रायपुर, 24 दिसंबर। Congress Surgery : छत्तीसगढ़ में चुनाव नतीजे जारी होने के 20वें दिन कांग्रेस ने बड़ी सर्जरी करते हुए प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा को बर्खास्त कर दिया है। उन पर उनकी ही पार्टी के विधायकों ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के साथ ही कांग्रेस में विरोध के स्वर उठने लगे थे। शैलजा के विरोध में सबसे बगावती आवाज बिलासपुर जिला की सीपत सीट से कांग्रेस विधायक रह चुके अरुण तिवारी ने उठाया था। उन्होंने न सिर्फ पूर्व प्रदेश प्रभारी शैलजा पर आरोप लगाए बल्कि प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बातचीत का एक ऑडियो भी जारी किया था, जिसमें उन्होंने अपने गृह गांव रोहतक में 4 करोड़ रुपये पहुंचने की बात कही।
कांग्रेस ने एक लंबा वनवास के बाद 2018 में बंपर जीत के साथ सत्ता में लौटी थी। हालांकि उस समय प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया थे। 5 दिसंबर 2022 को पुनिया को हटाकर कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ का प्रदेश प्रभारी बनाया गया।कांग्रेस के बागी पूर्व विधायकों की मानें तो यहीं से कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी शुरू हुई। 75+ का दावा करने वाली भूपेश सरकार को 35 सीटों पर समेटने में यहीं गुटबाज़ी ने अहम भूमिका निभाई और लोकप्रिय सरकारों में शामिल भूपेश बघेल सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया। इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस में गुस्सा और विरोध के स्वर फूटने लगे। तमाम अनुशासन का डंडा चला लेकिन नाराज और दुखी कार्यकर्ताओं का भड़ास खुलकर सामने आने लगा। टिकट बेचने से लेकर कई तरह के आरोप लगे।
पार्टी संगठन के नेता कह रहे हैं कि कुमारी शैलजा के आने के बाद प्रदेश कांग्रेस संगठन में गुटबाजी बढ़ी। किसी भी पार्टी में प्रदेश प्रभारी हमेशा सरकार और संगठन के बीच पुल का काम करता है, लेकिन शैलजा के आने के बाद दोनों के बीच दूरियां और बढ़ गई हैं। यहीं कारण है कि अपने ही अपनों के दुशमन हो गए जिसका असर प्रदेश संगठन और चुनाव पर भी पड़ा।
चुनाव परिणाम आते ही सबसे पहला हमला पूर्व विधायक बृहस्तप सिंह ने किया। रामानुजगंज सीट से लगातार चुनाव जीत रहे बृहस्तप सिंह का टिकट इस बार काट दिया गया था। बृहस्तप सिंह ने आरोप लगाया कि कहा कि प्रभारी मैडम शैलजा ने टीएस बाबा को ऐसे प्रमोट किया, जैसे कोई किसी हिरो को कैसे प्रमोट करता है, ठीक उसी तरह जब से वो छत्तीसगढ़ की प्रभारी बनी हैं तब से वो सिर्फ टीएस बाबा को प्रमोट कर रही थी।
इससे पहले मनेंद्रगढ़ के पूर्व विधायक डॉ. विनय जायसवाल ने प्रदेश के प्रभारी सचिव चंदन यादव पर 7 लाख रुपये लेने का आरोप लगाया। जायसवाल ने कहा कि तीन माह पहले जब चुनाव सामने थे, इस समय प्रभारी सचिव चंदन यादव यहां आए और सर्किट हाउस में मुझसे 4 लाख और शहर के एक इंटरनेशनल होटल में तीन लाख लिये। मैं ये नहीं कहता कि ये पैसा टिकट के नाम पर लिया गया। सचिव चंदन यादव ने कहा था कि पार्टी में बहुत खर्चे होते (Congress Surgery) है इसी के लिए ये पैसे है।