रायपुर, 09 जनवरी। Controversial Resigned : स्कूल को चिड़ियाघर और शिक्षकों को नौकर कहने वाले प्रधानाध्यापक ज्ञान सिंह ध्रुव के नक्शेकदम पर चलते हुए छत्तीसगढ़ के दो और शिक्षकों ने इस्तीफा दे दिया। जिसमें सारंगढ़ के बरमकेला विकासखंड के बंगीनडीह हायर सेकेंडरी स्कूल के हिंदी व्याख्याता रघुराम पैकरा ने 7 जनवरी 2025 को संयुक्त संचालक को अपना इस्तीफा दिया। जबकि जीपीएम जिले के मरवाही ब्लॉक के घुड़देवपारा प्राथमिक स्कूल के सहायक शिक्षक सुनील पटेल ने 27 दिसंबर 2024 को अपना त्यागपत्र दिया।
दरअसल, दोनों शिक्षकों की इस्तीफे की भाषा हेड मास्टर ज्ञान सिंह की तरह है। ज्ञान सिंह ध्रुव लोरमी विकासखंड के परसवारा के शासकीय प्राथमिक शाला के प्रधानपाठक थे। उन्होंने इसी वर्ष यानि 2 जनवरी 2025 को इस्तीफा दिया था। जिसमें उन्होंने अभद्र भाषा का प्रयोग किया। उनके त्यागपत्र की भाषा से शिक्षकों में रोष व्याप्त है। शिक्षकों ने हेडमास्टर की भाषा पर कड़ी आपत्ति जताई है। दोनों शिक्षकों की इस्तीफे की भाषा हेड मास्टर ज्ञान सिंह की तरह है। दोनों ने स्कूल को चिड़ियाघर बताया है और लिखा है कि लंबी नौकरी में उनके परिवार का जीवन स्तर नहीं उठ सका…अब वे नौकर की बजाए मालिक माइंड सेट से जीना चाहते हैं।
विशेष गिरोह नौकरी छोड़ने के लिए उकसाया
हालांकि, शिक्षकों के इस्तीफों की भाषा से ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें एक विशेष गिरोह द्वारा नौकरी छोड़ने के लिए उकसाया जा रहा है। दरअसल, यह काम उनके गुरू शशि बैरागी कर रहा है, जो 2021 में नौकरी छोड़ा और तीन साल में केटा कार से लेकर बीएमडब्लू और मर्सिडीज कार खरीदने का फेसबुक पेज पर हर्बल लाइफ में बेशुमार कमाई की ब्रांडिंग कर रहा है।
हेड मास्टर ज्ञान सिंह के बीएमडब्लू खरीदने पर भी शशि बैरागी ने फेसबुक पर फोटो डाल इशारे में सभी शिक्षकों को हर्बल लाइफ का काम करने मोटिवेट किया था। राधवेंद्र पैकरा के बीएमडब्लू खरीदने पर भी लिखा है कि ये सब आपके हार्ड वर्क और डेडिकेशन से संभव हुआ…यदि आपने सोचने और सपना देखने का हिम्मत नहीं किया होता तो ये बिल्कुल संभव नहीं होता…आज लोग सपना नहीं देखना चाहते है तो लोग मजाक बनाते हैं…अब आपको तय करना है कि अपनी सुनना है या लोगों की। इसका आशय यह है कि नौकरी छोड़, हर्बल प्रोडक्ट का काम करो।
व्याख्याता ने छोड़ी नौकरी
सारंगढ़ के बरमकेला विकाखंड के बैंगीनडीह हायर सेकेंड्री स्कूल के हिन्दी व्याख्याता रघुराम पैकरा ने ज्वाइंट डायरेक्टर को 7 जनवरी 2025 को भेजे अपने इस्तीफे में लिखा है कि टाईम फ्री, मनी फ्रीडम लाइफ और बॉस फ्री लाइफ होने के लिए मैं चिड़ियाघर से आजाद होना चाहता हूं। बता दें, रघुराम पैकरा ने नौकरी छोड़ने से पहले बीएमडब्लू कार खरीद लिया था।
सहायक शिक्षक सुनील पटेल की कहानी तो दिलचस्प
जीपीएम जिले के मरवाही ब्लॉक के घुरदेवापारा प्राइमरी स्कूल के 30 हजार सेलरी पाने वाले सहायक शिक्षक सुनील पटेल की कहानी तो और दिलचस्प है। ये कई साल तक स्कूल से गायब रहा। कुछ साल तक गांव के एक युवक को दो हजार देकर अपनी जगह स्कूल भेजता रहा, बाद में नो वर्क, नो पेमेंट पर दो साल तक काम करता रहा।
ग्रामीणों ने जब इसका मीडिया में आकर विरोध किया तो 27 दिसंबर 2024 को मिठाई का डिब्बा के साथ मरवाही के बीईओ को इस्तीफा सौंप आया। सुनील पटेल ने भी यही लिखा…नौकर माइंड सेट से काम नहीं करना चाहता। जबकि इस्तीफा देने से पहले उसने 35 लाख की हैरियर कार खरीद लिया था। उसकी पत्नी भी सहायक शिक्षिका है और वह भी स्कूल से गायब रहकर पति के हर्बल प्रोडक्ट के धंधे में हाथ बंटाती है।
शिक्षक और सरकारी कर्मचारी हर्बल कारोबार में शामिल
छत्तीसगढ़ में शिक्षकों और कर्मचारियों को बरगलाकर हर्बल प्रोडक्ट के धंधे में झांकने का काम किया जा रहा है। हजारों की संख्या में शिक्षक और सरकारी कर्मचारियों को इस धंधे में जोड़ लिया गया है। मास्टर माइंड द्वारा कमाए हुए पैसे से अचल संपत्ति की बजाए महंगी गाड़ियां खरीदवा दी जाती है ताकि दूसरे लोग इसे देखकर झांसे में आ जाए। शशि बैरागी उनकी कार वाली फोटो सोशल मीडिया में अपलोड कर बताता है कि देखिए इनकी जिंदगी कैसे बदल गई।
शिक्षकों ने हेड मास्टर की भाषा पर जताई सख्त आपत्ति
छत्तीसगढ़ के हेडमास्टर ज्ञान सिंह ध्रुव ने शिक्षक की नौकरी और स्कूल ही नहीं बल्कि प्रदेश के चार लाख कर्मचारियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई। हेडमास्टर की त्यागपत्र की अमर्यादित भाषा ने शिक्षकों को गुस्से में भर दिया है। शिक्षकों ने हेड मास्टर की भाषा पर सख्त आपत्ति जताई है। एक तो उसने शिक्षा विभाग और पूरे शिक्षकें को कलंकित कर दिया। छत्तीसगढ़ में करीब पौने दो लाख शिक्षक हैं…तो क्या वे सभी नौकर हुए। फिर स्कूल शिक्षा का मंदिर होता है…उसी स्कूल से शिक्षकों को समाज में अलग मान-सम्मान मिलता है…उसे हेड मास्टर चिड़ियाघर बता रहा है।
शिक्षा सचिव से की कार्रवाई की मांग
कई शिक्षकों ने हेड मास्टर ज्ञान सिंह के खिलाफ शिक्षा सचिव से कार्रवाई की की मांग की है। लोगों का कहना है कि जब नौकरी में रहते हुए 40 लाख का बीएमडब्लू खरीद लिया था, तब अपने को नौकर बता अपने शिक्षक साथियों पर वह तंज कस रहा है।
दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग में कुछ शिक्षक पढ़ाई-लिखाई को तिलांजलि देकर हर्बल लाइफ का काम कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में सबसे पहले इसकी शुरूआत शशि कुमार बैरागी ने की। बैरागी इस धंधे से इतना पैसा कमाया कि उसने 2021 में स्कूल की नौकरी छोड़ दी। अपने फेसबुक पेज से वह बाकी शिक्षकों को ऐसा प्रोत्साहित कर रहा कि दूसरे शिक्षक भी झांसे में आते चले जा रहे हैं।
फेसबुक पेज विदेश यात्राओं से पटा
बैरागी ने तीन साल में क्रेटा, बीएमडब्लू से अब मर्सिडीज कार ले ली है। उसका फेसबुक पेज विदेश यात्राओं से अटा पड़ा है। विदेशों की उसकी मौज-मस्ती वाली जिंदगी देखकर कई शिक्षकों को लग रहा कि हर्बल लाइफ का काम ज्यादा बेटर है। इसका नतीजा हुआ कि छत्तीसगढ़ में शिक्षक लगातार हर्बल लाइफ के कारोबार की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। कई शिक्षकों ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर बैरागी के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग किए हैं।