सागर, 10 अप्रैल। Congress : सागर जिले में कांग्रेस पार्टी छोड़ने वालों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ दिन पहले ही खुरई के पूर्व विधायक अरुणोदय चौबे ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दाम थामा था। अब सुरखी की पूर्व विधायक पारुल साहू केशरी ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को अपना इस्तीफा भेजते हुए कांग्रेस के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
पारुल ने मप्र कांग्रेस अध्यक्ष को एक लाइन का पत्र लिखा। उसमें कहा कि मैं कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं। नवदुनिया से चर्चा करते हुए पारुल ने इस्तीफा देने का कोई कारण नहीं बताया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि एक-दो दिन में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
पारुल साहू केशरी 2013 में भाजपा से सुरखी विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुई थीं। उन्होंने कांग्रेस के तत्कालीन कद्दावर नेता गोविंद सिंह राजपूत को हराया था, लेकिन 2018 में उनका टिकट काटकर भाजपा ने सुधीर यादव को दे दिया था। 2018 में भाजपा प्रत्याशी सुधीर यादव कांग्रेस के गोविंद सिंह राजपूत से पराजित हो गए थे।
कांग्रेस की सरकार बनने पर गोविंद सिंह राजपूत केबिनेट मंत्री बने, लेकिन 2020 में गोविंद सिंह भाजपा में आ गए। इस दौरान सुरखी विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव हुए और भाजपा से गोविंद सिंह राजपूत प्रत्याशी बने। ऐसे में पारुल साहू ने भाजपा छोड़ते हुए कांग्रेस का दामन थामा और उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में यहां चुनाव लड़ा।
इस उप चुनाव में पारुल साहू केशरी पराजित हुई। वे 2020 से लगातार कांग्रेस में रहीं, लेकिन बुधवार को अचानक उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। गौरतलब है कि पारुल बंडा से पूर्व विधायक व आबकारी ठेकेदार संतोष साहू की बेटी हैं। 2018 में भाजपा द्वारा टिकट काटने से नाराज होने के बाद वे कांग्रेस में आई थीं।
पारुल का भाजपा में स्वागत है
बीजेपी जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया ने कहा कि, Congress डूबती नैया है। इसे डूबते जहाज में कौन सवार होगा। जिस तरह से कांग्रेस नेता महिला व सनातन विरोधी बयान दे रहे हैं उससे अच्छे व्यक्ति कांग्रेस में रह ही नहीं सकते। उसी का उदाहरण है कि पारुल साहू केशरी को कांग्रेस छोड़ा। यदि वे भाजपा में आना चाहती है तो उनका स्वागत हैं।