Education Ambassador : दुखद खबर…! स्कूल से घर लौट रहे शिक्षा दूत की हत्या…बस्तर में अब तक कितने शिक्षा दूतों को किया टारगेट…यहां देखें List

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बीजापुर, 30 अगस्त। Education Ambassador : बस्तर क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों को नक्सलियों के द्वारा लगातार चुनौती दी जा रही है। एक ओर जहां सरकार और प्रशासन शिक्षा के माध्यम से बस्तर को बदलने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नक्सली समूह लगातार शिक्षादूतों की हत्या कर इलाके में दहशत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

बीजापुर जिले के गंगालूर क्षेत्र में एक और शिक्षादूत कल्लू ताती को नक्सलियों ने अगवा कर उनकी हत्या कर दी। यह घटना 29-30 अगस्त की रात की है, जब कल्लू ताती अपनी स्कूल से घर लौट रहे थे।

पुलिस के अनुसार, कल्लू ताती को स्कूल से लौटते समय अगवा कर लिया गया था और देर रात उनकी हत्या कर शव को सड़क पर फेंक दिया गया। उनका शव शुक्रवार सुबह ग्रामीणों ने देखा और पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।

बीजापुर पुलिस के ASP चंद्रकांत गवर्ना ने बताया, हम पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। इस घटना से शिक्षा दूतों की सुरक्षा पर सवाल उठते हैं, और हम अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे हैं।

इस साल अब तक 9 शिक्षादूतों की हत्या

नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में इस साल अब तक 9 शिक्षादूतों की हत्या हो चुकी है। ये घटनाएँ नक्सलियों की ओर से शिक्षा के प्रसार को रोकने के प्रयासों का हिस्सा मानी जा रही हैं।

शिक्षादूतों की हत्या की लिस्ट

  1. कल्लू ताती (बीजापुर) – 29-30 अगस्त 2025
  2. शंकर लाल (सुकमा) – 18 जुलाई 2025
  3. रामनाथ यादव (बीजापुर) – 5 जून 2025
  4. पवन कुमार (सुकमा) – 20 मई 2025
  5. संतोष कुमार (सुकमा) – 1 अप्रैल 2025
  6. किशोर यादव (बीजापुर) – 25 मार्च 2025
  7. संजय ताती (बीजापुर) – 18 फरवरी 2025
  8. राजू रजक (सुकमा) – 12 जनवरी 2025
  9. मुकेश यादव (सुकमा) – 10 जनवरी 2025

इन घटनाओं से यह साफ हो जाता है कि नक्सली लगातार स्थानीय शिक्षकों और शिक्षादूतों को निशाना बना रहे हैं ताकि वे शिक्षा के प्रसार में रुकावट डाल सकें।

शिक्षा क्षेत्र में बढ़ी चिंता

बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में बंद पड़े स्कूलों का संचालन फिर से शुरू किया गया है, और इसके लिए स्थानीय युवाओं को शिक्षादूत के रूप में काम पर रखा गया है। लेकिन नक्सलियों द्वारा इन शिक्षादूतों की हत्या से इन युवाओं के बीच डर का माहौल है। यह कदम न सिर्फ बच्चों की शिक्षा के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि इन स्थानीय युवाओं की जान को भी खतरे में डाल रहा है।

इस दौरान, पुलिस प्रशासन ने आरोप लगाया है कि नक्सली शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे इस बदलाव को अपनी ताकत के लिए खतरा मानते हैं और इसलिए इस तरह की हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

बस्तर में शिक्षा की स्थिति में बदलाव की आवश्यकता

शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों के बीच यह घटनाएँ बस्तर क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति और शिक्षा के संवर्द्धन के लिए एक बड़ा प्रश्न खड़ा करती हैं। पुलिस और प्रशासन को इस मामले में और सख्ती से कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि शिक्षादूतों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

इसके साथ ही, सरकार और शिक्षा विभाग को (Education Ambassador) यह भी विचार करना होगा कि स्थानीय समुदायों और शिक्षकों के साथ मिलकर काम करने से ही बस्तर की शिक्षा व्यवस्था को स्थिर और सुरक्षित बनाया जा सकता है।