Death of Father Son : हृदयविदारक…! पिता का हुआ अंतिम संस्कार…चंद घंटे में बेटे की भी हार्ट अटैक से मौत

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कोटा/राजस्थान, 04 सितंबर। Death of Father Son : राजस्थान के कोटा शहर के हरिओम नगर कच्ची बस्ती में मंगलवार को ऐसा दर्दनाक हादसा हुआ जिसने पूरे इलाके को गहरे शोक में डुबो दिया। एक मजदूर परिवार पर जिंदगी और मौत का ऐसा कहर टूटा, कि जिसने भी यह कहानी सुनी, उसकी आंखें नम हो गईं।

मामला 50 वर्षीय पूरी लाल बैरवा के निधन से शुरू हुआ, जो कई दिनों से लकवे की बीमारी से जूझ रहे थे। मंगलवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। परिवार ने जैसे-तैसे गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार किया, लेकिन यह हादसा यहीं नहीं रुका।

पिता की चिता ठंडी भी नहीं हुई, बेटे ने भी तोड़ा दम

पूरी लाल के 25 वर्षीय बेटे राजू बैरवा को पिता की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं हुआ। अंतिम संस्कार के महज दो घंटे बाद ही उसे हार्ट अटैक आया और वहीं उसकी भी मौत हो गई। मोहल्ले में यह हृदयविदारक दृश्य देख हर कोई स्तब्ध रह गया।

राजू के निधन की खबर से घरवालों का दुख दोगुना हो गया। पिता की चिता की राख ठंडी भी नहीं हुई थी, कि बेटे की चिता सजानी पड़ी। इस मंजर को देखकर पूरे मोहल्ले में मातम पसरा रहा, और लोग अपनी आंखों के आंसू रोक नहीं पाए।

अंतिम संस्कार के लिए जुटानी पड़ी सहयोग राशि

पूरी लाल मजदूरी कर किसी तरह अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। बेटे राजू भी मेहनत-मजदूरी में हाथ बंटाता था। घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी, कि दोनों के अंतिम संस्कार के लिए भी पैसे नहीं थे।

ऐसे में मोहल्ले के लोगों ने आपसी सहयोग से चंदा इकट्ठा किया, तब जाकर पिता-पुत्र का अंतिम संस्कार हो सका। यह दृश्य न केवल मोहल्ले को, बल्कि पूरे कोटा शहर को झकझोर गया।

अब बची सिर्फ मां और 13 साल का मासूम

अब इस घर में मां गुड्डी देवी और 13 वर्षीय बेटा अरविंद (Death of Father Son) ही बचे हैं। एक ही दिन में पति और बेटे को खो चुकी गुड्डी का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं छोटा अरविंद दहशत और अनिश्चित भविष्य को लेकर सहमा हुआ है। परिवार को अब मदद और सहारे की बेहद जरूरत है।