Chhattisgarh News : राज्य में जल्द ही इकोरेस्टोरेशन पालिसी (Eco Restoration Policy) लागू होगी। वन विभाग ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। यह पालिसी लागू करने वाला छत्तीसगढ़ देश का दूसरा राज्य होगा। वर्तमान में केरल में यह पालिसी लागू है। इस पालिसी के लागू होने से राज्य में वनों का संवर्धन, जल स्त्रोतों का संरक्षण, मिट्टी का कटाव रोकने के साथ ही जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा।
वनमंत्री केदार कश्यप ने यह जानकारी नवा रायपुर स्थित मेफेयर में क्लाइमेट रेसिलिएंट छत्तीसगढ़ हरित और सशक्त भविष्य की ओर विषय पर आयोजित कार्यशाला में दी। यह कार्यशला छत्तीसगढ़ राज्य जलवायु परिवर्तन केंद्र एवं सेंटर फार एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) के संयुक्त तत्वावधान में की गई थी।
कार्यक्रम में वन मंत्री केदार कश्यप और वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभावों और उससे निपटने के महत्व पर चर्चा की। वन मंत्री ने कहा कि ‘जनजाति समुदाय सदैव जल, जंगल, और जमीन का संरक्षक रहा है।
पर्यावरण संरक्षण हमारी सरकार के सतत विकास लक्ष्यों का हिस्सा है। वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन (Eco Restoration Policy)केवल चर्चा का विषय नहीं है, यह हमारे राज्य और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित करने का माध्यम है। राज्य सरकार ने ग्रीन इकानमी को बढ़ावा देने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं।
कार्यशाला में पर्यावरण और सामाजिक कार्यकर्ता प्रभात मिश्रा, सीड के डायरेक्टर डा. मनीष राम, क्रेडा के अभिषेक शुक्ला, छत्तीसगढ़ राज्य जलवायु परिवर्तन केंद्र के प्रोजेक्ट साइंटिस्ट डा. अनिल श्रीवास्तव सहित बहुत से विशेषज्ञ उपस्थित थे। छत्तीसगढ़ वन विभाग के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरुण कुमार पांडे ने कहा कि राज्य सरकार ने क्लाइमेट स्टूडियो की स्थापना को स्वीकृति दी है।
उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए स्थानीय प्रजातियों (नेटिव स्पीशीज) के पौधों के रोपण, वन क्षेत्रों के विकास और वेटलैंड संरक्षण की योजनाओं पर जोर दिया। कार्यक्रम में राज्य और राष्ट्रीय स्तर के पर्यावरणविद, शिक्षाविद और नीति-निर्माताओं ने अलग-अलग विषयों पर व्यापक चर्चा की।