नई दिल्ली/रायपुर, 05 मई। Congress Leader : लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को एक और झटका लगा है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेता राधिका खेड़ा ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूं। साथ ही अपने पद से इस्तीफ़ा दे रही हूं। उन्होंने कहा कि हां, मैं लड़की हूं और लड़ सकती हूं और मैं अब वही कर रहीं हूं। राधिका ने कहा कि अपने और देशवासियों के न्याय के लिए मैं निरंतर लड़ती रहूंगी।
राधिका खेड़ा ने अपने इस्तीफे में लिखा कि हर हिंदू के लिए प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली पवित्रता के साथ बहुत मायने रखती है। रामलला के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
NSUI से लेकर AICC के मीडिया विभाग के संभाली जिम्मेदारी
राधिका ने लिखा कि मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज्यादा दिए। जहां NSUI से लेकर AICC के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया। आज वहां ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है, क्योंकि मैं अयोध्या में रामलला के दर्शन करने से खुद को रोक नहीं पाई।
उन्होंने लिखा कि मेरे इस पुनीत कार्य का विरोध इस स्तर तक पहुंच गया कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए घटनाक्रम में मुझे न्याय देने से इनकार कर दिया गया। मैंने हमेशा दूसरों के न्याय के लिए हर मंच से लड़ाई लड़ी है, लेकिन जब स्वयं के न्याय की बात आई तो पार्टी में मैंने खुद को हारा हुआ पाया।
बता दें कि 30 अप्रैल को एक ट्वीट में राधिका खेड़ा ने दावा किया था कि वह “पुरुषवादी मानसिकता” से पीड़ित लोगों को बेनकाब करेंगी, रायपुर के राजीव भवन परिसर से राधिका खेड़ा का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।वीडियो में राधिका खेरा अपने प्रति अनादर को लेकर शिकायतें व्यक्त कर रही हैं।
आईआईटी अहमदाबाद से ताल्लुक रखने वाली राधिका खेरा (Congress leader) कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी संभाल रही थीं। साथ ही उनके पास छत्तीसगढ़ में मीडिया कॉर्डिनेटर का जिम्मा भी था। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर दिल्ली की जनकपुरी सीट से पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह AAP उम्मीदवार से हार गई थीं।
राधिका ने एक ट्वीट में कहा था कि माता कौशल्या के मायके में बेटी सुरक्षित नहीं हैं, पुरुषवादी मानसिकता से ग्रसित लोग आज भी बेटियों को पैरों तले कुचलना चाह रहे हैं। मैं जल्द ही इसका पर्दाफाश करूंगी। उन्होंने कहा था कि वह राम लला के ननिहाल में अपमानित महसूस कर रही हैं, उन्होंने भूपेश बघेल पर भी कटाक्ष किया, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सुशील आनंद शुक्ला को नियुक्त किया था।