Doctor Couple Murder Case : डॉक्टर दंपति हत्याकांड…! आरोपी ने किए चौंकाने वाले खुलासे…पत्नी को मारा डॉक्टर ने और डॉक्टर को मारा ड्राइवर ने…8 साल बाद 2 हत्याओं का खौफनाक सच आया सामने…हिला पुलिस महकमा

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कबीरधाम, 05 जुलाई। Doctor Couple Murder Case : जिले के बहुचर्चित डॉक्टर दंपति हत्याकांड की गुत्थी आखिरकार 8 साल बाद सुलझ गई है। पुलिस ने इस डबल मर्डर केस में मृतक डॉक्टर के पूर्व वाहन चालक सत्यप्रकाश साहू को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने पूछताछ में न सिर्फ दोनों हत्याओं की साजिश और घटना का सच उजागर किया, बल्कि इस मामले से जुड़ी कई नई और चौंकाने वाली जानकारियां भी पुलिस के सामने रखीं।

क्या था मामला?

घटना 6 अप्रैल 2017 की है, जब कबीरधाम के कैलाश नगर क्षेत्र में निवासरत डॉ. गणेश सूर्यवंशी और उनकी पत्नी डॉ. उषा सूर्यवंशी की लाशें उनके घर के आंगन में पड़ी मिली थीं। दोनों की निर्मम हत्या पत्थर से की गई थी। घटनास्थल पर मिले हालातों ने यह साफ कर दिया था कि मामला सुनियोजित हत्या का है, लेकिन कोई ठोस सुराग न मिलने के कारण यह केस ठंडे बस्ते में चला गया।

एसपी ने दोबारा खोली फाइल, सुलझी गुत्थी

2025 में जिले की कमान संभालने के बाद एसपी धर्मेन्द्र सिंह (IPS) ने इस पुराने मामले को फिर से खोलने का निर्णय लिया और विशेष टीम गठित कर जांच शुरू करवाई। गहन छानबीन के बाद पुलिस की नजर पूर्व ड्राइवर सत्यप्रकाश साहू पर गई, जिसे हिरासत में लेकर जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो पूरी सच्चाई सामने आ गई।

हत्या की कहानी आरोपी की जुबानी

आरोपी सत्यप्रकाश ने बताया कि वह डॉक्टर के यहां ड्राइवर के रूप में काम करता था और डॉ. गणेश को 1.80 लाख रुपये उधार भी दे चुका था। बाद में ब्लैकमेलिंग के एक केस में नाम आने के बाद वह गंडई भाग गया, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते दोबारा कवर्धा लौटा और डॉक्टर से पैसे मांगने गया।

वहीं, उसी वक्त पति-पत्नी के बीच झगड़ा चल रहा था, जो देखते ही देखते हिंसक रूप ले बैठा। सत्यप्रकाश के अनुसार, डॉक्टर ने गुस्से में अपनी पत्नी के सिर पर पत्थर से वार किया, जिससे उसकी मौत हो गई। यह सब देखकर डरा और सहमा हुआ ड्राइवर वहां से भागने के बजाय डॉक्टर पर हमला कर बैठा और उसकी भी पत्थर से हत्या कर दी।

हत्या के बाद सबूत मिटाकर बना दर्शक

हत्या के बाद आरोपी ने कमरे में फैले खून को साफ किया, शवों को आंगन में खींचकर रखा और रातभर वहीं रुका। सुबह 5 बजे वह वहां से निकलकर दुर्ग चला गया और जाते समय डॉक्टर का मोबाइल भी अपने साथ ले गया, जिसे उसने बाद में गिरवी रख दिया।

हैरानी की बात यह है कि हत्या के अगले दिन जब मामला उजागर हुआ, तो आरोपी मौके पर पहुंचकर भीड़ में शामिल हो गया था, ताकि किसी को शक न हो।

पुलिस टीम को इनाम

इस जटिल हत्याकांड को सुलझाने में थाना कोतवाली और साइबर सेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसमें शामिल रहे पुलिसकर्मियों को आईजी अभिषेक शांडिल्य द्वारा ₹30,000 और एसपी धर्मेन्द्र सिंह द्वारा ₹10,000 का इनाम देने की घोषणा की गई। टीम में थाना प्रभारी लालजी सिन्हा, साइबर प्रभारी मनीष मिश्रा, उप निरीक्षक संतोष ठाकुर, ASI बंदे सिंह मरावी, और अन्य अधिकारियों का विशेष योगदान रहा।

यह हत्याकांड न केवल कबीरधाम जिले (Doctor Couple Murder Case) का सबसे सनसनीखेज मामला था, बल्कि इसे सुलझाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती भी थी। मानसिक धैर्य, तकनीकी दक्षता और गहन जांच के बल पर कबीरधाम पुलिस ने 8 साल पुराने अंधेरे में छिपे सच को उजागर कर न्याय की उम्मीदों को जीवित रखा है।