कवर्धा, 09 जुलाई 2025। Doctor Couple Murder Case : कवर्धा के बहुचर्चित डॉक्टर दंपत्ति मर्डर केस में आज पुलिस ने सीन रिक्रिएशन के जरिए घटनास्थल पर हत्या की पूरी कहानी दोबारा जीवंत कर दी। रामनगर स्थित घर में आरोपी को लेकर पहुंची पुलिस ने एक-एक क्षण और हरकत को क्रमवार दोहरवाया, जिससे न सिर्फ केस में ठोस साक्ष्य मिले, बल्कि आरोपी के कबूलनामे से कई अनजाने तथ्य भी सामने आए।
हत्या की कहानी फिर दोहराई गई
दोपहर करीब 2 बजे पुलिस टीम आरोपी को लेकर घटनास्थल पहुंची। वहां पहले से मौजूद एसपी धर्मेन्द्र सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र बघेल, एसडीओपी कृष्ण कुमार चंद्राकर और एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की टीम ने पूरे क्षेत्र को सुरक्षित कर लिया। आरोपी से पूछा गया, “यहां क्या किया?”, “किस दिशा से वार किया?”, “कब भागा?”, और आरोपी ने हर सवाल का विस्तार से जवाब दिया, मानो अब उस पर वर्षों का बोझ उतर रहा हो।
तकनीकी जांच में भी मिला घटनाक्रम से मेल
एफएसएल की टीम ने हत्या के पुराने फोटोग्राफ, खून के धब्बों की पोजीशन, संघर्ष के निशान और भागने के रास्ते की मौजूदा स्थिति से मिलान कर तकनीकी साक्ष्य जुटाए। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई, जिसे न्यायालय में मजबूत साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी के बयान और घटनास्थल के साक्ष्य में उल्लेखनीय मेल पाया गया है। साथ ही कुछ नए तथ्य भी सामने आए हैं, जो अब तक की जांच में दर्ज नहीं थे।”
2017 में हुआ था जघन्य हत्याकांड
यह मामला 2017 में तब सुर्खियों में आया था, जब कवर्धा के रामनगर में एक प्रतिष्ठित डॉक्टर दंपत्ति की घर में घुसकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। वर्षों तक यह हत्याकांड रहस्य बना रहा। लेकिन कबीरधाम पुलिस की सतत निगरानी, सूक्ष्म अनुसंधान और तकनीकी विश्लेषण के चलते अब इस मामले में सच सामने आता दिख रहा है।
अब न्यायालय में पेश होंगे पुख्ता प्रमाण
अब पुलिस मामले को न्यायालय में ले जाकर ठोस साक्ष्य के साथ आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में है। एसपी ने बताया कि, “मामले की विवेचना अंतिम चरण में है, जल्द ही चार्जशीट पेश की जाएगी। सीन रिक्रिएशन से जो सबूत और तथ्य मिले हैं, वे न्याय की दिशा में निर्णायक होंगे।”
आठ साल पुराने इस जघन्य हत्याकांड में (Doctor Couple Murder Case) आज का दिन जांच और न्याय की दिशा में एक निर्णायक मोड़ लेकर आया है। सीन रिक्रिएशन और आरोपी के कबूलनामे के साथ अब पुलिस के पास मजबूत कानूनी आधार है, जिससे पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की उम्मीद मजबूत हुई है।
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