सतना/नागौद, 14 जुलाई। Death due to Borewell : सतना जिले के नागौद थाना क्षेत्र स्थित हिलौंधा गांव में फसल कटाई के बाद रविवार शाम को खेतों में पैर धोने गई दो बहनों, सोमवती साकेत (16) और दुर्गा साकेत (12) का दर्दनाक हादसा हो गया। खेत में बने एक पुराने, खुले बोरवेल में गिरकर दोनों बहनों की मृत्यु हो गई।
हादसे का पूरा घटनाक्रम
दोनों बहनें धान की रोपाई के बाद खेत में पैर धोने गई थीं, तभी मिट्टी के धँसने से बोरवेल खुला रह गया, जिसमें पानी भर जाने से वह गहरा जाल बन गया। पहला घुटना रखा तो सोमवती गड्ढे में समा गई और उसे बचाने दौड़ी दुर्गा भी उसी गड्ढे में गिर गई। घटना शाम लगभग 5 बजे हुई, जब खेत की मिट्टी भर गई और पानी से भरे बोरवेल की गहराई स्पष्ट नहीं थी।
बचाव अभियान और शवों की बरामदगी
सूचना पर नागौद एसडीएम जितेंद्र वर्मा, तेहसीलदार, सीईओ, थाना प्रभारी और पूर्व विधायक कल्पना वर्मा सहित प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची। रेस्क्यू ऑपरेशन में जेसीबी का उपयोग कर खेत की मेड़ तोड़ी गई और पानी निकाला गया। रात 9:30 बजे तक सोमवती का शव निकाल लिया गया, जबकि दुर्गा का शव देर रात 12:15 बजे–2 बजे के मध्य नौ घंटे तक चले अभियान के बाद बरामद किया गया।
प्रशासनिक प्रतिक्रियाएं और सवाल
- घटना उस बोरवेल की लापरवाही की बानगी है, जिसे भूमिगत पानी न मिलने पर मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा बने।
- मुख्यमंत्री निर्देशों के बावजूद यह बोरवेल बंद नहीं कराया गया था, जिससे प्रशासनिक अनदेखी सामने आई।
- प्रशासन का कहना: “रेस्क्यू के लिए जेसीबी बुलवाकर पानी निकाला गया” स्थल की भौगोलिक चुनौतियाँ रेस्क्यू में बाधक रहीं।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
- सोसायटी में भय और आक्रोश पसरा हुआ है, क्योंकि बोरवेल खुला छोड़ने की अनदेखी से दो मासूम बहनों को जान गंवानी पड़ी।
- स्थानीय लोग और परिवार प्रशासन से सख़्ती से जवाबदेही और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
अनसुलझे सवाल
| प्रश्न | विवरण |
|---|---|
| जिम्मेदार कौन? | किसान/प्रशासन—किसी ने इस बोरवेल को चिन्हित या बंद क्यों नहीं किया? |
| जाँच अब तक? | पुलिस या प्रशासन द्वारा किसी पर मुकदमा दर्ज किया गया या भविष्य के लिए योजना तैयार हुई? |
| बोरोवेल आंकड़े | जिले भर में ऐसे कितने बोरवेल खुले पड़े हैं? |
| नियंत्रण की प्रक्रिया | कृषि विभाग, वाटर बोर्ड या स्थानीय पार्षद का क्या कर्तव्य था |
हिलौंधा गाँव की यह घटना यह स्पष्ट करती है कि तकनीकी निर्देशों का पालन और ज़मीन पर अमल दोनों महत्वपूर्ण हैं। एक खुले बोरवेल ने दो बहनों का जीवन छीना और लोगों में प्रशासन के प्रति भारी आक्रोश फैला। अब आवश्यकता है, तत्काल सुधार, चुनौतियों की पहचान, और गंभीर कार्रवाई की ताकि भविष्य में (Death due to Borewell) कोई और मासूम जान न गंवाए।