास पूर्ण बहुमत है, सरकार बनाने के लिए किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं है न ही पार्टी में कहीं कोई बगावत है, बावजूद मंत्रिमंडल गठन को लेकट लगातार सस्पेंस बना हुआ है। भाजपा के पास 54 न सिर्फ विधायक हैं, बल्कि इनमें तो दर्जनभर से ज्यादा वरिष्ठ विधायक हैं।
पहली बार बीजेपी को मुख्यमंत्री का नाम तय करने में कई दिन लगे। लेटलतीफ का आलम ये है कि सीएम के बाद डिप्टी सीएम बनाने को लेकर सस्पेंस बना रहा। 13 दिसंबर, जिस दिन शपथ ग्रहण होना था उस दिन सुबह तक किसी को यह पता नहीं था कि सीएम विष्णुदेव साय के साथ डिप्टी सीएम भी शपथ लेंगे। एन वक्त पर दोनों डिप्टी सीएम अरुण साव और विजय शर्मा की कुर्सी का स्थान बदला गया। सीएम और डिप्टी सीएम को शपथ लिए भी करीब सप्ताहभर हो गया, लेकिन मंत्रिमंडल का अब तक अता पता नहीं है। मंत्रिमंडल (CM Vishnu Cabinet) को लेकर केवल अटकलों का दौर चल रहा है। बड़े-बड़े मीडिया समूह भी मंत्रिमंडल को लेकर केवल संभावना जता रहे हैं।