दतिया, 12 सितंबर। Death Wall Collapse : मध्य प्रदेश के दतिया जिले से दर्दनाक खबर है। यहां हो रही जबरदस्त बारिश की वजह से राजगढ़ किले की दीवार ढह गई। इस हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, दीवार गिरने से 9 लोग उसके नीचे दब गए थे। बताया जा रहा है कि आसपास के लोगों ने 2 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है।
हादसे के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है। सारे सीनियर अफसर मौके पर पहुंच गए हैं। इस हादसे को लेकर लोगों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। लोगों ने कहा कि सूचना के बाद भी प्रशासन 4 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं चला सका. सीएम मोहन यादव ने घटना पर दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए 4-4 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है।
गौरतलब है कि दतिया में 10 सितंबर से भारी बारिश हो रही है। इस वजह से 12 सितंबर को खलका पुरा मोहल्ले में राजगढ़ किले की दीवार ढह गई। दीवार का मलबा उसके नीचे बने कच्चे मकान और झोपड़ियों पर जा गिरा। निरंजन वंशकार और उसकी बहन के परिवार के 9 सदस्य इस मलबे के नीचे दब गए। यह हादसा होते ही मोहल्ले में अफरा-तफरी मच गई। आसपास मौजूद लोगों ने लोगों को मलबे से निकालना शुरू किया। इस दौरान लोगों ने आरोप लगाया कि घटना को लेकर जिला प्रशासन का रवैया लापरवाही पूर्ण रहा।
इनकी हुई मौत
हादसे में शिवम, पिता निरंजन वंशकार (22 साल), सूरज, पिता निरंजन (18 साल), किशन, पिता पन्नालाल वंशकार (60 साल), प्रभा, पति किशन बंशकार (56 साल), निरंजन, पिता तुलसीदास वंशकार (60 साल), ममता, पति निरंजन वंशकार (55 साल) और राधा, पिता निरंजन वंशकार (25 साल) की मौत हो गई।
सीएम मोहन यादव ने जताया दुख
दतिया की घटना पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, ‘दतिया में राजगढ़ किले की पुरानी दीवार ढहने से कई अनमोल जिंदगियों की मृत्यु का समाचार अत्यंत ही पीड़ादायी है। दुख की इस घड़ी में हम सभी शोकाकुल परिवारों के साथ हैं। घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीम द्वारा तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया था, लेकिन संकरा रास्ता होने की वजह से अथक प्रयासों के बावजूद भी इन अनमोल जिंदगियों को बचाया नहीं जा सका। मृतकों के परिवारजनों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। परमपिता परमात्मा से दिवंगतों की पुण्यात्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान देने व शोकाकुल परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।’