जगदलपुर, 12 जुलाई। Double Murders in Jagdalpur : जगदलपुर के रिहायशी इलाका अनुपमा चौक के समीप गुरुवार तड़के हुई गुप्ता परिवार में मां-बेटे की हत्या का 24 घंटे के भीतर राजफाश करने में पुलिस सफल रही। हत्यारा और कोई नहीं छाेटा बेटा नीतेश गुप्ता ही था।
बेहोश का नाटक करते हुए बाथरूम में लेटा
कलयुगी बेटे नीतेश ने ही आवेश में आकर अपनी मां गायत्री गुप्ता और बड़े भाई नीलेश गुप्ता की नृशंस हत्या की थी। पुलिस को गुमराह करने के लिए स्वयं के शरीर पर ब्लेड से खरोंच मारने के बाद हाथ-पैर बांधकर घायल और बेहोश होने का बहाना करते हुए बाथरूम में लेट गया था।
तीन सदस्य मां और दो बेटों वाले इस परिवार के इकलाैते बचे सदस्य नीतेश पर पुलिस को शक घटना के बाद से ही था। पुलिस ने सूक्ष्मता से जांच करते हुए सारे साक्ष्य जुटाए और फिर महारानी अस्पताल में भर्ती नीतेश को रात ग्यारह बजे उठाकर कड़ाई से पूछताक्ष की तो घटना की सारी सच्चाई सामने आ गई।
नीतेश ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए मां और भाई की हत्या करने को लेकर जो कहानी बताई उसमें पारिवारिक विवाद, क्षणिक आवेश को घटना का कारण बताया। हत्याकांड के 24 घंटे के भीतर पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया और शुक्रवार सुबह कोतवाली परिसर स्थित त्रिवेणी सेंटर में पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा ने पत्रकार वार्ता लेकर घटना का राजफाश किया। इस अवसर पर आरोपित नीतेश को भी पेश किया गया।
तवा से घायल कर लोवर के रस्सी से गला घोटा
पुलिस की पूछताछ में आरोपित नीतेश गुप्ता ने बताया कि बुधवार रात को पनारापारा में एक रिश्तेदार के यहां विवाहोत्सव की पार्टी थी। मां गायत्री और बड़ा भाई नीलेश दोनों पार्टी में गए थे। वह पार्टी में नहीं गया था बल्कि अपने कुछ दोस्तों के साथ देर शाम को घूमने फिरने निकल गया था।
रात लगभग 10 बजे वह घर लौटा इसके कुछ ही देर बाद मां और भाई भी पार्टी से घर लौट आए। तीनों अपने-अपने स्थान में जाकर सो गए। रात लगभग ढ़ाई बजे नीतेश उठा और आंगन में जाकर सिगरेट पीने लगा। उसे सिगरेट पीने की लत है।
इसी बीच नीलेश की नींद खुली उसने देखा नीतेश बिस्तर पर नहीं है तो आंगन की ओर गया जहां उसने नीतेश को सिगरेट पीते हुए देखकर नाराजगी व्यक्त की। इसे लेकर दाेनों भाइयों के बीच कहासुनी बढ़ गई। नीलेश शांतिप्रिय था जबकि नीतेश को गलत आदतें भी हैं।
पारिवारिक विवाद और कर्ज आदि बातों को लेकर दोनों भाइयों में विवाद बढ़ने पर नीतेश आवेश में आकर रसोई कक्ष से लोहे का तवा और कुछ और वजनी सामान ले आया और नीलेश के सिर पर ताबड़तोड़ घातक प्रहार किए। चीख-पुकार सुनकर मां गायत्री भी जाग गई।
बीच-बचाव करने की कोशिश करने पर नीतेश ने मां के सिर पर भी सांघतिक प्रहार कर लहूलुहान कर दिया। दोनों गंभीर चोट और अत्यधिक रक्तस्त्राव से बेहोश होकर फर्श पर गिर गए। नीतेश के सिर पर खून सवार था। उसने लोवर (पहनने का वस्त्र) से लेस (रस्सी) निकालकर पहले नीतेश का गला घोंटकर हत्या की।
इसके बाद रस्सी से मां का भी गला घोंट दिया। इसके बाद घटना को आपराधिक गिरोह अथवा दूसरे लोगों द्वारा किया गया बताने के लिए स्वयं के हाथ पेट पर ब्लेड से खराेंच लगानें के बाद रस्सी से हाथ पांव बांधकर बाथरूम में जाकर लेट गया।
पुलिस को मिले थे ये अहम सुराग
पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा ने बताया कि दोहरे हत्याकांड की जांच के लिए चार टीमें बनाई गई थी। एक टीम साइबर, दूसरी सीसीटीवी, तीसरी अस्पताल में भर्ती नीतेश और चौथी टीम घटनास्थल और अन्य स्थानों में सक्रिय थी। सीसीटीवी में बाहर का कोई व्यक्ति गुप्ता परिवार के घर में प्रवेश करता अथवा बाहर आता नजर नहीं आया।
नीतेश अपनी मनगढ़ंत कहानी में हमलावरों की संख्या कभी चार तो कभी इससे अधिक बता रहा था। उसका कहना था कि हमलावरों ने उस पर भी पीछे से वार किया था जबकि मेडिकल जांच में नीतेश के शरीर पर पीछे से वार करने का कोई निशान नहीं मिला। इन सब बातों से पुलिस का शक नीतेश पर पुख्ता हो गया और कड़ाई से पूछताक्ष में उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
कर्जदार था नीतेश दुकान भी ठप थी
बताया गया कि नीतेश घर पर किराना की एक छोटी दुकान चलाता था लेकिन दुकान नहीं चलती थी। उसने बाजार व सूदखोरों से छह-सात लाख रुपये ले रखा था। नीलेश हाट बाजार जाकर दुकान लगाता था। उसी की कमाई से घर परिवार चलता था। दोनों भाई अविवाहित थे। नीतेश पुस्तैनी मकान बेचने को कहता था लेकिन मां और भाई इसके लिए तैयार नहीं थे। विवाद की एक वजह विवाह नहीं होना भी था। उसका कहना था कि बड़ा भाई विवाह नहीं कर रहा है इसलिए वह भी विवाह नही कर पा रहा है।