रायपुर, 23 अप्रैल। Corruption in Bore Basi : छत्तीसगढ़ राज्य की पारंपरिक संस्कृति और व्यंजनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया जाने वाला बोरे बासी तिहार अब राजनीतिक उथल-पुथल का केंद्र बन गया है। इस आयोजन को लेकर भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर 8.32 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है, वहीं कांग्रेस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर खर्च को औचित्यपूर्ण ठहराया है।
भाजपा के आरोप- बंदरबांट और दिखावटी आयोजन
भाजपा नेताओं ने इस आयोजन पर 8 करोड़ 32 लाख रुपये खर्च किए जाने को “वित्तीय अनियमितता” और “घोटाला” करार दिया है। पार्टी प्रवक्ताओं का कहना है कि यह आयोजन महज एक राजनीतिक स्टंट था, जिसका उद्देश्य केवल सरकारी धन की बर्बादी और कमीशनखोरी को बढ़ावा देना था।
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि, एक साधारण भोज को सांस्कृतिक उत्सव बताकर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए गए। इसमें न तो आम जनता की सहभागिता थी और न ही पारदर्शिता। भ्रष्टाचार की कड़ी में एक और कड़ी जुड़ गई है। बोरे बासी के नाम पर 8 करोड़ 32 लाख रुपए खर्च किए गए, और हमें लगता है कि यह रकम कांग्रेस नेताओं की जेब में गई होगी। यह भी अन्य योजनाओं की तरह कांग्रेस के लिए ‘कमाई का जरिया’ बना।
कांग्रेस की सफाई- परंपरा को सम्मान और लोगों की भागीदारी
इस आयोजन की अगुवाई कर चुके पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने भाजपा के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम जनभागीदारी आधारित था और इसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करना था।
अमरजीत भगत का कहना है कि, बोरे बासी (Corruption in Bore Basi) हमारी संस्कृति है, हमारी पहचान है। इस आयोजन के जरिए हमने गांव-गांव में एकता और परंपरा को पुनर्जीवित किया। खर्च पूरी प्रक्रिया के तहत हुआ है, इसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं है।
खर्च के मद
प्रचार-प्रसार: बैनर, पोस्टर, विज्ञापन
आयोजन स्थल और व्यवस्थाएं
स्थानीय कलाकारों के कार्यक्रम
भोजन सामग्री की खरीद और वितरण
सांस्कृतिक व शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन