गोरखपुर, 04 फरवरी। Death in Suicide Note : कर्ज दुनिया का सबसे खराब शब्द है। मैं कर्ज से बहुत परेशान हो चुका हूं, मैं जवाब देते-देते थक गया हूं, मैं अपनी पत्नी और बच्चे का भी गुनहगार हूं, उनकी जिम्मेदारियों को निभा नहीं सका, आप लोग मुझे माफ कर देना, अब कोई रास्ता नहीं बचा था, अपनी मौत का सिर्फ मैं जिम्मेदार हूं, किसी और को परेशान ना किया जाए…।
यह लिखकर गोरखपुर के कोचिंग संचालक विशाल सिन्हा ने पादरी बाजार के खजांची चौराहा स्थित कोचिंग सेंटर में फंदे से लटककर खुदकुशी कर ली। कोचिंग संचालक के परिवार ने सूदखोरों पर हत्या का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है।
वहीं, एक अन्य घटना में रेलवे के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बहादुर यादव (45) ने धर्मशाला के पास स्थित सीनियर सेक्शन इंजीनियर कार्यालय में फंदे पर लटककर जान दे दी। उनकी पत्नी ने भी खुदकुशी की वजह सूदखोर से परेशान होना बताया है। रेलकर्मी की पत्नी ने भी सूद के लिए परेशान करने वाले एक व्यक्ति पर हत्या का आरोप लगाते हुए शाहपुर थाने में तहरीर दी है।
सुसाइड नोट मिला
ये शब्द कोचिंग सेंटर मैनेजर विशाल सिन्हा के पास से मिले सुसाइड नोट के हैं। जानकारी के मुताबिक वे रामगढ़ताल इलाके के वाटर पार्क स्थित इंदिरानगर निवासी विशाल सिन्हा (52) शाहपुर के खजांची चौराहा स्थित कोचिंग सेंटर में मैनेजर थे। वह सोमवार सुबह छह बजे कोचिंग सेंटर पहुंचे और स्टोर रूम में रस्सी का फंदा बनाकर खुदकुशी कर ली।
आठ बजे सिक्यूरिटी गार्ड एवं अन्य कर्मचारी पहुंचे तो दरवाजा बंद था। इसकी जानकारी मकान मालिक को दी गई। मकान मालिक और कर्मचारियों के काफी प्रयास के बाद भी दरवाजा नहीं खुला। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा खोला तो मैनेजर का शव पंखे की कुंडी में रस्सी के सहारे लटक रहा था। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। विशाल सिन्हा का एक बेटा और बेटी है। पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है।
खजांची चौराहा स्थित पशु चिकित्साधिकारी जीएम अंसारी के तीन मंजिला मकान के दूसरे तल पर लगभग एक साल से कोचिंग संचालित हो रही है। डॉक्टर का परिवार तीसरे तल पर रहता है। डॉक्टर ने बताया कि इसके पहले दूसरे मैनेजर यहां थे।