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बेंगलुरु, 07 जनवरी। Death of Family : बेंगलुरु में रविवार रात को 38 वर्षीय सॉफ्टवेयर कंसल्टेंट और उनकी पत्नी ने अपने दो बच्चों की हत्या करने के बाद आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि आर्थिक बोझ और भावनात्मक तनाव के कारण दंपति ने यह कदम उठाया।

प्रारंभिक जांच से पता चला है कि अनूप कुमार और राखी (35) ने अपनी पांच वर्षीय ऑटिस्टिक बेटी अनुप्रिया और दो वर्षीय बेटे प्रियांश को जहर देकर खुद को भी फांसी पर लटका लिया। यह परिवार उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का रहने वाला था और सदाशिवनगर में किराए के मकान में रह रहा था।

खाने में जहर देकर मारा

नौकर ने पुलिस को बताया कि शनिवार रात तक सब कुछ सामान्य लग रहा था और कपल खुश दिख रहे थे। हत्या और उसके बाद आत्महत्या का मामला तब सामने आया जब सोमवार सुबह नौकर आया और दरवाजे का बेल बजाने के बाद उसे भीतर से कोई जवाब नहीं मिला। पुलिस को संदेह है कि अनुप्रिया से उदास होकर दंपति ने आत्महत्या करने और उससे पहले अपने बच्चों को मारने का फैसला किया।

उन्होंने पहले दोनों बच्चों को खाने में जहर देकर मार डाला और बाद में अपने घर पर ही फांसी लगा ली। परिवार में तीन नौकरानियां काम करती थीं और अनूप ने उन्हें सोमवार को जल्दी आने के लिए कहा था, क्योंकि वे पांडिचेरी जाने की प्लानिंग बना रहे थे। पुलिस ने बताया कि दंपति ने रविवार को ही स्टाफ से पैकिंग करवा ली थी। दो कर्मचारियों को खाना बनाने के लिए रखा गया था और एक को बच्चों की देखभाल के लिए रखा गया था।

बच्चों की देखभाल करने वाली महिला ने मचाया शोर

मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को जब कपल द्वारा बच्चों की देखभाल के लिए नियुक्त एक महिला काम पर आई, तो उसने अनूप को फांसी पर लटका हुआ पाया और शोर मचाया। पड़ोसी दौड़े-दौड़े आए और उन्होंने दूसरे कमरे में अन्य लोगों को मृत पाया। महिला रेशमा ने पुलिस को बताया कि उसे थोड़ा जल्दी आने के लिए कहा गया था क्योंकि परिवार ने पुडुचेरी जाने की योजना बनाई थी।

भाई को पहले भेजा मेल

पुलिस ने कुमार के लैपटॉप और मोबाइल फोन की जांच की और पाया कि उसने आधी रात के आसपास अपने बड़े भाई अमित को एक ईमेल भेजा था। मेल की सामग्री और परिवार के परिचितों के बयानों के आधार पर, पुलिस ने कहा कि अनूप की वित्तीय परेशानियां तब शुरू हुईं जब उसके मामा राकेश ने उसे 2018 में प्रयागराज में एक पेट्रोल पंप शुरू करने के लिए ज़मीन के एक टुकड़े पर लगभग 25 लाख रुपये का निवेश करने का लालच दिया। व्यवसाय शुरू नहीं हुआ और उसकी मेहनत की कमाई फंस गई।

 बेटी के इलाज से था कपल परेशान

अनुप्रिया के प्री-स्कूल में दाखिल होने के बाद, कपल ने शिक्षकों के आग्रह पर अपनी बेटी की मेडिकल जांच करवाई। परिणामों से पता चला कि वह ऑटिस्टिक थी। अनूप का अधिकांश वेतन बेटी के इलाज में खर्च हो गया। वित्तीय तनाव ने उसके मानसिक स्वास्थ्य पर भारी असर डाला। साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने बताया कि कपल ने यह कदम उठाने की योजना बनाई और तैयारी की थी।