बहराइच, 20 जनवरी। Death to Tiger Attack : उत्तर प्रदेश के कतरनियाघाट वन्यजीव अभयारण्य के पास बाघ के हमले में एक 65 साल के किसान की मौत हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक मृतक की पहचान शिवदत्त चौहान के रूप में हुई है, जो रामपुरवा बंकटी गांव के रहने वाले थे। मृतक के पुत्र राजपाल चौहान ने बताया कि शनिवार शाम करीब 5 बजे उनके पिता अपने खेत की रखवाली कर रहे थे, तभी बाघ ने उन पर हमला कर दिया।
रात तक घर न लौटने पर परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। रविवार सुबह परिवार के सदस्यों ने दोबारा तलाश शुरू की और जंगल में पुल नंबर 12 के पास उनका क्षत-विक्षत शव मिला। कतरनियाघाट वन्यजीव अभयारण्य के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) बी शिवशंकर ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि शिवदत्त की साइकिल रामपुरवा के जंगल में पुल के पास मिली है। इस क्षेत्र में बाघों की बड़ी संख्या में मौजूदगी है।
डीएफओ ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के सही कारणों का पता चलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि जिस स्थान पर परिवार ने शव मिलने का दावा (Death to Tiger Attack) किया है, वहां बाघ के पैरों के निशान स्पष्ट नहीं हैं। ऐसा संभावना है कि लोगों की आवाजाही से ये मिट गए हों। डीएफओ ने कहा कि जंगल में बाघ के हमले से हुई मौत के लिए मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है। हालांकि, अंतिम संस्कार के लिए परिवार को 5,000 रुपये की सहायता राशि दी गई है।