Dal Lake in Srinagar : खाली शिकारे, सूनी घाटियां…! डल लेक का सन्नाटा पुकार रहा है…सैलानियों के इंतज़ार में कश्मीर

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श्रीनगर, 19 मई। Dal Lake in Srinagar : एक समय था जब गर्मियों की छुट्टियों में डल लेक गुलजार रहती थी, शिकारे सैलानियों से भरे रहते थे, और घाटों पर चहल-पहल देखते ही बनती थी। लेकिन इस बार श्रीनगर की डल लेक पर सन्नाटा पसरा हुआ है। पर्यटकों की कमी ने कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंचाई है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश की जन्नत माने जाने वाली श्रीनगर की डल झील में ये नजारा देखने को मिल रहा है। 

खाली शिकारे बनी बेचैनी का प्रतीक

डल झील में सैकड़ों शिकारे खामोश खड़े हैं, हाउसबोट मालिक खाली बुकिंग रजिस्टरों को देखकर मायूस हैं। गर्मियों के इस सीजन में जहां पहले हजारों की संख्या में सैलानी कश्मीर पहुंचते थे, वहीं इस बार पर्यटन में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है।

स्थानीयों की गुहार और कोशिशें

स्थानीय व्यवसायी और शिकारा चलाने वाले प्रमोशनल वीडियो, सोशल मीडिया कैंपेन, डिस्काउंट पैकेज जैसी तरकीबें अपना रहे हैं ताकि पर्यटकों को फिर से घाटी की ओर आकर्षित किया जा सके। कई हाउसबोट मालिकों ने तो “पे स्टे लेटर” जैसी स्कीम शुरू की है जिसमें पर्यटक पहले रुकें, बाद में भुगतान करें।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू- कश्मीर के पर्यटन को फिर से पटरी पर लाने के लिए रविवार को एक खास कोशिश की गई। डल झील के किनारे खाली पड़े होने के बावजूद, रोड शो के आयोजकों का हौसला कम नहीं हुआ। कारों पर नारे लिखे थे, कश्मीर के भविष्य में निवेश करें, पर्यटन और शांति साथ-साथ चलते हैं।’

इस काफिले को उमर अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के विधायक और प्रवक्ता तनवीर सादिक ने हरी झंडी दिखाई। कारों में शिकारा चलाने वाले, होटल मालिक, ट्रांसपोर्टर, टूर गाइड और ट्रैवल एजेंट बैठे थे। जम्मू-कश्मीर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 22 अप्रैल को हुए हमले के बाद पर्यटन पर पड़े बुरे असर की बात कही थी।

क्या है गिरावट की वजह?

पर्यटन से जुड़े लोगों का कहना है कि इस गिरावट की बड़ी वजह राजनीतिक अस्थिरता की आशंका, निगेटिव मीडिया कवरेज, और हाल के दिनों में देश के अन्य पर्यटन स्थलों की ओर पर्यटकों का झुकाव है। साथ ही, कुछ राज्यों में चुनावों के कारण ट्रैवल प्लान टलने की बात भी कही जा रही है।

सरकार से गुहार

स्थानीय पर्यटन कारोबारियों ने जम्मू-कश्मीर टूरिज्म डिपार्टमेंट से राहत और प्रचार के लिए सहयोग की मांग की है। उनका कहना है कि अगर जल्दी कोई समाधान नहीं निकाला गया, तो हज़ारों परिवारों की आजीविका पर संकट गहराता जाएगा।

कश्मीर बुला रहा है

कश्मीर की वादियां, बर्फ से ढकी चोटियां, शांत झीलें और मेहमाननवाज़ लोग सैलानियों का इंतजार कर रहे हैं। स्थानीय लोग अब भी उम्मीद में हैं कि जल्द ही डल झील फिर से सैलानियों की हंसी और तस्वीरों से गुलजार होगी। उनका कहना है कि, शांति है, सौंदर्य है… बस आप की कमी है।